सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 17 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Dec 2021 · 1 min read ग्रन्थों का सार है गीता ***ग्रंथों का सार है गीता*** *********************** जीवन का आधार है गीता, पावन जल की धार है गीता। फल की नाहक छोड़ता चिंता, बद ख्याली संहार है गीता। स्वयं का संज्ञान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Dec 2021 · 1 min read राजनीति दोहावली ********* राजनीति दोहावली ******** ********************************* देखो कितना है बुरा, कुर्सी का यह खेल। आपस में ही मर मिटें,हो न किसी से मेल।। मानवता का है पतन,,नहीं किसी का खोप। कुर्सी... Hindi · दोहा 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Dec 2021 · 1 min read खास वजह नही है *** खास वजह नहीं है *** ********************* कोई खास वजह नहीं है, शायद ठीक जगह नहीं है। होता शोर नहीं कभी घर, अब ओर कलह नहीं है। सीना चीर मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Dec 2021 · 1 min read दर पर आया है *** दर पर आया है ** ****************** कोई दर पर आया है, कुछ संदेशा लाया है। पूजा जैसे तुम प्यारे, मन मंदिर जो छाया है। ऑंखों से है वो ओझल,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Dec 2021 · 1 min read याद रखेगा ज़माना याद रखेगा ज़माना (ग़ज़ल) ********************** तुझे याद रखेगा ज़माना, सदा साथ चलेगा ज़माना। सुनो मौन जरा जो बताये, कभी बात सुनेगा ज़माना। रुको मत न कहीं पांव ठहरे, चलो राह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 138 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Dec 2021 · 1 min read अंडा चोर पुलिस ***** अंडा चोर मुलाजिम****** *************************** पुलसिये के हाथ मे था मोटा डंडा, चोरी से जेब मे डाल रहा था अंडा। सोच रहा था वो सबसे नजरअंदाज, चोरी करने उसका अनोखा... Hindi · कविता 416 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Dec 2021 · 1 min read चाहे रावण कोई **चाहे रावण कोई (ग़ज़ल)* *********************** छूने ना पाए दामन कोई, आ जाए चाहे रावण कोई। आंचल अस्मत से सटने ना दे, कितना हो प्यारा भावन कोई। चुनरी सीने से चिपकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Dec 2021 · 1 min read ASI और क्रेटा **ASI की क्रेटा गाड़ी** ******************** ताजा ASI बना छोकरा, दहेज में क्रेटा मांग ली। नोटों का भर दो टोकरा, खुद की कीमत मांग ली। माँ-बापू क्यों पैदल चलें, बेटे श्रवण... Hindi · कविता 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Dec 2021 · 1 min read मनमीत मिले * मनमीत मिले (ग़ज़ल) * ******************** सरदी आई शीत मिले, साजन चाहे मीत मिले। गाओ सुर लय युक्त भरा, मनमोहक सा गीत मिले। कोई भी जन रिक्त न हो, प्रियतम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 160 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Dec 2021 · 1 min read प्रेमगीत *********** प्रेम-गीत ******** *************************** चुभ न पाए तेरे पैरों में शूल जी, चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी। गर्म हवा तेरे तन को ना छू पाए, पीर गम... Hindi · गीत 327 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Dec 2021 · 1 min read पत्नी महारानी ******* पत्नी - महारानी (ग़ज़ल) ******** ****** 1222 1222 1222 1222 ***** *********************************** डरूँ मैं क्यो भला चाहे अगर पत्नी महारानी, लगे वो खूबसूरत सी परी मेरी महारानी। मिले ख़ुश्बू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Dec 2021 · 1 min read अंगूठा छाप सबका बाप *अंगूठा छाप सबका बाप* ********************* राजनीति की देख लो छाप, अंगूठा छाप सबका बाप। तानाशाही हो जब भारी, लोकतंत्र साबित अभिशाप। नौकरशाही - भरष्टाचारी, मोह-माया संग बढ़ता पाप। धन -... Hindi · कविता 328 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Dec 2021 · 1 min read राह नही आसान **राह नहीं आसान** ***************** राह नहीं आसान है, चाह हुई कुरबान है। कार सदा होकर रहा, होनी बड़ी बलवान है। बाट न कोई पूछता, दूर बहुत भगवान है। दे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 373 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Dec 2021 · 1 min read चाह और राह ******** चाह और राह (दोहे) ******** ********************************* 1 प्रेम - प्रीत की चाह में,भूल गया है राह। संध्या बीती दिन गया,निकली मुँह से आह।। 