विजय कुमार नामदेव 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय कुमार नामदेव 20 Jun 2025 · 1 min read वह मेरा हो के रह गया जब से मुझे मिला, वह मेरा हो के रह गया जब से मुझे मिला, मैं उसका हो सका नहीं, किस्मत नहीं रही। मंथन से जो अमृत मिला सब देख पी गये, अमृत की भोलेनाथ... Quote Writer 1 60 Share विजय कुमार नामदेव 20 Jun 2025 · 1 min read अब तो हमारे प्यार की कीमत नहीं रही, अब तो हमारे प्यार की कीमत नहीं रही, जब से हमारे पास में दौलत नहीं रही। यह बात भी अलग है, उसे चाहा उम्रभर, लेकिन कभी भी ज़िस्म की, हसरत... Quote Writer 79 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read ऐब देखा किये जमाने के। ऐब देखा किये जमाने के। हमने बस आईना नहीं देखा।। कैसा मंजर है आज उपवन का। एक भी गुल खिला नहीं देखा।। Quote Writer 88 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read ज़िन्दगी में तो क्या नहीं देखा। ज़िन्दगी में तो क्या नहीं देखा। आज तक पर खुदा नहीं देखा।। रोज़ बैठे रहे किनारे पर। पर तेरा रास्ता नहीं देखा।। Quote Writer 95 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read इस तरह का मैं तुम्हारा, प्यार लेकर क्या करूँगा। इस तरह का मैं तुम्हारा, प्यार लेकर क्या करूँगा। डूबकर मर जाऊँ वो, मंझधार लेकर क्या करूँगा।। हर खुशी देता रहा हूँ, तुम न समझे प्यार मेरा। शांति ना हो... Quote Writer 1 84 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read इस बेवफ़ा की याद में क्यों मर रहे हो तुम। इस बेवफ़ा की याद में क्यों मर रहे हो तुम। क्या करने आये थे यहाँ, क्या कर रहे हो तुम।। सबको वफ़ा के नाम पर, जिस्मों की चाह है। खुद... Quote Writer 1 85 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read अपना दिल आज हम जला लें क्या। अपना दिल आज हम जला लें क्या। धोका एक बार फिर से खा लें क्या।। दिल से तो वो कभी मिला ही नहीं। हाथ उससे कहो मिला लें क्या।। सच... Quote Writer 1 92 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read क्या कहते हो डर जाएंगे। क्या कहते हो डर जाएंगे। मौत से पहले मर जाएंगे।। ज़ख्म बहुत गहरे हैं लेकिन। लगता तो है भर जाएंगे।। जाने में डर तो है यारों। लेकिन फिर भी घर... Quote Writer 120 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read उलझने क्यों मेरी बढ़ाते हो। उलझने क्यों मेरी बढ़ाते हो। आप क्यों रोज़ ही बुलाते हो।। जिंदगी कर रखी मेरी बद्तर। और मुझे ज़िन्दगी बताते हो।। रूठना है ये देखने के लिए। मुझको तुम किस... Quote Writer 112 Share विजय कुमार नामदेव 14 May 2025 · 1 min read गणपति बप्पा गणपति बप्पा की जय बोल। खाते है वो लड्डू गोल।। सूंड बड़ी और तोंद बड़ी । जय शिव बोले घड़ी-घड़ी।। सूपा जैसे उनके कान। कितने गुण की है वो खान।।... Hindi · बाल कविता 1 115 Share विजय कुमार नामदेव 17 Feb 2025 · 1 min read नई कार भालू ने ली नई-नई कार। बड़ी शान से गया बाजार।। लड्डू पेड़ा और मिठाई । लेकर आए भालू भाई।। बहुत हुए खुश उसके बच्चे। पापा अपने कितने अच्छे।। सिग्नल तोड़ा... Poetry Writing Challenge-2 104 Share विजय कुमार नामदेव 17 Feb 2025 · 1 min read ठंडे गांव आज क्यों मरहम लगा दी घाव में। क्या कमी रह गई थी कोई दांव में।। तैरना सीखेगा कैसे तू बता। बैठ जाता तू हमेशा नाव में।। सब शहर में आ... Hindi 1 152 Share विजय कुमार नामदेव 20 Dec 2024 · 1 min read ठंडे गांव आज क्यों मरहम लगा दी घाव में। क्या कमी रह गई थी कोई दांव में।। तैरना सीखेगा कैसे तू बता। बैठ जाता तू हमेशा नाव में।। सब शहर में आ... Hindi 176 Share विजय कुमार नामदेव 22 May 2024 · 1 min read व्यथा क्या व्यथा कहते बुलाकर चार को। तोड़ते है चार ही घरबार को।। क्यों दवा में भी मिलावट कर रहे। मार ही डालोगे क्या बीमार को।। वक़्त पैसा प्यार सब कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 220 Share विजय कुमार नामदेव 21 Apr 2024 · 1 min read मिल रही है तीरगी रोशनी से मिल रही है। रोशनी तीरगी से मिल रही है।। तुम्हें बाहों में लेकर सोचता हूँ। ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से मिल रही है।। तुझको पाना तो इत्तेफाक नहीं ।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 241 Share विजय कुमार नामदेव 21 Apr 2024 · 1 min read बदनाम से 2122 2122 212 हर चमन और हर कली के नाम से। हो रहे हैं आज कल बदनाम से।। इश्क क्या, है और बता कैसी वफ़ा। ये सभी मिलती हैं, केवल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 264 Share विजय कुमार नामदेव 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदना वेदना के गर्भ में पलती रही संवेदना। अक्सर बिना सिर-पैर के चलती रही संवेदना ।। बस्तियाँ तो रात भर, जलती रहीं अपनी मगर। मोम के संग रात भर, गलती रही... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 262 Share विजय कुमार नामदेव 19 Mar 2024 · 1 min read राम-वन्दना मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम। सफल हुई है मेरी, आज राम वंदना।। जीवन को आर-पार, आप करो बार-बार। करते रहो जी आप, राम-राम वंदना।। अपने ही धाम आके,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 270 Share विजय कुमार नामदेव 28 Feb 2024 · 1 min read मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम। मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम। सफल हुई है मेरी, आज राम वंदना।। जीवन को आर-पार, आप करो बार-बार। करते रहो जी आप, राम-राम वंदना।। अपने ही धाम आके,... Quote Writer 1 515 Share विजय कुमार नामदेव 28 Feb 2024 · 1 min read क्या कहें क्या कहें उनको विजय जो बेशर्म हमको किए पर कभी भी शर्म से जो नहीं मरते रहे क्या कहें क्या कहें। क्या कहें उनको विजय जो शब्द तक लिखे नहीं।... Hindi 2 248 Share विजय कुमार नामदेव 26 Feb 2024 · 1 min read बैठ गए वो मुझे आजमा के बैठ गए। हम भी नज़रें झुका के बैठ गए।। हौंसला था हमारा यह समझो। खार दुश्मन भी खा के बैठ गए।। वक्ते रुखसत कब आसान रहा।... Hindi · ग़ज़ल 302 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read लाल पतंग उड़ा रहा है आसमान में सोनू अपनी लाल पतंग।। देख-देख खुश होता मोनू कितना प्यारा इसका रंग।। चीनू , गोलू , ढोलू , भोलू पतंग उड़ाते हैं मिलकर। एक दूजे... Poetry Writing Challenge-2 325 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read चिड़ियाघर चलो चलें चिड़ियाघर बच्चो देखेंगे हम मोर वहां।। हाथी ,बंदर, भालू, घोड़ा सब मिल करते शोर वहां।। चिड़िया चींचीं करती रहती चुगती वो तो दाना है।। तोता मिट्ठू-मिट्ठू बोले कोयल... Poetry Writing Challenge-2 313 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read बन्दर इंस्पेक्टर बंदर बन गया है इंस्पेक्टर लेता है वो सबसे घूंस। पैसे लेता डरा-डरा कर और चूसता सबका खून।। एक दिन उसको घूंस मिली न बंदर हो गया तब बेचैन। भालू... Poetry Writing Challenge-2 242 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read आज़ादी मां ने बेटो को खोया है आजादी ऐसे न पाई। रोये है आकाश धरा भी कितनों ने जब जान गवांई। सत्य अहिंसा के थे पुजारी हिंसा को न अपनाया।। आजादी... Poetry Writing Challenge-2 182 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read बन्दर-बिल्ली बंदर दे दो एक मिठाई बिल्ली हंसकर के बोली।। कुटिल हंसी थी उसकी लेकिन फैलाए थे वह झोली।। बंदर ने दी एक मिठाई तब बंदर पर वो झपटी। ले कर... Poetry Writing Challenge-2 190 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read स्कूल चले गुनगुन, मुन्नू, बबलू, गुड़िया सब मिलकर स्कूल चले। जाते हैं स्कूल सुबह से घर आते हैं सांझ ढले।। बस्ता, बॉटल, टिफिन हमारा मम्मी रोज ही रखती हैं। सबसे पहले उठ... Poetry Writing Challenge-2 325 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read अच्छे बच्चे अच्छे बच्चे पढ़ते-लिखते बिल्कुल नहीं झगड़ते हैं। आसमान से तारे तोड़ें सफल सीढ़ियाँ चढ़ते हैं। खेलकूद में अव्वल रहते समय से करते सारे काम। नित्य सुबह शाला को जाते जग... Poetry Writing Challenge-2 186 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read गुल्ली डंडा आसमान के तारे अम्मा हमको लगते हैं प्यारे। चलो तोड़ लाएं इनको यह तो है कितने सारे।। पापा-मम्मी, दादा-दादी सब मिलकर आकाश चलें। रोज देखते हम तो इनको मन होता... Poetry Writing Challenge-2 321 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read पेड़ लगाओ माली दादा पेड़ लगा दो आम पपीता और अनार। पेड़ हमारे जीवन दाता चलो करें इनका आभार।। हम सब मीठे फल खाएंगे स्वस्थ रहेंगे फल खाकर। दोस्त सभी मिलजुलकर खेलें... Poetry Writing Challenge-2 230 Share Page 1 Next