sushil sarna Tag: मुक्तक 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 12 Nov 2017 · 1 min read प्यास .... प्यास .... होता नहीं है मन .अपना जब ये अपने पास । छलक उठती है नैनों से पिया मिलन की आस। संभव नहीं मधुपलों को स्मृति से विस्मृत करना -... Hindi · मुक्तक 679 Share sushil sarna 9 Nov 2017 · 1 min read इमारत.... इमारत.... शानों पे लिख गया कोई इबारत वो रात की। ...महकती रही हिज़ाब में शरारत वो रात की। ....करते रहे वो जिस्म ..से गुस्ताखियाँ रात भर - ........फिर ढह गयी... Hindi · मुक्तक 251 Share sushil sarna 3 Nov 2017 · 1 min read गज़ब ... गज़ब.... आपका आना भी गज़ब ढा गया। ....आपका जाना भी ग़ज़ब ढा गया। ........मार डाले न कहीं सादगी आपकी - ...........यूँ हौले से शरमाना गज़ब ढा गया। सुशील सरना Hindi · मुक्तक 614 Share sushil sarna 26 Oct 2017 · 1 min read ज़रूरी तो नहीं ... ज़रूरी तो नहीं ... हर दर्द पे आह निकले,ये ज़रूरी तो नहीं। हर मोड़ पे राह निकले,ये ज़रूरी तो नहीं। यूँ तो है ग़ज़ल गुलदस्ता शे'रों का फिर भी, हर... Hindi · मुक्तक 207 Share sushil sarna 3 Oct 2017 · 1 min read वरदान ... वरदान ... मृदुल मुस्कान से घावों का निदान हो गया। मधु क्षणों के अमरत्व का सामान .हो गया। वो यौवन की देहरी पर .भ्रमरों की ..गुंजन - निस्पंद भाव को... Hindi · मुक्तक 347 Share sushil sarna 29 Sep 2017 · 1 min read तृषा ... तृषा ... श्वास श्वास के आलिंगन का थोड़ा तुम अभिमान करो l विरह पलों से मौन सुधा का तुम न यूँ अपमान करो l नैन विलास की मधुर विभावरी लौट... Hindi · मुक्तक 477 Share sushil sarna 29 Sep 2017 · 1 min read तृषा ... तृषा ... श्वास श्वास के आलिंगन का थोड़ा तुम अभिमान करो l विरह पलों से मौन सुधा का तुम न यूँ अपमान करो l नैन विलास की मधुर विभावरी लौट... Hindi · मुक्तक 274 Share sushil sarna 26 Sep 2017 · 1 min read मदिरा नैनों की .... बरखा अम्बर की हल्की हल्की है l ....मदिरा नैनों की नैन से छलकी है l ........मधुपल सिमटे हैं सांझ की बेला में - .............याद पिया की आँसू बन ढलकी है... Hindi · मुक्तक 286 Share sushil sarna 6 Sep 2017 · 1 min read मेहरबान ... मेहरबान ... ज़मीं बदल जाती है आसमान बदल जाते हैं l ...हवाओं के मिज़ाज़ से बादबान बदल जाते हैं l .....साये उम्र के भी इक मुक़ाम पे छूट ..जाते हैं... Hindi · मुक्तक 306 Share sushil sarna 5 Sep 2017 · 1 min read कश्तियाँ ... कश्तियाँ ... हौसला करते न वो ग़र होती खबर तूफ़ान की l पंखों से कह देते न करना चाहतें आसमान की l पथरीले बहुत हैं ज़िंदगी की हकीकत के रास्ते... Hindi · मुक्तक 463 Share sushil sarna 24 Aug 2017 · 1 min read अंतिम घट ... अंतिम घट ... हर आदि का ..अंत ..है मरघट l हर देह ..का ..मरघट ..पनघट l जिस तट बंधी नाव .श्वासों ..की - प्राणपथिक का वही अंतिम घट l सुशील... Hindi · मुक्तक 1 436 Share sushil sarna 13 Aug 2017 · 1 min read तिनका तिनका.... तिनका तिनका.... तिनका तिनका करके आशियाना बनाया जाता ..है l कतरा कतरा मोहब्बत से दिल को सजाया जाता है l राज दिल के खोल न दे कहीं सावन ये ...आँखों... Hindi · मुक्तक 1 522 Share sushil sarna 10 Aug 2017 · 1 min read ज़िस्मानी घर... ज़िस्मानी घर... एक पल में हर पल बदल जाता है l ज़िंदगी का हर कल बदल जाता है l ये सांसें कुछ समझ ही नहीं ..