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18 Jan 2021 · 1 min read

मुक्तक

बहुत मुश्किल है अपनों की भीड़ में
अपना ढूँढ़ना।
जैसे नींद टूट जाने पर ,बीता हुआ
सपना ढूंढना।
** धीरजा शर्मा**

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 260 Views
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