उमा झा 164 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next उमा झा 15 Feb 2024 · 1 min read आशीष तेरा जीवन हो सफल, यशगान करे सम्पूर्ण अचल। तू स्वस्थ रहे दीर्घायु रहे, काया रहे सदा निश्छल। जिस धरणी की तू ऋणी, कृतज्ञ पुष्प हर पांत खिलाती चल। ... Poetry Writing Challenge-2 1 61 Share उमा झा 1 Feb 2024 · 1 min read कतो बैसल छी भंग मतवाला, कतो बैसल छी भंग मतवाला, दिल भैर हम बौउवावै छी, हृदय हमर अछि चंचल दानी, तैं नै अहाॅं के पाबै छी। पुष्प धतूरा बेलपत्र हीन, अहिना जोल चरहाबै छी, हृदय... Maithili 1 65 Share उमा झा 30 Dec 2023 · 1 min read माँ गै करै छी गोहार अहि बेर जे किछ भेलै जननी, होए नै बारंबार, माय धिया के मध्य हे जननी, फेर नै बनबिहैं आरि, माँ गै करै छी गोहार। अपन व्यथा माँ किहियै ककरा, छोडि... Maithili 95 Share उमा झा 6 Oct 2023 · 1 min read सुख कखनौ नै पौने छी अश्मशान विहारिणी काली, चरण में शीश झुकौने छी, विपदा अछि विक्राल भयंकर, सुख कखनौ नै पौने छी । पुरूब जनम कि अही जनम के, पापी में हम अग्रणी छी, कहर... Maithili 2 125 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read बुद्धि विवेक में कितना अंतर बुद्धि विवेक दो शब्द हैं सुन्दर, है पर दोनों में कितना अंतर । बुद्धि सदा स्व हित का जपता मंतर, विवेक होता परहित का बड़ा समंदर । स्वार्थपूर्ति बुद्धि का... Poetry Writing Challenge 1 116 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read माँ बनना जब तक न मिलता नारी को संतान सुख, घर-परिवार सर्व समाज रहते विमुख। जाने किन किन बातों से करते तीक्ष्ण उपहास , रहता नयनों के इर्द-गिर्द आंसू का वास ।... Poetry Writing Challenge 2 122 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read तुम्हारा ही पुकार है अखण्ड दीप ज्योत्सना, प्रकाश दिव्यमान है, धरा में अंधकार है, तुम्हारा ही पुकार है तुम्हारा ही पुकार है ,तुम्हारा ही पुकार है । उठो हे देवी सिन्धसुता, उठो हे देवी... Poetry Writing Challenge 1 87 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read चिड़िया रानी दूर गगन की चिड़िया रानी, आकर पीलो थोड़ा पानी । दाना चुगते लगेगी प्यास, कहाँ भटकेगी दूर आकाश, बिन पानी क्या जीवन का आस, तन मन तेरा होगा हताश, है... Poetry Writing Challenge 2 255 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read ढूंढें कहाँ जा अपनी पहचान हम ने सुना है इस दुनिया में, है मात-पिता का ऊँचा स्थान । पुत्र-पुत्री नेत्र हैं इनके,काटूँ किसको, दोनों ही इनके संतान । जब अपना सगा दिखे न कोई, आँचल... Poetry Writing Challenge 164 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Poetry Writing Challenge 112 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read उपहार सुनो! शिष्य करते सम्मान यदि, मत दे वह उपहार कभी, जो उपज हुआ मन का मैला, गुरु शिष्य एक ही, दक्ष धरा के, एक पथ, एक दिशा के, एक लक्ष्य,... Poetry Writing Challenge 133 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read गुरु वंदना वंदन करूँ गुरु श्रेष्ठ, प्रकृति हे तुम्हारी । तू आकर से सहित हो, आकर से रहित हो, हर रूप में उदित हो, हर कांति में निहित हो, बन कर विशाल... Poetry Writing Challenge 223 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read मैं विपदा की हूँ तरंग मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Poetry