सत्य कुमार प्रेमी Language: Hindi 836 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 17 सत्य कुमार प्रेमी 2 Apr 2021 · 1 min read गज़ल मेरे ख़ाब में जब से, ...आने लगे हैं! मेरे रात दिन ...... मुस्कुराने लगे हैं! मेरी गर्दिशों में,.......न थे आगे पीछे, वही मुझको अपना ....बनाने लगे हैं! कि जिनकी नजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share सत्य कुमार प्रेमी 31 Mar 2021 · 1 min read गज़ल बात वो जो मैं कभी कहता नहीं! प्यार के काबिल हमें समझा नहीँ! हो चुका जर्जर ...गिरे जो टूट कर, ऐसे् घर में कोई् भी ....रहता नहीं! हर को्ई सौदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share सत्य कुमार प्रेमी 30 Mar 2021 · 1 min read साली बिना होली कोई त्योहार हो या प्यार के रंगों की होली हो! ये मन कैसे खुशी होगा अगर दिल खाली खाली हो! अगर ये दूर और वो दूर हों तो क्या गुजरती... Hindi · मुक्तक 1 415 Share सत्य कुमार प्रेमी 30 Mar 2021 · 1 min read होली पर शिकायत लगाते रंग औ ना अंग ये उनकी शिकायत है! गले मिलना लगाना रंग होली की रिवायत है! मेरी मजबूरियां समझो मेरा मन भी मचलता है! कि रखना दूरियां दोगज की... Hindi · मुक्तक 406 Share सत्य कुमार प्रेमी 29 Mar 2021 · 1 min read होली जमाने भर मे्ं सबकी ये जुबां कैंची सी् चलती है! अगर बैठी हो् बीबी सामने इक भी न चलती है! नहीं डरते है्ं जो बंदूक की गोली व तोपों से,... Hindi · मुक्तक 205 Share सत्य कुमार प्रेमी 29 Mar 2021 · 1 min read होली खेलिए प्यार से होली, जरा मच मच नहीं करना! अगर मिल जाए वो तुमको, तो उनको टच नहीं करना! तुम्हारी आंखों से निकलें, कुछ ऐसे तीर रंगों के! दिखें दो... Hindi · मुक्तक 212 Share सत्य कुमार प्रेमी 24 Mar 2021 · 1 min read गज़ल 22....22....22...2(211) मेरे सम्मुख आयेगा! कैसे आंख मिलाएगा! तेरे साथी साथ नहीं, तू कैसे टिक पाएगा! होली का मौसम आया, सारा जग बौराएगा! ऋतु बासंती आई है, तू भी अब खिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share सत्य कुमार प्रेमी 23 Mar 2021 · 1 min read 23 मार्च, बलिदान दिवस पर श्रृद्धा सुमन देश के वीर सपूतों, राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को समर्पित! तीन पंक्षी उड़े तो ...चमन रो पड़ा! वो खुशी थे मगर ये गगन रो पड़ा! हॅंसते् हॅंसते लुटाई थी्... Hindi · मुक्तक 1 535 Share सत्य कुमार प्रेमी 20 Mar 2021 · 1 min read बसंती दोहे खुशियों की शुरुआत है, हुआ गमों का अन्त। बाग, खेत खलिहान में, दिखने लगा बसंत। हरित वस्त्र धारण किये, विटप किए सिंगार! भौरे गुंजन कर रहे, गाते राग मल्हार! कोयल... Hindi · दोहा 2 910 Share सत्य कुमार प्रेमी 19 Mar 2021 · 1 min read गज़ल ये दुनियाँ है जैसे कि ....सपना कोई! है नहीं कोई अपना पराया ....कोई! सबके सब कर रहे झूठे ....वादे यहाँ, आके जाते हैं सब,जाके आया कोई! भूख है तो है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 238 Share सत्य कुमार प्रेमी 19 Mar 2021 · 1 min read गज़ल नहीं कोई गिला उससे, जो गिरता है फिसलता है! वही होता सफल यारो, जो गिर कर भी संभलता है! कभी भी हार कर थक कर, न बैठो छोड़ कर मंजिल,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share सत्य कुमार प्रेमी 19 Mar 2021 · 1 min read याद उनको करेगा सदा ये वतन गणतंत्र दिवस पर शहीदों को समर्पित ***************************** याद उनको करेगा सदा ये वतन, जो फिदा हो गये हैं वतन के लिए। देश हित अपने घर और परिवार से, अलविदा कह... Hindi · गीत 206 Share सत्य कुमार प्रेमी 19 Mar 2021 · 1 min read गज़ल 1222.............122 मिरा कहना ....