Ambarish Srivastava 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read बालक लेता थाह..: दोहे लहरों से यह लड़ रहा, है जल राशि अथाह. मृगशावक ले हाथ में, बालक लेता थाह.. सच्चा नायक है यही, मानवता ले मान. जान बचाए यत्न से, शर्म करे सलमान..... Hindi · दोहा 210 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पहुँचाते राहत त्वरित....: दोहे बाढ़ उत्तराखंड हो, या जम्मू कश्मीर पहुँचाते राहत त्वरित, भारत माँ के वीर.. कैसी भी हो आपदा, या फिर हो भूकंप. पहुँचें सेवक बन वहां, कर बाधा को जंप. जाति... Hindi · दोहा 329 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read "मानव बन कर जियो जिन्दगी" हमारे पुत्रों नील श्रीवास्तव व भूषण श्रीवास्तव के प्रति उनके जन्म दिवस के शुभ अवसर पर स्नेहाशीष.... जन्म दिवस की कोटि बधाई, जीना शत-शत वर्ष. मानव बन कर जियो जिन्दगी,... Hindi · गीत 288 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'मौसम'आधारित कह- मुकरियां ____________________________ (१) दबे पाँव जो चलकर आवे, हमको अपने गले लगावे, मन भा जावे रूप विहंगम, क्यों सखि सज्जन? ना सखि मौसम ! ___________________________ (२) आये तो छाये हरियाली, उसकी... Hindi · कविता 220 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आतंकी है चोला उसका... कश्मीरी मानव था पहले दानव अब शैतानी है. आतंकी है चोला उसका, जालिम हुई जवानी है. मज़हब से जो पक्का नाता, पाकिस्तानपरस्त हुआ. फिर हिन्दू को मार भगाया, मारकाट में... Hindi · गीत 227 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read उत्तराखंड त्रासदी २०१६ पर मुक्तक: दिनांक ०२-०७-२०१६ आपदा का हो प्रबंधन, यदि उचित सरकार से, राहतें फ़ौरन मिलें औ दर्द कम हो प्यार से. साधनों की है कमी पर हौसले तो कम नहीं, जिंदगी को... Hindi · मुक्तक 546 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read यह दीप उसी से जलता है दें स्नेह मित्र बन प्रभु हमको, यह दीप उसी से जलता है| संदेह मुक्त होकर यह मन, बस प्यार बाँटता फिरता है || --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · कविता 371 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई...: छंद कुण्डलिया आजादी का यह दिवस, इस पर हमको नाज. मिलें हाथ में हाथ जब, उन्नत बने समाज.. उन्नत बने समाज, कार्य हों ऐसे अपने. करें सृजन नव नित्य, इसी के देखें... Hindi · कुण्डलिया 533 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read यह सृष्टि हो मनभावनी..: छंद हरिगीतिका सब देवता थे जब दुखी तब विष्णुश्रीहरि ने कहा. शुचि क्षीरमंथन देवदानव मिल करो सागर नहा. जब बन मथानी मन्दराचल था रसातल जा रहा, तब कूर्मरूपी अवतरण ले भार प्रभु... Hindi · कविता 279 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हिन्दी दिवस : दोहे हिन्दी में धड़के हृदय, हों जब नैना चार. 'आई लव यू' छोड़कर, हिन्दी में हो प्यार.. 'स्वीटी' 'डार्लिंग' 'कर्णप्रिय', अप्रिय बहनजी शब्द. 