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Comments (13)

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14 Jun 2022 08:25 PM

बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीय
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।

धन्यवाद जी। जरूर पढ़ता हूँ।

वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।

बेहतरीन कविता, विजय कुमार जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।

धन्यवाद, ठीक है।

5 Jun 2022 08:37 AM

बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

धन्यवाद, ठीक है।

5 Jun 2022 08:27 AM

बहुत ही सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

धन्यवाद ,ठीक है।

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