महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Language: Hindi 683 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read पाँव पाँव थककर भी चलना नहीं छोड़ते जब तक वे गंतव्य तक न पहुँच जाएँ ... थक जाने पर कुछ देर राह में विश्राम कर पुन: चल पड़ते हैं अपने लक्ष्य... Hindi · कविता 2 1 392 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Feb 2018 · 1 min read शे'र इतने ही ध्यान से निकले शे'र इतने ही ध्यान से निकले तीर जैसे कमान से निकले भूल जाये शिकार भी ख़ुद को यूँ शिकारी मचान से निकले था बुलन्दी का वो नशा तौबा जब गिरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Feb 2018 · 8 min read ४० कुंडलियाँ (1.) ऐसी चली बयार मानव दानव बन गया, ऐसी चली बयार। चहूँ ओर आतंक की, मचती हाहाकार। मचती हाहाकार, धर्म, मजहब को भूले। बम, गोला, बारूद, इसी के दम पर... Hindi · कुण्डलिया 1 804 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Feb 2018 · 2 min read शिक्षक "आप हर परिस्थिति में इतने शांत, धीर-गंभीर कैसे रहते हैं?" उसने आश्चर्य से कहा. "मैं जीवन के रहस्य को समझ गया हूँ बेटा," वृद्ध व्यक्ति ने अपनी उम्र से आधे... Hindi · लघु कथा 1 461 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Feb 2018 · 2 min read तलाश "मैं तो खलील जिब्रान बनूंगा, ताकि कुछ कालजयी रचनाएं मेरे नाम पर दर्ज हों." एक अति उतावला होकर बोला. हम सब उसे देखने लगे. हम सबकी आंखों के आगे हवा... Hindi · लघु कथा 1 587 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Feb 2018 · 1 min read काँच जड़ा है अपना घर काँच जड़ा है अपना घर सारे लोग बने पत्थर कतरा-कतरा देख ज़रा मेरी आँखों में सागर ग़म की यूँ बरसात हुई भीग उठा हर इक मंज़र इश्क़ ने इतने ज़ख़्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 351 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Mar 2017 · 3 min read बुलन्द अशआर ज़िन्दगी हमको मिली है चन्द रोज़ मौज-मस्ती लाज़मी है चन्द रोज़ प्यार का मौसम जवाँ है दोस्तो प्यार की महफ़िल सजी है चन्द रोज़ //१.// काश ! की दर्द दवा... Hindi · शेर 2 3 878 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Mar 2017 · 15 min read टुकड़ा टुकड़ा यादें (प्रतिनिधि कहानी) वह अब भरी दुनिया में अकेली थी। ऐसा नहीं कि उसका कोई सगे वाला जीवित न था। उसके दो बेटे थे और एक बेटी। बड़ा बेटा बहू द्वारा कानाफूसी करने पर... Hindi · कहानी 759 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Feb 2017 · 1 min read बेटी माँ-बाप के दुःख में रोती है। बेटी तो बेटी होती है।। सेवा में दिन-रात जनक के, सीता ही तत्पर होती है।। मात-पिता को कष्ट न पहुंचे, वो तन्हाई में रोती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 592 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read दिल से उसके जाने कैसा बैर निकला दिल से उसके जाने कैसा बैर निकला जिससे अपनापन मिला वो ग़ैर निकला था करम उस पर ख़ुदा का इसलिए ही डूबता वो शख़्स कैसा तैर निकला मौज-मस्ती में आख़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read सोच का इक दायरा है, उससे मैं कैसे उठूँ सोच का इक दायरा है, उससे मैं कैसे उठूँ सालती तो हैं बहुत यादें, मगर मैं क्या करूँ ज़िंदगी है तेज़ रौ, बह जायेगा सब कुछ यहाँ कब तलक मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read हार किसी को भी स्वीकार नहीं होती हार किसी को भी स्वीकार नहीं होती जीत मगर प्यारे हर बार नहीं होती एक बिना दूजे का, अर्थ नहीं रहता जीत कहाँ पाते यदि हार नहीं होती बैठा रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read बड़ी तकलीफ़ देते हैं ये रिश्ते बड़ी तकलीफ़ देते हैं ये रिश्ते यही उपहार देते रोज़ अपने ज़मीं से आस्मां तक फ़ैल जाएँ धनक में ख़्वाहिशों के रंग बिखरे नहीं टूटे कभी जो मुश्किलों से बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read जां से बढ़कर है आन भारत की जां से बढ़कर है आन भारत की कुल जमा दास्तान भारत की सोच ज़िंदा है और ताज़ादम नौ'जवां है कमान भारत की देश का ही नमक मिरे भीतर बोलता हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read साधना कर यों सुरों की, सब कहें क्या सुर मिला साधना कर यों सुरों की, सब कहें क्या सुर मिला बज उठें सब साज दिल के, आज तू यूँ गुनगुना हाय! दिलबर चुप न बैठो, राजे-दिल अब खोल दो बज़्मे-उल्फ़त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फौरन बदलनी चाहिए जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फौरन बदलनी चाहिए लोकशाही की नई, सूरत निकलनी चाहिए मुफलिसों के हाल पर, आँसू बहाना व्यर्थ है क्रोध की ज्वाला से अब, सत्ता बदलनी चाहिए इंकलाबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read नज़र में रौशनी है नज़र में रौशनी है वफ़ा की ताज़गी है जियूँ चाहे मैं जैसे ये मेरी ज़िंदगी है ग़ज़ल की प्यास हरदम लहू क्यों माँगती है मेरी आवारगी में फ़कत तेरी कमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read राह उनकी देखता है राह उनकी देखता है दिल दीवाना हो गया है दूर तक बिखरा पड़ा है चूर शीशा हो गया है छाने को है बदहवासी दर्द मुझको पी रहा है कुछ रहम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 1 min read तेरी तस्वीर को याद करते हुए तेरी तस्वीर को याद करते हुए एक अरसा हुआ तुझको देखे हुए एक दिन ख़्वाब में ज़िन्दगी मिल गई मौत की शक्ल में खुद को जीते हुए आह भरते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 7 min read मुश्किल वक़्त (प्रतिनिधि कहानी) चिलचिलाती धूप ने नौ बजे के समय को ऐसा बना दिया है कि मानो जेठ की दोपहरी का वक़्त हो। ऊपर से वातावरण में उमस। हवा का कहीं नामोनिशान नहीं।... Hindi · कहानी 337 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 30 Jan 2017 · 9 min read 150 जनक छन्द १. जनक छंद की रौशनी चीर रही है तिमिर को खिली-खिली ज्यों चाँदनी ••• २. भारत का हो ताज तुम जनक छंद तुमने दिया हो कविराज अराज तुम ••• ३.... Hindi · कविता 2 2 810 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Jan 2017 · 2 min read एक मई का दिन कुछ भी तो ठीक नहीं इस दौर में! वक्त सहमा हुआ एक जगह ठहर गया है!! जैसे घडी की सुइयों को किसी अनजान भय ने अपने बाहुपाश में बुरी तरह... Hindi · कविता 291 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Jan 2017 · 1 min read जिसमें सुर-लय-ताल है जिसमें सुर-लय-ताल है, कुण्डलिया वह छंद सबसे सहज-सरल यही, छह चरणों का बंद छह चरणों का बंद, शुरू दोहे से होता रोला का फिर रूप, चार चरणों को धोता महावीर... Hindi · कुण्डलिया 1 387 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Jan 2017 · 1 min read कुण्डलिया के छंद में कुण्डलिया के छंद में, कहता हूँ मैं बात अंत समय तक ही चले, यह प्यारी सौगात यह प्यारी सौगात, छंद यह सबसे न्यारा दोहा-रोला एक, मिलाकर बनता प्यारा महावीर कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 1 404 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 Jan 2017 · 2 min read मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे ग़ज़ल कहूँ तो मैं 'असद', मुझमे बसते 'मीर' दोहा जब कहने लगूँ, मुझमे संत 'कबीर' // 1. // युग बदले, राजा गए, गए अनेकों वीर अजर-अमर है आज भी, लेकिन... Hindi · दोहा 5 3 5k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 34 min read मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) कथाकार : महावीर उत्तरांचली "मोहन जी," ठीक मेरे पीछे से पुकारे गए किसी स्त्री स्वर ने मेरी तंद्रा भंग की। मैं पनवाड़ी की... Hindi · कहानी 1 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 16 min read नस्लें (प्रतिनिधि कहानी) "अरे भाई ये किसकी लाश है? हमारे बरामदे में क्यों रख रहे हो? हामिदा रोको इन्हें!" बुड्ढ़े गुलमुहम्मद ने अनजान बनते हुए कहा। हालाँकि कल रात को तार (Telegram) मिलने... Hindi · कहानी 1 568 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read मकड़ी-सा जाला बुनता है मकड़ी-सा जाला बुनता है ये इश्क़ तुम्हारा कैसा है ऐसे तो न थे हालात कभी क्यों ग़म से कलेजा फटता है मैं शुक्रगुज़ार तुम्हारा हूँ मेरा दर्द तुम्हें भी दिखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 220 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read यह प्रकृति का चित्र अति उत्तम बना है यह प्रकृति का चित्र अति उत्तम बना है "मत कहो आकाश में कुहरा घना है" प्रतिदिवस ही सूर्य उगता और ढलता चार पल ही ज़िन्दगी की कल्पना है लक्ष्य पाया मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 883 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read बाण वाणी के यहाँ हैं विष बुझे बाण वाणी के यहाँ हैं विष बुझे है उचित हर आदमी अच्छा कहे भूले से विश्वास मत तोड़ो कभी ध्यान हर इक आदमी इसका धरे रोटियाँ ईमान को झकझोरती मुफ़लिसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read पँख टूटे हैं तो क्या परवाज़ करते पँख टूटे हैं तो क्या परवाज़ करते पोच है तक़दीर तो क्या नाज़ करते बेच आये अपने ही जब दिल हमारा फिर भला हम क्या उन्हें नाराज़ करते किस तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read कहूँ दर्द अपना मैं कैसे किसी से कहूँ दर्द अपना मैं कैसे किसी से कि लगता है डर मुझको अपनी ख़ुदी से समन्दर न जाने है क़तरे की क़ीमत कि बनता है आख़िर समन्दर इसी से न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका देखकर खुश हैं सभी, दिल लुभाना आपका है वो क़िस्मत का धनी, आपका जो हो गया चाँद भी चाहे यहाँ, साथ पाना आपका ख़ूब ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Previous Page 14