Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next Mahender Singh 2 Dec 2017 · 1 min read खरपतवार बोई नहीं जाती/नफरत भी ऐसी ही है !! एक ऐसी टहनी जिसे ! कभी कोई काटता नहीं !! और "आप"ने शुरुआत कर दी है !! . घमण्डी का सिर नीचा ! फिर भी लोग करते है पीछा !!... Hindi · कविता 2 1 484 Share Mahender Singh 2 Dec 2017 · 1 min read जटिल प्रश्न सहज और सरलतम उत्तर !! आज बहुत सारी बातें मुझे खुद से करनी थी ! उनमें से एक बात यह थी ! लोग पूछते है मुझसे कि हम व्रत, उपवास, धार्मिक अनुष्ठान करते है !... Hindi · लेख 1 1 293 Share Mahender Singh 1 Dec 2017 · 2 min read हास्य आलोचनात्मक व्यंग्य "क्या आप सच में BPL हैं" *जनता कहती है* नहीं मान रहे ये पैसे वाले ! वरन् जनता ने तो कब का कह दिया ! घर की दो सूखी रोटी ही भली ! पर हटा लो... Hindi · लेख 1 1 388 Share Mahender Singh 1 Dec 2017 · 1 min read धर्म की कहानियां//निजता की दुश्मन है !!! शराब बे-आबरु करती है ! कौन नहीं जानता ! लेकिन धर्म के पाशों से जमाना ! क्यों हैं ?? अनभिज्ञ !!! . सोम-रस सुरा का पान करने वाले किसी भी... Hindi · लेख 1 1 491 Share Mahender Singh 30 Nov 2017 · 1 min read अंदाज़ सूफीयाना !!! तमन्ना है ! बदल चले विधि विधान ! ताजूब ये हुआ ! गुजर गए बिन व्यवधान ! पनाह उन्हे चाहिए ! जो है गुनहगार ! या कर बैठे है विरोध... Hindi · शेर 1 1 426 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read कहानियां तो बोध जगाती है, ,पर लोग सो जाते है ! बिल्लियां झगड़ती हैं, अक्सर बंदर फैसले कराते है, कथा और कहानियों में ! . पर बिल्ली जैसा समझदार जीव खोजना मुश्किल है ! अपने बच्चे को दस घर दिखा कर,... Hindi · कहानी 2 1 293 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read सदा अध्यात्म की ओर रह अग्रसर ! सुलाने वाले प्रबल हैं ! जगाने वाला सबल है ! जागरण की जरूरत है ! क्षणिक सुख में मत डूब ! . परमसुख परमानंद तेरी जरूरत है ! सचिदानंद तेरा... Hindi · कविता 1 1 202 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read मस्तक तू ! दे दस्तक ! मस्तक तू ! दे दस्तक ! मगर शनै शनै ! . मुझे जान लेने दे ! पहचान बना लेने दे ! मुझे जाग लेने दे ! . जमाना बडा जालिम... Hindi · कविता 1 1 352 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read दोहे जो सम्मोहन तोड़े ! अक्सर अक्षर बिन पढ़े ! पढ़ लेता है ...इंसान..! विवेक रुप तीसरा नेत्र है उनका ज्ञान, उन विद्वानों का क्या करें ! रटे रटाये मंत्र है जिनका ज्ञान ! .... Hindi · दोहा 2 2 727 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read जीवन अपना... जीना चाहता हूँ ! *जीवन अपना.. जीना चाहता हूँ !* . सुबह के सवा पांच बजे है, यही वो समय है मेरे नींद से उठने का प्रजा हूँ सत्ता में नहीं सेवक हूँ मंत्री... Hindi · लेख 1 1 545 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read खेल ऐसे हो जो खर्च रहित हो ! प्रेम और ध्यान बढ़े !! मन चाहता है खेल लें ! आज भी अक्कड़ बक्कड़ बंबई बो गिने गिनाए पूरे सौ ! लेकिन सौ कभी नादानी में पूरे होते थे !..आज नहीं ! आशा पाशा... Hindi · लेख 1 1 205 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read शंका समाधान उम्मीद रखें ! मगर खुद से ! दूसरों से तो ! हमेशा दुख ही मिला है ! . मम्मी जान तुम्हारी हूँ ! पहचान तुम्हारी हूँ ! मगर जान पहचान... Hindi · लेख 1 1 257 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read बोझ पुराना !