अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read कोरोना की अजब मार है कोरोना की अजब मार है कोरोना की अजब मार है हर सांस हुई बेजार है सूझती नहीं राह किसी को कैसी अजब कुदरत की मार है बुजुर्ग तो बुजुर्ग अब... Hindi · कविता 2 2 255 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read तू जिन्दा है तो , जिन्दगी की जीत में यकीन कर तू जिन्दा है तो , जिन्दगी की जीत में यकीन कर तू जिन्दा है तो , जिन्दगी की जीत में यकीन कर प्रयासों की गंगा बहा दे, मंजिल में यकीन... Hindi · कविता 3 2 494 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read जय गोविंदा जय गोपाला जय गोविंदा जय गोपाला जय गोविंदा जय गोपाला कृष्ण मुरारी बांसुरी वाला कृपा करो हे कृपा करो हे कृपा करो हे दीनदयाला हे गिरधर हे वंशीधर हे दीनों के पालनहारा... Hindi · गीत 2 3 402 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक शायरी का एक खुशनुमा दौर हुआ था रोशन , हिन्दुस्तान में " ग़ालिब " शायरों की महफ़िल में गुलाब बन महका लैला - मजनू , हीर - रांझा ,... Hindi · मुक्तक 1 1 423 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read अंदाज़े - शायरी अंदाज़े - शायरी १. मैं अक्सर उसकी गली के चक्कर लगाया करता हुँ खुली जुल्फों के साथ उसे खिड़की के करीब पाया करता हूँ जब दीदार नहीं होता है, मैं... Hindi · शेर 3 4 320 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read छोटी - छोटी खुशियाँ , छोटे - छोटे गम - गीत छोटी - छोटी खुशियाँ , छोटे - छोटे गम - गीत छोटी - छोटी खुशियाँ , छोटे - छोटे गम जी लेंगे हम , सह लेंगे हम छोटी - छोटी... Hindi · गीत 2 2 403 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2021 · 1 min read मौसम ने ली अँगड़ाई है मौसम ने ली अँगड़ाई है मौसम ने ली अँगड़ाई है घनघोर घटा छाई है मौसम सुहाना हो गया ये दिल दीवाना हो गया बारिश की झमाझम बूंदों से प्रेम का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 150 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 May 2021 · 2 min read माँ तेरा आँचल माँ तेरा आँचल माँ तेरा आँचल है कहाँ ? माँ तेरी मीठी लोरियां है कहाँ ? माँ वो तेरी बोली की मिठास है कहाँ ? माँ वो तेरा मुझे बात... Hindi · कविता 1 6 434 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2021 · 1 min read परिवार परिवार परिवार , जीवन का आधार परिवार, समाज के उद्भव का आधार परिवार से , संस्कृति और पलते संस्कार परिवार, धर्म का विस्तार परिवार से ये कायनात रोशन परिवार से... Hindi · कविता 2 3 338 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Apr 2021 · 1 min read पीर दिल की छुपाने की जरूरत क्या है पीर दिल की छुपाने की जरूरत क्या है पीर दिल की छुपाने की , जरूरत क्या है गम को फना करने के , बहाने हैं बहुत क्यूं कर दूर जाने... Hindi · कविता 2 4 506 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Apr 2021 · 1 min read हिमालय कर रहा हुंकार है हिमालय कर रहा हुंकार है हिमालय कर रहा हुंकार है मानव ने किया उस पर प्रहार है कभी ग्लेशियर का टूटना कभी बाढ़ का दिखता प्रभाव है कभी आसमानी बिजली... Hindi · कविता 1 2 309 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Apr 2021 · 1 min read अपनी कलम को न विश्राम दो अपनी कलम को न विश्राम दो अपनी कलम को न विश्राम दो कुछ और नए पैगाम दो सोये हुओं को नींद से जगाओ चिंतन को न विश्राम दो सपनों को... Hindi · कविता 1 2 209 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Apr 2021 · 1 min read सस्ते क्यों इतने कफ़न हो गए सस्ते क्यों इतने कफ़न हो गए सस्ते क्यों इतने कफ़न हो गए उजड़े – उजड़े से क्यों ये चमन हो गए पीर अब