विजय कुमार नामदेव 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read नटखट कान्हा कान्हा मेरा कितना नटखट। जाता है ये रोज ही पनघट।। चुरा-चुरा कर माखन खाता। ये तो मुरली रोज बजाता।। जंगल में ये गाय चराता। सब बच्चों के मन को भाता।।... Poetry Writing Challenge-2 258 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read सब्जियाँ बच्चों देखो खेत में अपने झांक रही है भिंडी रानी।। सूख ना जाए धूप कड़ी है पौधों में डालो पानी।। लाल टमाटर गोल-गोल है करता है यह शैतानी। अगर है... Poetry Writing Challenge-2 200 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read मोर जंगल चलो देखने मोर। करना मत बच्चों तुम शोर। पंखों के भी रंग हैं कितने। इंद्रधनुष में होते जितने।। नाचता है यह पंख पसार। सब करते हैं इससे प्यार।। देख... Poetry Writing Challenge-2 161 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read धोखेबाज शेर शेर था धोखेबाज बहुत ही चलता था पर लाठी टेक। एक दिन आया एक सियार भाग रहा था शेर को देख।। बोला शेर जरा रुक भाई तुझे नहीं मैं खाऊंगा।... Poetry Writing Challenge-2 318 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read सागर सागर देखो कितना गहरा। फिर भी है ये ठहरा-ठहरा।। मोती मिलते हैं अनमोल। मोती जिसमें मिलते गोल।। इतना पानी कहां से लाता। ये तो हमको समझ न आता।। दिखता है... Poetry Writing Challenge-2 265 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read नाव कागज की एक नाव बनाई। पानी में फिर इसे बहाई।। कहां-कहां ये जायेगी। क्या ये वापस आयेगी।। एक सफेद, एक रंग-बिरंगी। गुड़िया बना रही बेढंगी।। नाव के देखो कैसे हाल।... Poetry Writing Challenge-2 176 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read जाने कौन जाने कौन बनाता बादल इनमें पानी भरता कौन। बिजली इनमें कहां से आती गड़गड़ गड़गड़ करता कौन। कौन जो सागर के पानी में इतना सारा नमक घोलता। कोई तो होगा... Poetry Writing Challenge-2 3 6 467 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read खरगोश कितना प्यारा है खरगोश। इसमें देखो कितना जोश।। गाजर खाना इसको भाता। तभी तो गाजर प्रतिदिन खाता।। उछल कूद करता है दिनभर। शाम को जाता अपने घर।। लगता है ये... Poetry Writing Challenge-2 179 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read बाल दिवस बाल दिवस मानते मिलकर यह बच्चे छोटे-छोटे। कुछ तो है दुबले-पतले कुछ तो है मोटे-मोटे ।। कोई सुनाए बाल कहानी कुछ ने गाने भी गाए। कोई नाचे ठुमक-ठुमक कर नाच... Poetry Writing Challenge-2 210 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read मोटा बिल्ला मोटा बिल्ला बन गया नाई करता था वह खूब कमाई।। मटक-मटक कर चूहा आया बोला काटो मेरे बाल। दुश्मन आया है खुद चलकर फैलाया बिल्ला ने जाल।। कैची पकड़ी सर... Poetry Writing Challenge-2 · बाल कविता 221 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read नई कार भालू ने ली नई-नई कार। बड़ी शान से गया बाजार।। लड्डू पेड़ा और मिठाई । लेकर आए भालू भाई।। बहुत हुए खुश उसके बच्चे। पापा अपने कितने अच्छे।। सिग्नल तोड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · बाल कविता 226 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read हाथी की शादी कूद-कूद कर बंदर देखो बजा रहा था वह बाजा।। भालू नाचे जोर-जोर से नाचे जंगल का राजा।। हाथी बन गए दूल्हे राजा हथनी है दुल्हन प्यारी।। सारा जंगल खुशी मनाएं।... Poetry Writing Challenge-2 · बाल कविता 256 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read गुब्बारे नीले-पीले यह गुब्बारे। लगते देखो कितने प्यारे।। पापा हमको पैसे दे दो गुब्बारे हम लाएंगे। खेलेंगे हम बच्चे सारे मुनिया को भी खिलाएंगे।। डब्लू ,बबलू, चुन्नू, मुन्नू गुब्बारे लेने आए।... Poetry Writing Challenge-2 265 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read प्यारे बादल कितने प्यारे बादल दिखते। काले-भूरे और सफेद।। कहां से लाते पानी इतना हम बच्चे न जाने भेद।। बूंदे छुपा-छुपा कर रख ली और छुपा लेता तारे। छुपा लिया चंदा को... Poetry Writing Challenge-2 310 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read गणपति बप्पा खाते हैं लड्डू ये गोल गणपति बप्पा की जय