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कफन सस्ते क्या हुए, श्मसान आबाद हो गये, जहां पसरता था कभी सन्नाटा, आज कल वहां वो आज कोलाहल से गुंजायमान हो गये!
सही कह रहे हैं श्रीमान
कफन सस्ते क्या हुए, श्मसान आबाद हो गये,
जहां पसरता था कभी सन्नाटा, आज कल वहां
वो आज कोलाहल से गुंजायमान हो गये!
सही कह रहे हैं श्रीमान