आदत ढोने की ! छूटे कैसे ??? कलियुग का तो बहाना है, अतीत से मिला जो , बिना आत्मसात् स्वीकार करना है ! . भावनाएं टिकी है जिस पर, झूट न हो जाएं उनकी कही हुई, आप्त... Hindi · लेख 1 1 383 Share Mahender Singh 26 Nov 2017 · 1 min read कौन है राम कौन घनश्याम !!! इत्तेफ़ाक नहीं हकीकत है, ये भेद नहीं खुदा की तरफ से, ये आयोजन है इंसान की ओर से, . चैतन्य की छटनी नर और मादा है, एक आक्रामक है दूजे... Hindi · लेख 1 1 296 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read लोगों का वास्ता ! कौन के हक के लिये लड़े, किन किन से बुरा बने ! मतलब निकलने बाद ! सब एक जैसे हो जाते है ! जब धर्म ने ही !!! रहम न... Hindi · शेर 1 1 351 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read मिजाज आशियाना नजर के खेल में ही नजरें चार होती हैं ! नफरत के खेल में धरती लाल होती है ! . अजीब है इश्क की शुरुआत ! महेंद्र अनजाने को भी... Hindi · शेर 1 1 474 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read समझ बिन सब गुड़-गोबर ! Bad is worse ! सब गुड़-गोबर ! . इतिहास गवाह है ! भूल वही फिर भी दोहराई जाती है ! . गजनी मोहम्मद से सीखना नहीं, 17वें आक्रमण में जिसे... Hindi · लेख 2 1 296 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read शेर अहं को है जवाब ! हस्र तो देखो झूठी शान का, अकड़ बकड़ बम्बई बो, गिने गिनाए पूरे सौ, आन्ना बचा न पास में, . जो बढ़ न पाएं हाथ ममद को, वो खुद को... Hindi · शेर 1 1 235 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read दोहे:-निरीक्षक, "साहेब का अहसास" उम्र अपनी लम्बी हो चली, चाहे गति होय इसी क्षण में, निज व्यवस्था देख चले, कोई शास्त्र नहीं प्रमाण ! . जाको चित भ्रमण करे, लो आतम से जोड, ज्यों... Hindi · दोहा 2 1 352 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read "साहित्य और बदलता परिवेश" रचनाकार स्वयं पाठक हैं ! . उलझन में है जिंदगी, सुलह नहीं हो पाती है, काम का है बोझ बहुत, इसलिए उभर नहीं पाती है, . मैग्गी नूडल का है... Hindi · कविता 1 1 538 Share Mahender Singh 21 Nov 2017 · 1 min read "प्राचीन भारत और वर्तमान" लेख:-"प्राचीन भारत और वर्तमान" श्रेय लेना और हिस्सा बनना, दोनों में एक समानता हैं ! हिस्सा बने बिना, श्रेय संभव नहीं है ! . पर हिस्सा बने बिना, श्रेय लेना... Hindi · लेख 1 1 297 Share Mahender Singh 20 Nov 2017 · 1 min read जरा सा रुके ! और सोंचे ! मालूम नहीं लोगों के मन से कुंठा निकलती नहीं है ! माँ खुद गीले में रहकर, बच्चे को सूखे में सुलाती है ! . पता नहीं ये समाज ! अपनों... Hindi · शेर 1 1 327 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read कविता हास्य व्यंग्य भी ! हास्य व्यंग्य :- . आजकल चिल,थ्रील,सस्पैंस का जमाना है, इसलिए मिर्च-मसालों का ज्यादा प्रयोग होता है, जिसे भी देखिये, या तो, खाने में लगा है, या लगाने में, . अब... Hindi · कविता 1 1 857 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read हास्य:-बात माननी पड़ी ! हास्य:-बात माननी पड़ी ! . बात गहरी है, पर कुछ भी नहीं, . रात औरत कह रही थी, मिर्च तेज है, रात खाना, उसने नहीं, मैंने बनाया था, . सुबह... Hindi · कविता 1 1 535 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read हास्य:-हर रोज़ की है कहानी ! काम की तलाश थी, बहुत जल्दी थी, . जल्दी पहुँचना था, मैं तो नहीं पहुंच पाया, कोई और पहुंच गया, हररोज़ की कहानियां है, नहीं है ! कोई सुधार की... Hindi · कहानी 2 1 518 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read