डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 25 Dec 2022 · 1 min read प्रिय अटल जी अटल जी का स्थान विश्व के पटल पर है। भारत के अनमोल रत्न है भारत रत्न है। भाषण के भीष्म है। कविता के सम्राट है। धर्म मे धर्मराज है। सोच... Hindi · कविता 238 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 30 Sep 2022 · 1 min read उपहार भगवान की भक्ति उपहार है। धर्म रुपी चरित्र उपहार है। प्यार का स्वरुप उपहार है। दोस्त की मित्रता उपहार है। अज्ञानी को ज्ञान उपहार है। सत्य को न्याय उपहार है।... Hindi · कविता 1 282 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 18 Sep 2022 · 1 min read प्रश्न संस्कृत लुप्त हो गई, अंग्रेजी सिर चढ़ गई। हिंदी बेचारी हो गई। अंग्रेजी सरकारी हो गई। जनमत देखो मौन है, इसका दोषी कौन है। सरकार खामोश है, हिंदी प्रेमियों में... Hindi · कविता 3 2 258 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 29 Jun 2022 · 1 min read *सुप्रभात की सुगंध* सुप्रभात से ही सुविचार करो। सुमन सुगंध से मन को भी सुगंधित करो। योग्य से सुयोग्य बनो। सुसंयोग से सुसंगत बनो। सुकृति से सुकर्म करो और सुचरित्र बनो। सुबुद्धि से... Hindi · कविता 1 375 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 25 Jun 2022 · 1 min read योग करो। हर दिन योग करो। योग से निरोग बनो। योग से स्मरण शक्ति बढ़ाओं। सही दिशा में कदम चलाओ। योगा से शरीर का संतुलन रखो। तनाव से विमुक्ति पाओ। सकारात्मक सोच... Hindi · कविता 2 2 330 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 11 Jun 2022 · 1 min read भारत विश्व को पहला भाषा सिखाया। विश्व का प्रथम गुरु बनकर ज्ञान का मार्ग दिखाया। अंधकार से ज्ञान का ज्योति जलाया। योग सिखाया, वैद्य सिखाया। शास्त्र सिखाया, शस्त्र का ज्ञान सिखाया।... Hindi · कविता 1 212 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 10 Jun 2022 · 1 min read वृक्ष हस रहा है। वृक्ष हस रहा है। वृक्ष हस रहा है। खेद मन से हस रहा है। मूर्ख मानव को देखकर मौन से हस रहा है। वृक्ष को नाश करने मानव को देख... Hindi · कविता 1 2 233 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 9 Jun 2022 · 1 min read कवि कवि क- कलम से, वि- विमर्श देने वाला कलम से सोचने वाला। कलम ही कवि का मित्र है। कविता ही कवि का संपत्ति है। अपनी कलम से ज्ञान की ज्योति... Hindi · कविता 1 2 395 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 9 Jun 2022 · 1 min read हे मनुष्य! हे मनुष्य! सोचो, कहा है। आप आगे या पीछे आप आगे समझकर दस गुणा पीछे जा रहे हो। हे मनुष्य! सोचो। कहा हो आप। हे! क्या कर रहे हो आप... Hindi · कविता 1 2 329 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 7 Jun 2022 · 1 min read सुधार लूँगा। मुझे हिन्दी नही आता है। फिर भी मैं हिन्दी कविता लिखता हूँ। मैं अपने सोच को व्यक्त करता हूँ। त्रुटियों को सुधार कर सकता हूँ। कविता लिख ने की व्याकरण... Hindi · कविता 2 8 280 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 6 Jun 2022 · 1 min read मित्र मन का रिस्ता है मित्र संकट में उपाय है मित्र। दुःख में धैर्य है मित्र। आनंद में मुस्कान है मित्र। अज्ञान में गुरु है मित्र। प्रश्न में समाधान है मित्र।... Hindi · कविता 3 2 302 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 6 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण विज्ञान के नाम से अज्ञान न बनो। परि आवरणों को सुरक्ष रखो। वनों को मत काटो, वृक्षारोपण करो, रासायनोका उपयोग मत करो। जल और वायु को प्रदूषण मत करो। अज्ञान... Hindi · कविता 3 4 382 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 5 Jun 2022 · 1 min read वर्षा वर्षा आयारे आयारे । घिर घिर कर शोर मचाया रे। हम सब को बिगाय रे। गर्मी को बगाया रे। दूर दूर से आता रे, दूर दूर तक जाता रे, बिना... Hindi · कविता 298 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 5 Jun 2022 · 1 min read युवता उठो युवक, नींद में से उठो। आप की हात मे देश का भविष्य है। लक्ष की ओर चलते रहो। न रूखो, न डरो, न जुखो बस आगे चलते रहो। आलसी... Hindi · कविता 1 2 296 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 5 Jun 2022 · 1 min read प्रतीक्षा करना पड़ता। परिश्रम करने वालो को, कभी अपजय नही होता। मगर प्रतीक्षा करना पडता है। सत्य बोलने वालों को कभी अधैर्य नही होता। मगर प्रतीक्षा करना पडता है। धर्म मार्ग मे चलने... Hindi · कविता 236 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 5 Jun 2022 · 1 min read धर्म कष्ठ होते भी, धर्म में जीओ। धर्म का ही अंतिम विजय है। रावण भी बडा भक्त था। मगर अधर्म मार्ग को चुना। वाली भी वीर था। मगर अधर्म मार्ग को... Hindi · कविता 344 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 5 Jun 2022 · 1 min read पिता मन मे बाधा रहकर भी, मुख में मुस्कान होने वाला। पस्त होकर भी अपने परिवार का भूख मिटानेवाला। अपना परिवार की खुशी देख ने केलिए पसीना निकालने वाला। समस्यो से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 13 393 Share