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Page 16
पानी- पानी ....
पानी- पानी ....
sushil sarna
कब जुड़ता है टूट कर,
कब जुड़ता है टूट कर,
sushil sarna
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
जीवन से ओझल हुए,
जीवन से ओझल हुए,
sushil sarna
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
होली के नटखट दोहे :
होली के नटखट दोहे :
sushil sarna
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
कहते हैं संसार में ,
कहते हैं संसार में ,
sushil sarna
हर कस्बे हर मोड़ पर,
हर कस्बे हर मोड़ पर,
sushil sarna
केवल पंखों से कभी,
केवल पंखों से कभी,
sushil sarna
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
कविता
कविता
sushil sarna
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
गीतिका .....
गीतिका .....
sushil sarna
हमें
हमें
sushil sarna
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
तुन्द हवा .....
तुन्द हवा .....
sushil sarna
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
पापी करता पाप से,
पापी करता पाप से,
sushil sarna
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
***
***
sushil sarna
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
उसे भुलाने के सभी,
उसे भुलाने के सभी,
sushil sarna
सफल सारथी  अश्व की,
सफल सारथी अश्व की,
sushil sarna
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
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