महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Language: Hindi 683 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Mar 2018 · 7 min read 'यशपाल' क्रन्तिकारी बुलेट से साहित्यिक बुलेटिन तक यशपाल मुझे इसलिए पसंद हैं क्योंकि वह एक क्रन्तिकारी भी रहे, जिस पथ पर मृत्यु से कब, कहाँ, कैसे साक्षात्कार हो जाये! कोई नहीं जानता! ..... और तत्पश्चात महान साहित्यिक... Hindi · लेख 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Mar 2018 · 8 min read काल के कपाल पर दर्ज़ रहेंगे बी मोहन नेगी के चित्र हमें बहुत प्यारे लगते हैं / वीर बाँकुरे गढ़वाली / सीमा पर, अपलक जगते हैं / वीर बाँकुरे गढ़वाली / मातृभूमि का चप्पा-चप्पा / इनके शोणित से संचित / इनके... Hindi · लेख 456 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Mar 2018 · 11 min read 31 जुलाई और दो सितारे (प्रेमचन्द, रफ़ी पर विशेष) लेख शुरू करने से पूर्व मैं पाठकों को दो चित्रों से अवगत करना चाहूंगा:— पहला चित्र:— "प्रेमचंद" की शवयात्रा गुज़र रही थी। तब सामने से गुज़रते किसी अपरिचित व्यक्ति ने... Hindi · लेख 1 651 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 14 min read जीवंत दस्तावेज़ है चाँद का ऐतिहासिक फाँसी अंक मालिक तेरी रज़ा रहे, और तू ही तू रहे। बाक़ी न मैं रहूं, न मेरी आरज़ू रहे।। अब न पिछले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़। एक मिट जाने... Hindi · लेख 510 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read बंद दरवाज़ा "चले जाओ, मुझे कुछ भी नहीं कहना है।" दरवाज़ा खोलने वाली स्त्री ने आगंतुकों की भीड़ की ओर देखकर कहा। धड़ाम की ज़ोरदार आवाज़ के साथ द्वार पुनः बंद हो... Hindi · लघु कथा 1 754 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read साया रात के घने अँधेरे में एक हाथ जो द्वार खटकने के उद्देश्य से आगे बढ़ा था। वह भीतर का वार्तालाप सुनकर ज्यों-का-त्यों रुक गया। "चलो अच्छा हुआ कल्लू की माँ,... Hindi · लघु कथा 1 266 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read भिखारी स्टेलर आई टी पार्क के मेन गेट पर जिस वक्त रिक्शा रुका, घड़ी में सुबह के ठीक नौ बज रहे थे। यहाँ पन्द्रह-बीस कम्पनियों के दस हज़ार कर्मचारी लगभग सभी... Hindi · लघु कथा 1 412 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 5 min read गुलाब "... वहीं गन्दे में उगा देता हुआ बुत्ता पहाड़ी से उठे-सर ऐंठकर बोला कुकुरमुत्ता— “अबे, सुन बे, गुलाब, भूल मत जो पायी खुशबु, रंग-ओ-आब, खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट,... Hindi · कहानी 2 1 449 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read आक्रोश कोई मोबाइल पर व्यस्त था तो कोई गप्पों में लीन। कुछ चौधरी टाइप लोग प्रॉपर्टी डीलिंग की बातों में व्यस्त थे तो कुछ वर्तमान राजनीति पर टीका-टिप्पणी करने में मसरूफ़।... Hindi · लघु कथा 420 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read लुत्फ़ "रफ़्ता-रफ़्ता वो मेरे …", "चुपके-चुपके रात-दिन आंसू …", "पिया रे, पिया रे … लागे नहीं म्हारो जिया रे", एक से बढ़कर एक खूबसूरत ग़ज़लें, नज्में, सूफियाना गीत-संगीत के नशे में... Hindi · लघु कथा 1 493 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read जायज़ घटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की है। काफ़ी बहस के बाद कुली सौ रूपये में राज़ी हुआ तो मेरे 'साले' के चेहरे पर हर्ष की लहर दौड़ गई। एक छोटी-सी... Hindi · लघु कथा 1 401 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read दिलचस्प आदमी जून की तपती दोपहरी में बाज़ार की तमाम दुकानें बंद थीं। कुछेक दुकानों के सटर आधे गिरे हुए थे। जिनके भीतर दुकानदार आराम कर रहे थे। एक