बसंत कुमार शर्मा 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बसंत कुमार शर्मा 4 Jul 2016 · 1 min read बादल झूम झूम जब छाते बादल जल कितना बरसाते बादल हो जाता है तन मन हर्षित घर घर खुशियाँ लाते बादल आसमान में उड़ते जाते मन को खूब लुभाते बादल मस्त... Hindi · गीत 2 1 536 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Sep 2016 · 1 min read इस दिल को आराम नहीं हैं यूँ तो हम गुलफाम नहीं हैं लेकिन हम गुमनाम नहीं हैं आदत है कवितायेँ लिखना यूँ न समझना काम नहीं हैं खेत और खलिहानों जैसा कोई तीरथ धाम नहीं हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share बसंत कुमार शर्मा 24 Nov 2016 · 1 min read हम तो परदे खोल रहे हैं हम तो परदे खोल रहे हैं क्यों सिंहासन डोल रहे हैं बेड़ा गरक हो चुका उनका फिर भी नफरत घोल रहे हैं खुसुर पुसुर है घर पर, जिनके खातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 221 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Mar 2017 · 1 min read है समाज का दर्पन कविता जीने का अवलंबन कविता मेरे दिल की धड़कन कविता कसी हुई है गति यति लय पर, छंदों का अनुशासन कविता भावों का कागज़ पर चित्रण, शब्दों का है अंकन कविता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share बसंत कुमार शर्मा 3 Apr 2017 · 1 min read नाम है बस दीप का जल रही बाती यहाँ पर नाम है बस दीप का आ गयी दीपावली फिर, आस लेकर इक नयी एक कपड़े के लिए बस, आज मुनिया रो गयी देखती है रास्ता... Hindi · गीत 1 1 454 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Jul 2017 · 1 min read तुलसी का वनवास हो गया घर टूटे मिट गए वसेरे, महलों में आवास हो गया. ऊँचे कद को देख लग रहा, सबका बहुत विकास हो गया. भूल गए पहचान गाँव की, बसे शहर में जब... Hindi · गीत 1 1 300 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Sep 2017 · 1 min read ठहर जाता तो अच्छा था मापनी 1222 1222 1222 1222 इधर जाता तो अच्छा था, उधर जाता तो अच्छा था. रहा भ्रम में, कहीं पर यदि, ठहर जाता तो अच्छा था. उभर आता तो अच्छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 480 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Nov 2022 · 1 min read नयन - एक गजल स्वप्न के जब बीज बोते हैं नयन. खुद को खुद में ही डुबोते हैं नयन. गर किसी दिन खो गए तो खो गए, इश्क में कब रोज खोते हैं नयन.... Hindi · ग़ज़ल 1 2 210 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Nov 2022 · 1 min read जी भर फले फलते रहे - ग़ज़ल हम बस चले चलते रहे. जो भी जले जलते रहे. बस प्रेम का ही रंग था, सब पर मले मलते रहे. हक में हमारे फैसले, हर दिन टले टलते रहे.... Hindi · ग़ज़ल 250 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Nov 2022 · 1 min read प्यार से जो भरी नहीं होती प्यार से जो भरी नहीं होती. ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं होती. कौन तितली के भागता पीछे, वो अगर चुलबुली नहीं होती. तुम सियासत से दूर ही रहना, ये किसी की सगी... Hindi · ग़ज़ल 127 Share बसंत कुमार शर्मा 5 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल चाह जी भर कर मुझे कह उठा मन, मिल गया है चाहतों का घर मुझे। उसकी आँखों में दिखा जब प्यार का सागर मुझे। मुस्कुरा कर कह रही है आज मुझसे ज़िंदगी, चार पल की... Hindi · ग़ज़ल 172 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Jun 2016 · 1 min read क्यों लड़ना और लड़ाना है परवाना ये दीवाना है लेकिन उसको जल जाना है मकड़ी के जाले सी दुनिया सबको इसमें फंस जाना है गम इतने हैं आमजनों के अब छलक रहा पैमाना है जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 