Suryakant Dwivedi Language: Hindi 265 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Suryakant Dwivedi 26 Jul 2023 · 1 min read युगांतर युगांतर ******* सदियों के आँगन में कुछ हमने भी रोपा होगा सूरज को क़ैद किया होगा या चंदा से बैर किया होगा। नीलांचल से जब बिजली कौंधी होगी बादल फ़टे... Hindi · कविता 202 Share Suryakant Dwivedi 14 Jul 2023 · 1 min read आने घर से हार गया जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Hindi · कविता 1 180 Share Suryakant Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read नगमे अपने गाया कर नग़मे अपने गाया कर (गीत) कभी कभी तो आया कर कभी कभी तो जाया कर कहती विपदा, रात गई नग़मे अपने गाया कर।। अपने में ही मस्त रहा सपने में... Hindi · गीत 177 Share Suryakant Dwivedi 29 Apr 2023 · 1 min read पीढियों के दोहे पीढियों के दोहे 1. बार बार मुख देखते, करते कंघी बाल। खेले, कूदे, संवरे, बदली-बदली चाल।। 2. सच सच तू दर्पण बता, कैसा मेरा रूप मैं छाया हूँ तात की,... Hindi · दोहा 181 Share Suryakant Dwivedi 11 Mar 2023 · 1 min read गीत शब्द गीत शब्द हमारे मन का चित्रण शब्दों की हरियाली है जब भी शब्द झरे अधरों से शब्दों की रखवाली है ।। शब्द सुमन अर्पण यह जन का अभिलाषा उदबोधन का... Hindi · गीत 321 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2023 · 1 min read पथ से कैसे हार मान लूँ *गीत* मैं जीवन की अभिलाषा हूँ कैसे मैं मझधार मान लूँ मैं राही हूँ पगडंडी का पथ से कैसे हार मान लूँ झंझावातों की बस्ती में बदले बदले चेहरे सबके... Hindi · गीत 108 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2023 · 1 min read *धूप में रक्त मेरा* *धूप में रक्त मेरा* हर किरण के संग कदा यह रक्त भी तपा होगा बहा होगा पसीना फिर सूरज तब खिला होगा। जाने कितने पलों को मैंने,मिट्टी में गूँधा होगा... Hindi · कविता 270 Share Suryakant Dwivedi 9 Feb 2023 · 1 min read सच की पेशी झूठ के सामने आ गया सच झूठ ने अंगड़ाई ली सच की हँसाई हुई झूठ पर आवरण था सच का व्याकरण था झूठ ने साबित कर दिया सच झूठा है...... Hindi · कविता 257 Share Suryakant Dwivedi 7 Feb 2023 · 1 min read उधारी जीवन कुछ उधार था जीवन पर चुका दिया हमने भी क्या क्या बिता दिया।। सूरज, चाँद, सितारे ये रश्मि ये अँगारे सभी तो अपने थे पेट की भूख ने भी क्या-क्या... Hindi · कविता 103 Share Suryakant Dwivedi 7 Feb 2023 · 1 min read एक था वृक्ष सम्वेदना के पुष्पों की क्या है व्यथा सूखे वृक्ष पर सुनो कलरव की कथा।। नींव ने यह सोचकर दरख़्त महान किये चूमेंगे आकाश यह सपने जहान किये। आशाओं के बोझ... Hindi · कविता 195 Share Suryakant Dwivedi 5 Feb 2023 · 1 min read बेटों की बात बेटों की बातें ----------- चलो आज बेटों पर लिखते हैं उनके कमरे को देखते हैं..... सुना है..... आवारा है निखट्टू है पढ़ता नहीं बस, खेलता है हां, कभी कभी किताबों... Hindi · कविता 125 Share Suryakant Dwivedi 28 Jan 2023 · 1 min read दोहा कुर्सी मुक्तक एक हैं, दोनों के पद चार। एक शोभित छंद करे, दूजी दे सरकार।। सूर्यकान्त Hindi · दोहा 199 Share Suryakant Dwivedi 28 Jan 2023 · 1 min read हट जा हट जा भाल से रेखा गीत हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।। लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब मोर पंख... Hindi · गीत 179 Share Suryakant Dwivedi 25 Jan 2023 · 1 min read वीर गाथा क्या सुनाएं उठती-गिरती लहरों पर आओ कोई गीत लिखें तुम अपनी व्यथा कहो हम अपनी कथा कहें.. क्या सुनाएं तुमको गाथा क्या बताएं अभिलाषा रिक्त-सिक्त वसंत खड़ा है कहें किससे... Hindi · कविता 1 221 Share Suryakant Dwivedi 23 Jan 2023 · 1 min read बताओ न बताओ न तुम उजले हम उजले कौन है काला, बताओ न तुम वाकिफ हम वाकिफ क्या है राज, बताओ न तुम सत्यनिष्ठ हम सत्यनिष्ठ कौन है झूठा, बताओ न तुम... Hindi · कविता 82 Share Suryakant Dwivedi 20 Jan 2023 · 1 min read मुक्तक *मुक्तक* कुछ यादों के झीने परदे, कुछ यादें बाकी हैं सांसों के इस महासमर में, कुछ बातें बाकी हैं उठा रक्खा है सिर पर देखो, ये चींटी पहाड़ सा पूछ... Hindi · मुक्तक 336 Share Suryakant Dwivedi 20 Jan 2023 · 1 min read मेरुदंड यह मेरुदंड है न! जिस पर हम खड़े हैं वह टूट गया है.. हमसे रूठ गया है शरीर का बोझ सहन नहीं होता अनवरत अघात अनवरत पक्षघात अनवरत पीड़ा, यह... Hindi · कविता 2 286 Share Suryakant Dwivedi 13 Jan 2023 · 1 min read सच सच बोलो दिल पर रखो हाथ और सच-सच बोलो किसने बहती नदी में यहां,कंकड़ नहीं फेंके।। भीड़, हिंसा, दमन, तंज मान, मर्यादा, लाज, शर्म आलोचनाओं का अमृत यहां किसने नहीं पीया? उठा-पटक... Hindi · कविता 1 333 Share Suryakant Dwivedi 11 Jan 2023 · 1 min read पिता की पराजय पिता की पराजय ************ आज आँखे चमकी गोद में था जो बेटा आज जवान हो गया कंधे तक आ गया अब और आगे निकल गया छोटा हुआ बाप मगर क़िरदार... Hindi · कविता 3 2 230 Share Suryakant Dwivedi 8 Jan 2023 · 1 min read आशा निराशा *आशा* बदल बदल कर करवटें, ले सपनों की आस। आ रहा सूरज कोई, भरने को उच्छवास।। *निराशा बदल-बदल कर करवटें, करती नींद कमाल। सपनों की इस सेज पर, कुछ दिन... Hindi · दोहा 201 Share Suryakant Dwivedi 3 Jan 2023 · 1 min read दोहा साँसों की है पोटली, उसमें रंग हजार। ज्यूँ सरसो के खेत में, पीले पुष्पाहार।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 157 Share Suryakant Dwivedi 28 Dec 2022 · 1 min read दोहा माँ है ऐसी साधना, मन्त्र, जाप संकल्प। अक्षत, रोली तात है, युग युग नहीं विकल्प।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 1 176 Share Suryakant Dwivedi 27 Dec 2022 · 1 min read मुक्तक बिकने को आओ तो खरीदार नहीं मिलता चाहो यहां खरीदना, बाजार नहीं मिलता नाजुक जनाब, दौर है, और दाम बेहिसाब लगा रहे हैं बोलियां, खुद्दार नहीं मिलता।। सूर्यकांत Hindi · मुक्तक 173 Share Suryakant Dwivedi 26 Dec 2022 · 1 min read दोहा आये हम दुआओं से, गए दवा के साथ। साँसों में सपने जड़े, खाली सबके हाथ।