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6 Jul 2021 · 1 min read

सोंच

सबकी गई है सोंच सिमट सरायन जैसी
इसमें अब घाघरा का फैलाव कैसे आयेगा
हांथ के विषाणु तो मरेंगे सैनीटाइजर से
आत्मा के विषाणु कौन घोल मार पायेगा
सोंचो और सोंच पर दबाव डालो अपनी अब
सोंच बदलोगे तभी समाज सुधर पायेगा
कोई अकेला नहीं है तोड़ सकता पत्थर एक
सब मिलकर तोड़ोगे पहाड़ टूट जायेगा

अशोक मिश्र

Language: Hindi
344 Views
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