2 मोह - लोभ मन में... Hindi · दोहा 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Dec 2021 · 1 min read संध्या की गोद में ** संध्या की गोद में (ग़ज़ल) ** ************************* संध्या की गोद में धूप समाई है, दिन बीता जा रहा बात बताई है। पंछी भी नीड़ में लौट रहे हैं अब,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 344 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Dec 2021 · 1 min read संध्या चली आई ***संध्या चली आई (गीत)*** ************************ धीरे - धीरे संध्या चली आई, सूर्यास्त पर किरणों को विदाई। सूरजमुखी सा सुनहरी सवेरा, मिट जाता रात का अंधियारा, दिन की शुरुआत होने है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Dec 2021 · 1 min read संध्या गीत ****** संध्या-गीत ****** ********************** संध्या शोभित सी है आई, खुशी के पल पुलकित लाई। आ जाओ दिल की तुम रानी, याद करूँ दिल से दीवानी, शाम सुहानी कब से आई।... Hindi · गीत 2 608 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Dec 2021 · 1 min read खास लोग *खास लोग (ग़ज़ल)* ****************** कुछ लोग होते खास हैं, हो दूर फिर भी पास हैं। वो रोज आते याद हैं, पुरजोर बुझती प्यास है। बन बैठ बैठे बार पर, अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Dec 2021 · 1 min read रंग है कैसा **रंग है कैसा (ग़ज़ल)** ******************* ख़िजां का ढंग हैं कैसा। फ़ना . का रंग है कैसा। फूल तो खूब हैं खिलते, फ़िज़ा बदरंग है कैसा। हुआ घायल नहीं कोई, छिड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 160 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Dec 2021 · 1 min read गरजता है बरसता नही *गरजता है बरसता नहीं (ग़ज़ल)* ************************** बात दिल की कोई समझता नहीं, जो गरजता है वो बरसता नहीं। पीर उठती सीने सहे कौन भला, टूट कर यूं कोई बिखरता नहीं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Dec 2021 · 1 min read पास मेरे तुम आओ पास मेरे तुम आओ **************** पास मेरे तुम आओ, यूँ पास से मत जाओ। जो भी लेना -देना हो, तनिक मत शरमाओ। ले कर यहाँ बैठें हैं, प्रेम-प्रसाद ले जाओ।... Hindi · कविता 182 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2021 · 1 min read शरारत है कहाँ ****शरारत है कहाँ (ग़ज़ल)*** ************************* चेहरों पर वो नज़ाकत है कहाँ, अब दिलों में वो शरारत है कहाँ। आदमी सारे यहाँ भय से भरे, भेड़ियों से वो हिफाज़त है कहाँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2021 · 1 min read माहिया माहिये **************** 1 सुन प्यार से तू सजनी, होने वाली है, तेरी - मेरी मँगनी। 2 बाँहों में तो आओ, सावन आ टपका, प्रेम झूले झुलाओ। 3 सपनों की रानी... Hindi · कविता 312 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2021 · 1 min read मत खोना **मत खोना (ग़ज़ल)** ****************** होश में जोश मत खोना, ज्ञान हो पास मत खोना। दोस्त जैसा नहीं रिश्ता, यार है खास मत खोना। नाम झूठा नहीं है टिकता, प्यार का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2021 · 1 min read पहली मुलाकात ****** पहली मुलाकात ****** ************************** पहली मुलाकात सा नजारा नहीं, बनता सुहाना जाल दुबारा नहीं। बनती हुई बात भी बिगड़ती रहे, आता समझ किँतु वो इशारा नही। बढ़ती रहे धड़कने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Nov 