पाती - ज़िस्मानी घर राख... Hindi · मुक्तक 476 Share sushil sarna 5 Aug 2017 · 1 min read क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर इस जीवन का कहाँ कोई ठिकाना है l हर कदम पे उलझन में लिपटा एक फ़साना है l हो सका न मुक्त कभी आदि , अंत की... Hindi · मुक्तक 1 663 Share sushil sarna 20 Jul 2017 · 1 min read प्यार के रंग.... प्यार के रंग.... प्यार के रंग अपनी आँखों में लिए आ जाओ l शब-ए-वस्ल को शोलों में बदलने आ जाओ l दूर तलक हो राहे वफ़ा में आहटें रोशनी की... Hindi · मुक्तक 532 Share sushil sarna 13 Jul 2017 · 1 min read कस्तूरी.... कस्तूरी.... बीती रात की बात वो l .... बादल की बरसात वो l ...... सांसें कस्तूरी कर गयी , ......... .. होठों की मुलाक़ात वो ll सुशील सरना Hindi · मुक्तक 542 Share sushil sarna 5 Jul 2017 · 1 min read यादों के सैलाबों में …. यादों के सैलाबों में …. शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में ..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में ………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में ……………ज़िन्दा... Hindi · मुक्तक 347 Share sushil sarna 3 Jul 2017 · 1 min read तिलस्म .. तिलस्म .. मेरी दुनिया को सितारो स्याह न करो l ...मेरे गुलिस्तां पे शरारो निग़ाह न करो l ......वाकिफ़ हूँ मैं फ़रेबी अदा से आपकी , ..........हुस्ने तिलस्म से मुझे... Hindi · मुक्तक 248 Share sushil sarna 3 Jul 2017 · 1 min read तिलस्म .. तिलस्म .. मेरी दुनिया को सितारो स्याह न करो l ...मेरे गुलिस्तां पे शरारो निग़ाह न करो l ......वाकिफ़ हूँ मैं फ़रेबी अदा से आपकी , ..........हुस्ने तिलस्म से मुझे... Hindi · मुक्तक 506 Share sushil sarna 29 Jun 2017 · 1 min read मधु क्षण.... मधु क्षण.... मौन भाव ..अभिव्यक्त करो तृषित निशा को तृप्त ..करो करो समर्पण का अभिनंदन मधु क्षण न .अभिशप्त करो सुशील सरना Hindi · मुक्तक 425 Share sushil sarna 24 Jun 2017 · 1 min read पत्थर के ईश ... पत्थर के ईश ... झूठ की झोली में तो विष ही सदा आया .है कड़वा ही सही सच तो सदा ही मुस्काया है छोड़ दिया जब साथ दुःख में सब... Hindi · मुक्तक 691 Share sushil sarna 23 Jun 2017 · 1 min read सुर्ख आरिज़ों पे …. सुर्ख आरिज़ों पे …. सुर्ख आरिज़ों पे गुलाब रखते हैं ...वो चिलमन में शराब रखते हैं .......ले न ले कोई नज़र बोसा उनका ............छुपाके ज़ुल्फ़ों में शबाब रखते हैं सुशील... Hindi · मुक्तक 290 Share sushil sarna 21 Jun 2017 · 1 min read स्पंदन.... स्पंदन.... झुकी नज़र रक्ताभ अधर ...हुए अंतर्मन के भाव प्रखर ......घोर तिमिर में स्पर्श तुम्हारे ............स्वप्न स्पंदन सब गए निखर सुशील सरना Hindi · मुक्तक 583 Share sushil sarna 20 Jun 2017 · 1 min read मुलाक़ात.... मुलाक़ात.... बड़ी हसीन मुलाक़ात हो जाती है .....जब शब् को बरसात हो जाती है तैरती है छुअन लबों पर लबों की .......लाज को लांघती रात हो जाती है सुशील सरना Hindi · मुक्तक 448 Share sushil sarna 15 Jun 2017 · 1 min read सौगातें ... सौगातें ... सावन की रातें हैं सावन की बातें हैं l ...सावन में भीगी सी चंद मुलाकातें हैं l ......इक दूजे में सिमटे वो भीगे से लम्हे , .........साँसों की... Hindi · मुक्तक 295 Share sushil sarna 1 Jun 2017 · 1 min read स्पर्श .... स्पर्श .... क्षण भर के आलिंगन का संसार मुझे तुम लौटा दो रजनी के एकांत पलों की झंकार मुझे तुम लौटा दो नैन पटों में नयनों का अनुरोध जो अब... Hindi · मुक्तक 1 275 Share sushil sarna 28 May 2017 · 1 min read नज़र... नज़र... मैं पीता नहीं तू पिलाने .लगी है क्यूँ चेहरे से पर्दा हटाने लगी .है रोकूं मैं कैसे बहकने से ख़ुद को अब ये नज़र लड़खड़ाने लगी है सुशील सरना Hindi · मुक्तक 429 Share sushil sarna 25 May 2017 · 1 min read शृंगार .... शृंगार .... बीतता है क्षण जो प्रतीक्षा के अंगार में ...बदल जाता है क्षण वो अनमोल प्यार में ......अवगुंठन में लाज के टूटते अनुबंध सभी .........डूबते हैं अधर फिर अधरों... Hindi · मुक्तक 553 Share sushil sarna 24 May 2017 · 1 min read लम्हा... लम्हा.... न ज़िस्म रखता हूँ मैं न पर रखता हूँ ...