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6 Oct 2016 · 1 min read

“मानव बन कर जियो जिन्दगी”

हमारे पुत्रों नील श्रीवास्तव व भूषण श्रीवास्तव के प्रति उनके जन्म दिवस के शुभ अवसर पर स्नेहाशीष….

जन्म दिवस की कोटि बधाई, जीना शत-शत वर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

कठिन परिश्रम मूल मंत्र है, खुद को नित्य तपाओ,
साथ तुम्हारे मिले सुहागा, तुम कुंदन बन जाओ,
ऋद्धि-सिद्धि आशीष तुम्हें दें, सुखमय हों सब वर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

नित्य निरंतर करो साधना, बनकर साधक योगी,
दोगे जब सम्मान सभी को, सब होंगे सहयोगी,
सरस्वती की सदा कृपा हो, जीवन में उत्कर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

पथ के कंटक दूर सभी हों, मिले न विपदा कैसी,
बाधाएं सब पार कर सको, बुद्धि प्रखर हो ऐसी,
गणपति गौरी विष्णु-लक्ष्मी, रक्षा करें सहर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

जिज्ञासा से सदा-सर्वदा, भरना ज्ञान कमंडल,
विनय तुम्हारा आभूषण हो, सौम्य रहे मुखमंडल
पग-पग पर ही मिले विजयश्री, पार करो संघर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

लक्ष्य प्राप्ति हो, रहो प्रफुल्लित, शुद्ध रहे मन अंतर,
सत्कर्मों से भाग्य बनेगा, करना कर्म निरंतर,
नित्य रहे गुरु कृपा शीश पर, कभी न हो अपकर्ष.
मानव बन कर जियो जिन्दगी, रहे हृदय में हर्ष.

सस्नेह
तुम्हारा पिता:
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
Tag: गीत
249 Views
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