2021 · 1 min read कितना बदल गया इंसान **बदल गया इंसान(ग़ज़ल)** ************************ कितना बदल गया इंसान हैं, सबकुछ समझ बना अंजान है। छोटे - बड़े सभी सम भार है, उत्तम हुआ यही तो ज्ञान है। स्वार्थी हुई दुनियादारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Nov 2021 · 1 min read हम बिलखते रहे ***हम बिलखते रहे (गजल)*** ************************* रौब में हम पर वो गरजते रहे, प्रेम में उन पर हम बरसते रहे। मात देकर झट वो हमें चल दिए, चाह में उनकी हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 468 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Nov 2021 · 1 min read लौट आओ ****** लौट आओ ******* *********************** लौट आओ सनम तुम हो कहाँ, साथ तेरे बिना मैं जाऊं कहाँ। ढूंढ लिया पिया हमने जहां, यार दिखता नही देखूं कहाँ। देख हारे तुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Nov 2021 · 1 min read रुखसार ** गुलाबी रंग रुखसार का (ग़ज़ल) ** ***** 122 212 212 221 2 ***** ******************************* गुलाबी रंग रुखसार का कातिल बहुत, रिझाना चाँद सी नार का कातिल बहुत। कभी तूफान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Nov 2021 · 1 min read रोकिये रे मित्र रोकिये रै मित्र वायरल घटना पर हरियाणवी गीत ************************************* जीजे गेल्याँ गया साला झूले लैण मेले में, झूल्यां कै रंग खूब रंगीले मजे लैण मेले में। रै झूला रोक लै... Hindi · गीत 292 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Nov 2021 · 1 min read जला हर मोड़ पर *जला हर मोड़ पर (ग़ज़ल)* *********************** मिली है जफ़ा हर मोड़ पर, यही है गिला हर मोड़ पर। खड़ी भीड़ वहाँ थी देखती, चला सिलसिला हर मोड़ पर। गया छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Nov 2021 · 1 min read प्यार मिला दो *प्यार मिला दो (ग़ज़ल)* ******************** थोड़ा सा प्यार मिला दो, दिल के भी तार मिला दो। कोई शिक़वा न शिकायत, रिश्तों का सार मिला दो। मिल जाए तीर किनारा, प्यारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 175 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Nov 2021 · 1 min read शीतल रक्त खोलता नही ** शीतल रक्त खोलता नहीं ** *********************** कब से सोया है जागता नहीं, अपनों को पहचानता नहीं। माया में फंसा हुआ अंधा, दौलत बिन कुछ जानता नहीं। नफरत से पूरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Nov 2021 · 1 min read कैसे करूँ मैं शुक्रिया ****** कैसे करूँ मैं शुक्रिया (ग़ज़ल) ******* ************************************* जब से लगी सावन झड़ी बहता नयन में नीर है, आई नहीं मिलन घड़ी मन में उठी जब से पीर है। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 177 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2021 · 1 min read संविधान पर्व *** संविधान-पर्व (चौपाई) *** ************************ संविधान से अधिकार मिले, जन-गण को मान-सम्मान मिले। बाबा साहब लाख नमन है, खुशियों का खिलाया चमन है। जीवन का अधिकार दिलाया, कर्तव्य भी निभाना... Hindi · कविता 403 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2021 · 1 min read सूरज होने को अस्त है सूरज होने को अस्त है(गीत) ********************* सूरज होने को अस्त है, आप तो अभी भी व्यस्त हैं। प्रभात से शाम भी हो चली, टालमटोल तेरी ना टली, कोशिश सारी ही... Hindi · गीत 272 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2021 · 1 min read प्रेम-बरसात ****** प्रेम-बरसात ******* ************************ यही तो है आपकी सौगात, शूक्रिया की जो दिल की बात। मुख देख कर नहीं होती बात, चेहरे तो देते हैं सदा ही मात। जज़्बात बताएं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 393 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Nov 2021 · 1 min read कामद कंचन काया *** कामद कंचन