व्यक्ति प्यासा भटक... Hindi · लघु कथा 1 337 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read नई बात "काश! तुम लोगों ने मुझे इंसान ही रहने दिया होता, भगवान् नहीं समझा होता," प्रभु विन्रम स्वर में बोले। "प्रभु ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या हमसे कुछ अपराध बन... Hindi · लघु कथा 1 499 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read बालक और विद्वान "मृत्यु से अंजान उस नन्हे बालक को देखो अपने दादा के शव के पास कैसे खेल रहा है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं," सन्यासी ने कहा। पृष्ठभूमि पर परिजनों का... Hindi · लघु कथा 2 1 242 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read गोत्र "द्वार खोल राधिका ..." रजनी ने तेजी से दरवाज़ा पिटते हुए कहा। तक़रीबन दो मिनट बाद दरवाज़ा खुला। अपने अस्त-व्यस्त कपड़ों और बालों को ठीक करते हुए, राधिका का प्रेमी... Hindi · लघु कथा 1 379 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read सरहद सरहद पर जैसे ही किसी के आने की सुगबुगाहट हुई। अँधाधुंध गोलियां चल पड़ीं। घुसपैठ करती मानव आकृति कुछ क्षण के लिए तडपी और वहीं गिर पड़ी। "वो मार गिराया... Hindi · लघु कथा 1 618 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read एन० आर० आई० "देख कुलवंत ज़माना बहुत ख़राब है, आजकल एन० आर० आइज़ ने नया ट्रेंड चला रखा है, कई जगह ऐसे केस हो चुके हैं कि यहाँ कि भोली-भाली लड़कियों या विधवा... Hindi · लघु कथा 1 376 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read प्रतिक्रिया टेम्स नदी के तट पर बैठे गोरे आदमी ने काले व्यक्ति से अति गंभीर स्वर में कहा, "काला, ग़ुलामी और शोषित होने का प्रतीक है। जबकि गोरा, आज़ादी और शासकवर्ग... Hindi · लघु कथा 1 504 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read थकान और सुकून "ओहो मैं तंग आ गया हूँ शोर-शराबे से, नाक में दम कर रखा है शैतानों ने।" दफ़्तर से थके-हारे लौटे भगवान दास ने अपने आँगन में खेलते हुए बच्चों के... Hindi · लघु कथा 2 2 255 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read आत्ममंथन "सम्पूर्ण विश्व में मेरा ही वर्चस्व है," भूख ने भयानक स्वर में गर्जना की। "मै कुछ समझी नहीं," प्यास बोली। "मुझसे व्याकुल होकर ही लोग नाना प्रकार के उद्योग करते... Hindi · लघु कथा 1 560 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 4 min read कद्रदान शाम पूरी तरह ढलने को थी ;क्योंकि सब जगह लाइटें जल उठीं थीं। हमेशा की तरह बाज़ार सजा हुआ था। तमाम कोठों भीतर का माहौल अमूमन वही था, जैसा विभाजन... Hindi · लघु कथा 1 613 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Mar 2018 · 1 min read तसव्वुर का नशा तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है दिवाना बिन पिए ही झूमता है // मतला // नहीं मुमकिन मिलन अब दोस्तो से महब्ब्त में बशर तनहा हुआ है // 1. //... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Mar 2018 · 1 min read वीरवर (कारगिल विजय के सुअवसर पर) धन्य हमारी मातृभूमि, धन्य हमारे वीरवर लौट आये कालमुख से, शत्रु की छाती चीरकर बढ़ चले विजयनाद करते, काल को परास्त कर रीढ़ शत्रु का तोड़ आये, वज्र मुश्ठ प्रहार... Hindi · कविता 1 274 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Mar 2018 · 1 min read शिक्षा के दोहे दीवाने-ग़ालिब पढो, महावीर यूँ आप उर्दू-अरबी-फारसी, हिन्दी करे मिलाप // १ .