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22 May 2024 · 1 min read

व्यथा

क्या व्यथा कहते बुलाकर चार को।
तोड़ते है चार ही घरबार को।।

क्यों दवा में भी मिलावट कर रहे।
मार ही डालोगे क्या बीमार को।।

वक़्त पैसा प्यार सब कुछ चाहिए।
जान खाती बीबी हर इतवार को।।

गांव का घर बेचकर पढ़ता रहा।
रोटियां ना दे सका परिवार को।।

डिग्रियां लेकर भटकना काम है।
दर्द मेरा क्या पता सरकार को।।

कान खुद के हर जगह चिपका दिया।
कर दिया बदनाम फिर दीवार को।।

है तुझे अधिकार जीने का “विजय”।
कह रहे हो छीनकर अधिकार को।।

Language: Hindi
1 Like · 146 Views
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