हुआ है! वही घट भी ....गया है! नहीं जो ......मानता है, वही मिट भी ...रहा है! कि पानी आंख का भी, तिरे मर सा .....गया है! न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 498 Share सत्य कुमार प्रेमी 18 Mar 2021 · 1 min read गज़ल जिसको् देखे इक जमाना हो गया! दिल उसी का फिर दिवाना हो गया! वो मिले क्या नैन फिर से मिल गये, आशिकी का इक बहाना हो गया! एक अरसे से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 268 Share सत्य कुमार प्रेमी 18 Mar 2021 · 1 min read माँ दुर्गा (नवरात्रि) माता दुर्गा दे तुम्हें खुशियों के बरदान। स्वस्थ सुखी दीर्घायु हो बढ़े खूब यशगान। बढ़े खूब यशगान दिखे चहुँ दिश खुशियाली। हर दिन ही हो जाये दशहरा और दिवाली। कह... Hindi · कुण्डलिया 1 1 411 Share सत्य कुमार प्रेमी 18 Mar 2021 · 1 min read चंचल मन मन पर किसका जोर है, मन चंचल नादान। मन पर काबू कीजिए, मन की कभी न मान। मन की कभी न मान, नहीं तो फंस जाओगे। दिल-दिमाग के बिना, मूढ़... Hindi · कुण्डलिया 1 1 270 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक दुखों को दूर करने को जहां मंदिर मे जाता है! अगर हो देश पर संकट तो सैनिक सिर कटाता है! कि माता मुस्कुराये बस यही है फलसफा उनका, शिकन हो... Hindi · मुक्तक 1 1 297 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read ऊब जब भी दुनियाँ से् ऊब जाता हूँ। तेरी आँखों में ......डूब जाता हूँ। भूलकर दर्द जिन्दगी के सनम, खुल के हँसता हूँ मुस्कुराता हूँ। ..... ✍ सत्य कुमार 'प्रेमी' Hindi · मुक्तक 1 492 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read प्यार भरा त्योहार चाकलेट, रोज, प्रपोज या, कोई डे हो यार! सबका मतलब एक है, बस आपस में प्यार! एक नहीं दो दिन नहीं, चले वर्ष भर रोज़, शुरू करो ऐसा कोई, प्यार... Hindi · मुक्तक 509 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read महिला दिवस पर- एक बात सभी मर्दों से एक बात है कहना! खुद की मुस्कान से ज्यादा रोज, उनकी मुस्कान का ध्यान रखना! क्योंकि जब घर की महिला मुस्कुरायेगी, आपके चेहरे पर खुद ब खुद... Hindi · कविता 469 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read वैलेंटाइन डे वैलेंटाइन दिवस पर, तुम्हें मुबारकबाद। मीठी मीठी याद है, हरदम रखिए याद। हरदम रखिए याद, कटें हँसते दिन रातें। पचपन के भी होके, करो बीस की बातें। कह प्रेमी कवि... Hindi · कुण्डलिया 249 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read गज़ल चल रहे हैं कटीली् राहों में! डालकर बांह उनकी् बाहों में! मैं भी् रहता हूँ उसकी् आंखों मे, वो भी् रहता मेरी निगाहों में! जिसकी् खातिर गुनाह करता हूँ, वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read बसंत गीत लो आया है फिर से बसंत। खुशियाँ होंगी फिर से अनंत। फिर रंगों की होली होगी, फिर बादल लाल लाल होंगे। फिर 'धनियां' खुशी मनायेगी, फिर से गांवों मे्ं फाग... Hindi · गीत 356 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक ख्वाहिश है तुम्हारे् पास रहें! न पास हों तो् आसपास रहें! जिंदगी में कुछ मिले न मिले, आप ही् मेरे् सबसे् खास रहे! ...... ✍ सत्य कुमार 'प्रेमी' Hindi · मुक्तक 1 2 523 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read गज़ल बुझे ना जो कभी वो तिश्नगी का! जमाना था हमारी आशिकी का! दिया जलता रहा चाहत का् यारो, चलन सीखा ये् मैंने ...