'मैडम' 'मिस' मन मोहते, 'अम्बरीष' निःशब्द.. डैडी जी... Hindi · दोहा 1k Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छंद: मनहरण घनाक्षरी किंचित न अभिमान, रखते सभी का ध्यान, राग-द्वेष कटुता से, रीते रहें मोदीजी. देश से ही करें प्यार, माटी चूमें बार-बार, स्नेह प्रेम रसधार, पीते रहें मोदीजी. सिंह सी सुनें... Hindi · कविता 752 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हरिगीतिका छंद: ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः स्तुति... ऋषि धर्मवंशी भृगु सुधन्वा अंगिरा कुल शोभितं| हरिचक्र पुष्पक शिवत्रिशूलं आयुधं अभिकल्पितं| शुचि स्वर्ग लंका द्वारिका पुरइन्द्रप्रस्थं निर्मितं, विधु विश्वकर्मा, विधिविराटं पञ्चमुख प्रभुपूजितं|| (भावार्थ: समय-समय... Hindi · कविता 1 1 781 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 2 min read वीर जवानों को समर्पित वीर छंद (आल्हा)... क़त्ल जवानों का क्यों करते? छोड़ो राजनीति का राग, नीति-नियंता अब तो जागो, लगी हुई है घर में आग. सेक्युलरों सॅंग बने मदारी, खेल रहे जो मारक खेल, सैनिक बन... Hindi · कविता 865 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read लें अचूक हथियार.....: दोहे आतंकी कश्मीर का, बना फिर रहा बाप. हूर बहत्तर बाँटता, असह्य 'पाक' का ताप.. वार करे छिप कर सदा, आतंकी यह देश. शातिर पाकिस्तान को, समझाना क्यों शेष?? बीसों घायल... Hindi · दोहा 597 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read सरस्वती वंदना : ग़ज़ल (बह्र मजारे मुसम्मन अखरब मक्फूफ़ महजूफ अर्क़ान: मफऊलु फाइलातु मफाईलु फाइलुन वज्न: 221 2121 1221 212 काफ़िया: 'आन', रदीफ़: 'कर') वंदित प्रथम गणेश हैं उनका ही मान कर. देवी सरस्वती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 684 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read बीमारी डेंगू बुरी...: छंद कुण्डलिया बीमारी डेंगू बुरी, इससे सब बेहाल| घटते जाते प्लेटलेट, बन जाती है काल| बन जाती है काल, बचें पी-पी कर पानी| सेवन करें गिलोय, पपीता पत्ता, घानी| लें अनार रस... Hindi · कुण्डलिया 223 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read भारतीय सेना के सम्मान में दो मुक्तक माँ से बढ़कर अपनी धरती हमको प्यारी मोदीजी. व्यर्थ नहीं हो एक शहादत हम पर भारी मोदीजी. सैनिक विवश नहीं होंगे अब आतंकी मिट जायेगें, सेना के अब हाथ खुले... Hindi · मुक्तक 284 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read धमकी करे अनर्थ..... : छंद कुण्डलिया धमकी अणुबम की हमें, जो हैं देते नित्य. गिरेहबान वे झांककर, देखें खुद के कृत्य. देखें खुद के कृत्य, मुल्क भूखा-नंगा क्यों? आतंकी गलकाट, बने करते दंगा क्यों? पढ़ लें... Hindi · कुण्डलिया 424 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read सृष्टि स्वयं वंदन करे...: दोहे नौ रूपों में है बँटा, माता का शुचि रूप. सृष्टि स्वयं वंदन करे, शोभा दिव्य अनूप.. अश्ववाहिनी आगमन, अपराजिता स्वरूप. राम शक्तिपूजा यथा, खुले शक्ति के कूप.. आये कन्याराशि में,... Hindi · दोहा 308 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पाकपरस्ती चीन की..... : दोहे जाति दिखा दी चीन ने, मिले कबूतर बाज. पाकपरस्ती चीन की, जगजाहिर है आज.. 'शियाबुकी' जल जो किया, है 'लाल्हो' के नाम. तभी हुआ अपने लिए, चीनी माल हराम.. ब्रह्मपुत्र... Hindi · दोहा 261 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जो सरहद पे जाए ... हवाओं में महके कहानी उसी की | जो सरहद पे जाए जवानी उसी की | सभी से जो बिछड़े सो घर बार छोड़ा, वतन की जरुरत पे संसार छोड़ा, थी... Hindi · गीत 302 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल १ बह्र: बहरे हजज़ मुसद्दस महजूफ अल अर्कान: मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलन वज्न:1222 1222 122 ___________________________ अदब तहजीब औ सादा कहन है सलीका शायरी में मन मगन है ये फैशन हाय