गुमनाम 'बाबा' 118 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 गुमनाम 'बाबा' 21 Aug 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक मैं विषधर हूँ संज्ञा तो है! प्रकृति के अनुकूल सही। हे मानव! तुझसे अच्छा हूँ,अपनों के प्रतिकूल नही।। जो विषधर से घातक होते, करते हैं बदनाम वही। बहुत विषैले... Quote Writer 478 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा तीन वर्ष के बाद में, आता है अधिमास। श्री वृंदावन धाम में, प्रभु करते हैं वास।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 352 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा अब पसंद करते नही, तेरे डाले पोस्ट। कितनी जल्दी ऊबते, यह आभासी दोस्त।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 284 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Aug 2023 · 1 min read तीज बागों में झूले पड़े , ऊंची-ऊंची डाल। करत-करत अठखेलियाँ, लाल हो गए गाल।। हरे रंग की चूड़ियां, और महावर लाल। प्रीतम आते देखकर, केश गिरातीं गाल।। सब कुछ फीका सा... Hindi · दोहा 76 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Aug 2023 · 1 min read हीरा उन्हीं को समझा गया हीरा उन्हीं को समझा गया जो हर बात कहते कान में, सच्चे हीरे आज भी दबे है कोयलों की खान में....🙏 ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 357 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा जिसको धन बल चाहिए, जाए खाटू धाम। मैं चातक घनश्याम का, मेरे स्वामी श्याम।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 424 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा द्वापर में श्रीकृष्ण जी, त्रेता में श्रीराम। कलयुग में झोली भरें, खाटू वाले श्याम।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 591 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा श्याम भा गए मोर को, और श्याम को मोर। जो देखा घन श्याम तो, सुध खो बैठा मोर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 452 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा ब्रजमंडल घन श्याम हो, मैं उस ब्रज का मोर।। पीहू-पीहू बोलकर, मैं नाचूँ चहुँ ओर। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 467 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Aug 2023 · 1 min read दोहा दोहा श्याम भा गए मोर को, और श्याम को मोर। देखा जो घन श्याम तो, सुध खो देता मोर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 436 Share गुमनाम 'बाबा' 31 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा धनिया, होरी, निर्मला, और गजाधर राय। जन की भाषा लिख गये, लेखक धनपतराय।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 267 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा आधी जनता कर रही, राजनीति से आस। लाईनपार कर सकें, ऐसा पुल हो पास।। ©दुष्यन्त 'बाबा' चित्र-गूगल से साभार कॉपी.. Quote Writer 155 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा रामगंगा है गंदी, गागन रही न साफ। इसमें भैंसे लोटती, वह ढोती है पाप।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 361 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा स्मार्ट सिटी तो हो गया, शहर मुरादाबाद। लोग हुए स्मार्ट नही, करते सब बर्बाद।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 205 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा कदम-कदम पर बत्तियां, जगह-जगह आदेश। बिना नियम के जो चले, घर पहुँचें संदेश।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 228 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा भूत-प्रेत की टोलियां, डमरू साजे हाथ। चढ़ नंदी पर आ गये, गौरा जी के नाथ।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 434 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Jul 2023 · 1 min read दोहा दोहा मिले चरण रज राम की, माँ सीता की छांव। छाया में चलता रहूँ, पियूँ पखारे पांव।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 1 372 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Jul 2023 · 1 min read कुण्डलिया-मणिपुर कुण्डलिया-मणिपुर रही तड़पती द्रौपदी, बिधता रहा शरीर। दु:शासनों की भीड़ में, वह थी नग्न शरीर।। वह थी नग्न शरीर, शरीर नोच कर खावें। दानव दल की भीड़, में कौन जान... Quote Writer 1 237 Share Previous Page 3