Writing Challenge 100 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read जाग उठी धरती की ज्वाला जाग उठी फिर से धरती की ज्वाला, देख द्रोही होता अब क्या होने वाला । क्रांति की आंधी जब चलती है, सहस्र शिव की तांडव दिखती है । एक एक... Poetry Writing Challenge 104 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read मानव की चिढ तुझे मिली हरियाली डाली, मेरी प्रकाशयुक्त कोठरी भी काली। यह जग है मेरा साम्राज्य, हर छायाप्रति पर दिखे तुहीं आज । तुझे देख होती अति पीड़ा, बना रहूँ कबतक मैं... Poetry Writing Challenge 82 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read मैं गुड्डी मन की मतवाली घटा भी मुझसे पूछे, कहो क्या राह तुम्हारी, हवा भी मुझसे पूछे, चलूँ क्या साथ तुम्हारी, खगवृंद बोले मुझसे , बन जा तू सखिया हमारी, उसके चित में मैं बसने... Poetry Writing Challenge 84 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शिशु ------- हे जग के पालनहार प्रभु जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा की गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, जो माँ का आंचर नंगी धरती पर तू... Poetry Writing Challenge 58 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read बाल श्रमिक फटे अधर, नयनाश्रु लिये कहा बालमन, सुन माँ धरणी, सुन पिता गगन । है क्या मेरा निर्छिन्न अपराध अपार, श्रमिक पांत खड़ा हूँ विवश लाचार। हुई ईश्वर की ऐश्वर्यशक्ति आज... Poetry Writing Challenge 154 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read अर्थ बिना जीवन बेकार गुरूजी पुस्तक कांख दबाए, भूखे पेट अश्रुधार के मारे, जा पहुंचे धनपति के द्वार । मुट्ठी भर दाना दे कर, साथ कई शर्त लगाकर, किया धनपति उन्हे स्वीकार । मरता... Poetry Writing Challenge 88 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा, हे मनुज तु सोच जरा, जो नर भाग्यशाली होते हैं, सुख शांति का सोमरस पीते हैं, जग के सदा करणीय वो ही होते, उनका कथन... Poetry Writing Challenge 68 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read गुड्डी की व्यथा हम थे सखी अदृश्य पवन के, हम गुड्डी थे निर्बंध गगन के। कौन अबोध बालक ने हमको, गगन समीर दिखाया । उसके दुर्बल कर से कट कर, मेरा तन उस... Poetry Writing Challenge 107 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read क्रांति की ज्वाला रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे, महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे, है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला, है वीर धरा का... Poetry Writing Challenge 168 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शौर्य उद्घोष चेत धरा के रिपु समस्त! यह हिन्दुस्तान नहीं, जम्बूद्वीप का अभियान है । हम सत्य अहिंसा के परिचायक, शान्ति धरम के हम हैं नायक, एक और सुन, शौर्य पराक्रम भी... Poetry Writing Challenge 152 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शिशु और चंद्रमा एक नन्हा शिशु सोया था, माँ के आँचल में खोया था । स्व चेतना में भरकर उमंग, खेल रहा था नव उदित चंद्रमा के संग । अनायास पड़ोसन द्वार लगाई,... Poetry Writing Challenge 168 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read फूल सी बच्ची थी वह एक फूल सी बच्ची, मृदुल कोमल भाव की सच्ची । पिता से पाया था बस