वीर कुमार जैन 'अकेला' Tag: कविता 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Apr 2022 · 2 min read वो क्या था वो क्या था बचपन में जब पिता जी ने अपने कंधे पर बिठा कर मेला घुमाया था तब मुझे नही पता था वो क्या था थोड़ा बड़ा हुआ तो गोद... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 121 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read बेटियां कुदरत की नियामत होती हैं बेटियां माँ बाप के लिये अमानत होती है बेटियां दान में महादान कन्या का दान, कन्यादान एक बाप के लिए सौभाग्य होती हैं बेटियां पायलट... Hindi · कविता 2 325 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Jul 2021 · 1 min read गुजरे जमाने का इश्क बचपन के इश्क की आज फिर बुढ़ापे में देखो चर्चा हो गई यादें पुरानी फिर से जिंदा हुई सिसकते हुए जो कभी थी सो गई वह बचपन का इश्क दहलीज... Hindi · कविता 2 2 404 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 Jul 2021 · 1 min read बिदाई नाजों से पली ससुराल को चली बांध प्रीत की डोर अपने पिया के छोर बाबुल भी खड़े रोते क्यों ऐसे पल होते छोड़ मां का आँचल बहन भाई रहे मचल... Hindi · कविता 2 1 293 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Jul 2021 · 1 min read कहर का मंजर ये मालूम ना था कि अब तुमसे मिल ना पाएंगे इस कोरोना की लहर में अपनों से बिछड़ जाएंगे यह कैसा कहर बरपाया है अंजाना सा दुनिया में पता ना... Hindi · कविता 2 529 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jul 2021 · 1 min read गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विशेष पहले गुरु मां बाप जिन्होने उंगली थाम चलना सिखाया संस्कारित कर के जिन्होंने समाज में रहना सिखाया दूसरे गुरु हमारे शिक्षक जिन्होंने शिक्षा... Hindi · कविता 2 1 433 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Jul 2021 · 1 min read नियामत बचपन में सुना था पानी और हवा भगवान की नियामत हैं कुछ खुदगर्ज लोगों ने ईश्वर के इस नियामत को बाज़ारी भाव में बेच दिया। पानी तो कब से बोतलों... Hindi · कविता 2 365 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Jul 2021 · 1 min read पंच वर्षीय योजना सियासत में सुना था चुनाव जीतने के बाद सरकार सत्ता में आती है देश के विकास के लिए पंच वर्षीय योजना बनाती है ये भोली जनता है जो हराती भी... Hindi · कविता 2 183 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Aug 2021 · 1 min read क्रोध और वेदना चंद मुठ्ठी भर लोगों ने ये कैसा कहर बरपाया है। हथियारों को लहराते हुए कैसे सबको डराया है।। पत्थरों का प्रहार कर शीशे सब चकनाचूर किये। अग्नि ज्वाला में भस्म... Hindi · कविता 2 640 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Aug 2021 · 1 min read स्त्री स्त्री एक पर उससे रिश्ते अनेक जन्म देने वाली स्त्री माँ कहलाती है राखी वाली स्त्री बहिन कहलाती है सात फेरों और सात वचन निभाने वाली प्यारी सी स्त्री अर्धांगिनी... Hindi · कविता 2 2 207 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Aug 2021 · 1 min read कौन सा घर है उसका अपना मां ने बेटी को समझाते हुए कहा चूल्हा चौका रोटी गोल बनाना सीख ले जब अपने घर जाएगी तब क्या करेगी क्या माँ बाप का घर उसका अपना नही ससुराल... Hindi · कविता 2 3 264 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Aug 2021 · 1 min read व्यथित हूँ मैं भी देश की समस्या आम जन की समस्या बन आई है अब तो महंगाई की समस्या हर जन त्रस्त है महंगाई से पस्त है खाने को रोटी नही खाली ये दोनों... Hindi · कविता 2 265 