दिल की मिटाता नहीं कोई हमारे ही... Hindi · कविता 1 2 181 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Apr 2021 · 1 min read मानव की कैसी ये दुर्दशा हो रही है मानव की कैसी ये दुर्दशा हो रही है मानव की कैसी ये दुर्दशा हो रही है तड़पती ये साँसें बेवफ़ा हो रही हैं सिसकती जीवित आत्माएं हजारों आंसू रो रही... Hindi · कविता 1 2 203 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Apr 2021 · 1 min read रूप दो जय दो , यश दो मुझको रूप दो जय दो यश दो मुझको रूप दो जय दो यश दो मुझको परमपिता चरण रज दो मुझको अभिनंदन , उत्कर्ष की राह दो मुझको परमपिता अपनी छाया में... Hindi · गीत 1 2 252 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Apr 2021 · 1 min read मेरी सरकार मैं तेरी शरण में आया हूँ मेरी सरकार मैं तेरी शरण में आया हूँ मेरी सरकार मैं तेरी शरण में आया हूँ अपना शागिर्द बना , या छोड़ दे मुझको मेरी सरकार मैं तेरी शरण में... Hindi · कविता 1 2 174 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Apr 2021 · 2 min read उस चिंगारी को , दिल में धधकने दो उस चिंगारी को , दिल में धधकने दो उस चिंगारी को , दिल में धधकने दो जो रूढ़िवादी विचारों प्र, कुठाराघात कर सके उन सद्विचारों को दिल में पलने दो... Hindi · कविता 1 2 213 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Apr 2021 · 1 min read तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे - भजन तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे - भजन तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे तेरी शरण में कान्हा, आऊँ तो आऊँ कैसे खुद को... Hindi · गीत 1 4 248 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Apr 2021 · 1 min read रिश्तों की अपनी दुनिया रिश्तों की अपनी दुनिया रिश्तों की अपनी दुनिया , रिश्तों की अपनी मंजिल रिश्तों की अपनी रातें, रिश्तों के अपने दिन रिश्तों से संवरते रिश्ते, रिश्तों से पनपता धर्म रिश्तों... Hindi · कविता 1 4 299 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Apr 2021 · 1 min read खुद पर न संदेह करो, खुद पर विश्वास करो खुद पर न संदेह करो, खुद पर विश्वास करो खुद पर न संदेह करो, खुद पर विश्वास करो जीत लोगे आसमां तुम , खुद पर एतबार करो खुद को आशा... Hindi · कविता 2 1 287 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Apr 2021 · 1 min read जिन्दगी यूं ही क्यों , गुमनामी के निशाँ हो जाए जिन्दगी यूं ही क्यों , गुमनामी के निशाँ हो जाए जिन्दगी यूं ही क्यों , गुमनामी के निशाँ हो जाए क्यों न हम , मन में आशा और उल्लास के... Hindi · कविता 2 2 174 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Apr 2021 · 1 min read अपनी नगरी में हमें बुलाओ कान्हा अपनी नगरी में हमें बुलाओ कान्हा अपनी नगरी में हमें बुलाओ कान्हा हमरे संग रास रचाओ कान्हा हमें अहम् से बचाओ कान्हा हमें भी अपना बनाओ कान्हा अपने चरणों में... Hindi · गीत 2 4 379 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Apr 2021 · 1 min read जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने जाने ये क्या , सिला दिया तूने सोचते थे , मना लेंगे तुझे जाने क्यों , ठुकरा दिया... Hindi · कविता 3 2 283 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Apr 2021 · 1 min read इस ज़मीं को , चलो सितारों से सजा दें इस ज़मीं को चलो सितारों से सजा दें इस ज़मीं को चलो , सितारों से सजा दें क्यों दूर करें आसमां में , सितारों की तलाश इस ज़मीं को चलो... Hindi · कविता 4 2 424 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Apr 2021 · 1 min read वक़्त वक़्त वक़्त भी क्या , किसी को कुछ कहकर आता