बोल। चूहे की ये करे सबारी। मगर वजन में कितने भारी।। हाथों में रखते हैं भाल। गौरा मां के ये हैं... Poetry Writing Challenge-2 171 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read ईश वन्दना हे ईश्वर यह शक्ति देना सबसे हो अच्छा व्यवहार।। सदा बड़ों के चरण गहे हम छोटे से हो प्यार आपार।।। शक्ति देना, भक्ति देना और देना हमको तुम ज्ञान। विनती... Poetry Writing Challenge-2 320 Share विजय कुमार नामदेव 3 Feb 2024 · 1 min read तब जानोगे कितना प्यार किया है तुमसे, जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे। थोड़ा-थोड़ा करके खुद को, सौंप दिया है पूरा तुमको तोड़ो, जोड़ो या बिखरा दो, इससे क्या लेना है हमको। सहज मिलन... Hindi 1 344 Share विजय कुमार नामदेव 28 Dec 2023 · 4 min read मेरे प्रेम पत्र 3 तीन मेरे प्यारे भारत देश, तुम्हें पता है माता-पिता ईश्वर का स्वरूप होते हैं, तभी तो हम इन्हें सर्वोच्च स्थान पर रखते हैं। सभी माता-पिता का सपना होता है कि... Hindi · निबंध 1 301 Share विजय कुमार नामदेव 26 Dec 2023 · 4 min read मेरे प्रेम पत्र मेरे प्यारे भारत देश, तुम्हें पता है कि मैं और मेरे मित्र प्रेमलाल ईश्वर की कृपा से पढ़ लिख तो गए, परंतु उन दिनों दोनों बेरोजगार थे। सरकारी योजना के... Hindi 333 Share विजय कुमार नामदेव 22 Dec 2023 · 4 min read मेरे प्रेम पत्र मेरे प्यारे भारत देश, तुम्हें पता है कि नर्मदा नदी को हम नदी नहीं अपितु नर्मदा मां मानते हैं। यह बात बचपन से मन में है, पिताजी हर पूर्णिमा को... Hindi · निबंध 526 Share विजय कुमार नामदेव 22 Dec 2023 · 1 min read लतियाते रहिये ग़ैरों को अपनाते रहिये। अपनों को लतियाते रहिये।। बहुत दूर है यार पिपरिया। फिर भी आते जाते रहिये। देश आपके पापा का है। जो मन आये खाते रहिये।। बेशरमी को... Hindi · ग़ज़ल 224 Share विजय कुमार नामदेव 27 Aug 2023 · 1 min read तब मानोगे कितना प्यार किया है तुमसे, जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे। थोड़ा-थोड़ा करके खुद को, सौंप दिया है पूरा तुमको तोड़ो, जोड़ो या बिखरा दो, इससे क्या लेना है हमको। सहज मिलन... Hindi · गीत 1 430 Share विजय कुमार नामदेव 17 Aug 2023 · 1 min read मिला है इस जमाने में ये सिलसिला है। कौन दिल से किसी को मिला।। जिसने कदमों में दिल ये रखा है। दिल हमेशा उसी का छला है।। यार की है तलब रोज... Hindi 1 301 Share विजय कुमार नामदेव 8 Jun 2023 · 4 min read बता ये दर्द बता ये दर्द भी किसको सुनाएं। मेरे हर ख़्वाब की जलती चिताएं।। बहुत है प्यार पर हक तो नही है। जो किस्मत में लिखा कैसे मिटाएं।। सभी रूठे अलग सबकी... Hindi · ग़ज़ल 2 357 Share विजय कुमार नामदेव 18 Mar 2023 · 1 min read बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी। बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी। नज़र लग जाए ना मम्मी उसे काजल लगाती थी।। ये बातें है उसे भी ठंड तो लगती रही होगी। मेरी खातिर... Quote Writer 569 Share विजय कुमार नामदेव 9 Mar 2023 · 1 min read हमे यार देशी पिला दो किसी दिन। हमे यार देशी पिला दो किसी दिन। ज़रा जिंदगी से मिला दो किसी दिन। चलो हम भी ले लें मज़े ज़िन्दगी के। टिकेट पार्टी से दिला दो किसी दिन।। Quote Writer 547 Share विजय कुमार नामदेव 9 Mar 2023 · 1 min read शक्कर की माटी बस पानी के रेला हम, बहते पानी के रेला हम शक्कर की माटी में जन्मे फिर भी करय करेला हम। सुख खाते सुविधाएं पीते झूठी शान में तन कर जीते... Hindi · Poem · कविता · गीत 468 Share विजय कुमार नामदेव 9 Mar 2023 · 1 min read जिये हम अन्धेरों में जिये पर, रोशनी बनकर जिये फैशनेबल शहर में भी, सादगी बनकर जिये। तंगहाली में कटे या मौज मस्ती से भरी हो आदमी जबतक जिये, बस आदमी बनकर... Hindi · कविता 437 Share विजय कुमार नामदेव 2 Oct 2022 · 1 min read बेबस मन बहुत परेशां, बेबस मन था। लेकिन तुम पर सब अरपन था। ठौर नहीं है, कोई, दुखों का। इससे तो बेहतर बचपन था। प्रेम, त्याग, आदर्श, समर्पण। बड़ा राम से पर... Hindi · ग़ज़ल 1 299 Share विजय कुमार नामदेव 14 Sep 2022 · 1 min read बेबस-मन बहुत परेशां, बेबस मन था। लेकिन तुम पर सब अरपन था। ठौर नहीं है, कोई, दुखों का। इससे तो बेहतर बचपन था। प्रेम, त्याग, आदर्श, समर्पण। बड़ा राम से पर... Hindi · ग़ज़ल 1 1 518 Share Previous Page 2 Next