Comments (8)
7 Jun 2022 06:30 PM
आपका विचार बहुत ही अच्छा है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Author
8 Jun 2022 06:39 PM
धन्यवाद जी।
7 Jun 2022 06:15 PM
और हा आपके इस रचना को विषय(subject) मैंने दिया है, तभी यह कृति आपने सत्य में उतारी है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Author
8 Jun 2022 06:38 PM
धन्यवाद जी।
7 Jun 2022 06:08 PM
बहोत खास..! विचारों के साहित्य को व्याकरण में नहीं बाँध सकते और आजाद सोच को कोई रोक नहीं सकते। देखो ये भी एक कविता बन गयी। सूंदर लिखा
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Author
8 Jun 2022 06:38 PM
धन्यवाद जी।
आपने बहुत ही सुंदर बात कही है।मगर मेरी सोच में त्रुटिया नही है।
धन्यवाद जी।