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Aug 2021 · 1 min read कायल किसी ने गीत लिखे किसी ने कविता कही किसी ने शेर सुनाए अलग अलग बयार बही मन हुआ मेरा भी कुछ लिखूँ मन के उदगार किसी से कहूँ कोई मेरी... Hindi · कविता 2 211 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Aug 2021 · 1 min read नाविक डूबती नाव को किनारा मिलेगा भरोसा था मुझे इन लहरों से छुटकारा मिलेगा भरोसा था मुझे पतवार जिसके हाथों में थी वो पार लगा तो देगा उस परवर दीगार पर... Hindi · कविता 2 4 229 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Sep 2021 · 1 min read नही तो गर सोची तुमने बॉलीवुड में पैर जमाने की माननी होंगी सारी बातें तुम्हें आकाओं की अपने दीन धर्म को तुम्हें ताक पे धरना होगा तपते हुए अंगारों पर आंख मूंद... Hindi · कविता 2 2 424 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान इनकी कहीं खो गई पहचान साल में केवल एक बार मनाते हैं 14 सितंबर को है हिंदी दिवस, बताते हैं हिंदी भाषी देश में कैसी ये बेला... Hindi · कविता 2 2 207 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Sep 2021 · 1 min read तुम्हारे मुस्कुराने से ये मुरझाईं कलियां खिलने को आतुर तुम एक बार मुस्कुरा तो दो। आंखों में है इंतज़ार दिल है बेकरार तुम एक बार मुस्कुरा तो दो।। आंखों में रुके अश्क बह... Hindi · कविता 2 373 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 21 Oct 2021 · 1 min read लहर एक लहर उठी किनारे तक आई और भिगो कर चली गयी। हम तेरे ख्यालों में खोए थे पता नही कब आई और भिगो कर चली गयी।। Hindi · कविता 2 175 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read अभिमान आज चौपाल पर कुछ ज्यादा हलचल थी किसी के हाथ में हुक्का किसी के चिलम थी चर्चा शायद किसी गंभीर बात पर थी साईकल, हाथी, कमल और हाथ पर थी... Hindi · कविता 2 1 305 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read किस्मत से मंच, माइक, श्रोता और वाह वाह एक कवि का खुली आँखों का सपना है चांद सितारे और एक रात का सफर बाकी सब पराये सिर्फ यही तो अपना है किस्मत... Hindi · कविता 2 1 338 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Mar 2022 · 2 min read एक पिता की मृत्यु हो जाने के बाद का यथार्थ मेरे दोस्त के पिता काफी दिनों से बीमार थे दो बेटियां थी उनकी और बेटे भी चार थे बच्चों को एक बाप पालना अखरता था मां के बाद केवल एक... Hindi · कविता 2 2 305 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Mar 2022 · 1 min read अर्थी से चिता तक भाग 2 अर्थी चली थी घर से अपने अंतिम सफर पर अपनों के और दोस्तों के कांधों पर चढ़ कर पिता की अर्थी घर से शमशान पहुंचा दी गई अर्थी को जलाने... Hindi · कविता 2 2 147 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 22 May 2022 · 1 min read बारी है राम जी आ गए शंकर जी आ रहे कृष्ण जी की बारी है। अयोध्या जीती काशी लड़ रहे निश्चित जीत हमारी है।। मंदिर दब गए मस्जिद बन गयी ये कैसे... Hindi · कविता 2 747 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Jun 2022 · 1 min read पिता प्रतियोगिता का अंतिम दिवस भी आ रहा। पिता पर क्या लिखूं समझ नही आ रहा।। हाथों में मेरे जिन्होंने कलम पकड़ाया था। कागज पर क्या लिखना है सिखलाया था।। पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 185 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read तड़पन मुलाकातें जब से बंद हुयी सगे संबंधी भी अनजान हुए यारी दोस्ती भी धरी रह गयी लगता है अब तो रमजान हुए रोज़ जिनसे मुलाकातें होती थी एक बार नही... Hindi · कविता 1 373 