काया*** ********************** कामुक कामद कंचन काया, सुंदर सलिला साहिल साया। मंजुल मोहक मोहिनी मूरत, सुखद स्वप्न संजोती सूरत। अर्ध अधर अधरस अपनाता, निर्मल निश्चल निर्झर नाता। किंचित... Hindi · कविता 600 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Nov 2021 · 1 min read जीना मुश्किल है *जीना मुश्किल है (ग़ज़ल)* ********************** जीना हिज्र में मुश्किल है, पीना जहर भी मुश्किल है। अब खूब घटनाएं घटती, रहना शहर में मुश्किल है। आंधी चली है जोरों पर, पंछी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2021 · 1 min read दो चार करने की ***दो चार करने की (ग़ज़ल) *** ************************** दे दो मंजूरी प्यार करने की, तुम से आँखे दो चार करने की। अड़ जाती हैं नावें कदम भरते, सोचो सागर से पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 454 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2021 · 1 min read जिंदगी है लापता ** जिंदगी है लापता (ग़ज़ल) ** ************************* जिंदगी यारो सुना है ला'पता, ना पता तेरा न ही खुद का पता। मंजिलें भी अब नजऱ से दूर हैं। ढूंढते हारे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2021 · 1 min read रहने दो ****रहने दो (ग़ज़ल)***** ********************** मुरझाई मुस्कान रहने दो, फीका है पकवान रहने दो। दिल के सौदे तो महंगे है, सस्ता ही सम्मान रहने दो। सबकी ही होती अलग राहें, अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2021 · 1 min read अच्छा नहीं लगता ***अच्छा नहीं लगता (सजल)*** *************************** सजना - संवरना अच्छा नहीं लगता, मौसम मस्ताना अच्छा नहीं लगता। देखा दिलबर जब से गैर बाँहों में साजन दीवाना अच्छा नही लगता। बिखरे अरमानो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2021 · 1 min read रेत का ढेर स्वप्न एक रेत का टीला ******************** स्वप्न की आयु रेत के टीले सी होती है दूर से जितना सुंदर दिखते हैं जरा सा भी पास आने पर तनिक सा हाथ... Hindi · कविता 478 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Nov 2021 · 1 min read बहन बेटी *** बहन - बेटी (सजल) *** ************************ बहन -बेटी होती सबकी सांझी, उड़ा देती उनको पल में आंधी। नजरबंदी में रहती आजीवन, नजर ना आता है उनका मांझी। पिता -... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 335 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Nov 2021 · 1 min read तारीफ़ करूँ क्या हुस्न की ***** तारीफ़ करूँ क्या हुस्न की (गीत) **** ************************************ तारीफ करूँ क्या हुस्न की कोई हिसाब नहीं, भोले - भाले चेहरे का कोई जवाब नहीं। सुनकर दो शब्द प्रेम के... Hindi · गीत 308 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Nov 2021 · 1 min read बहन भाई की जोड़ी **** बहन भाई की जोड़ी **** ************************* बहन-भाई दोनों की हो जोड़ी, निलय को पूर्ण करती हो जोड़ी। बहन बिन भाई है खोया-खोया, कलाई सूनी भरती हो जोड़ी। बिना भाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 269 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Nov 2021 · 1 min read बस्ती बिखर गई ***बस्ती बिखर गई(ग़ज़ल)*** ************************* बसी बसाई बस्ती बिखर गई, बनी बनाई बातें बिसर गई। पता चली ज्यों ही आम सादगी, मिरी यही आदत है अखर गई। कभी नहीं आई आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2021 · 1 min read रुको तो सही *** रुको तो सही (ग़ज़ल) *** ************************ आ गए हैं हम रुको तो सही, जिंदगी है कम रुको तो सही। थक गए हैं आपको ढूंढते, अब रहा ना दम रुको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2021 · 1 min read कुछ हो गया ** कुछ खो गया (सजल)** ********************** 2 1 2 2 - 2 2 1 2 लग रहा ऐसा कुछ खो गया, जो न होना था वो हो गया। पी लिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share Previous Page 17 Next