देह, मिला नहीं कभी मन का नेह । बेटी बनना उसके लिए था... Poetry Writing Challenge 158 Share उमा झा 15 May 2023 · 1 min read सुन मानव ! हे मानव नीरस पथ पर क्यों भटक रहा, तेरी जीवनधारा कंकड़ पत्थर से क्यों अटक रहा, तू जिस जीवन को अपना माना है, बता तू उस पथ को कितना जाना... Poetry Writing Challenge 211 Share उमा झा 14 May 2023 · 2 min read प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन भाव भंग लिपटी एक अलबेली, अवतरित हुई प्रगति नार नवेली । करने मानव को निज ओर आकृष्ट, तरल स्नेह की करती हुई वृष्टि । अनुजा भान प्रकृति उसे स्वीकार किया,... Poetry Writing Challenge 1 91 Share उमा झा 14 May 2023 · 1 min read हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण ?? हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण, तु पीपल की छाया हो माँ , तु आदिशक्ति की काया हो माँ, प्रकृति की हो हर दशा मनोरम, परब्रह्म धरा की कांति हो... Poetry Writing Challenge 82 Share उमा झा 14 May 2023 · 2 min read सुन री तितली *तु मन की अति प्यारी, चंचल हृदय आंखों वाली, चल आज कर हंसी-ठिठोली, सुन री तितली। देख जग में आया नया बसंत, लेकर सृष्टि की खुशियाँ अनंत । छुलूॅं जब... Poetry Writing Challenge 152 Share उमा झा 20 May 2022 · 1 min read रे आंधी! तू ------ रे आंधी! तू किछ नै करमें, अहिना जेमें बाधक ओर, ज्ञानदीप छै हाथ में हमरो, तें नै हमरा ककरो डोर। रे आंधी! तू किछ नै करमें-----। बुझलौं हम छी भगजोगनी... Maithili · गीत 6 10 315 Share उमा झा 12 May 2022 · 1 min read पिता पूज्यनीय पिता को श्रद्धांजलि है अर्पित, जिसने किया संतान के लिए सर्वस्व समर्पित। पर कहाँ होते हर संतान भाग्यशाली, जिन्हें मिलती स्नेह पिता की भर भर थाली। है यदि माँ,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 16 407 Share उमा झा 13 Apr 2022 · 1 min read आवेदन पत्र सेवा में, श्रीमन्त: महोदया: समस्त साहित्य ज्ञानोदया: विषय- प्रतिक्रिया कर पाने की है गुहार, विनय है हे साहित्य पीडिया परिवार, मान्यवरा:, सविनय निवेदन है हमारी, दूर करें विघ्न बाधा सारी।... Hindi · कविता 5 2 199 Share उमा झा 28 Mar 2022 · 1 min read कब सुनोगी माँ काली कब तक दुर्भाग्य का रहेगा धाक, उड़ता है नित नूतन मजाक। कह क्या न तुझसे आश करूँ, नीरस पथ पर यूँ हीं दिन रात चलूँ। किस शिखर पर जा बैठी... Hindi · कविता 4 6 230 Share उमा झा 26 Mar 2022 · 1 min read अहां दिअ उवारी क्षमा करु हे जननी, अज्ञान छल माँ भारी। हम दीन छी भिखारी ,अज्ञान के पूजारी। माँ के शरण में एलौं, कुंठित ठार भेलौं, किछ सुछि नै रहल छै, माँ के... Maithili · गीत 1 1 372 Share उमा झा 11 Mar 2022 · 1 min read मंत्र जपू मंत्र जपू, मंत्र जपू, मंत्र जपू माय के, मंत्रक प्रभाव सों, एति माँ काली, रोग-शोक छुटि जैत, दुनिया जंजाल के , मंत्र जपू, मंत्र जपू, मंत्र जपू माय के ।... Maithili · कविता 3 1 277 Share उमा झा 10 Mar 2022 · 1 min read अमृताक्षर--- नीरम् मथनेन लक्ष्मी क्षीर मथनेन घृतम्। मेघ:मथनेन आप:विद्यायै मथेन्द्रियम् ।। ३।। गुरूर्ज्ञानम् गगनसदृशं धारेण धरायारपि गुरू:। चेत चेतना शून्य भूवि: इदम् ज्ञानम् वायुसदृशं ।। ४ ।। उमा झा Sanskrit · श्लोक 1 208 Share उमा झा 4 Mar 2022 · 1 min read अमृताक्षर पिक:कूजति यदा भूमौ बसंतोत्तेजित करोति लोक: । काकस्वरेण पथिकागत्य तृप्यन्ति जना:। तथापि पिककाकयो:अति प्रिय: पिक:।। 