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Jul 2021 · 1 min read कोरोना का असर पहले कहते थे घर से बाहर जाकर खेलो अब कहते हैं बाहर मत जाओ घर में खेलो पहले कंप्यूटर और मोबाइल बिगाड़ने के थे साधन आज यही सब जरूरत हो... Hindi · कविता 1 1 459 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Jul 2021 · 1 min read काँवड़ लो फिर उदास हो गई शिव भक्तों की टोलियाँ खाली फिर से रह गयी शिव भक्तों की झोलियाँ योगी के शासन में उम्मीद इस बार जगी थी जल कांधों पर... Hindi · कविता 1 377 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Jul 2021 · 1 min read सौदा समंदर से मिलने जब नदी किनारे पहुंची। समंदर ने कहा ठहर ज़रा मिलने से पहले।। अब मैं सौदा करता हूँ गर मिलना है मुझसे। मिलन का कर्ज अदा कर मिलने... Hindi · कविता 1 293 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Jul 2021 · 1 min read तोहफा मेरे घर जब बेटी ने जन्म लिया ईश्वर ने अनमोल तोहफ़ा दिया चेहरे पर अजब सी मुस्कान थी मेरी बेटी मेरी शान थी गोद में जब उसको उठाया दिल में... Hindi · कविता 1 1 235 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Aug 2021 · 1 min read मेरी हालत उन्होंने कहा सुनो मैंने कहा कहो पड़ोस वाली भाभी जी आज डॉक्टर को दिखाने गई थी कोरोना की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी 15 दिन के लिए क्वारंटाइन हो गयी... Hindi · कविता 1 2 239 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Aug 2021 · 1 min read ये हो नही सकता मुसीबत में हो दोस्त और मैं साथ ना दूं ये हो नही सकता मदद को वो हाथ बढ़ाये और मैं हाथ ना दूं ये हो नही सकता बचपन में खाई... Hindi · कविता 1 1 185 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Aug 2021 · 1 min read इच्छा एक बार भगवान ने इंसान बनने की इच्छा जताई भगवान की आत्मा इंसान बन कर धरती पर आई धरती पर पहला कदम पड़ते ही दिमाग चकराया इंसान बने भगवान को... Hindi · कविता 1 5 267 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 12 Aug 2021 · 1 min read दर्द का सत्य दिल में छुपा अथाह दर्द पर चेहरे पर शिकन नही पैदल ही चला घर की ओर पर पावों में थकन नही बॉस की वो डांट फटकार फिर भी कोई चुभन... Hindi · कविता 1 353 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 22 Aug 2021 · 1 min read त्योहार राखी गई अब जन्माष्टमी आने को तैयार है एक भाई बहन का दूजा कान्हा जी का त्यौहार है सावन से कार्तिक तक त्योहार ही त्यौहार है खुशियां द्वारे आई तुम्हारे... Hindi · कविता 1 366 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Aug 2021 · 1 min read याद है ना वो उसके दबे कदमों की आहट खिड़की के काँच पर खटखटाहट उसको देखकर चेहरे की मुस्कुराहट आपसी बातों की होती फुसफुसाहट .............याद है ना चांदनी रात में उंगलियां फसाना हल्के... Hindi · कविता 1 296 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Aug 2021 · 1 min read ठिकाना दुनिया से चले जाने वालों का ठिकाना पता हो तो बता दो ना कहते हैं भगवान के घर चला गया उसके घर का ही पता बता दो ना वो तो... Hindi · कविता 1 2 539 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Sep 2021 · 1 min read कविता मन का उद्गार होती है कविता शब्दों का भंडार होती है कविता कलम चले जब कागज के सीने पर अक्षरों में उभर आती है कविता किसी का प्यार होती है... Hindi · कविता 1 2 368 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक दिवस गुरुकुल के गुरु जी स्कूल के मास्टर जी अंग्रेजी माध्यम के सर है तो सभी शिक्षक ही देते हैं हमें शिक्षा