642 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Jun 2016 · 1 min read कहीं आदर नहीं मिलता कभी घर में नहीं मिलता, कभी बाहर नहीं मिलता यहाँ पर अब बुजुर्गों को, कहीं आदर नहीं मिलता तरक्की हो गयी थोड़ी, सभी कुछ भूल जाता है हुआ है मतलबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 349 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Jul 2016 · 1 min read सब्र कहाँ मुझसे होता है कभी चैन से कब सोता है शूल किसी को जो बोता है लिखी भाग्य मजदूरी जिसके आज जिंदगी बस ढोता है जैसा बोलो वैसा बोले नहीं आदमी वह तोता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 405 Share बसंत कुमार शर्मा 11 Aug 2016 · 1 min read चलने की तैयारी रख भले सभी से यारी रख थोड़ी दुनियादारी रख जो भी कह तू मुँह पर कह पर दिल में न कटारी रख छुपना है जंगल में तो चीते जैसी धारी रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Aug 2016 · 1 min read जब वफ़ापर सवाल होता है जब वफ़ा पर सवाल होता है तब बुरा दिल का’ हाल होता है बात से घात मत कभी करिए खून में भी उबाल होता है जब तलक हम सँभल नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share बसंत कुमार शर्मा 29 Aug 2016 · 1 min read ख्वाब पलना चाहिए जिन्दगी में इक सुनहरा ख्वाब पलना चाहिए लग गयी ठोकर तो’ क्या फिर से सँभलना चाहिए उम्र का कोई न बंधन सीखना है जिन्दगी लोग बदलें या न बदलें खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 513 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Oct 2016 · 1 min read कभी जिन्दगी में उजाले न होते कभी जिन्दगी में उजाले न होते अगर आप हमको सँभाले न होते नहीं ढूंढ पाते कभी प्यार को हम अगर चिठ्ठियों को खँगाले न होते हटाते अगर तुम जरा ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 388 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Nov 2016 · 1 min read यूँ सूरज की शान बहुत है © बसंत कुमार शर्मा यूँ सूरज की शान बहुत है मगर दिए का मान बहुत है प्रेम हृदय में उपजाने को पल भर की पहचान बहुत है तपती धरती पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Nov 2016 · 1 min read झूठ के बीच पल न पाये हम झूठ के बीच पल न पाये हम साथ दुनिया के’ चल न पाये हम जी रहे लोग जिंदगी दुहरी रंग में उनके’ ढल न पाये हम प्रेम बंधन में बँध... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Nov 2016 · 1 min read पागल जैसा पागल क्यों है पागल जैसा पागल क्यों है मन इतना भी चंचल क्यों है भरा भरा है घर तो पूरा खाली माँ का आँचल क्यों है हरियाली है अलसायी सी थका थका सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 695 Share बसंत कुमार शर्मा 29 Nov 2016 · 1 min read बूँद नयन से ढलकी कैसे बूँद नयन से ढलकी कैसे ऐसी हालत मन की कैसे तुझको याद न आई है तो आई मुझको हिचकी कैसे सौंप दिया था मैंने सब कुछ तेरी चाहत भटकी कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Dec 2016 · 5 min read वजन नहीं है वजन नहीं है © बसंत कुमार शर्मा, जबलपुर 7 अक्टूबर, 2016 हमें अभी नया नया कवितायें लिखने का शौक लगा है. हमने अपने मित्र को अपनी एक ग़ज़ल सुनाई, तो... Hindi · लेख 721 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Dec 2016 · 1 min read दिल से जरा गुजरना साहब कष्टों से क्या डरना साहब रोज रोज क्या मरना साहब लगे हुए हम सब लाइन में इक दिन पार उतरना साहब पूजा पाठ भले मत करना पीर किसी की हरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 643 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Dec 2016 · 1 min read फूल हमेशा खुश रहते हैं दवा नहीं है दर्द-ए-दिल की, यूँ जग में उपचार बहुत हैं खुला हुआ कोई न मिलेगा, शहर गाँव घर-द्वार बहुत हैं खुश रहना हो हर हालत में, गम से फिर... Hindi · मुक्तक 278 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Dec 2016 · 1 min read सच्चाइयाँ वो अब कहाँ कविता जहाँ पर जन्म ले तन्हाइयाँ वो अब कहाँ कुछ शब्द हैं पर भाव की गहराइयाँ वो अब कहाँ फूलों भरी वो वादियाँ कलकल कहाँ झरनों की अब झूले कहाँ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Dec 2016 · 1 min read सूरज के घर मची खलबली जब भी धरती पर शमा जली सूरज के घर मची खलबली गांधी के फोटो के पीछे मिली हमें हर जगह छिपकली चंदा है बेचैन गगन में इक जुगनू की बारात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 357 Share बसंत कुमार शर्मा 14 Dec 2016 · 1 min read कालेधन के नाम कुछ दोहे © बसंत कुमार शर्मा भैंसें काली हैं मगर, देतीं दूध सफ़ेद जाति धर्म या क्षेत्र का, करें न कोई भेद कालेधन पर हो रहा, जब से यहाँ विचार वहाँ भैंस... Hindi · दोहा 296 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Dec 2016 · 1 min read आंसू कहाँ बहाने निकले जनता को बहकाने निकले नेता वोट जुटाने निकले मंचों पर जब जंग छिड़ गयी क्या क्या तो अफसाने निकले नेता,अफसर,चमचों के घर, नोट भरे तहखाने निकले कहते थे घर-बार नहीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 510 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Dec 2016 · 1 min read शिकायत यहाँ हुजूर ग़ज़ल करते नहीं हैं’ लोग शिकायत यहाँ हुजूर थोड़ी तो’ हो रही है’ मुसीबत यहाँ हुजूर बिकने लगे हैं’ राज सरे आम आजकल चमकी खबरनबीस की’ किस्मत यहाँ हुजूर बिछती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share बसंत कुमार शर्मा 24 Dec 2016 · 1 min read महक बाकी भी तक है छुआ था जुल्फ को तेरी, महक बाकी अभी तक है पुरानी उस मुहब्बत की, कसक बाकी अभी तक है छनन छन पायलों की सुन, जगा हूँ ख्वाव में हर पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 444 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Dec 2016 · 1 min read जब से उन्हें निहारा है जिस दिन से उन्हें निहारा है इन आँखों में उजियारा है राह दिखाती सबको संसद दिया तले तो अंधियारा है पतवार बिना कोई कश्ती कब पाती यहाँ किनारा है पास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Dec 2016 · 1 min read नींदें उड़ाता कौन है चुपके’ चुपके रात में यूँ आता’ जाता कौन है रोज आकर स्वप्न में नींदें उड़ाता कौन है था मुझे विश्वास जिस पर दे वही धोखा गया आस फिर से इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share बसंत कुमार शर्मा 29 Dec 2016 · 1 min read बेला सुंदर कोमल स्वेत धवल सा, फूल रहा बगिया में बेला लू के गरम थपेड़ों से वो तपता ही रहा दुपहरी भर हुई चांदनी रात खिला फिर हर्षित मन से वो... Hindi · गीत 219 Share बसंत कुमार शर्मा 1 Jan 2017 · 1 min read हो नए साल में हाल नया हो नए साल में हाल नया लाये खुशियाँ ये साल नया महलों में जब बल्ब जलें तो, दिखे झोंपड़ी में भी लाइट. हर एक हाथ को काम मिले, न हो... Hindi · गीत 205 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Jan 2017 · 1 min read हुजूर बोलिये जरा को’ई नगर जले न अब, हुजूर रोकिये जरा रहोगे’ मौन कब तलक, हुजूर बोलिये जरा बहक रहे हैं’ क्यूँ युवा, दवाब है वो’ कौनसा सुलग रही है’ आग क्यूँ, हुजूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share बसंत कुमार शर्मा 5 Jan 2017 · 1 min read कभी न डोर छोड़िये पतंग से उड़ो मगर, कभी न डोर छोड़िये बंधी ये डोर प्यार की, इसे कभी न तोड़िये लड़ाइये न पेंच अब, लगाइये गले हमें है’ दोस्ती का’ हाथ ये, नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Jan 2017 · 1 min read चैन कहाँ आराम कहाँ अब चैन कहाँ आराम कहाँ अब खुशियों वाली शाम कहाँ अब जिसने प्रेम सिखाया जग को राधा का वो श्याम कहाँ अब इक दूजे के लिये बने, वो लक्ष्मण सीता राम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share बसंत कुमार शर्मा 7 Jan 2017 · 1 min read हमारे दिल में भारत हो न शिकवा हो शिकायत हो मुहब्बत ही मुहब्बत हो रहे महफूज हर बन्दा खुदा इतनी इनायत हो भलाई हो गरीबों की नहीं इस पर सियासत हो चलें सब साथ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share बसंत कुमार शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो फूल सबमें... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 636 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Jan 2017 · 1 min read मुस्कुराना सीख लो रिश्ते बनाना सीख लो, रिश्ते निभाना सीख लो खुशियाँ अगर हो चाहते, तो मुस्कुराना सीख लो चलते चलो रुकना नहीं, हो दूर ये मंजिल भले चिंता नहीं तूफान की, उसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Jan 2017 · 1 min read वंदना माँ शारदा की तुम ज्ञान का भंडार माँ, वरदान ऐसा दो हमें हर पल चलें सद् मार्ग पर,सद्ज्ञान ऐसा दो हमें चलते रहें संसार में, अटके बिना भटके बिना सेवा करें इस देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Feb 2017 · 1 min read ऋतु बसंत की जब है आती ऋतु बसंत की जब है आती कली कली दिल की खिल जाती फूल खिले हैं रंग बिरंगे, तोड़ रहीं हैं कलियाँ बंधन यहाँ वहां सारी बगिया में, करते फिरते भँवरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 498 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Feb 2017 · 1 min read हाथ मुठ्ठी भर चना है रात दिन चिंता में डूबा, पास जिसके घी घना है घास पर मैं मस्त बैठा, हाथ मुठ्ठी भर चना है साथ में जब तक रहे कह न पाए कुछ कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Feb 2017 · 1 min read थोड़ी दुनियादारी रख भले सभी से यारी रख थोड़ी दुनियादारी रख जो भी कह, बस मुँह पर कह दिल में तू न कटारी रख जंगल में यदि छुपना हो चीते जैसी धारी रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share बसंत कुमार शर्मा 15 Feb 2017 · 1 min read ख्वाब नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है भरा प्रेम से दिल लबालब है मेरा किसी के लिए बदगुमानी नहीं है कहाँ से मिलेंगे किसी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Feb 2017 · 1 min read मगर हार मैंने भी मानी नहीं है नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है मुझे जिन्दगी ने सताया है जी भर मगर हार मैने भी मानी नहीं है भरा प्रेम से है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Feb 2017 · 1 min read हर एक समस्या हल होगी आज न हो पाई,कल होगी हर एक समस्या हल होगी नम होंगे जब तेरे नैना मेरी भी आँख सजल होगी वो कभी कभी तू आना आगे मेरी भी कभी पहल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share बसंत कुमार शर्मा 25 Feb 2017 · 1 min read आँसू पीर तेरी और मेरी सह गए अनमोल आँसू आँख में बस कैद होकर रह गए अनमोल आँसू कोशिशें तो लाख कीं उसने छुपाने की मगर फिर भी लेकिन राज सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 534 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Feb 2017 · 1 min read जटाधारी शिव जी बड़े भोले'-भाले, जटाधारी’ शिव जी पियें विष के' प्याले, जटाधारी’ शिव जी सुकोमल सुमन सज्जनों के लिए हैं, हैं दुष्टों को' भाले, जटा धारी’ शिव जी बड़ी ठंड कैलाश पर्वत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 500 Share Page 1 Next