अशोक मिश्र 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक मिश्र 6 Nov 2021 · 1 min read भारतीय संस्कृति ?लड्डू - भारतीय संस्कृति ! जो दाने को दाने से जोड़ कर उत्सव मनाने का सन्देश देता है | और ?केक - पश्चिमी संस्कृति ! जो काट कर, बांट कर... Hindi · कविता 1 2 249 Share अशोक मिश्र 13 Oct 2021 · 1 min read बृद्धाश्रम नहीं जाऊंगा !!!! घर की जूठन से काम चलाऊंगा बृद्धाश्रम नहीं जाऊंगा जैसे रक्खोगे मैं रह लूँगा तुझसे कभी मैं कुछ न कहूँगा मुँह मे अपने मैं ताला लगाऊंगा बृद्धाश्रम नहीं जाऊंगा सुख... Hindi · गीत 1 2 263 Share अशोक मिश्र 23 Aug 2021 · 1 min read दिल का दर्द दुआ अपने ही देते हैं दर्द अपने ही देते हैं नहीं लिक्खा कहीं पर भी गैर ही चोट देते हैं जहाँ होने लगे इज्ज़तनवाज़ी हद से ज्यादा तो समझ लेना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 290 Share अशोक मिश्र 10 Aug 2021 · 1 min read राम मंदिर राम मंदिर नींव पूजन 05अगस्त 2020 की रचना पांच सदियों की आस पूरी हो गई आज भव्य राम मंदिर अब बनेगा अयोध्या में कलयुग का बनवास पूरा अब होगा शीघ्र... Hindi · कविता 1 461 Share अशोक मिश्र 4 Aug 2021 · 1 min read प्रभु वंदना श्रीराम कहो सुखधाम कहो दशरथनंदन भगवान कहो कौशल्यासुत की जय बोलो रघुनंदन सीताराम कहो केशव बोलो श्रीकृष्ण कहो राधाबल्लभ की जय बोलो लक्ष्मीपति नारायण बोलो और करुणासिंधु प्रणाम कहो जै... Hindi · कविता 1 2 517 Share अशोक मिश्र 26 Jul 2021 · 1 min read काँटा चुभे जब पांव में कांटा बहुत ही दर्द होता है निकल कर अश्रु आंखों से कपोलों को भिगोता है नहीं आता है चुभने खुद-ब-खुद वो पैर में कांटा रौंदते हम... Hindi · मुक्तक 1 429 Share अशोक मिश्र 25 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ कोई रिश्ता नहीं माँ एक भावना है माँ का सम्मान तो ईश्वर की साधना है माँ को बृद्धाश्रम की राह दिखाने वालो तुमको सुख मिलेगा यह भ्रम पालना है... Hindi · कविता 1 488 Share अशोक मिश्र 11 Jul 2021 · 1 min read कोरोना लाकडाउन है कोई स्थाई उपचार नहीं खुद ही हम सब को अब संभल जाना चाहिए शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाओ सभी साबुन से हाथ बार बार धोना चाहिए हाथ... Hindi · कविता 1 428 Share अशोक मिश्र 8 Jul 2021 · 1 min read बचपन की चिट्ठी आज मुझे इक ख़त आया मै तनहा जब बैठा था तभी डाकिया ख़त लाया आज मुझे इक ख़त आया ख़त देखा तो सिहर गया चेहरा मेरा निखर गया उसकी पहली... Hindi · कविता 1 626 Share अशोक मिश्र 28 Oct 2021 · 1 min read वही है सबके चमन का माली कहाँ निकालोगे दिल की बातें जगह तो कोई नहीं है खाली कहीं पे नेता जमे हुये हैं कहीं पे बैठे हुये मवाली बुझा दो अंगार अपने ही अंदर सुकून शायद... Hindi · कविता 1 2 387 Share अशोक मिश्र 1 Nov 2021 · 1 min read घावों का कोई मोल नहीं दावों का कोई मोल नहीं घावों का कोई मोल नहीं। रिश्तों से बढ़कर इस जग में कुछ भी होता अनमोल नहीं।। अपने तो अपने होते हैं जब गैर दिखायें अपनापन... Hindi · कविता 1 2 265 Share अशोक मिश्र 4 Jul 2021 · 1 min read बेरुखी मेरी कामयाबी में भले ही दिल जले उनका मगर उनकी खुशी में मैं दिये हरदम जलाऊँगा सगा