है कभी ये खुशियों की सौगात लाता है, तो कभी ग़मों का सैलाब लाता है वक़्त के तराजू को हाथों... Hindi · कविता 3 2 260 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Apr 2021 · 1 min read अच्छे दिन अब कब आयेंगे (व्यंग्य) अच्छे दिन अब कब आयेंगे (व्यंग्य) अच्छे दिन अब कब आयेंगे चेहरे अब कब मुस्कायेंगे दिल की पीर मिटेगी अब कब रोते अब कब हंस पायेंगे नोटबंदी में सोचा न... Hindi · कविता 2 1 247 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read स्वयं को प्रेरित करो स्वयं को प्रेरित करो स्वयं को प्रेरित करो, स्वयं कुछ प्रयास करो स्वयं को कोशिशों के समंदर में उतारो, स्वयं पर विश्वास करो स्वयं को प्रफुल्लित करो, स्वयं का विकास... Hindi · कविता 2 2 252 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ तो कोई बात बने गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ , तो कोई बात बने गीतों को ग़ज़ल करने की रही , बरसों तमन्ना मेरी गीत मेरे तुम ग़ज़ल हो जाओ , तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 258 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास चंद एहसास 1. अपनी सामर्थ्य को अपने जीवन की धरोहर करना आगे बढ़ते रहना और खुद को बुलंद करना 2. अपनी इच्छाओं पर लगाम कसना, स्वयं को बंधन मुक्त रखना... Hindi · मुक्तक 1 2 449 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास चंद एहसास 1. क्यों कोई किसी को , कहे अपना ये दुनिया छलावा है , “अवसर” का 2. सफलता के अभिमान में तू , राह न भटकना संयम में खुद... Hindi · मुक्तक 2 4 231 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास 1. हम भी क्यों न पालें , एक दिल अपने सीने में आज भी खुदा के फरिश्तों की , कमी नहीं है इस दुनिया में 2. इंसानियत की राह को... Hindi · मुक्तक 3 2 208 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास चंद एहसास 1. उनकी वफ़ा वफ़ा है , हमारी वफ़ा बेवफाई उनके आंसू आंसू हैं , हमारे आंसू पानी 2. लख्ते ज़िगर समझ समझ, वो उसे पालते रहे मालूम न... Hindi · मुक्तक 1 2 467 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास 1. “वंदना” उसकी करता हूँ , आज भी मैं कभी वो खुदा रहे हैं , मेरी मुहब्बत का 2. “वंदना “ तुझको भूल जाऊं , यह आरज़ू नहीं है मुहब्बत... Hindi · मुक्तक 3 2 337 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसास चंद एहसास 1. मैं कब कवि और शायर हो गया , इसका मुझे एहसास ही न हुआ मेरे दोस्तों , तुम्हारी ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया 2. खिदमत उस खुदा की... Hindi · मुक्तक 3 2 258 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read नदी की धार में मछली भी नदी की धार में मछली भी नदी की धार में मछली भी , तिनका बन बह जाती है जीवन के झंझावातों में, जिन्दगी तड़प कर रह जाती है सागर के... Hindi · कविता 1 2 276 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read गली - गली और नगर - नगर गली - गली और नगर - नगर चलो पेड़ लगाएं सब मिलकर आओ सब मिलकर पेड़ लगाएं धरती माँ का आँचल सजाएं रोशन हो हर कोना - कोना धरती हो... Hindi · कविता 1 2 494 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read मम्मी मेरी प्यारी मम्मी मम्मी मेरी प्यारी मम्मी सारे जग से है दुलारी मम्मी जब भी मैं रूठ जाऊं प्यार से मुझे मनाती मम्मी अच्छे नंबर जब मैं पाती गले से मुझे लगाती मम्मी... Hindi · कविता 1 2 551 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read खुदा तेरे इर्द - गिर्द बसता , तुझे एहसास ही नहीं होता खुदा तेरे इर्द - गिर्द बसता , तुझे एहसास ही नहीं होता खुदा तेरे इर्द—गिर्द बसता , तुझे एहसास ही नहीं होता ये तेरी नज़र का कुसूर