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Language: Hindi
252 posts
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ग़ज़ल- जल रही है नारियां पद्मावती के भेष में..
ग़ज़ल- जल रही है नारियां पद्मावती के भेष में..
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- दागदा दामन था जिसका, आज वो मशहूर है
ग़ज़ल- दागदा दामन था जिसका, आज वो मशहूर है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गजल- आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो..
गजल- आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो..
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गजल - न छोड़े साथ जीवन भर वो जीवन संगनी हो तुम
गजल - न छोड़े साथ जीवन भर वो जीवन संगनी हो तुम
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा...
ग़ज़ल- इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- तस्वीर तुम्हारी में, इक़ हूर नज़र आये
ग़ज़ल- तस्वीर तुम्हारी में, इक़ हूर नज़र आये
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी.....
ग़ज़ल- महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी.....
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है...
ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल - न मस्जिदों में खुदा शिव नहीं शिवालों में
ग़ज़ल - न मस्जिदों में खुदा शिव नहीं शिवालों में
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब
ग़ज़ल- जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम हुई...
ग़ज़ल- वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम हुई...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में
ग़ज़ल- तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- देखकर शोहरत मेरी क़ातिल जमाना हो गया
ग़ज़ल- देखकर शोहरत मेरी क़ातिल जमाना हो गया
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
प्रेम के दौहे
प्रेम के दौहे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- मेरी दौलत मेरी शौहरत, रब की ही सौग़ात है
ग़ज़ल:- मेरी दौलत मेरी शौहरत, रब की ही सौग़ात है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- प्यार के दरिया में रहकर प्यार की ही प्यास थी
ग़ज़ल- प्यार के दरिया में रहकर प्यार की ही प्यास थी
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- मुझको यकीं उस पर बहुत, मेरा सनम बस एक है..
ग़ज़ल:- मुझको यकीं उस पर बहुत, मेरा सनम बस एक है..
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- हुआ मददा बहुत व्यापार साहब।
ग़ज़ल- हुआ मददा बहुत व्यापार साहब।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- सदे अल्फ़ाज़ जब बह्रों में सज श्रृंगार करते हैं...
ग़ज़ल:- सदे अल्फ़ाज़ जब बह्रों में सज श्रृंगार करते हैं...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गज़ल- जब तलक शम्अ ये दिल में जलती रहे
गज़ल- जब तलक शम्अ ये दिल में जलती रहे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- रेत पे खींची हुई लक़ीर नही हूँ
ग़ज़ल:- रेत पे खींची हुई लक़ीर नही हूँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:-अश्क़ पी कर रह गये तुमने बहाए क्यों नहीं
ग़ज़ल:-अश्क़ पी कर रह गये तुमने बहाए क्यों नहीं
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- इसी मकाँ में कभी आशियाँ हमारा था
ग़ज़ल:- इसी मकाँ में कभी आशियाँ हमारा था
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- मैं जख़्मों को अपने छिपाता रहा हूँ
ग़ज़ल:- मैं जख़्मों को अपने छिपाता रहा हूँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- मौत से ही साक्षात्कार करके आया हूँ...
ग़ज़ल- मौत से ही साक्षात्कार करके आया हूँ...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गजल- सच कहूँ मशहूर होना चाहता हूँ
गजल- सच कहूँ मशहूर होना चाहता हूँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- वो
ग़ज़ल- वो "गिरगिट सा रंग बदलना" जानते हैं
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- महका है दिल कि गुल खिला गुलशन में जिस तरह
ग़ज़ल- महका है दिल कि गुल खिला गुलशन में जिस तरह
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गीत:- तेरे बिन इक़ पल भी मुश्किल रहना है।
गीत:- तेरे बिन इक़ पल भी मुश्किल रहना है।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
व्यंग्य- सांढ सरीको ढेंक रओ है
व्यंग्य- सांढ सरीको ढेंक रओ है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
व्यंग्य- बुंदेलखंडी बोली में
व्यंग्य- बुंदेलखंडी बोली में
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- छलते हो बारबार, मुझे यार बनके तुम
ग़ज़ल:- छलते हो बारबार, मुझे यार बनके तुम
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- अब की होली में
ग़ज़ल- अब की होली में
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- बेबसी पर मेरी, कुछ तरस खाइए
ग़ज़ल:- बेबसी पर मेरी, कुछ तरस खाइए
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- इंसानियत को छोड़ के शैतान बन गया
ग़ज़ल- इंसानियत को छोड़ के शैतान बन गया
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
आरती - आरती श्री नरहरिया जी की। साईं सरोवर नर्मदा जी की।।
आरती - आरती श्री नरहरिया जी की। साईं सरोवर नर्मदा जी की।।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- दिल में धड़कन सी है, वो बहुत खास है
ग़ज़ल- दिल में धड़कन सी है, वो बहुत खास है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- प्यार होता है क्या, प्यार होता है क्यों
ग़ज़ल- प्यार होता है क्या, प्यार होता है क्यों
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- मोदी जी तुम संघर्ष करो यह देश तुम्हारे साथ है
ग़ज़ल- मोदी जी तुम संघर्ष करो यह देश तुम्हारे साथ है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- वो समझते नहीं, या समझदार हैं
ग़ज़ल:- वो समझते नहीं, या समझदार हैं
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- अपने हाथों की लकीरें, खुद मिटा डाली मैंने
ग़ज़ल:- अपने हाथों की लकीरें, खुद मिटा डाली मैंने
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- यार की यारी लिखूँ, या फ़िर वफादारी लिखूँ
ग़ज़ल- यार की यारी लिखूँ, या फ़िर वफादारी लिखूँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल: ख़ुशबू तेरी बदन में, महकती है आज भी
ग़ज़ल: ख़ुशबू तेरी बदन में, महकती है आज भी
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- दिल मे खुद्दारी रखो, अपनी छवि न्यारी रखो
ग़ज़ल- दिल मे खुद्दारी रखो, अपनी छवि न्यारी रखो
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- थाम कर हाथ राहें दिखाना सनम।
ग़ज़ल- थाम कर हाथ राहें दिखाना सनम।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- मिलेंगे अब जमी अंबर, सितारों की गवाही में
ग़ज़ल- मिलेंगे अब जमी अंबर, सितारों की गवाही में
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- ज़ाम पे ज़ाम पीता रहा आज़तक
ग़ज़ल- ज़ाम पे ज़ाम पीता रहा आज़तक
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल - मिलन के तराने यूँ हम गुनगुना लें
ग़ज़ल - मिलन के तराने यूँ हम गुनगुना लें
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मुक्तक
मुक्तक
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- सादगी से अब नही जी पा रहा है आदमी
ग़ज़ल:- सादगी से अब नही जी पा रहा है आदमी
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
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