अ से अनार वाली और A से apple वाली... Hindi · कविता 1 2 363 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Sep 2021 · 1 min read मंच उम्र के इस पड़ाव पर मंच पर चढ़ा दिया मेरे हाथ में दोस्त ने माइक पकड़ा दिया कोई गीत कविता सुनाने की ख्वाइश की मेरे चाहने वालों ने मुझसे फरमाइश... Hindi · कविता 1 2 373 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 10 Sep 2021 · 1 min read गणेश महाराज विघ्नहर्ता हमारे गजानन तुम्हीं हो सबके प्यारे सिद्धि विनायक तुम्हीं हो मूषक पर चढ़ तुम करते हो सवारी अपने भक्तों की सब विपदा हारी मोदक तुमको लगता है अति प्यारा... Hindi · कविता 1 2 248 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 Sep 2021 · 1 min read ये मेरा देश ये मेरा देश जहां पूरे वर्ष त्योहार मनाए जाते हैं। जहां हर दिन होली जलती हो और हर रात दीपक जलाए जाते हैं।। जहां की माटी भी सावन में भीग... Hindi · कविता 1 155 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Sep 2021 · 1 min read कान्हा बनाम द्वारकाधीश कान्हा बन राधा संग खेली प्रेम की होली ये बंसी मुई होंठों से छुई गूंजी मीठी बोली ब्रज की गलियां हों या राधा की सखियां सयानी कान्हा वो सब हैं... Hindi · कविता 1 4 345 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Sep 2021 · 1 min read कटाक्ष चलो आज बात करते हैं आज़ादी के मतवालों की क्रांति दिवस से आज़ाद होने तक वाले सालों की मंगल पांडे ने क्रांति धरा से आज़ादी का बिगुल बजाया था क्रांतिकारियों... Hindi · कविता 1 1 212 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Sep 2021 · 1 min read कुर्सी की लालसा ये राजनीति है साहब अच्छे अच्छो को निगल गई और मजाल डकार भी ली हो। शांत बने अनजान बैठे हैं जैसे निगलना कोई आम बात हो और मजाल हुंकार भी... Hindi · कविता 1 3 213 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Oct 2021 · 1 min read ना जाने कब..... जाने पहचाने रिश्ते ना जाने कब अनजान हो गए ना जाने कौन सी भीड़ में और कहां पर खो गए कुदरत का कहर कोरोना बन कर बरसा था ना जाने... Hindi · कविता 1 2 201 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 5 Oct 2021 · 1 min read वंदन रोज सवेरे उठ कर हम प्रभु का वंदन करते हैं। वो सबका पालनहारा है उसका अभिनंदन करते हैं।। उगते सूरज को देख सभी सूर्य नमस्कार करते हैं। कितनी प्यारी सुबह... Hindi · कविता 1 1 184 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Oct 2021 · 1 min read अकेलापन तेरा यूँ घर से चले जाना मुझको अकेला कर जाना सुकूँ होगा तेरी जिंदगी में आसां नही है मेरा मर जाना उम्मीद है तेरे लौट आने की खुशियां कैसे मनाऊं... Hindi · कविता 1 2 199 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Oct 2021 · 1 min read दशहरा हर साल हम दशहरा मनाते हैं रावण के पुतले को जलाते हैं बुराई पर अच्छाई की जीत का खुशी खुशी जश्न मनाते हैं आज राम में राम जैसी मर्यादा नही... Hindi · कविता 1 240 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 16 Oct 2021 · 1 min read मैं और मेरे टीचर अ से अनार आ से आम A for APPLE B for BOY एक से लेकर दस तक की गिनती ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार और मछली जल की रानी है.. क्या... Hindi · कविता 1 275 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Oct 2021 · 1 min read याद बहुत आओगे तुम जो चले गए जिंदगी से मेरी कसम से याद बहुत आओगे। तुम्हारे जाने का गम कैसा होगा जिंदगी भर मुझे तड़पाओगे।। आये हो तो जाने की ज़िद ना करो... Hindi · कविता 1 1 432 Share Page 1 Next