डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read हाय पड़ोसन(हास्य रचना) मुक्त काव्य स हास्य-रचना विधा-16, 14 "हाय पड़ोसन" ****************** डाल पड़ोसन तिरछी नज़रें मंद-मंद मुस्काती है सुखा केश घुँघराले अपने छज्जे पर इठलाती है। देख घटा में सुंदर चंदा मन... Hindi · कविता 2 2k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read उदास पनघट "उदास पनघट" ************ छुपा कर दर्द सीने में नदी प्यासी बहे जाती। बसा कर ख्वाब आँखों में परिंदे सी उड़े जाती। निरखते बाँह फैलाकर किनारे प्यार से इसको- समेटे प्यास... Hindi · कविता 269 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read भिखारी हूँ! भिखारी हूँ! 'भिखारी हूँ ! भिखारी हूँ ! ******************* भूख जब रोंदती उर को निवाला खोजता था मैं। बहुत तकलीफ़ होती थी जेब जब नोंचता था मैं। पढ़ाया गर मुझे होता न... Hindi · कविता 463 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read हंसीन स्वप्न (गीतिका) 'हंसीन स्वप्न' *********** साथ मिला होता जीवन में , खुशबू सरसाती आँगन में। उदित भानु की लाली लेकर, सिंदूरी माँग सजाता मैं। भोर की रश्मि की रोली से, भाल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 560 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 Jan 2018 · 1 min read हिंदी को सम्मान दो *हिंदी को सम्मान दो* संस्कृत से जन्मी हिंदी ने भाषा का संसार दिया, 'देवनागरी' लिपि में जिसने भाषा को विस्तार दिया। 'आगत' शब्द समाहित करके विश्व पटल प्रतिमान दिया, शब्दकोश... Hindi · कविता 1 555 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आना रदीफ़- चाहिए दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Oct 2017 · 1 min read कौन मनाएगा दीवाली(गीत) "कौन मनाएगा दीवाली?"(गीत) घर -आँगन लक्ष्मी बिन सूना, नहीं तेल, दीया, बाती। रौशन दुनिया लड़ियों से है, जगमग ज्योति नहीं भाती। मान दीप का ही ग्रसता है- जेब कुम्हार की... Hindi · गीत 188 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 17 Oct 2017 · 1 min read धनतेरस पर दोहे धनतेरस पर दोहे ************ धनतेरस का पर्व ये, लक्ष्मी का त्योहार। घर -घर में सबने लिए,नए-नए उपहार।। देव ,तिजोरी पूज कर,सिक्का रजत चढ़ाय। सुख-वैभव रख कामना,मोदक भोग लगाय।। झालर -... Hindi · दोहा 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Oct 2017 · 1 min read चंचल मन भी पागल है (गीत) "चंचल मन भी पागल है" गीत ******************* सारी रात जगा यादों में, चंचल मन भी पागल है। हल्की सी आहट बूँदों की, तेरी याद दिलाती है। रजत चाँदनी छू कर... Hindi · गीत 1 389 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Oct 2017 · 1 min read आँख में आँसू न आना चाहिए (ग़ज़ल) तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना चाहिए। टूट दर्पण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2017 · 1 min read करवाचौथ (त्रिपदीय मुक्तक) "करवाचौथ" (त्रिपदीय मुक्तक) "करवाचौथ" सजन की प्रीत का त्योहार करवाचौथ आया है। उतर कर आसमाँ से चाँद ने मुझको सजाया है। पहन कंगन लगा बिंदी सजालूँ माँग में सपने- बसा... Hindi · मुक्तक 372 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक चिलमन हटी निगाह तलबगार से मिली। कंटक भरी गुलाब कली प्यार से खिली। सच कह दूँ जनाब मान जाएँगे- दर्दे ज़िगर कटार वफ़ा नाम से चली। डॉ. रजनी अग्रवाल... Hindi · मुक्तक 443 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Sep 2017 · 1 min read माँ दुर्गा के दोहे माँ दुर्गा के दोहे *********** रक्तिम साड़ी तन सजे,गुड़हल हार सुहाय। मस्तक मुकुट बिराजता, शोभा भक्त लुभाय।। सवा रुपैया नारियल, रोली अक्षत हाथ। हलुआ पूड़ी भोग ले, माँ को पूजें... Hindi · दोहा 19 10 26k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Sep 2017 · 1 min read रात का विरह