शेर:-नहीं है मेरे पास ! नहीं है मेरे पास, कुछ भी दिखावे को, जो है वो सबके पास है, क्या करें गुमान उस पर, आया एक हवा का झोंका, सब कुछ बिखर गया, . संजोना... Hindi · शेर 1 1 659 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read शेर:- धर्म और आस्था, धर्म की कहानियां, असंतुष्ट लोगों ने लिखी हैं, संतुष्ट लोग तो, इसमें रोजगार खोजने में लगे है, . धर्म का मार्ग तो, खुद ही आस्था पर टिका हैं, लोग एक... Hindi · शेर 1 1 418 Share Mahender Singh 18 Nov 2017 · 1 min read अंदाज़ शायराना ! जैसा सम्मान हम खुद को देते है ! ठीक वैसा ही बाहर प्रतीत होता है ! जस् हमें खुद से प्रेम है ! तस् बाहर पर से नफरत ??? .... Hindi · कविता 1 1 260 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read इंसानियत से इंसान पैदा होते है ! एक बूंद हूँ ! बरसात की ! मोती बनना मेरी फिदरत ! गर मिल जाए, किसी सीपी का मुख खुला ! मनका भी हूँ... धागा भी ! गर मिल जाए... Hindi · कविता 1 1 414 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read बोध कैसे जगे ! मैं बोलता हूँ....! लोग भड़क जाते हे ! शताब्दियों से सोए है ! जागरण का नाम नहीं ! पाखंड है मृत कपि-ललाट, विश्वास नहीं होता, पकड़े हो खुद से ..!... Hindi · लेख 1 1 529 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read महेन्द्र सिंह कभी नहीं लिखता ! मैं लिखता हूँ ...! पर मैं कभी नहीं लिखता ! जो तोड़ते है, वे जोड़ते नहीं ! ढाँप ली गई आँखें, निष्पक्षता का धोतक है ! लोग धोखे में है... Hindi · लेख 1 1 459 Share Mahender Singh 14 Nov 2017 · 1 min read मेरी कामना प्रार्थना है, मेरी निज जीवन के बारे में, मेरी अपनी कामना, कुछ इस प्रकार कि है:- बेहतर होती जिंदगी, गर जीवन में, सिर्फ देना ही देना होता, और देता ही रहता, उलझ... Hindi · कविता 1 1 457 Share Mahender Singh 14 Nov 2017 · 1 min read शेर की तरह/पर शेर नहीं, *शरहदें दो मुल्क की पहचान, शर्त दो यारों की, दो भाईयों की पहचान, आंगन में दीवार, प्रेम-प्यार दो दिलों का है मिलन है, दो जिस्म एक जान, लाख पहरे हो,... Hindi · शेर 1 1 314 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read हम समझना नहीं चाहते, *आंकड़ों पर आधारित है जिंदगी, हिसाब जीवन का नाम नहीं, गर जीवन-लीला है, जिंदगी पटरी का नाम नहीं, गर रीति-रिवाज है,परम्परा है जीवन, आपसी कलह को जगह नहीं, उलझाया गया... Hindi · कविता 1 1 445 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read आज गीदड़ भी शेर है, *भिगा हुआ हु पर लिप्त नहीं, किंतु "प्रेस के कोट" वाले दूर रहे ! शायद क्रीज खतरे में हो, गंदा तो पहले से ही बहुत है, . इतिहास को देखकर... Hindi · शेर 1 1 665 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read हम कुछ कहना चाहते पर कह नहीं पाते, *हम कुछ कहना चाहते है, पर खुद से कुछ कह नहीं पाते, किसी की आड़ में कहते है, . जिन्हें हम आप्त वचन कहते है, किसी के वचन,किसी की तस्वीर,... Hindi · लेख 1 1 546 Share Mahender Singh 12 Nov 2017 · 1 min read वार्ता मेरे अनपढ़ कम्पाउंंडर के साथ* *कायर हु पर वीर हु साहेब शंभू ठाकुर नाम से क्या होत है साहेब नाम है बर्फ बहुत ठण्डी होती है जला देती है नाम है बर्फी नाम से मुख... Hindi · लेख 1 1 310 Share Mahender Singh 12 Nov 2017 · 1 min read *तलाश है जिनको* वे दोहन करें, ***तलाश है जिनको, वे दोहन करें, जिनको कछु गयो भुलाय, अपना तो तन-मन आतम है साथ में, फिर कौन भेद ! महेंद्र रेल में है या फिर जेल में...! .... Hindi · दोहा 1 1 282 Share Mahender Singh 11 Nov 2017 · 1 min read शेर..