// शिक्षा-दीक्षा ताक पर, रखता रोज़ गरीब बचपन बेगारी करे, फूटे हाय नसीब // २. // पीढ़ी-दर -पीढ़ी गई,... Hindi · दोहा 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 3 min read १५ क्षणिकाएँ (१.) तार ———– आत्मा एक तार है जोड़ रखा है जिसने जीवन को मृत्यु से और मृत्यु को जोड़ा है … पुन: नवसृजन से …. (२.) क्रांति ————- परत-दर-परत खुल... Hindi · कविता 1 592 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 1 min read महंगाई के दोहे महंगाई डायन डसे, निर्धन को दिन-रात धनवानों की प्रियतमा, पल-पल करती घात //१// महंगाई के राग से, बिगड़ गए सुरताल सिर पर चढ़कर नाचती, बिल्कुल गले न दाल //२// महंगी... Hindi · दोहा 4 4 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 2 min read कविनामी दोहे सब कहें उत्तरांचली, ‘महावीर’ है नाम करूँ साहित्य साधना, है मेरा यह काम //१. // ‘महावीर’ बुझती नहीं, अंतरघट तक प्यास मृगतृष्णा मिटती नहीं, मनवा बड़ा हतास //२. // करवट... Hindi · दोहा 446 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 1 min read पर्यावरण के दोहे छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात स्वच्छ रहे पर्यावरण, सुबह-शाम, दिन-रात // १ // कूके कोकिल बाग में, नाचे सम्मुख मोर मनोहरी पर्यावरण, आज बना चितचोर // २ // खूब... Hindi · दोहा 3 1 928 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 1 min read प्रदूषण के दोहे शुद्ध नहीं आबो-हवा, दूषित है आकाश सभ्य आदमी कर रहे, सृष्टि का सर्वनाश //१// ओजोन परत गल रही, प्रगति बनी अभिशाप वक़्त अभी है चेतिए, पछ्ताएंगे आप //२// अंत निकट... Hindi · दोहा 1 2k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 1 min read कृष्ण नामी दोहे गीता मै श्री कृष्ण ने, कही बात गंभीर औरों से दुनिया लड़े, लड़े स्वयं से वीर //१. // लाल यशोदानंद का, गिरिधर माखन चोर दिखता है मुझको वहां, मै देखूं... Hindi · दोहा 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 4 Mar 2018 · 3 min read ‘छप्पय छन्द’ और ‘कुण्डलिया छन्द’ सृजन हेतु ‘छप्पय छन्द‘ हिंदी छन्द परिवार का पुराना छन्द है। ‘कुण्डलिया‘ की तरह यह भी छ: पंक्तियों का छन्द है। फ़र्क़ मात्र यही है कि ‘कुण्डलिया‘ छन्द की शुरूआत ‘दोहे‘ से... Hindi · लेख 1 2k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 4 Mar 2018 · 1 min read श्री रामनामी दोहा देह जाय तक थाम ले, राम नाम की डोर फैले तीनों लोक तक, इस डोरी के छोर //१. // भक्तों में हैं कवि अमर, स्वामी तुलसीदास ‘रामचरित मानस’ रचा, राम... Hindi · दोहा 1 1 394 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Mar 2018 · 1 min read होली के त्यौहार पर तीन कुण्डलिया (1.) मस्ती का त्यौहार मस्ती का त्यौहार है, खिली बसंत बहार फूलों की मकरंद से, सब पर चढ़ा ख़ुमार सब पर चढ़ा ख़ुमार, आज है यारो होली सब गाएँ मधुमास,... Hindi · कुण्डलिया 2 559 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Feb 2018 · 1 min read ख़्वाब ख़्वाब झूठे हैं दर्द देते हैं रंग रिश्तों के रोज़ उड़ते हैं कैसे-कैसे सच लोग सहते हैं प्यार सच्चा था ज़ख़्म गहरे हैं हाथ में सिग्रेट तन्हा बैठे हैं Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Feb 2018 · 1 min read बीती बातें बीती बातें याद न कर जी में चुभता है नश्तर हासिल कब तक़रार यहाँ टूट गए कितने ही घर चाँद-सितारे साथी थे नींद न आई एक पहर तनहा हूँ मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Feb 2018 · 1 min read फ़न क्या है फनकारी क्या फ़न क्या है फनकारी क्या दिल क्या है दिलदारी क्या पूछ ज़रा इन अश्क़ों से ग़म क्या है, ग़म ख़्वारी क्या जान रही है जनता सब सर क्या है, सरकारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 340 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Feb 2018 · 1 min read ज़िंदगी से मौत बोली ज़िंदगी से मौत बोली ख़ाक़ हस्ती एक दिन जिस्म को रह जाएगी, रूह तरसती एक दिन मौत ही इक चीज़ है कॉमन सभी इक दोस्तो देखिये क्या सर बलन्दी