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 132 Share Suryakant Dwivedi 22 Dec 2022 · 1 min read पतंग गीत इक पंतग है जीवन अपना बस धागों से सैर जाये उड़ती जब यह यारा सब मांगे हैं खैर अभी अभी अंबर चूमा था लेकर नई उड़ान हाथों में थी... Hindi · गीत 172 Share Suryakant Dwivedi 22 Dec 2022 · 1 min read दोहा बेटी बेटी कोमल फूल सी, है बगिया की शान बसती उसके नेह में, बस बाबुल की जान।। सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · दोहा 100 Share Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 1 min read क्या करूँगा उड़ कर क्या करूंगा उड़कर मुझे जमीं पर रहने दो उड़ते परिंदों को मैंने धरती पर उतरते देखा नीला था यह गगन पर दाने दाने भटकते देखा भूख प्यास सब है यहीं... Hindi · कविता 142 Share Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 2 min read बोध कथा। अनुशासन एक धार्मिक बोध कथा जीवन में कई बार कठोर फैसले लेने पड़ते हैं। घर हो तो फैसले न हों तो घर नहीं चलता। संतान के आगे समर्पण कर दो तो... Hindi · लघु कथा 270 Share Suryakant Dwivedi 13 Dec 2022 · 1 min read मेरे भी अध्याय होंगे मेरे भी अध्याय होंगे जीवन के इस कथा शेष में मेरे भी अध्याय होंगे माना यह पूजा न होगी फिर भी कुछ उपाय तो होंगे। थोड़ा सा संघर्ष होगा थोड़ा... Hindi · कविता 183 Share Suryakant Dwivedi 11 Dec 2022 · 1 min read बंधन बंधन से बंधन के धागे बात बात पर रूठे टूटे बंधन है तो बस पालना सुन लोरी माँ, सो जाते।। ** बंधन से बंधन की बातें बंधन से अंतस की... Hindi · कविता 190 Share Suryakant Dwivedi 10 Dec 2022 · 1 min read क्या लिखूं गीत कह दिया है सभी कुछ तो क्या लिखूं मैं अब व्यथा हर व्यथा के सामने है अनकही मेरी कथा हाथ में मौली बंधी है आंख है अपनी ठगी भाल... Hindi · गीत 1 240 Share Suryakant Dwivedi 5 Dec 2022 · 1 min read सच मानो गीत जब से सीखी इन हाथों ने, करनी याचना सच मानो, तभी से कायर हो गईं भावना। दरवाज़े दस्तक को भूले, अतिथि मौन खड़े हम न जावें कोई न आवे... Hindi · गीत 172 Share Suryakant Dwivedi 4 Dec 2022 · 1 min read नाम में क्या रखा है *नाम में क्या रक्खा है*! क्या जाता है नाम कुछ भी रख लो राम, कृष्ण, सीता, राधा मीरा, बुद्ध, कबीर, तुलसी नाम में क्या रक्खा है....? हां.....!!! नाम ही तो... Hindi · कविता 2 327 Share Suryakant Dwivedi 29 Nov 2022 · 1 min read यहाँ सब बहर में हैं यहां सब बहर में हैं मैं बे-बहर ही सही तोल तोल कर कब भला यह जीवन चला करता है टपके जब आंख से आँसू क्या कोई मापा करता है अपने... Hindi · कविता 2 1 176 Share Suryakant Dwivedi 26 Nov 2022 · 1 min read थकते नहीं हो क्या थकते नहीं हो क्या उतर आते हो रोज बिन बुलाए,छत पर... निहारता हूं तुम्हे जब लगती हो इक परी सी दुल्हन सी, ओढ़ चुनरी बिन बुलाए, रथ पर... सांझ भी... Hindi · कविता 1 200 Share Suryakant Dwivedi 24 Nov 2022 · 1 min read तीर तुक्के तीर तुक्के ******** चल वैजयंती **** अब अकेला दौड़ रहा हूँ कल तक मेरे साथ बहुत से लोग दौड़ते थे कुछ हांफ गये कुछ कांप गये।। चल वैजयंती....! नई सोच... Hindi · हास्य-व्यंग्य 221 Share Suryakant Dwivedi 23 Nov 2022 · 1 min read रथ रुक गया रथ स्वर्णिम रुक गया खींच ली किसने डोर आह! हस्ताक्षर भूला वो, थी अरुणिम भोर हुई मुद्दत, देखा नहीं मन का हमने क्षितिज यूँ लिखे गीत अनगिन भावना के कटु... Hindi · कविता 2 179 Share Suryakant Dwivedi 22 Nov 2022 · 1 min read क्या हार जीत समझूँ क्या हार जीत समझूँ क्या प्राण प्रीत समझूँ स्वप्न तो हैं , स्वप्न यहाँ क्या तान गीत समझूँ।। आशाओं