माना बिठाया सर पे और दिल में जगह दे दी मुझे क्या था... Hindi · शेर 1 489 Share अशोक मिश्र 3 Jul 2021 · 1 min read जन गण मन से प्यार है जन जन से प्यार है जन गण मन से प्यार है मुझको तो अपने तिरंगे झंडे से प्यार है हिमगिरि का मुकुट पहने दिखता है जिसमें ओज सागर चरण पखारता... Hindi · कविता 1 2 375 Share अशोक मिश्र 2 Jul 2021 · 1 min read कन्फ्यूजन अपनों के बीच हर जगह मैं यूज हो गया जहाँ गया वहाँ मै कन्फ्यूज हो गया जैसे ही मैने बोली कहीं दिल की सही बात सरे आम वहीं मै एब्यूज... Hindi · मुक्तक 1 2 397 Share अशोक मिश्र 1 Jul 2021 · 1 min read सौन्दर्य गाँव की गोरी गलियारे से गुजरी जब फूल और कलियों की सांस तब अटक गई यौवन लचकाते हुये नयन मटकाते चली सूरज के घोड़ों की लगाम तब भटक गई लहरायी... Hindi · कविता 1 2 393 Share अशोक मिश्र 7 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी आह निकलती है दिल से जब अंग्रेजी से पिटती हिंदी सर्वोत्तम है अपनी भाषा मुझे प्राण से प्यारी हिंदी तुम बिन गीता कैसे बनती कैसे बनती वेद रिचायें तुम ही... Hindi · मुक्तक 1 301 Share अशोक मिश्र 27 Jun 2021 · 1 min read कृष्ण को सलाह कृष्ण कन्हैया तुम मत आना आकर के पछताओगे बदल गई है दुनियां सारी चक्कर में फंस जाओगे ग्वाल गोपियां रास रचाने पंचतारा होटल जाते दीन सुदामा भीख मांगता सड़कों पर... Hindi · गीत 1 337 Share अशोक मिश्र 25 Sep 2021 · 1 min read सच और झूठ सत्य जब झूठ से मात खाता है तब कलेजा मुंह को आ जाता है लेकिन आजकल लोगों को क्या कहें उनको तो झूठ ही बहुत भाता है अशोक मिश्र Hindi · मुक्तक 1 277 Share अशोक मिश्र 24 Jun 2021 · 1 min read परछाई कल मैंने एक सपना देखा सपने में एक चेहरा देखा चेहरा कुछ मेरे जैसा था कुछ बूढ़ा सा दिखता था मुझसे बोला धीरे से वह मैने तेरी जेब खंगाली मै... Hindi · कविता 1 306 Share अशोक मिश्र 1 May 2022 · 1 min read श्रमिक गढ़ें जो हांथ से किस्मत करो सम्मान उनका तुम अन्न में है लहू जिनका करो सम्मान उनका तुम पसीना धूप को देकर तुम्हे देते सुखद छाया प्राण उनमें भी होते... Hindi · मुक्तक 1 339 Share अशोक मिश्र 23 Jun 2021 · 1 min read कविता शब्दों में भरे जो भाव वह कविता कहाती है हृदय को दे हिलोरें जो वह कविता कहाती है किसी के प्रेम में आकर नयन में अश्रु जो ला दे गला... Hindi · मुक्तक 494 Share अशोक मिश्र 21 Sep 2021 · 1 min read जीत का जश्न गुस्से में जीत का जब जश्न तुम मनाती हो, वक्र अधरों के बीच जब भी मुस्कराती हो | लालिमा कपोलों की बहुत कुछ कह जाती, शब्दों मे कभी नहीं जो... Hindi · मुक्तक 339 Share अशोक मिश्र 9 Oct 2021 · 1 min read वैश्या और नेता वैश्या का घर और नेता का मकान दोनो में अंतर केवल एक है एक की अपने शरीर की कमाई और एक की फेक है बेचते दोनो हैं दोनो ही कमाते... Hindi · कविता 432 Share अशोक मिश्र 9 Oct 2021 · 1 min read एक सच्चाई काल के गाल में समायेंगे इक दिन सब, कोई भी विद्या फिर काम नहीं आयेगी | एक ही अवलम्बन है भवसागर तरने का, राम नाम नैया ही पार ले जायेगी... Hindi · कविता 340 Share अशोक मिश्र 5 Oct 2021 · 1 min read दर्द दुखाता है कोई दिल जब तो आँखें पोंछ लेता हूँ बहुत जब दर्द