और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 322 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read टूटा हुआ दर्पण एक टीस-सी उभर आती है जब अतीत की पगडंडियों से गुजरते हुए यादों की राख़ कुरेदता हूँ । तब अहसास होने लगता है कितना स्वार्थी था मेरा अहम? जो साहित्यिक... Hindi · कविता 1 359 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read महानगर में कौन से उज्जवल भविष्य की खातिर हम पड़े हैं— महानगर के इस बदबूदार घुटनयुक्त वातावरण में । जहाँ साँस लेने पर टी०बी० होने का खतरा है जहाँ अस्थमा भी बुजुर्गों... Hindi · कविता 250 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read विरासत जानते हो यार मैंने विरासत में क्या पाया है? जहालत मुफ़लिसी बेरुख़ी तृषकार, ईष्या, कुंठा आदि- आदि शब्दों की निरंतर लम्बी होती सूची जो भविष्य में... एक विस्तृत / विशाल... Hindi · कविता 263 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read जीवन आधार फूल नर्म, नाजुक और सुगन्धित होते हैं उनमें काँटों-सी बेरुखी कुरूपता और अकड़न नहीं होती जिस तरह छायादार और फलदार वृक्ष झुक जाते हैं औरों के लिए उनमें सूखे चीड़-चिनारों... Hindi · कविता 1 391 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read मन्त्रमुग्ध गढ़वाल 'गढ़वाल' जैसे किसी चित्रकार की कोई सुन्दर कलाकृति बावजूद आधुनिक संसाधनों के अभाव में यहाँ निरंतर प्राकृतिक सौन्दर्य के भाव में छिपी है अध्यात्मिक भूख और आत्मतृप्ति भौतिकवाद दिखावे के... Hindi · कविता 1 305 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read आसरा कौन रोक सका है ? या रोक सकता है तूफ़ान या भूचाल को! ये तो सदियों से आये आते रहेंगे मनुजों .... ऐसे में --- जो कमज़ोर हैं उनका उखड़... Hindi · कविता 1 209 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read दस्तक काल के कपाल पर अगर मेरी रचनाएँ दस्तक नहीं दे सकती बुझे हुए चेहरों पर रौनक नहीं ला सकती मजदूरों के पसीने का मूल्यांकन नहीं कर सकती शोषण करने वालों... Hindi · कविता 554 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read मौत मौत तुम भी क्या खूब खेल खेलती हो? जब हमारे दिल में जीने की चाह होती है तुम आ टपकती हो; तमाशा करती मजा लेती हो । जब हम मरना... Hindi · कविता 205 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read रामराज गाँधी जी कहते थे जब भारत स्वतंत्र होगा तो रामराज आ जायेगा अछूतोद्धार होगा जातपात; छुआछूत; अस्पृश्यता का अंत होगा सर्वधर्म एक नियम होगा गौपूजा होगी हर कोई एक-दूजे के... Hindi · कविता 238 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read दृढ़ता कभी आश्रित नहीं जीवन कभी मोहताज नहीं होता मोहताज तो होता है हीन विचार, निजी स्वार्थ और क्षीण आत्मविश्वास । क्योंकि यह मृगमरीचिका व्यक्ति को उस वक्त तक सेहरा में भटकती है जब... Hindi · कविता 211 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read हकीकत जब भी मैं समझता हूँ बड़ा हो गया हूँ अदना आदमी से खुदा हो गया हूँ तो इतिहास उठा लेता हूँ ये भ्रम खुद-ब-खुद टूट जाता है मौत रूपी दर्पण... Hindi · कविता 222 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read मवाद धर्म जब तक मंदिर की घंटियों में मस्जिद की अजानों में गुरूद्वारे के शब्द-कीर्तनों में गूंजता रहे तो अच्छा है मगर जब वो उन्माद-जुनून बनकर सड़कों पर उतर आता है... Hindi · कविता 263 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read पतन मानव को अनेक चिन्तायें चिन्ताओं के अनेक कारण कारणों के नाना प्रकार प्रकारों के विविध स्वरुप स्वरूपों की असंख्य परिभाषायें परिभाषाओं के महाशब्दजाल शब्दजालों के घुमावदार अर्थ प्रतिदिन अर्थों के... Hindi · कविता 227 Share Previous Page 13 Next