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23 Apr 2022 · 1 min read

हे पिता !

हे पिता ! आप साकार देव, बरसाते रहे नेह धारा ।

कर सृजन किया पालन पोषण
पग पग पर मेरे दुख टारे,
हे ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव हे,
मेंटे जीवन के अँधियारे,
जिसने निर्देशित किया मार्ग हे पिता ! आप वह ध्रुव तारा ।

बल,बुद्धि,ज्ञान, श्रम, कौशल से
सम्पदा आपने की अर्जित,
अपने सपनों को भूल, भूल
सब न्यौछावर की मेरे हित,
जितना भी वैभव खड़ा किया सब कुछ मेरे ऊपर वारा ।

संभव ही नहीं कि गिन पाऊँ
हे पिता ! अमित उपकारों को,
बस कृपा आपकी रही सदा
सह पाया मैं भव- भारों को,
हे पिता ! आपसे क्या तुलना हो अगर तुला पर जग सारा ।

– त्रिलोक सिंह ठकुरेला
आबू रोड – 307026 ( राजस्थान )

5 Likes · 7 Comments · 326 Views
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