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याचना
याचना
Suryakant Dwivedi
#दोहे
#दोहे
Suryakant Dwivedi
#कहमुकरी
#कहमुकरी
Suryakant Dwivedi
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
जीवन है बस आँखों की पूँजी
जीवन है बस आँखों की पूँजी
Suryakant Dwivedi
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
इंसान को इंसान ही रहने दो
इंसान को इंसान ही रहने दो
Suryakant Dwivedi
पंख कटे पांखी
पंख कटे पांखी
Suryakant Dwivedi
बदरी..!
बदरी..!
Suryakant Dwivedi
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
Suryakant Dwivedi
जीवन और महाभारत
जीवन और महाभारत
Suryakant Dwivedi
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
एक दोहा दो रूप
एक दोहा दो रूप
Suryakant Dwivedi
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
जीता जग सारा मैंने
जीता जग सारा मैंने
Suryakant Dwivedi
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
सावन बीत गया
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
हट जा भाल से रेखा
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
क्यों हवाओं को दोष देते हो
क्यों हवाओं को दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
प्यार और पंछी
प्यार और पंछी
Suryakant Dwivedi
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
आने घर से हार गया
आने घर से हार गया
Suryakant Dwivedi
नगमे अपने गाया कर
नगमे अपने गाया कर
Suryakant Dwivedi
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
Suryakant Dwivedi
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