रे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 453 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read एकादश दोहे: सिर्फ मलाई मारकर, जन्नत की हो सैर. दूध सभी को चाहिये, गायों से है बैर.. गायें भूखी घूमतीं, संकट में है जान. चारा भूसा गाय का, खा जाते इंसान.. कम्बाइन... Hindi · दोहा 292 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read जूझ रहे है नित्य... असली गोरक्षक यहाँ, जूझ रहे है नित्य. बदनामी नकली करें, शर्मनाक हैं कृत्य. शर्मनाक हैं कृत्य, पत्र-परिचय पहचानें. पासवर्ड लें जाँच, गलत यदि फर्जी मानें. पुलिस बुला दें सौंप, बजेगी... Hindi · कुण्डलिया 1 312 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 2 min read महाकवि तुलसी-महिमा दन्त पंक्ति पट खोल, मुख तेहिं बोला राम जब| सुत उपजा अनमोल, हुलसी हुलसी, जग चकित|| (सोरठा) राजापुर शुभ रत्न समाना| उपजा जहँ तुलसी विद्वाना|| छंद शिरोमणि बाबा तुलसी| पिता... Hindi · कविता 619 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मगर मेरे भाई तू कवि बन न जाना. अजी चाहे जब गीत औरों के गाना चहकना बहकना व सीटी बजाना गुसलखाने में मस्त हो गुनगुनाना मगर मेरे भाई तू कवि बन न जाना कविता बहुत से सुनाते मिलेंगें... Hindi · गीत 506 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read न्यौछावर हैं प्राण.. बहना राखी बाँधती, भैया पढ़ता मंत्र, राजा बलि रक्षा करें, बँधा लक्ष्मी यंत्र. बँधा लक्ष्मी यंत्र, रोग ऋण दूर सभी हों, बाह्य आंतरिक शत्रु, नष्ट हो दूर अभी हों. भगिनी... Hindi · कुण्डलिया 249 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read इन सबको ख़ाक कर दो! नयनों में अश्रुधारा, मन में कुँवर कन्हाई. इन आँसुओं से हरि ने, यमुना तरल बहाई. बढ़ता है पाप जब-जब, तब-तब धरा ये रोती; श्रीकृष्ण जन्म लेते, सबको हृदय बधाई.. असुरों... Hindi · मुक्तक 275 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मौन हो चुप ही रहें! आस छूटी बिन मदद असहाय हाथों को मला| प्रियतमा का संक्रमित शव धार कांधे ले चला| लोग फोटो खींचते थे, किन्तु वह चलता रहा, प्यार ऐसा आज तक हमने नहीं... Hindi · मुक्तक 532 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read गणेश वंदना. हे गजबदन गणेश गजानन गणनायक गुरु स्वामी हो. प्रथम पूज्यवर पार्वती-सुत गणपति अन्तर्यामी हो. विकट विनायक विघ्नेश्वर शुचि विद्यावारिधि सिद्धिप्रियः, कपिल कवीष कृषापिंगाक्षा सत्पथ के अनुगामी हो.. शत-शत वंदन करते... Hindi · मुक्तक 618 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मौत खुलकर कह गयी... चल बसा निर्दोष घायल चीख कातर सह गयी. खून सड़कों पर बहा जब मौत खुलकर कह गयी. मज़हबी उन्माद घातक लोग डर-डर जी रहे, एकता आतंक का पर्याय बनकर रह... Hindi · मुक्तक 257 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read चल रही हैं आँधियाँ जो रुख पलटकर मोड़ दो. पुष्प मसले और कुचले जा रहे अधिकार से. आसुरी ये कृत्य दानव वृत्ति के व्यापार से. घाव सतही सामने पर चोट झेला जो हृदय, भांप अंतर्मन द्रवित अति, वेदना के... Hindi · मुक्तक 240 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read कृष्ण-जन्म अँधियारे का पक्ष, भाद्रपदी शुभ अष्टमी, बंदीगृह का कक्ष, जगमग आलोकित हुआ.. धरि शिशुरूप सहज हो नाता. सम्मुख विष्णु उपस्थित माता.. नतमस्तक वसुदेव देवकी. स्वीकारें हरिरूप सेवकी.. लीलाधर हैं भाग्य... Hindi · कविता 350 Share Previous Page 3