मैं कहाँ कभी दिल में ज़ह्र रखता हूँ .....एक नन्हा सा लम्हा हूँ वक्त का मग़र .......मैं सीने में सदियों... Hindi · मुक्तक 610 Share sushil sarna 23 May 2017 · 1 min read नकली परतें... अर्श पर नकली परतें नहीं होती फ़र्श सी वहां नफ़रतें नहीं होती उफ़क तक बस उन्स होती है कहीं वहशी फ़ितरतें नहीं होती अर्श=आसमान , फ़र्श=ज़मीन , उफ़क = क्षितिज़... Hindi · मुक्तक 483 Share sushil sarna 22 May 2017 · 1 min read दीदार... इस दीद को हुआ फिर दीदार आपका आया संग कयामत के ख़्वाब आपका मुंतज़िर जिसकी रही आंखें तमाम शब दे गयी तन्हा सहर, हमें जवाब आपका सुशील सरना Hindi · मुक्तक 361 Share sushil sarna 20 May 2017 · 1 min read 1.विहग ..,, 2.रोटी ... 1.विहग .. ले अरमान मधुर से मन ..में ...उड़े जा रहे विहग ..गगन में .......स्मृति घट पर तुम यूँ ....बैठी ............जैसे कोई अभिलाष नयन में सुशील सरना 2.रोटी ... हर... Hindi · मुक्तक 307 Share sushil sarna 17 May 2017 · 1 min read ज़माल... ज़माल... इक यक़ीं इक ख़्वाब हो गया हर सवाल बे-हिज़ाब .हो गया थे हयात जो हमारी .साँसों के वो ज़माल इक अज़ाब हो गया सुशील सरना Hindi · मुक्तक 301 Share sushil sarna 12 May 2017 · 1 min read हिचकी . .. हिचकी . .. रुख़्सत हुए जहान से तो ये हयात हंसने लगी लाश अधूरी चाहतों की दूर कहीं जलने लगी आखिरी हिचकी में लब ने नाम तेरा ले लिया ख़ाक... Hindi · मुक्तक 599 Share sushil sarna 11 May 2017 · 1 min read सजदा ... सजदा ... सजदा करूँ तेरा ख़ुदा या पूजूँ मैं इंसान को भूल बैठा है ये इंसां आज तेरे ..एहसान .को कौन जाने तू कहाँ है फ़र्श पर .या .अर्श पर... Hindi · मुक्तक 578 Share sushil sarna 9 May 2017 · 1 min read हर ख़ार ... हर ख़ार ... हर ख़ार तेरी राह का पलकों से उठा लेने दे हर अश्क तेरी चश्म का हाथों पे सजा लेने दे तू हयात है मेरी तुझे ग़मगीन भला... Hindi · मुक्तक 223 Share sushil sarna 8 May 2017 · 1 min read हया ... हया ... उम्र जवानी की तो बेमिसाल होती है नज़र ही जवाब,नज़र सवाल होती है हर हद से फिर बेख़बर होती है हया इस उम्र की मुहब्बत कमाल होती है... Hindi · मुक्तक 210 Share sushil sarna 7 May 2017 · 1 min read बेनूर …. बेनूर …. अग्नि चिता की बहुत मग़रूर हुआ करती है जला के ये इन्सां को आसमाँ छुआ करती है बहुत करती है ग़रूर ये अपनी ताकत पे मग़र ख़ाक होते... Hindi · मुक्तक 303 Share sushil sarna 5 May 2017 · 1 min read आगाज़ .... आगाज़ बदल जाते हैं अंज़ाम बदल .जाते हैं वक्त के साथ लोगों के निज़ाम बदल जाते हैं डरने लगी हयात जब अन्जाम के .ख्याल से चलते चलते ज़िस्म के मक़ाम... Hindi · मुक्तक 299 Share sushil sarna 4 May 2017 · 1 min read नम पलक... आवाज़ थी ख़ामोश और ख़ामोशियों में शोर था बन्द पलक में याद से नम पलक का छोर था सुशील सरना Hindi · मुक्तक 266 Share sushil sarna 4 May 2017 · 1 min read कोठा.... कोठा.... अपनी हवस के लिए हमें ज़रिया बनाया जाता है और होटों से मुहब्बत का दरिया बहाया जाता है होते थे कोठे कहीं-कहीं कभी बीते हुए ज़माने में अब नज़र... Hindi · मुक्तक 290 Share sushil sarna 3 May 2017 · 1 min read किरदार अब जज़्बा-ए -ईसार का क्या कहिये ...और इज़हार-ए-प्यार का क्या कहिये .......इक साये सा वज़ूद है इन्सां का अब ..........अब साये के किरदार का क्या कहिये जज़्बा-ए -ईसार=स्वार्थ,त्याग सुशील सरना Hindi · मुक्तक 335 Share sushil sarna 30 Jul 2016 · 1 min read हया में लिपटा .... हया में लिपटा .... तन्हाई में तूने जब खुद को संवारा होगा यकीनन तेरे ज़हन में अक़्स हमारा होगा ज़ुल्फ़ ने जब रुख़ से शरारत की होगी हया में लिपटा... Hindi · मुक्तक 1 249 Share