Dr. Rajeev Jain Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read सहज रिश्ता पत्थर शांत पानी को अक्सर छेड़ देता है गुलज़ार चमन की ख़ुशी को भेद देता है होता है क्या फिर तो पत्थर डूब जाता है क्या खोजें उसे जो ख़ुद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पत्थर · राजीव · सांगरी 1 29 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read नक़ली असली चेहरा धोखा खाते खाते, धोखे का इल्म जाता रहा हम तो मासूम हैं ,जो भी मिला बतलाता रहा ये तो पक्का था , ये भी कोई झूठ ही होगा सच्चा मानकर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ख्वाब · तसल्ली · राजीव · सांगरी 1 28 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read क्या लिखूँ कुछ ख़्वाबो को आज लिखूँ बीते कल का बयान लिखूँ छूट गई जो गलियाँ सारी उन गलियों के नाम लिखूँ सरकती जा रही आहिस्ता ज़िंदगी ,इसकी क्या चाल लिखूँ फ़ना... Poetry Writing Challenge-3 · Rajeev · कविता · बिसरीयादें · राजीव · वायदे 1 19 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read हिदायत यक़ीन करना फिर भी फ़ासला रखना मिलना सभी से पर एक दायरा रखना नहीं दोस्ती, चलो तो दुश्मनी भी नहीं मिलें फिर कभी तो कुछ क़ायदा रखना नहीं रहते कई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · फासला · राजीव · सांगरी 1 18 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read दिल खेल कर रखो दीवारें उठाओ तो भी उसमें झरोख़ा खोल कर रखना लाख हो कशीदगी, रिश्तों में भरोसा घोल कर रखना वादा करके भूल जाना तुम्हारी पुरानी आदत है कोई असली सा लगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किरदार · राजीव · सांगरी 19 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read नव वर्ष गीत सिलसिला है साल का साल का दर साल का ये तो है हर साल का अभिव्यक्तियाँ , रुझान का रश्मियाँ , ब्रह्मांड का सैनिक , खेत , किसान का संकल्प... Poetry Writing Challenge-3 · अनुसंधान · कविता · जिजीविषा · राजीव · सिलसिला 26 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जो मिला ही नहीं अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तकदीर · बदा · राजीव 18 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ख़ुद ब ख़ुद अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · Khoj · कविता · खोज · राजीव 19 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यथार्थ न ताज्जुब कम हैं, न करिश्में ही कम हैं ज़िंदगी जी रहे, क्या क़यामत से कम है जिरह में जीत जाओ कोई बड़ी बात नहीं दोस्ती हार न जाओ, इस... Poetry Writing Challenge-3 · करिश्मा · कविता · ताज्ज़ुब · राजीव 16 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मेरा बचपन बड़ी खूबसूरत थीं बचपन की बातें खो खो लंगड़ी धौल धप्पा की बातें दिन की न फ़िकर बेफिक्र सी रातें रात को नानी के क़िस्सों की यादें चंदा के स्वेटर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · खेल · बचपन · भोलापन · राजीव 27 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मैं बूढ़ा नहीं माना कि बेहिसाब नहीं पर लाचार इतना भी नहीं कमर लचकती कम है, पर यारो कोई बड़ी बात नहीं सोता कम थोड़ा हूँ , थोड़ा जाग लेता हूँ रात उठके... Poetry Writing Challenge-3 · Khuddari · कविता · ख़ुद्दारी · तजुर्बा · तराशना 23 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read साकार आकार कुछ नहीं बेमक़सद यहाँ हर चीज़ का मक़सद यहाँ ले जाना ही जब कुछ नहीं क्या खोना क्या पाना यहाँ बात अब पहले जैसी रही नहीं क्या रूठना क्या मनाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बस्तियाँ सँभावना आत्मसमर्पण 17 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अवसाद तैयारी आख़िर पूर्ण हुई