यथार्थ का बोध* ***स्वीकार किया है हमने, उसका नाम ताकि थोप सके, अपनी बुराई उसके नाम, खुद जिम्मेदारी लेने में बड़े झंझट है, . चिंतन है मानव की एकमात्र पहचान, बुढ़ापा नहीं कोई... Hindi · शेर 1 1 458 Share Mahender Singh 11 Nov 2017 · 1 min read स्वधर्म;-निजता की पहचान* *कौन कहता है नालायक हैं ये सब, मगर किसी ने लायक भी तो नहीं कहा ! असमंजस में हूँ लोगों ने कहा ! कब नहीं थे असमंजस में ? भावनाएं... Hindi · कविता 1 1 448 Share Mahender Singh 10 Nov 2017 · 1 min read *समाज और अस्तित्व का मूल है बेटी ! *किसी युगल को सिर्फ बेटियां पैदा हो रही हो अगर, अकेले औरत नहीं है.. जिम्मेदार ! जाने कब होंगे ..लोग समझदार ? शादी से पहले ही पढ़ लेना ये पाठ... Hindi · कविता 1 1 562 Share Mahender Singh 10 Nov 2017 · 1 min read रचना का उद्देश्य:-*आत्म-जागृति* *सोचा कुछ विषय दोहन करें, इस तन मन धन पर विचार करें, बहस करें विवेक जगे, विषय हो धर्म वा राजनीति, भाषा-संभाषा करने को, उपयुक्त उत्तर नहीं बचा हो पास... Hindi · कविता 1 2 1k Share Mahender Singh 9 Nov 2017 · 1 min read कैसे जगे सामर्थ्यता ! नफरत है हर मन में, हर तन बेचैन है, गर खोज नहीं पाए हम, इस बेचैनी की वजह, बंद नहीं होने वाले आपसी कलह, कौन है जिम्मेदार ? कैसे मिटे... Hindi · लेख 1 1 549 Share Mahender Singh 9 Nov 2017 · 1 min read हस्ताक्षर सरकारी और गैर-सरकारी* *अपने हस्ताक्षर कर करके देखता हु मिल न सका इनको स्थान, सरकारी खजाने की हिस्सेदारी में, कर करके देखता हु कोई मना न कर दें इनको, तुम्हारे नहीं है भाई,अपनी... Hindi · लेख 2 1 473 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read शेर जो दे *आपके तंत्र को नया आयाम* **पत्थरों के खोजी, उंगलियों में नीलम पहनते हैं, सुना है हर किसी को, माफिक नहीं आते, फैले है लाखों तौर-तरीके, उस एक ईश की खोज में, कोई इस विधि चढ़ा,... Hindi · शेर 1 1 440 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read वंदेमातरम् !!! माँ भारती तुझे सलाम !!! **वो कौन है ? जिसका हर रुख एक संदेश है ! और संतान का हर रुप पसंद है ! कोई माँ नहीं चाहती ! कोख उजड़े ! उसकी उसके सामने... Hindi · कविता 1 1 500 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read अध्यात्म एक अनुभूति, आयोजन से दूर, *गुफ्तगू थी तेरे मेरे बीच में, जमाना समझने लगा ! क्या खाक समझा ? जो बात थी अन्दर के भावों की, उन्हें बाहर परखने लगा, . ताला बंद ही कब... Hindi · शेर 1 1 597 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read *एक झलक प्रेम को सब तरसे ! *घबराहट में यूँ न शर्माना, जमाने की नज़र बड़ी जालिम है, *हर हरकत पर नज़र रखती है, तकरार में थोड़ा ज्यादा, शर्माने की हरकतों पर हर अंदाज़ में गवाही बनती... Hindi · कविता 1 1 374 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read प्रेम प्यार धन किसे मिलता है ! *प्रेम बरसता है, प्रेम झलकता है, प्रेम फैलता है, प्रेम आनंद है, प्रेम एक अहसास है, एक संदेश है, झलक है उसके होने की, प्रेम कभी बँटता नहीं, सबके लिए... Hindi · कविता 1 1 891 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read कुछ शेर *जो अपने हकों की रक्षा करना सिख लेते है, उनका कभी ...पतन नहीं होता, उन्हें कोई गुलाम नहीं बना सकता, . कुछ लोग कमाते इसलिये है ताकि, दूसरों के घरों... Hindi · शेर 1 1 375 Share Previous Page 15 Next