त्रिलोक सिंह ठकुरेला Tag: गीत 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid त्रिलोक सिंह ठकुरेला 27 Apr 2022 · 1 min read खुशियों के गंधर्व खुशियों के गन्धर्व द्वार द्वार नाचे । प्राची से झाँक उठे किरणों के दल, नीड़ों में चहक उठे आशा के पल, मन ने उड़ान भरी स्वप्न हुए साँचे । फूल... Hindi · गीत 194 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 26 Apr 2022 · 1 min read हरसिंगार रखो मन के द्वारे पर खुशियों के हरसिंगार रखो। जीवन की ऋतुएं बदलेंगी दिन फिर जायेंगे, और अचानक आतप वाले मौसम आयेंगे, सम्बन्धों की इस गठरी में थोड़ा प्यार रखो। सरल... Hindi · गीत 168 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 23 Apr 2022 · 1 min read हे पिता ! हे पिता ! आप साकार देव, बरसाते रहे नेह धारा । कर सृजन किया पालन पोषण पग पग पर मेरे दुख टारे, हे ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव हे, मेंटे जीवन के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 5 7 365 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 29 Oct 2016 · 1 min read गांव तरसते हैं... सुविधाओं के लिए अभी भी गांव तरसते हैं। सब कहते इस लोकतन्त्र में शासन तेरा है, फिर भी ‘होरी’ की कुटिया में घना अंधेरा है, अभी उजाले महाजनों के घर... Hindi · गीत 3 4 569 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 3 Jul 2016 · 1 min read प्रिये ! मैं गाता रहूंगा... यदि इशारे हों तुम्हारे, प्रिये ! मैं गाता रहूंगा. प्रेम-पथ का पथिक हूँ मैं , प्रेम हो साकार तुम. मुझ अकिंचन को हमेशा , बांटती हो प्यार तुम. पात्र लेकर... Hindi · गीत 1 2 374 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 26 Jun 2016 · 1 min read समय की पगडंडियों पर समय की पगडंडियों पर चल रहा हूँ मैं निरंतर कभी दाएँ , कभी बाएँ, कभी ऊपर , कभी नींचे वक्र पथ कठिनाइयों को झेलता हूँ आँख मींचे कभी आ जाता... Hindi · गीत 1 2 716 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 19 Jun 2016 · 1 min read पिता पिता ! आप विस्तृत नभ जैसे, मैं निःशब्द भला क्या बोलूं. देख मेरे जीवन में आतप, बने सघन मेघों की छाया. ढाढस के फूलों से जब तब, मेरे मन का... Hindi · गीत 1 3 956 Share