नहीं है ,... Hindi · कविता 1 2 215 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read अपने जीवन को यूं न उलझाओ अपने जीवन को यूं न उलझाओ अपने जीवन को , यूं न उलझाओ जीवन गीत रचो, और गुनगुनाओ कामनाओं में न , खुद को उलझाओ इबादत के गीत रचो ,... Hindi · कविता 1 4 239 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Apr 2021 · 1 min read मंगल कर्म सभी हों तेरे, ऐसे कुछ प्रयास करो मंगल कर्म सभी हों तेरे मंगल कर्म सभी हों तेरे , ऐसे कुछ प्रयास करो लोगों को जो राह दिखाए , ऐसे कुछ प्रयास करो कामनाओं से पीछा छूटे ,... Hindi · कविता 1 2 231 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक क्षणिकायें कोई तो रोशन करो मेरी तनहा राहों को कोई तो पंख दो मेरे विचारों को कोई तो चुनो मेरी राहों के कांटे कोई तो मुझे आसमां की उड़ान दो... Hindi · मुक्तक 3 2 334 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक क्षणिकायें 1. चिलचिलाती धूप मे दोनों हाथों से ठेले को धकेलता बार – बार पसीना पोछता वह आदमी जीवन मे कामयाब होने का आभास देता है &&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&& 2. कुछ अधफटे... Hindi · मुक्तक 3 1 343 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक स्वाभिमान की चाह में जी रहा मानव अपमान के दलदल में डूबा जा रहा है <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< किया मानसिकता को विकृत युवा ऊर्जा का सत्यानाश हो रहा है “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” ढूँढ़ते राहें... Hindi · मुक्तक 3 1 261 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक मानव का सम्मान मान, इस धरा पर गुम सा हो गया है मनु , मनुबम खिलौना हो गया है (((((((((((((((((((((((((((((((((((((((((((((((((( खून के रिश्तों में खून दिखता नहीं है आज सब... Hindi · मुक्तक 3 2 273 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक बार में लगने लगे हैं मेले डिस्को थिरकने लगे हैं हर जगह हर शहर जाने कहाँ रुकेगा यह सफ़र ********************************** बारिश की बूंदों से मिलती है राहत तन को ,... Hindi · मुक्तक 2 1 256 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read क्षणिकायें क्षणिकायें मैं आज अपने वर्तमान को संवारने में लगा हूँ चूंकि यही वर्तमान कल आने वाले भविष्य का वर्तमान होगा β β β β β β β β β β... Hindi · मुक्तक 3 1 300 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक संकल्पों की राह भी बड़ी बेमानी होती है अभी किया कि अगले पल छोड़ा योग का ले आसरा संकल्प को तू प्राण दे ⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂⌂ माना कि दुःख के राही सब... Hindi · मुक्तक 3 2 283 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Apr 2021 · 1 min read क्षणिकायें क्षणिकायें जी रहा हूँ मैं वीरानियों में कुछ इस उम्मीद से बदलेंगे सितारे मेरी किस्मत के बस अब , अभी , अगले ही पल ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ जिन्दगी की राह के काँटों... Hindi · मुक्तक 3 1 296 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Apr 2021 · 1 min read आधुनिकता के सांचे में आधुनिकता के सांचे में जो ढल जाओगे फिर आदर्शों की गंगा कैसे बहाओगे बना लोगे जो पाश्चात्य विचारों से नाता अपनी संस्कृति और संस्कारों से दूर हो जाओगे Hindi · मुक्तक 3 2 263 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Apr 2021 · 1 min read मनोरम तेरा रूप 1. मनोरम तेरा रूप स्वस्थ तेरे विचार हो जायेंगे गर तू संकल्प मार्ग को अपने जीवन का ध्येय कर लेगा 2. विलासिता की राह पर चलकर कभी सपने साकार नहीं... Hindi · मुक्तक 2 2 289 Share Previous Page 12 Next