गीत रात का विरह गीत ************* प्रेम पाश में मुझे बाँध कर प्रीत साथ में छल क्यों लाई ? रात के तन्हा आलम में रजत चाँदनी चमक रही है। पूनम चाँद... Hindi · गीत 368 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ख्वाब में आकर हमारे यूँ सताना छोड़ दो। हम तुम्हारे हैं सनम तुम आजमाना छोड़ दो। दर्द देकर ज़ख्म पर मलहम लगाना सीख लो- कब न जाने मौत आ... Hindi · मुक्तक 551 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक सजा कर प्रीत के सपने लिए तस्वीर बैठे हैं। इबादत में सनम तुझको बना तकदीर बैठे हैं। छलावा कर रही दुनिया यहाँ जज़्बात झूठे हैं- बने रांझा मुहोब्बत में... Hindi · मुक्तक 347 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Sep 2017 · 1 min read "मुझे सावन रुलाता है" (गीत) विरह गीत *********** बरसता भीगता मौसम, अगन तन में लगाता है। करूँ क्या तुम बताओ मैं, मुझे सावन रुलाता है। दिवा जब अंक में जाता, निशा घूँघट उठाती है। रजत... Hindi · गीत 2 2 775 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 30 Aug 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक पिलाता रोज़ है साकी नज़र का नाम होता है। नहीं मजहब शराबी जात का बस जाम होता है। निगाहें फेर कर जब भी दिखाई बेरुखी उसने भुलाता दर्द ज़ख्मों... Hindi · मुक्तक 340 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Aug 2017 · 1 min read कई रातों को जागा मैं (मुक्तक) "कईरातों को जागा मैं" सजाकर याद की महफ़िल कई रातों को जागा मैं। भरा आगोश में तकिया बहाए अश्क जागा मैं। हुई खामोश तन्हाई सुनाकर दासता अपनी- लगाए कहकहे खुद... Hindi · मुक्तक 1 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Aug 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक सुनाते हाले दिल हमको कभी यूँ ग़म नहीं सहते। मनाते रूँठते हमसे ज़माने से नहीं कहते। मिलेगा क्या भला हमको वफ़ा की आरजू से अब- खुदाई मुस्कुराती तब सनम... Hindi · मुक्तक 282 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Aug 2017 · 1 min read "प्रीत जिया को दुलराती है" (गीत) प्रीत जिया को दुलराती है रात चाँद के साथ बिताकर रजत चाँदनी मन भाई है। प्रमुदित मन से उन्मादित हो रजनी ने ली अँगड़ाई है। अलसाए सपनों से जागी- कोमल... Hindi · गीत 619 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Aug 2017 · 1 min read विरह वेदना (मुक्तक) विरह वेदना ******** बनी मैं दीप की बाती सनम दिन रात जलती हूँ। बहाकर प्रीत नयनों से तुम्हारी राह तकती हूँ। दिखा कर स्वप्न आँखों को भुला कर प्यार बैठे... Hindi · मुक्तक 777 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Aug 2017 · 1 min read "प्रेम रोग मैंने पाया है" (गीत) "प्रेम रोग मैंने पाया है" **************** मौन प्रीत का प्याला पीकर उर में प्रियवर तुम्हें बसाया। अधरों पर गीतों की सरगम बना मीत ने तुम्हें सजाया। चंचल चितवन रूप तुम्हारा-... Hindi · गीत 1 285 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Aug 2017 · 1 min read आ जाती है मुझको हिचकी :कविता आजाती है मुझको हिचकी ***************** चीनी मिट्टी के प्यालों में मधुर छुअन अहसास नहीं है, चाय मिली जब कुल्हड़ में तो मिटी अधर की प्यास यहीं है। कुल्हड़ से चिपके... Hindi · कविता 478 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Aug 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" (गीतिका) "वीर शपथ तुम आज लो" ****************** वीर शपथ तुम आज लो माँ मान बढ़ाएँगे। भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाएँगे। आतंकी हमलावर छाए इनको मार भगाएँगे मातृभूमि की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 583 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 Aug 2017 · 3 min read भाई -बहन का प्यारा बंधन : रक्षाबंधन (लेख) भाई-बहन का प्यारा बंधन : रक्षा बंधन ****************************** जी चाहे बारिश की स्याही,बनूँ कलम में भर जाऊँ। मन के भाव पिरो शब्दों में,तुझको पाती लिख पाऊँ।। नेह सरस हरियाली में... Hindi · लेख 2 617 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Aug 2017 · 1 min read रक्षा बंधन (गीत) रक्षा बंधन (गीत) ******** तुम्हें नेह रोली तिलक लगाऊँ बढ़े प्रीत अपनी भैया ये चाहूँ तुम्हें बाँध राखी खुशियाँ मनाऊँ रक्षा कवच का उपहार पाऊँ। (१)बढ़े उम्र भैया की करूँ... Hindi · गीत 1 398 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Aug 2017 · 1 min read दोस्ती (कविता) *दोस्ती* ****** दोस्ती का नायाब तोहफ़ा खुदा ने दे दिया कुछ न देकर भी मुझो सब कुछ दे दिया, ऐ दोस्त ! नाज़ करती हूँ तेरी दोस्ती पे मैं सुख-दुख... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Aug 2017 · 1 min read मित्रता (मुक्तक) "मित्रता" बनी ये मित्रता हमराज़ दिल की शान होती है। यही सुख दुख भरोसे की सही पहचान होती है। सदा हँस कर निभाना साथ नफ़रत को मिटा कर तुम- भुला... Hindi · मुक्तक 1 427 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Aug 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" देशभक्ति गीत जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी *देश प्रेम गीत* ?वीर शपथ तुम आज लो? ********************* छंद मुक्त रचना तर्ज--फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का... Hindi · गीत 1 543 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Aug 2017 · 1 min read "रुदन" गीत (६) "रुदन" ********** पुरानी याद के धुँधले कदम जब राह में आते कसक मन में रुदन करती तुम्हें हम चाह में पाते। ठिठुरती सर्द रातों ने जगाया स्वप्न में खोया... Hindi · गीत 2 489 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Aug 2017 · 1 min read *खेल खिलौने* , *राखी का बंधन*(सेदोका छंद) विधा-सेदोका विषय-खेल खिलौने/ राखी का बन्धन *खेल खिलौने* ********** खेल-खिलौने घर-घर आकर बच्चों को ललचाते रंग-बिरंगे संग साथी पाकर पुलकित हो जाते *राखी का बंधन* ************ दौज को बाँधा भाई... Hindi · हाइकु 1 322 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Aug 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ***** जहाँ इंसान बिकता है वहाँ किसका ठिकाना है। फ़रेबी बात उल्फ़त में यहाँ करता ज़माना है। समझ कर कीमती मुझको लगादीं बोलियाँ मेरी- सिसकती आबरू कहती यही मेरा... Hindi · मुक्तक 1 546 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 Aug 2017 · 1 min read "उलझन" कविता विषय--"उलझन" ************** जीवन में आई बाधाएँ हमको नाच नचाती हैं, सुलझ न पाए गुत्थी कोई उलझन ये बन जाती हैं। असमंजस का भाव जगातीं दिल को ये भटकाती हैं, मृग... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 Aug 2017 · 1 min read "मेंहदी" (हाइकु) "मेंहदी" (हाइकु) मन भावन मेंहदी रचे हाथ पिया का साथ। पीस पत्तियाँ करतल सजाईं खूब रचाईं। मेंहदी लगी जो पिया मन भाई सुर्ख कलाई। प्रीत बढ़ाएँ मेंहदी रचे हाथ पिया... Hindi · हाइकु 1 499 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Jul 2017 · 1 min read "आहट तेरी लाती है" गीत "आहट तेरी लाती है" ************** बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है। चूड़ी,बिछिया,झुमका,पायल तेरी याद दिलाते हैं झूला,कजरी,गजरा,चुनरी... Hindi · गीत 1 336 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jul 2017 · 1 min read *ज़िंदगी* (कविता) "ज़िंदगी" (कविता) ******* अजब पहेली बनी ज़िंदगी उलझ गई जज़्बातों में मोती के दानों सी बिखरी फ़िसल गई हालातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता बातों में आहें... Hindi · कविता 1 505 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jul 2017 · 1 min read *ज़िंदगी* (कविता) "ज़िंदगी" (कविता) ******* अजब