गुमनाम 'बाबा' 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 गुमनाम 'बाबा' 26 Sep 2023 · 1 min read नवजात बहू (लघुकथा) नवजात बहू (लघुकथा) पिता की मृत्यु के बाद मोहन ने ही अपनी छोटी बहन छवि को पढ़ाया-लिखाया और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज देकर एक शहरी परिवार में उसकी... Hindi · लघु कथा 199 Share गुमनाम 'बाबा' 26 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा माँ जाये सम्बंध में, शब्द हो गए दीन। अपनों की तौहीन में, थी अपनी तौहीन।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 196 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा आकर बैठो पास तुम, होकर कभी अशेष। फिर नैना पढ़कर कहो, नही प्रश्न अब शेष।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 300 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा हरिया किससे मैं कहूँ, अपने मन की पीर। उठ आती है हूँक सी, सीना देती चीर।। आज दुःखी हो कह रहा,अपने मन की पीर। हरिया मुझसे छीन ले, पावक... Quote Writer 1 518 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Sep 2023 · 6 min read साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी) बात उन दिनों की है जब भोला राम आरक्षी के रूप में बडे साहब के कार्यालय में तैनात थे पुराने साहब के ट्रान्सफर के बाद नये साहब की तैनाती हुई।... Hindi · कहानी · हास्य-व्यंग्य 371 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा हर अर्जुन यह सोचता, मैं धनुधारी वीर। बिना कृष्ण इस युद्ध में, खोटे है सब तीर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 240 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Sep 2023 · 1 min read चाय-समौसा (हास्य) चाय-समौसा (हास्य) रोष समौसे में भरा, बोला सुन ले पनीर। तीन टाँग का जो कहा, सीना दूँगा चीर।। चाय उबल कर कह गयी, सबसे अपनी पीर। संग समौसे तल गयी,... Quote Writer 224 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Sep 2023 · 1 min read हँस लो! आज दर-ब-दर हैं हँस लो! आज दर-ब-दर हैं सुनो! कल पनाह भी देंगे तुमने सिर्फ जख्म ही दिए हैं हम साथ में नमक भी देंगे ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 126 Share गुमनाम 'बाबा' 21 Sep 2023 · 1 min read आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं किस्मत हमसे नही हम किस्मत से रूठे हैं यकीं हैं हौसलों को सजदा करेगी किस्मत थोड़ी थकान बेशक है अंदर से कहाँ... Quote Writer 309 Share गुमनाम 'बाबा' 21 Sep 2023 · 1 min read हँस लो! आज दर-ब-दर हैं हँस लो! आज दर-ब-दर हैं सुनो! कल पनाह भी देंगे तुमने सिर्फ जख्म ही दिए हैं हम साथ में नमक भी देंगे ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 372 Share गुमनाम 'बाबा' 10 Sep 2023 · 1 min read अदरक वाला स्वाद *हास्य* गधा गदहिया चल पड़े, झोला लिए बाजार। लाएँगे बाजार से, अदरक का आचार।। बंदर में था मद भरा, और भरी थी ऐंठ। दिल्ली में लगती नही, इससे अच्छी पेंठ।।... Hindi · दोहा · हास्य 2 146 Share गुमनाम 'बाबा' 6 Sep 2023 · 1 min read गीत *कृष्ण की अभिलाषा* मैया मोरि सांवरी सुरतिया कितनी प्यारी सोहत होती कमर करधनिया क्षुद्र घंटिका कट-कट बाजत लटकी होती शिखा मध्य में मेरी चुटिया लम्बी-लम्बी लटकत होती पीत वर्ण का... Hindi · गीत 1 130 Share गुमनाम 'बाबा' 5 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा गुरू ज्ञान का कोष हैं, शिष्य गुणों से हीन। दया, क्षमा, सद्भावना, चाहें हम सब दीन।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 396 Share गुमनाम 'बाबा' 29 Aug 2023 · 3 min read कविता माँ काली का गद्यानुवाद काली 'छिप गये तारे गगन के बादलों पर चढ़े बादल काँपकर ठहरा अंधेरा गरजते तूफान में। सत-लक्ष पागल प्राण छूटे जल्द कारागार से द्रुम-जड़ समेत उखाड़कर, हर बला पथ की... Hindi · लेख 4 724 Share गुमनाम 'बाबा' 29 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा जिनके आगे विवश थे, हॉकी बल्ला, गोल। भारत में पैदा हुए, ध्यानचंद अनमोल।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 202 Share गुमनाम 'बाबा' 29 Aug 2023 · 1 min read दोहे दोहे जब भी मिलकर है चला, सनातन से विज्ञान। हुई सत्य की खोज है, सकल विश्व को ज्ञान।। नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस। उसी ज्ञान से नौ... Quote Writer 1 146 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा हरिया किससे मैं कहूँ, अपने मन की पीर। उठ आती है हूँक सी, सीना देती चीर।। आज दुःखी हो कह रहा,अपने मन की पीर। हरिया मुझसे छीन ले, पावक... Quote Writer 271 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Aug 2023 · 1 min read नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस। नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस। उसी ज्ञान के कोष से, सब ग्रह होते पास।। मुगल जलाते ही रहे, ज्ञान भरे वह पेज। बचे चुराकर ले गए, गौरे... Quote Writer 1 234 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Aug 2023 · 1 min read कोई मिले जो गले लगा ले कोई मिले जो गले लगा ले आकर मेरा मन बहला दे मिलकर सारे दुःख बांट ले अपने-पन से मुझे डाँट दे पढ़ ले भाषा इन आंखों की नही जरूरत फिर... Quote Writer 1 246 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा तन पर सुंदर साड़ियाँ, कुमकुम बिंदी भाल। सकल विश्व में छा रहीं, बनकर एक मिसाल।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 219 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा अंतरिक्ष को भेदने, निकल पड़ीं हैं साथ।। ये इसरो की शक्तियां, पकड़ हाथ में हाथ।