Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2017 · 1 min read

एकला चलो रे

एकला चलो रे

बचपन मे रेडियो पर रवीन्द्र संगीत सुनता था
बंगला भाषा ना जानते हुए भी गुनता था
एकला चलो रे गुरु देव का यह गीत आज भी गुनगुनाता हूँ ।
और अपने को बहुत अकेला पाता हूँ ।
मुझे राह मिली ना मंजिल , परंतु यह गुरु मंत्र मेरे बहुत कम आ रहा है ,
जब भी मैं उदास अकेला होता हूँ
कुछ पाने की चाह लिए मै अपना जीवन जीने के लिए निकलता हूँ
तो भीड़ का करुण क्रंदन , गरीबी के बोझ तले
दबा मैला कुचैला बचपन ,
सहारे के लिए तरसता बुढ़ापा
और जीवन मे कुछ करने की आस लिए मैं
देखता हूँ अपने साथियों, मित्रो को
तब गुरुदेव मुझसे कहते हैं
एकला चलो रे ।
जीवन के संग्राम मे बिना माया –मोह के
बिना राग-द्वेष तृष्णा के एकला चलो रे
एकला चलने से कारवां बनता है
नित्य नया नेतृत्व निकलता है
आशा और प्यार मे स्नेह पलता है
जीवन का नवगीत सृजित होता है
तब हर गुरुमंत्र यही कहता है
एकला चलो रे ।
मेरे एकला चलने मे ही यथार्थ है
वरना मेरे लिए सब माया जाल है ।
मेरे विश्वास अविश्वास बनते रहेंगे ,
लोग मेरे कान भरते रहेंगे ,
मैं अपना परायापहचान भी ना पाऊँगा
मैं जीवन जीने की कला जान भी ना पाऊँगा ।
तटस्थ राह कर भी मेरा जीवन संघर्षमय है ,
केवल मेरे साथ एक गुरुमंत्र है ,
एकला चलो रे , एकला चलो रे

डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव

Language: Hindi
464 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
बेटियां
बेटियां
Manu Vashistha
वाणी में शालीनता ,
वाणी में शालीनता ,
sushil sarna
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
Ram Krishan Rastogi
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
🙅क्षणिका🙅
🙅क्षणिका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
The Moon!
The Moon!
Buddha Prakash
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
बारिश के गुण गाओ जी (बाल कविता)
बारिश के गुण गाओ जी (बाल कविता)
Ravi Prakash
रंग रंगीली होली आई
रंग रंगीली होली आई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आशिकी
आशिकी
साहिल
"आशिकी में"
Dr. Kishan tandon kranti
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
शेखर सिंह
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आज की बेटियां
आज की बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
21वीं सदी और भारतीय युवा
21वीं सदी और भारतीय युवा
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
लक्ष्मी सिंह
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
Ranjeet kumar patre
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
--पागल खाना ?--
--पागल खाना ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...