पहेली बनी ज़िंदगी उलझ गई जज़्बातों में मोती के दानों सी बिखरी फ़िसल गई हालातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता बातों में आहें... Hindi · कविता 1 541 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jul 2017 · 1 min read *ज़िंदगी* (कविता) "ज़िंदगी" (कविता) ******* अजब पहेली बनी ज़िंदगी उलझ गई जज़्बातों में मोती के दानों सी बिखरी फ़िसल गई हालातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता बातों में आहें... Hindi · कविता 1 457 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Jul 2017 · 1 min read "खामोशी" कविता *खामोशी* ******* संवेगों की मौन व्यथाएँ मूक भाव अभिव्यक्ति है दमित चाह ज्यों बंद यौवना चुप्पी साधे दिखती है। कलकल स्वर में निर्झर बहता विरह वेदना कह जाता काँटों से... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read विरह गीत विरह गीत ******** श्यामघटा घनघोर निहारत बूँद झमाझम गीत सुनाए, दादुर शोर हिया झुलसावत खेत हरी चुनरी लहराए। प्रीत लगी जब साजन से तब नैनन नींद नहीं कछु भाए, चातक... Hindi · गीत 1 930 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read "अहंकार"दोहे "अहंकार" दोहे *********** अहंकार को त्याग दो, सर्प भाँति विषधार। अवसर पा डँस लेत है,नहीं बचा उपचार। अहंकार है शूल सम, देता घात हज़ार। मधुर वचन औषध सदा, हरें पीर... Hindi · दोहा 1 3k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read "जंग" कविता विषय- "जंग" ****** मापनी-1222×4 बना कर ज़िंदगी को जंग दानवता बढ़ाते हैं सियासी चाल शतरंजी बिछा शकुनी लड़ाते हैं बदल कर गिरगिटी सा रंग रिश्तों को मिटाते हैं बने ये... Hindi · कविता 1 816 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read राख(कविता) *राख* ****** सुला कर गोद में अपनी झुलाया पूत को पलना तड़प कर रो उठी ममता पड़ा अपमान जब सहना। बह रहे आँख से आँसू निकल घर द्वार से अपने... Hindi · कविता 1 631 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read कारगिल विजय दिवस कविता "कारगिल विजय दिवस" मापनी-१२२२×४ लगा कर धूल मस्तक पर बहा कर प्रेम की धारा। चला हस्ती मिटाने को भगत आज़ाद सा यारा। वतन पे जाँ फ़िदा कर दे यही ख़्वाहिश... Hindi · कविता 2 2 3k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Jul 2017 · 1 min read *पायलिया* मुक्तक *पायलिया* ******* बरसती बारिशों में आग पायलिया लगाती है। दिलों में कोकिला सी राग भर सरगम सुनाती है। बनी ये रेशमी धड़कन ज़माने को करे घायल। सरकती चादरों पे रात... Hindi · मुक्तक 1 571 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jul 2017 · 1 min read "अहंकार" दोहे "अहंकार" दोहे *********** अहंकार को त्याग दो, सर्प भाँति विषधार। अवसर पा डँस लेत है,नहीं बचा उपचार। अहंकार है शूल सम, देता घात हज़ार। मधुर वचन औषध सदा, हरें पीर... Hindi · दोहा 1 6k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jul 2017 · 1 min read "इंसानियत" मुक्तक इंसानियत ****** पहन कर बैर का जामा बढ़ाते हसरतें क्यों हो? पढ़ा कर पाठ मज़हब का उठाते ज़हमतें क्यों हो? रहीमा राम बन जाए मुहब्बत का सबक सीखें मिला कर... Hindi · मुक्तक 1 273 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Jul 2017 · 1 min read "मधुशाला" मुक्तक "मधुशाला" मुक्तक ********* छुआ दे आज अधरों से अधर का जाम मतवाला। बुझे ना प्यास महफ़िल में लगे फ़ीकी सरस बाला। भिगो कर जिस्म नूरानी फ़िज़ाओं में महक भर दूँ।... Hindi · मुक्तक 2 600 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Jul 2017 · 1 min read "इंसानियत" मुक्तक "इंसानियत" ******** बहा कर प्रीत का सागर, सरस सम भाव उपजाएँ। बनें हम नेक फ़ितरत से, चलो इंसान बन जाएँ। मिटा कर नफ़रती दौलत मुहब्बत का सबक सीखें। भुला कर... Hindi · मुक्तक 1 251 Share Previous Page 10 Next