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 1 374 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Aug 2023 · 1 min read नया भारत नया भारत भारत ने फिर से किया, दुनिया का भ्रम दूर। चंदा मामा है नहीं, अब भारत से दूर।। दिग्भ्रमित सभी हो गए, पूंजीवादी देश। कैसे इतना बदल गया, भारत... Quote Writer 262 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा तुमको है शुभकामना, विक्रम और प्रज्ञान। चंदा मामा चूमकर, जग को देना ज्ञान।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 186 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा तुमको है शुभकामना, विक्रम पुत्र प्रज्ञान। चंदा मामा चूमकर, जग को देना ज्ञान।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 140 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा जीवन तो ऐसा जियो, तरुवर नीर समीर। सबको जीवन दे दियो, बिको न तनिक जमीर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 320 Share गुमनाम 'बाबा' 21 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा हे प्रभु! मुझको दीजिए, केवल यह वरदान। जग से नाता छोड़ कर, करूँ आपका ध्यान।। दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 235 Share गुमनाम 'बाबा' 21 Aug 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक डर उनसे नही था जिनके स्वभाव आग थे मुँह के बेशक कड़वे थे पर हितैषी भाव थे उनके काटने पर हम लहर को तरस रहे हैं जो लगते शहद... Quote Writer 367 Share गुमनाम 'बाबा' 21 Aug 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक मैं विषधर हूँ संज्ञा तो है! प्रकृति के अनुकूल सही। हे मानव! तुझसे अच्छा हूँ,अपनों के प्रतिकूल नही।। जो विषधर से घातक होते, करते हैं बदनाम वही। बहुत विषैले... Quote Writer 335 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा तीन वर्ष के बाद में, आता है अधिमास। श्री वृंदावन धाम में, प्रभु करते हैं वास।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 272 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा अब पसंद करते नही, तेरे डाले पोस्ट। कितनी जल्दी ऊबते, यह आभासी दोस्त।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 193 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read तीज बागों में झूले पड़े , ऊंची-ऊंची डाल। करत-करत अठखेलियाँ, लाल हो गए गाल।। हरे रंग की चूड़ियां, और महावर लाल। प्रीतम आते देखकर, केश गिरातीं गाल।। सब कुछ फीका सा... Hindi · दोहा 67 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Aug 2023 · 1 min read हीरा उन्हीं को समझा गया हीरा उन्हीं को समझा गया जो हर बात कहते कान में, सच्चे हीरे आज भी दबे है कोयलों की खान में....🙏 ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 266 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा जिसको धन बल चाहिए, जाए खाटू धाम। मैं चातक घनश्याम का, मेरे स्वामी श्याम।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 354 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा द्वापर में श्रीकृष्ण जी, त्रेता में श्रीराम। कलयुग में झोली भरें, खाटू वाले श्याम।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 455 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा श्याम भा गए मोर को, और श्याम को मोर। जो देखा घन श्याम तो, सुध खो बैठा मोर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 308 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा ब्रजमंडल घन श्याम हो, मैं उस ब्रज का मोर।। पीहू-पीहू बोलकर, मैं नाचूँ चहुँ ओर। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 394 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा श्याम भा गए मोर को, और श्याम को मोर। देखा जो घन श्याम तो, सुध खो देता मोर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 374 Share गुमनाम 'बाबा' 31 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा धनिया, होरी, निर्मला, और गजाधर राय। जन की भाषा लिख गये, लेखक धनपतराय।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 199 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा आधी जनता कर रही, राजनीति से आस। लाईनपार कर सकें, ऐसा पुल हो पास।। ©दुष्यन्त 'बाबा' चित्र-गूगल से साभार कॉपी.. Quote Writer 108 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा रामगंगा है गंदी, गागन रही न साफ। इसमें भैंसे लोटती, वह ढोती है पाप।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 272 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा स्मार्ट सिटी तो हो गया, शहर मुरादाबाद। लोग हुए स्मार्ट नही, करते सब बर्बाद।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 163 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा कदम-कदम पर बत्तियां, जगह-जगह आदेश। बिना नियम के जो चले, घर पहुँचें संदेश।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 160 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा भूत-प्रेत की टोलियां, डमरू साजे हाथ। चढ़ नंदी पर आ गये, गौरा जी के नाथ।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 365 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा मिले चरण रज राम की, माँ सीता की छांव। छाया में चलता रहूँ, पियूँ पखारे पांव।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 273 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Jul 2023 · 1 min read कुण्डलिया-मणिपुर कुण्डलिया-मणिपुर रही तड़पती द्रौपदी, बिधता रहा शरीर। दु:शासनों की भीड़ में, वह थी नग्न शरीर।। वह थी नग्न शरीर, शरीर नोच कर खावें। दानव दल की भीड़, में कौन जान... 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