बंदगी का! मुझे पीछे से् खंजर मार कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 321 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 Mar 2021 · 1 min read गज़ल आ गया है चांद छत पर प्यार कर! खोल खिड़की चांद का दीदार कर! छा रही है ....श्रृतु बसंती हर तरफ, देर मत कर प्यार का इज़हार कर! हर तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 255 Share सत्य कुमार प्रेमी 15 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक 1. तनहाइयों का् मेरी, जिस दिन भी् अंत होगा! उस दिन हि मेरे् दिल का, पतझड़ भि बंद होगा! जीवन मे्ं मेरे् आयें, कितने बसंत सुन लो, जिस दिन को्... Hindi · मुक्तक 2 306 Share सत्य कुमार प्रेमी 15 Mar 2021 · 1 min read गज़ल गज़ल 2122....2122.....2122.....212 गर्दिशों में साथ मेरे, मेरा् साया भी नहीं! दर्दे दिल सुनने सुनाने, कोई् आया भी नहीं! जो सभी को हैं खिलाते, भूखे प्यासे मर रहे, कौन जाने कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share सत्य कुमार प्रेमी 15 Mar 2021 · 1 min read गज़ल मंदिरों में खोजते जो, आज भी भगवान को! प्यार कर पाये न वो, भगवान के इंसान को! जो हमारा पेट भरता औ बचाता है सदा! अन्नदाता औ जवानों के रखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share सत्य कुमार प्रेमी 15 Mar 2021 · 1 min read गज़ल आ गई है ऋतु बसंती यार फिर से! कर रही है ये धरा सिंगार फिर से! गुनगुनाते हैं भ्रमर कोयल भि बोले, फूल कहते यार करले प्यार फिर से! पाक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share सत्य कुमार प्रेमी 15 Mar 2021 · 1 min read गज़ल दिल में वो् इस तरह से् समाती चली गई! इक बार आइ याद तो् ...आती चली गई! मैंने किया था् प्यार उसे जिंदगी समझ, वो फिर भी् मेरे् दिल को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share सत्य कुमार प्रेमी 13 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक 1. समझेंगे् दर्द क्या वो, जिसने सहे नहीं हैं! जानेंगे् क्या गरीबी, मुफलिस रहे नहीं हैं! जो छोड़कर मेरा घर, अब दूर जा चुके हैं! वो हैं हमारे् अपने, दिल... Hindi · मुक्तक 271 Share सत्य कुमार प्रेमी 13 Mar 2021 · 1 min read गज़ल गज़ल समझेंगे् दर्द क्या वो जिसने सहे नहीं हैं! जाने वो् क्या गरीबी मुफलिस रहे नहीं हैं! बरसात में टपकता पानी है् जब छतों से, घर में रहें य बाहर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share सत्य कुमार प्रेमी 13 Mar 2021 · 1 min read जिंदगी नज़्म वक्त के हैं ये्,.......चारो पहर जिंदगी! जी सको तो जिओ, वक्त पर जिंदगी! वक्त के बन के् पाबंद, संग संग चलो! खूबसूरत है शामो-शहर,......जिंदगी! जिंदगी ये दुबारा न .......मिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share सत्य कुमार प्रेमी 13 Mar 2021 · 1 min read नारी महिला दिवस पर सभी महिलाओं को सादर समर्पित! नज़्म कहता है कौन ....विचारी है! खुशियों का नाम हि नारी है! जिसके आगे ...यम भी हारा, वह देवों पर भी ......भारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share सत्य कुमार प्रेमी 13 Mar 2021 · 1 min read गज़ल हॅंसी ख्वाब आंखों मे्ं पलते रहे हैं! उन्हें बारहा सच भि करते रहे हैं! बिना यत्न के जो जमें से पड़े थे, पसीने कि लौ से पिघलते रहे हैं! तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share Previous Page 17