डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Language: Hindi 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 8 min read दुखी मन मेरे दुखी मन मेरे यह कहानी उन मानसिक रोगियों को सर्मपित है। जिन्होने अपनी जिन्दगी में खुषी का कोई क्षण अनुभव नही किया है। यह अजीब विडम्बना है कि जीवन में... Hindi · कहानी 434 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 5 min read दादा जी का अविस्मरणीय ऋण दादा जी का अविस्मरणीय ऋण बहुत समय पहले की बात हैं। वर्षा ऋतु का मौसम था। देापहर का वक्ता था मेरा ग्राम चारों तरफ पानी से घिरा हुआ था। चारों... Hindi · कहानी 369 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 3 min read अनहोनी अनहोनी अचानक सड़क पर एक चीख सुनाई पड़ती है । छ्ज्जे परखड़े दो छात्रआपस मे गुफ्तगू कर रहे थे । धुंधलका गहराने लगा था । सड़के सूनी हो गयी थी... Hindi · कहानी 1 413 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 6 min read अनंत की यात्रा --- अनंत की यात्रा गाँव के गलियरों मे बच्चो का शोर गुल थमने का नाम ही नहीं ले रहा था । जब कोलाहल ऊंचा होता गया एतो थल्ले पर बैठे बुजुर्गो... Hindi · कहानी 671 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read अतिथि तुम कब आओगे अतिथि तुम कब आओगेः शायं का समय था। मैं एक पक्के आलीषान मकान में उक्त प्रहर के बीत जाने का इन्तजार कर रहा था। काली डामर की सड़को पर तेज... Hindi · कहानी 394 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read प्रायश्चित प्रायश्चित शीतकाल प्रारम्भ है, रात्रीकी चादर सुबह का सूरज धीरेधीरे समेट रही है। उसकाप्रकाश दरवाजे की झिर्रीयों से छन-छन कर अंदर प्रवेश का अहसास करा रहा है।रात भर रज़ाई से... Hindi · कहानी 1 1 569 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read डिफ़ाल्टर डिफाल्टर प्रवीण कुमार हमारे गाॅव में एक परमानन्द जी का परिवार रहता था। षाम को जब मेहनतकष मजदूर,बटोही घर पहॅुच कर विश्राम की मुद्रा में होते थे तब परमानन्द जी... Hindi · कहानी 303 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Aug 2017 · 1 min read जीवन एक व्यापार हो गया । कविता –जीवन एक व्यापार हो गया । जीवन एक व्यापार हो गया , कृषक मौन , घर –द्वार बह गया । दाने –दाने को तरसे भाई , कातर नयनों से... Hindi · कविता 1 318 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 1 min read कविता --एकला चलो रे -- एकला चलो रे बचपन मे रेडियो पर रवीन्द्र संगीत सुनता था बंगला भाषा ना जानते हुए भी गुनता था एकला चलो रे गुरु देव का यह गीत आज भी गुनगुनाता... Hindi · कविता 481 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 5 min read मंझली बेटी. मँझली बेटी---डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव Quote Post by admin » Mon Aug 28, 2017 4:08 pm मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न... Hindi · कहानी 737 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 6 min read जहाँ सुमति -------- जहां सुमति ................ गोधूलि की बेला थी , गाँव –गाँव दुधारू पशु धूल उड़ाते हुये अपने अपने निवास की ओर अग्रसर थे । सूरज की किरने धूल की धुन्ध मे... Hindi · कहानी 516 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Aug 2017 · 1 min read एकला चलो रे एकला चलो रे बचपन मे रेडियो पर रवीन्द्र संगीत सुनता था बंगला भाषा ना जानते हुए भी गुनता था एकला चलो रे गुरु देव का यह गीत आज भी गुनगुनाता... Hindi · कविता 520 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read ग्रामीण सेवा का एक विहंगम दृश्य कृपया कहानी पढ़े Hindi · कहानी 831 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read अतिथि तुम कब आओगे कृपया कहानी पढ़े। Hindi · कहानी 594 Share Previous Page 11