बढ़ता है तो आँसू रोक लेता हूँ तेज होती है जब जब भी कभी साँसों की गर्माहट... Hindi · मुक्तक 264 Share अशोक मिश्र 5 Oct 2021 · 1 min read आत्मबोध हम पर प्रहार करने वालो अब दाँव नहीं चलने वाला रख दिया पाँव जो मग में अब वह पाँव नहीं हिलने वाला जिनको खुद का ही बोध नहीं सिखलाते हमको... Hindi · कविता 257 Share अशोक मिश्र 24 Aug 2021 · 1 min read राजनीति और जनता चोंच लड़ावैं सब यहां और करैं हुड़दंग रूठे जिनके लिये हैं वो सब फिरते चंग वो सब फिरते चंग फिकर ना है काहू की अपना भरते पेट औ ऐसी तैसी... Hindi · कुण्डलिया 349 Share अशोक मिश्र 14 Oct 2021 · 1 min read क्या बिगड़ेगा अभी जाने को ना कह दो तो क्या बिगड़ेगा कुछ दिन और रुक जाओ तो क्या बिगड़ेगा जाना तो सबको ही है एक दिन यहाँ से थोड़े दिन और साथ... Hindi · मुक्तक 257 Share अशोक मिश्र 14 Oct 2021 · 1 min read राह के काँटे तुम्हारी राह के सभी काँटे मैं चुन लूँगा जो सपने तुमने देखे हैं उन्हे मैं बुन लूँगा बस थोड़ा सा तरस खाओ अब तो हमारे ऊपर तुम्हारे वास्ते मैं दुनियाँ... Hindi · मुक्तक 224 Share अशोक मिश्र 6 Nov 2021 · 1 min read चिंगारी मैं एक चिंगारी हूँ आग के शोले से टूट कर निकली अपने अस्तित्व को खोजती बिना धार की दुधारी हूँ, मैं एक चिंगारी हूँ मौका मिलते ही अनाजों के ढेर... Hindi · कविता 244 Share अशोक मिश्र 20 Feb 2022 · 1 min read नफरतों के शहर मे मैने बनाया है बसेरा बाग में मैं वो भी पौधे सींचता हूँ जो करें काँटों से घायल बदन मेरा नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा बच्चों पर किलकारियाँ मैं फेंकता हूँ अपंगों... Hindi · गीत 227 Share अशोक मिश्र 20 Feb 2022 · 1 min read अनबन हमारे बीच की बातें कभी सड़कों पे मत कहना कोई तुमको कुरेदे तो वहाँ भी शांत तुम रहना भले ही कुछ हुई अनबन मगर हम मित्र गहरे थे दिलों में... Hindi · मुक्तक 331 Share अशोक मिश्र 20 Feb 2022 · 1 min read वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली पाँच सालन म फिरि ऐस मौका मिली वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली घर ते निकरउ चुनउ नीक प्रतिनिधि अपन कामु आवइ तुमारे करइ जो जतन घर मा बैठे... Hindi · गीत 194 Share अशोक मिश्र 5 Mar 2022 · 1 min read नकली चेहरा कोई तो रिश्ता बचा न पाया कोई तो खुद को बचा न पाया किसी की आँखो मे नकली आँसू कोई मोहब्बत पचा न पाया सभी के चेहरे पे है भरम... Hindi · गीत 508 Share अशोक मिश्र 6 Apr 2022 · 1 min read अम्मा वो भोला सा चेहरा वो प्यारी सी अम्मा बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा तुम्हारा वो मुझको सुबह में जगाना जगाकर मुझे प्यार से मुंह धुलाना मेरी जिद पे मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 152 Share अशोक मिश्र 6 Jul 2021 · 1 min read सोंच सबकी गई है सोंच सिमट सरायन जैसी इसमें अब घाघरा का फैलाव कैसे आयेगा हांथ के विषाणु तो मरेंगे सैनीटाइजर से आत्मा के विषाणु कौन घोल मार पायेगा सोंचो और... Hindi · कविता 349 Share अशोक मिश्र 23 Jun 2021 · 1 min read राजनीति कुछ लोग कहते हैं कि राजनीति का काम गंदा है लेकिन कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला यही सबसे उत्तम धंधा है नेता छोटा हो या बड़ा पक्ष का... Hindi · कविता 197 Share अशोक मिश्र 24 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक बर्फ का दरिया उगलता आग है, धूप में भी तन ठिठुरता आज है| नागफनियों की गली में आज भी, फूल के सौदागरों का राज है|| Hindi · मुक्तक 292 Share अशोक मिश्र 25 Jun 2021 · 1 min read जीवन तेरे कितने रूप जीवन तेरे कितने रूप कहीँ पर छाँव कहीँ पर धूप कभी ममता का मधुरिम पुंज कभी निर्जन वन का स्तूप। कभी कड़वाहट का अहसास कभी गुड़ की ढेली का भास... Hindi · कविता 262 Share अशोक मिश्र 27 Jun 2021 · 1 min read अकेलापन कल जो आती थी खुशबू नहीं आज है न वो सागर की लहरें न वो साज है एक झोंका हवा का हिला दे रहा आदमी सांस लेने को मोहताज है Hindi · मुक्तक 253 Share अशोक मिश्र 27 Jun 2021 · 1 min read रिश्ते मानवता है कहाँ जा रही देख लो। रिश्तों पर है धूल चढ़ रही देख लो।। बंधु बांधव फूटी आँख न भाता है भाई बहन का रिश्ता भी शर्माता है माता... Hindi · गीत 323 Share अशोक मिश्र 28 Jun 2021 · 1 min read दुनियां ये दुनियां इतनी छोटी है कि चलने पर आपस में सिर टकराता है और कभी इतनी बड़ी हो जाती है कि भाई भाई को पहचान नहीं पाता है आखिर कितनी... Hindi · कविता 468 Share अशोक मिश्र 30 Jun 2021 · 1 min read जय श्री राधे राधे राधे कहने से पाप सब हैं धुल जाते राधा का नाम ही स्वयं में परम धाम है राधा है मार्ग सुलभ श्याम को रिझाने का राधे को बुलाओ आ... Hindi · कविता 458 Share अशोक मिश्र 4 Jul 2021 · 1 min read भारतवर्ष हमारा है आज देश की माटी ने फिर एक बार हुंकारा है हम सब इसके लाल और ये भारतवर्ष हमारा है आँख उठा कर जो भी देखे है उसकी अब खैर नहीं... Hindi · मुक्तक 274 Share अशोक मिश्र 5 Jul 2021 · 1 min read मैं दिया हूँ मैं दिया हूँ अपने गंतव्य की ओर मैं चल दिया हूँ मैं दिया हूँ मेरा उद्देश्य तो अंधेरा होते ही खुद जलकर प्रकाश फैलाना दूसरों को राह दिखाना आजीवन दूसरों... Hindi · कविता 307 Share अशोक मिश्र 21 Sep 2021 · 1 min read श्रद्धा श्वांस में हो प्रभू डोर और मन में श्रद्धा हो, कोई भी कार्य फिर कठिन नहीं होता है | दूध पिलाती नहीं माँ अपने ही बच्चे को, जब तक हाथ... Hindi · मुक्तक 478 Share अशोक मिश्र 7 Jul 2021 · 1 min read भाषा भाषा और सुई अहंइ दूनउ एक समान । इक कपड़े को जोड़ती इक जोड़इ इंसान ।। मद्यपान मदपान में अंतर केवल एक । एक पिये देवै नशा देत हमेशा एक... Hindi · दोहा 240 Share अशोक मिश्र 20 Jul 2021 · 1 min read महादेव नैनों में ज्योति है और कानों में श्रवण शक्ति प्राण है शरीर में और कारण है अकारण का देवों में महादेव ताप है वो अग्नी का भूखे की भूख है... Hindi · कविता 226 Share अशोक मिश्र 24 Aug 2021 · 1 min read माँ माँ जीवन का विश्वास है माँ ही जीवन की आस है लात खाकर भी जो दूध पिलाये ऐसा कलेजा माँ के ही पास है अशोक मिश्र Hindi · मुक्तक 220 Share अशोक मिश्र 24 Aug 2021 · 1 min read कोरोना का प्रभाव कभी ऐसा भी समय आयेगा पता नहीं था आदमी आदमी से दूर रहेगा पता नहीं था जिस चेहरे पर कभी मेकअप की भरमार थी उस पर कपड़ा बंध जायेगा पता... Hindi · मुक्तक 301 Share Page 1 Next