Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2016 · 1 min read

गांव तरसते हैं…

सुविधाओं के लिए अभी भी गांव तरसते हैं।
सब कहते इस लोकतन्‍त्र में
शासन तेरा है,
फिर भी ‘होरी’ की कुटिया में
घना अंधेरा है,
अभी उजाले महाजनों के घर में बसते हैं।

अभी व्‍यवस्‍था
दुःशासन को पाले पोसे है,
अभी द्रौपदी की लज्‍जा
भगवान – भरोसे है,
अपमानों के दंश अभी सीता को डसते हैं।

फसल मुनाफाखोर खा गये
केवल कर्ज बचा,
श्रम में घुलती गयी जिन्‍दगी
बढ़ता मर्ज बचा,
कृषक सूद के इन्‍द्रजाल में अब भी फँसते हैं।

रोजी – रोटी की खातिर
वह अब तक आकुल है,
युवा बहिन का मन
घर की हालत से व्‍याकुल है,
वृद्ध पिता माता के रह रह नेत्र बरसते हैं।

— त्रिलोक सिंह ठकुरेला

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 4 Comments · 471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
Rj Anand Prajapati
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
कभी नहीं है हारा मन (गीतिका)
कभी नहीं है हारा मन (गीतिका)
surenderpal vaidya
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
मनोज कर्ण
"प्यार तुमसे करते हैं "
Pushpraj Anant
उसका-मेरा साथ सुहाना....
उसका-मेरा साथ सुहाना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
बदलाव
बदलाव
Dr fauzia Naseem shad
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
"संयम की रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
‌‌‍ॠतुराज बसंत
‌‌‍ॠतुराज बसंत
Rahul Singh
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
Sanjay ' शून्य'
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
"ख़्वाब में आने का वादा जो किया है उसने।
*Author प्रणय प्रभात*
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Ankita Patel
माँ
माँ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
🙂
🙂
Sukoon
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
PRATIK JANGID
Loading...