उम्मीद की अंतिम किरण भी विलुप्त हुई उदास अंधेरा , उड़ा ले गया मेरी दूनियाँ , अपने आग़ोश में और मेरी पराजय , हार हुई बातों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · सूनापन अकेलापन स्याह कालिख 22 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मतवाला मन मेरे पास टाइम कम है , दुनियाँ काम रूके है और यहाँ हम हैं मुझे आइंस्टाइन का फ़ार्मूला पलटना है अब बहुत सारे रहस्य ब्रह्माणड के रचना है एक यंत्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read फुर्सत नहीं है जो दोस्त कहते थे कुछ साल के बाद फुर्सत ही फुर्सत वो फुर्सत कहाँ है बेटा बेटी पल गये जॉब पर भी लग गये पर अभी भी फुर्सत कहाँ है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · दोस्त फ़ुरसत शिद्दत बीता 22 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यादें कभी कभी हाथ आ जाते है अपनी उम्र के साथ पीले होते वो पन्ने जो ज़्यादा ज़ोर से खींचो तो फट जायें लिखे थे अबसे तीस साल बीस साल पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पीलापन बेकार जीर्ण स्मृति 16 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अंतहीन हर कोई, सबकुछ, कर गुज़रने की ज़िद में है नहीं मालूम उसको, वो भी, वक़्त की जद में है मौसम, दूर से तो, यहाँ का अच्छा लगता है वैसे शहर... Poetry Writing Challenge-3 · अज़ीब इंसान राजीव ज़िद · कविता 1 18 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 19 Share Dr. Rajeev Jain 9 Aug 2023 · 1 min read यकीन नहीं होता यकीन नहीं होता बादल से खून बरसता है चिराग नहीं घर जलता है जहर हर दिल में बसता है कफन बांध इंसान चलता है मोहब्बत में धोखा मिलता है इतना... Hindi · कविता · खून · चाय पर शायरी · यकीन · सियासी 1 269 Share Dr. Rajeev Jain 7 Aug 2023 · 1 min read सब कुछ खत्म नहीं होता *सब कुछ खत्म नहीं होता* चंद ख्वाब छिटक जाने से कुछ खिलौने छर जाने से रूठ किसी के घर जाने से सब कुछ खत्म नहीं होता पुष्प किसी मुरझाने से... Hindi · आशा · इरादा · कविता · खत्म 298 Share Dr. Rajeev Jain 30 Jul 2023 · 1 min read दोस्ती के नाम दोस्त मिलते ही नहीं हैं आजकल उस मोड़ पर रास्ते सब ठीक हैं कुछ भी मैं भुला नहीं इमारते हैं सब वहीं आवाज कोई आती नही पीठ पे थप्पी नहीं... Hindi · Rajeev · कविता · फ्रेंड्स · बियाबान · शायरी 1 500 Share Dr. Rajeev Jain 28 Jul 2023 · 1 min read दरमियाँ कभी ऐसी दूरियां न थीं फासले दरमियां तो थे, कभी ऐसी दूरियां न थी फैसले जो भी हुए , बीच में ऐसी कड़वाहट न थी हम जो सहरा से गुजरे... Hindi · Rajeev · कविता · किस्मत · दूरियां · शायरी 157 Share Dr. Rajeev Jain 27 Jul 2023 · 1 min read मिसाइल मैन को नमन द्रण प्रतिज्ञ रहे आप , अपने सपनो के लिए पलकें न झुकायीं खुली आंख के सपनो के लिए दिए मजबूत पंख हमें आसमां में उड़ने के लिए भागीरथ प्रयास आपके,... Hindi · कलामसाहब · कविता · मिसाइलमैन · राजीवसागर · शायरी 327 Share Dr. Rajeev Jain 27 Jul 2023 · 1 min read दीवार का साया मेल जोल था बड़ा, साये का दीवार से धूप से,राहत बड़ी थी साये को दीवार से जब तक दिन रहता, मस्तियां होती बहुत रात से पहले विदा होता साया ,... Hindi · अस्तित्व · कविता · दीवार · शायरी · साया 2 1 267 Share Dr. Rajeev Jain 9 May 2022 · 1 min read मां कोई नहीं मिलता अब रूठ जाने को बिना मतलब अपनी हनक दिखाने को वो मां तेरी याद आती है हर कोई मान जाता है कह दूं खा के आया हूं... Hindi · कविता 2 2 480 Share Dr. Rajeev Jain 5 Apr 2022 · 3 min read वीरांगना डा अर्चना शर्मा , तुम्हारा बलिदान बेकार न जायेगा भीड़ खचाखच मची प्रसूता थी दर्द में सुती भीड़ जमाने भर की कहानी छोटे से अस्पताल की गली का रस्ता जाम यहां बोलेरो, पंच , ऑल्टो से वाहन वहां झंडा... Hindi · कविता 299 Share