का आशियाना ऋण सज्जित यह तराना ठहरो, अभी गाऊंगा फिर सांसों... Hindi · गीत 227 Share Suryakant Dwivedi 19 Nov 2022 · 1 min read शब्दों के अर्थ शब्द और अर्थ शब्द हैं अर्थ हैं व्यर्थ हैं एक समय शब्द होते थे अर्थ होते थे व्यर्थ कुछ नहीं आज हर शब्द के शब्द हैं हर शब्द के अर्थ... Hindi · कविता 3 246 Share Suryakant Dwivedi 18 Nov 2022 · 1 min read लैपटॉप सी ज़िंदगी उम्मीदों के लैपटॉप पर जब उंगलियां नाचती हैं सामने होती है तहरीर और आँखों में तस्वीर। कौन कहता है, हम नहीं नाचते छोटा सा शब्द हमको भी नचा देता है... Hindi · कविता 179 Share Suryakant Dwivedi 18 Nov 2022 · 1 min read उजालों के घर ऐसा क्यों होता है जब अपने रूठ जाते हैं आँखें रोती हैं और दिल टूट जाते हैं। इतराते हैं शूल यहाँ फूल टूट जाते हैं अपरिमित प्रेम के अग्र स्वार्थ... Hindi · कविता 2 283 Share Suryakant Dwivedi 16 Nov 2022 · 1 min read इतना मत चाहो इतना मत चाहो के प्यार जंजीर बन जाए इतना मत चाहो के प्यार लकीर बन जाए जंजीर बना प्यार तो जकड़ जायेगा लकीर बना प्यार तो अकड़ जायेगा दोनों ही... Hindi · कविता 389 Share Suryakant Dwivedi 16 Nov 2022 · 1 min read इतना मत लिखा करो इतना मत लिखा करो कि आसमान फट जाये.. माना शब्द ब्रह्मांड में रहते हैं मगर तुम्हें क्या..? तुम तो.. राजनीति में हो..! कौन सा तुम्हें तोलते हैं..? जितना स्पेस था... Hindi · कविता 1 276 Share Suryakant Dwivedi 5 Nov 2022 · 1 min read मेरे सपने गीत मेरे सपने, तेरे सपने घर पर ही कुर्बान हुए संतानों ने चढ ली सीढी, सपने तब संधान हुए सोचा क्या, पाया फिर हमने इतनी फुरसत मिली कहां अंगारों पर... Hindi · गीत 3 236 Share Suryakant Dwivedi 30 Oct 2022 · 1 min read गीत गीत टूटी सड़कें, पसरे गड्ढे, अपना सफर तो जारी है आसमान में छेद किया है, दिल अपना त्योहारी है। सुबह सवेरे निकले घर से क्या पूरब कहाँ पश्चिम है दगा... Hindi · गीत 3 4 230 Share Suryakant Dwivedi 22 Sep 2022 · 1 min read षडयंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Hindi · कविता 190 Share Suryakant Dwivedi 16 Sep 2022 · 1 min read बुढापा उंगली पकड़कर चलना बुढ़ापे की लाठी है संस्कारों के हाथों में ही समय की बैसाखी है।। कोलाहल के कंठ में ऋचाएं संचित हैं यह यज्ञ की वेदियां मंडित-खंडित हैं।। अक्षय... Hindi · कविता 1 1 222 Share Suryakant Dwivedi 13 Sep 2022 · 1 min read एक घर था... एक घर था... एक घर था ईंट, मिट्टी गारे का मकान चूल्हा था, लकड़ी थी फूंकनी थी... मां फूंक मारकर लकड़ी जलाती आंसू टपकाती खांसी उठती...धौं धौं करती फिर जुट... Hindi · कविता 1 206 Share Suryakant Dwivedi 10 Sep 2022 · 3 min read पितृ पक्ष की शुभकामनाएं व्यंग्य पितृ पक्ष की शुभकामनाएं..!! बड़े अच्छे थे भाईसाहब। चले गए। अच्छा हुआ। यहां रहते तो क्या करते। कल तक क्या किया जो अब कर लेते। हम भी क्या करते... Hindi · हास्य-व्यंग्य 455 Share Suryakant Dwivedi 7 Sep 2022 · 1 min read पिता की दुनिया *पिता की दुनिया* नंगे सूखे पेड़ से हरियाली की बातें अच्छी नहीं लगतीं मुझे इस दौर की बातें अच्छी नहीं लगतीं। इस छोटी दुनिया में कई अपनी दुनिया हैं सोता... Hindi · कविता 126 Share Previous Page 3 Next