1।। शुकन: स्वाम्या: अनुगामि न वहन्ति कदापि ते । विस्मृत्येव कष्टभारं वहति स्वाम्योऽपि खर: ।... Sanskrit · श्लोक 1 215 Share उमा झा 19 Feb 2022 · 1 min read हे जननी पावक दिय नै बांधि (भगवती गीत) हे जननी पावक दिय नै बांधि गंगा सन, निर्मल धार, से हो नै बुझाएत आगि, जननी से हो नै बुझाएत आगि, हे जननी पावक दिय नै बांधि।१ हम नर पापी,... Maithili · कविता 3 2 444 Share उमा झा 13 Feb 2022 · 2 min read सुन री तितली *तु मन की अति प्यारी, चंचल हृदय आंखों वाली, चल आज कर हंसी-ठिठोली, सुन री तितली। देख जग में आया नया बसंत, लेकर सृष्टि की खुशियाँ अनंत । छुलूॅं जब... Hindi · कविता 3 2 179 Share उमा झा 2 Feb 2022 · 1 min read माँ के मंदिर माँ के मंदिर भीड़ लगल छै, आरती लै माँ तैयार छै । कियो माँ के चरण पखारै, कियो करै श्रृंगार छै माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ... Maithili · कविता 4 2 439 Share उमा झा 9 Aug 2021 · 1 min read ॐ शिवाराधना ॐ भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना, भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना। सबके त देलियै कते सुन्दर ललाट, हमरे धिया लै कियै भेलियै यौ काठ। यौ कतैक दिन... Hindi · गीत 8 6 349 Share उमा झा 27 Jul 2021 · 11 min read अनपढ वायरस आज जब हम अपने आपको एक और समृद्धि, बुद्धिमान, शिक्षित, तथा स्वर्णिम युग के होने का गौरव धारण करने के लिए उद्विग्न है तो वहीं दूसरी ओर निरक्षरता समाज को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 12 708 Share उमा झा 28 May 2021 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 508 Share उमा झा 20 Apr 2021 · 11 min read *विचित्र* समय समय पर एक अफवाह उड़ाए जाते हैं और लोगों को मूर्ख बनाए जा रहे हैं ।कौन ऐसा रोग फिर आया है जो एक-दूसरे के सटने मात्र से हो जाता... Hindi · कहानी 5 14 651 Share उमा झा 9 Nov 2020 · 1 min read क्रांति की ज्वाला रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे, महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे, है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला, है वीर धरा का... Hindi · कविता 8 9 638 Share उमा झा 17 Oct 2020 · 1 min read कोकिल गान सन रण -वन लगैयै किछ शोर, नाचै पंख पसारने मोर, बाजै माँ के नूपुर, कोकिल गाने सन । खन-खन खन-खन चूड़ी खनकै, कुंडल कंठा हार, शिखर हिमालय, भूषित लागै, माँ के... Hindi · गीत 10 4 355 Share उमा झा 17 Oct 2020 · 1 min read ऊँचे शिखर की काली माता ऊँचे शिखर की काली माता, दश दिन के लिए बन गई दुर्गा । दुर्गा माँ का नव-नव रूप, नोवों रुप अनोखा, कभी बनी माँ, शैल कुमारी, कभी बन गई सबकी... Hindi · कविता 9 7 434 Share उमा झा 12 Oct 2020 · 1 min read ढूँढे कहाँ जा अपनी पहचान हम ने सुना है इस दुनिया में, है मात-पिता का ऊँचा स्थान । पुत्र-पुत्री नेत्र हैं इनके,काटूँ किसको, दोनों ही इनके संतान । जब अपना सगा दिखे न कोई, आँचल... Hindi · कविता 9 12 328 Share उमा झा 27 Sep 2020 · 1 min read आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा, करो... Hindi · कविता 12 6 546 Share उमा झा 14 Sep 2020 · 1 min read आवाह्न स्व की! !!! हिन्दी दिवस का मचा है शोर, पढते- पढते हो गया संध्या से भोर, सच बता हे मनुज! क्या छलका नैना से नोर, क्या हुआ कभी, हृदय में कंपन होड़, तो... Hindi · कविता 14 18 457 Share Previous Page 2 Next