Tag: ग़ज़ल/गीतिका
11
posts
गुज़र गई है बहुत
Dr Vipin Sharma
बीता हुआ कल फिर से करीब आया है
Dr Vipin Sharma
कुछ नहीं हूँ तो कितना खुश हूं
Dr Vipin Sharma
मन की उड़ान मत रोको
Dr Vipin Sharma
वह इमारत पुरानी सी लगती है
Dr Vipin Sharma
जिन रास्तों से गुज़रा करता था मैं कभी
Dr Vipin Sharma
साल दर साल बीत जाने दो
Dr Vipin Sharma
धूप का एक कोना छिटक जाता है
Dr Vipin Sharma
हम क़ुदरत से जुदा हो गए हैं
Dr Vipin Sharma
चले जा रहे हैं जो कल थे सितारे
Dr Vipin Sharma
संभल के जीना ज़िन्दगी के पल दो पल
Dr Vipin Sharma