सुरेश कुमार चतुर्वेदी Language: Hindi 1597 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 2 min read जलियांवाला बाग जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी अंग्रेजी शासन की क़ूरता, बर्बर से बर्बर काली थी निहत्थे लोगों पर गोलीबारी, शर्मसार करने वाली थी मानवता पर दाग थी ये,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 1 min read वेचैन आदमी एक दिन एक बेचैन आदमी मंदिर मेरे आया सोने को ही था मैं उसने घंटे पर हाथ जमाया बोला भगवन बढ़ा दुखी हूं नींद नहीं आती है ब्लड प्रेशर शुगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 3 66 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 May 2024 · 1 min read भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग भीड़ ने की एक निर्मम हत्या, एक दुख भरी कहानी है भीड़तंत्र के भेड़ चाल की, एक जीवंत निशानी है एक गरीब दंपत्ति बच्चे का, इलाज कराने आए थके थकाए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 May 2024 · 1 min read आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को स्वप्न लिए आजादी का जो, लाठी डंडा खाते थे सीने पर गोली खाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 84 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में सत्ता का संग्राम छिड़ा है, भैया अब इस देश में मुख में है जनता की सेवा,देख रहे सत्ता की मेवा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 117 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छुपा हुआ अंतस में सूरज,आए नजर न भोर रे मन छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर काम क्रोध मद लोभ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 2 min read दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन सारी दुनिया में कहीं नहीं है, मेरे जैसा वतन अलग अलग बोली भाषाएं, फिर भी एक है मन ।सारी...... कई धर्म संप्रदाय यहां हैं, सबका एक जतन मानव के कल्याण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 1 116 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉 नमस्कार मैं हिंदी हूं, मैं पूरब से आई हूं प्रेम और शुभ संदेशों को, मैं भारत से लाई हूं मेरे देश में बोली जातीं, कई बोली भाषाएं प्रेम और विश्वास... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 79 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read खुद को संभाल खुद को संभाल,भैया खुद को संभाल जीवन को भैया,न खतरों में डाल नशा मशा करने की,आदत न डाल नशा जो करोगे तो, जल्दी तुम मरोगे बड़ी बड़ी बीमारियों से, भैया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 3 min read श्री गणेश भगवान की जन्म कथा शिव शंकर माता पार्वती, कैलाश पर सुख से रहते थे विश्वकर्मा के बनाए महल में, गृहस्थ धर्म में दोनों रत थे सुखद दांपत्य चला दोनों का, पुत्र कार्तिकेय उत्पन्न हुए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 119 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर विघ्न विनाशक अभयंकर हे देवाधिदेव गजानन श्रेष्ठ समन्वयक लंबोदर एक सूत्र में पिरो सभी को सारी दुनिया को संगठित कर नहीं धर्म पर झगड़े हों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 May 2024 · 1 min read जाओ कविता जाओ सूरज की सविता जाओ कविता जाओ कविता जाओ दुनिया में सूरज की सविता उजागर करो युद्धों की विभीषिका सुनो रसिया यूक्रेन अमेरिका सुनो दुनिया के नेताओं आओ होश में आ जाओ मानवता को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 97 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 Apr 2024 · 1 min read शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ हे देवाधिदेव देव गजानन, श्री चरणों में बंदन है आतंक से पीड़ित मानवता का, तुमसे करुण निवेदन है हे रिद्धि सिद्धि के दाता भगवन, हे सद्बुद्धि के दाता हे लंबोदर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 116 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 29 Apr 2024 · 1 min read जागे जग में लोक संवेदना हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर विघ्न विनाशक अभयंकर हे देवाधिदेव गजानन श्रेष्ठ समन्वयक लंबोदर एक सूत्र में पिरो सभी को सारी दुनिया को संगठित कर नहीं धर्म पर झगड़े हों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 152 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Apr 2024 · 1 min read आदमी की संवेदना कहीं खो गई शहरीकरण में हम, कहां से कहां खो गए संवेदनशील थे हम, संवेदनहीन हो गए गांव थे अच्छे खासे, सब शहर हो गए जल जंगल जमीन, शहरों में खो गए संवेदनाएं... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 199 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 26 Apr 2024 · 1 min read दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना न जाने मुझे, ये क्या हो गया है? अंतस संवेदनहीन हो गया है? मेरा मानस जाने, कहां खो गया है? तुम्हें गर मिले, तुम मुझे भी मिलाना कहीं भी मिले,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 134 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Apr 2024 · 1 min read नव वर्ष मंगलमय हो परिवर्तन शील प्रकृति में,हर पल दृश्य नवीन है दिन सप्ताह मास बर्ष युग, परिवर्तन आधीन है हर पल को स्वीकार करें, काल गति आधीन है नियति और नियंता दोनों, जैसे... Hindi · कविता 1 210 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Apr 2024 · 1 min read बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं। कभी हिन्दू, कभी मुस्लिम, कभी ईसाई टोपी है। पहनते हैं कभी पगड़ी, अदा इनकी अनोखी है।। न ईश्वर से इन्हें मतलब,न अल्ला से ही मतलब है। न सिख ईसाई से... Hindi · कविता 134 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Apr 2024 · 1 min read सेवा या भ्रष्टाचार सेवा या भ्रष्टाचार घूम रहे द्वार द्वार गले गले तक डकार गए जनता के सामने नकार गए कट्टर ईमानदार अब जेल में पड़े हैं चोर उचक्के बेईमान सब समर्थन में... Hindi · कविता 1 117 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 Apr 2024 · 1 min read सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान सत्य शांति दया क्षमा मय, आलोकित हिन्दुस्तान आओ भैया मिलकर गाएं, गीत हम एक महान सबसे प्यारा सबसे न्यारा, मेरा हिंदुस्तान मैं बालक हिंदुस्तानी, मनभावन मेरी वानी मुझे किसी से... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 150 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Apr 2024 · 1 min read मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै नहीं सत्संग भजन में लागै, विषयन संग लगावै भटक रहो दिन रैन, सुख शांति कबहुं न पावै सुरत नहीं है अंतिम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 97 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Mar 2024 · 1 min read श्रेय एवं प्रेय मार्ग कठोपनिषद में मानव को, दो मार्गों का वर्णन है श्रेय एवं प्रेय मार्ग,किसका अनुसरण करना है श्रेय मतलब श्रेष्ठ मार्ग, आत्मिक उत्थान का मार्ग है प्रेय मतलब भोग, इंद्रियगत विषयों... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 120 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Mar 2024 · 1 min read आईने के सामने आईने के सामने, सच नहीं छुपता जनाब जैंसे हैं आप वैसे, दिखता है साफ-साफ दिल भी तो है एक आईना, पल-पल की खबर है दुनिया से गर छुपा लो, दिल... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 85 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 29 Mar 2024 · 1 min read चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए कितना आकर्षण है सत्ता का,पल भर चैन न आए कई दल तोड़े कई बनाए, फिर भी कुर्सी से नहीं अघाए वोटों की तैयार हैं फसलें,कई चैतुए आए नए नए मोर्चे... Hindi · कविता 212 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 29 Mar 2024 · 1 min read महिमा है सतनाम की बन जाते हैं वरदान श्राप, जब हेतु गलत होते हैं जल जाते हैं होलिका जैसे, प्रहलाद अमर होते हैं गई असत्य के साथ, वरदान भी उसका शाप बन गया नहीं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 109 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 27 Mar 2024 · 1 min read चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी चीत्कार रही मानवता,धरा पर संकट है भारी। द्वेष अज्ञान अति स्वार्थ वश,मानव हत्याएं हैं जारी।। विध्वंसक युद्धों से दुनिया हलाकान है भारी। धर्म के नाम से हिंसा?, मानवता खतरे में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 149 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 27 Mar 2024 · 1 min read बापू फिर से आ जाओ चीख उठी है धरती सारी, घायल है मानवता छाए हैं आतंक के बादल, जाग रही बर्बरता बापू फिर से आ जाओ, दुनिया में अलख जगा जाओ छूट रही है सत्यअहिंसा,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 58 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 27 Mar 2024 · 1 min read महामोह की महानिशा महामोह की महानिशा जीवन में गहराई बंधी हुई माया की पट्टी छूट गई सच्चाई चला चली की बेला में याद सत्य की आई सुरेश कुमार चतुर्वेदी "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 80 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 26 Mar 2024 · 1 min read दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए अज्ञान से मुक्ति दिला सके, अंधकार को मिटा सके अन्याय पर बार करे, अनाचार को खत्म करे जग को एक उजियार चाहिए, दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए जो रुके नहीं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 134 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 25 Mar 2024 · 1 min read समय और परमात्मा अनित्य जगत में दो ही सत्य है,समय और परमात्मा समय और परमात्मा नित्य है, बाकी सब अनित्य है दोनों दृश्य मान नहीं, अनुभव गम्य हैं अबिरल गति और सम्य है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 107 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 25 Mar 2024 · 1 min read चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था राम नाम सत्य का, कानों में स्वर आ रहा था राम नाम सत्य है, सत्य बोलो गत्य है सब कोई... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 112 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 24 Mar 2024 · 1 min read सत्य सनातन गीत है गीता सत्य सनातन गीत है गीता, गीता परम प्रकाश है धर्म कर्म निर्वाण का पथ है, मानवता का आकाश है भक्ति ज्ञान और कर्मयोग, आत्मज्ञान साक्षात्कार है मनुज जन्म का गीत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 144 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 23 Mar 2024 · 1 min read सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है असंभव है प्रेम शब्द की व्याख्या प्रकृति के कण-कण में प्रेम समाया प्रेम शब्द का सार जगत में कोई नहीं कह पाया संपूर्ण जगत कोई और तुम्हारे प्रेम और अनुराग... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 159 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 Mar 2024 · 1 min read अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली नों नों सम्मन निगल गए पर पूछताछ न टली आखिर फंस ही गए कट्टर जी, पुलिस उठा ले चली इससे तो वो बिल्ली भली,हज करने तो चली चूहे खाकर चुपचाप... Hindi · कविता 1 160 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 Mar 2024 · 1 min read आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ आखरी है खतरे की घंटी, बंधु होश में आ जाओ विन पानी जीवन न होगा, जीवन का सत्य समझ जाओ जिसकी बूंद बूंद में,सबका जीवन वसता है बहा रहे हो... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 157 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 Mar 2024 · 1 min read माया और ब़ंम्ह दृष्य़ जगत ब़ंम्ह की माया है, जिसमें संसार समाया है जगत दृश्य है, ब़ंम्ह अदृश्य है, यही तो उसकी माया है सारी सृष्टि और काया, अदृश्य ब़ंम्ह ने सभी बनाया... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 179 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Mar 2024 · 1 min read कब भोर हुई कब सांझ ढली कब भोर हुई, कब हुई दोपहर, पता नहीं कब सांझ ढली बीत गई उमरिया सारी, असली बात न पता चली भाग रहे थे मन के पीछे, आत्मा की न बात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 3 113 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Mar 2024 · 1 min read दिखने में इंसान मगर, काम सभी शैतान से दिखने में इंसान मगर, कर्म सभी शैतानों से। कैसे हम इंसान कहें, व्यवहार नहीं इंसानों से।। धर्म कर्म नहीं इंसानियत, नहीं विवेक विचार । मानव होकर जान न पाए, मानवता... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 108 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 19 Mar 2024 · 1 min read सत्य और अमृत लगता है सत्य मुझे, येअमृत का पर्याय है है इनकी तासीर एक, और एक ही आधार है जैसे अमृत पीकर कोई, कभी नहीं मरता है सत्य भी वैंसा ही है,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 18 Mar 2024 · 1 min read मन का महाभारत युद्ध चल रहा है, उर के रण समर में कुरुक्षेत्र बन गया है, मेरे ह्रदय स्थल में यह युद्ध झूंठ सांच का, पुण्य और पाप का अपने और पराए का,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 6 132 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Mar 2024 · 1 min read श्री राम अर्चन महायज्ञ मनोकामना पूर्ण सिद्ध हनुमान मंदिर रंगई विदिशा में पधारे हुए सभी संत चरणों में दण्वत प्रणाम। परम चेतना श्री गुरु की, श्री दादाजी धाम अनवरत गूंजता रहता है, जहां राम... Hindi · कविता 179 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Mar 2024 · 1 min read शिव रात्रि शब्द ब्रह्म अर्पित करूं शब्द ब्रह्म महिमा कहूं, उर धर गुरु उपदेश। प्रेम सहित हृदय बसहु, शारद शेष गणेश।। शब्द ब्रह्म ओंकार है, शब्द हरि का नाम। शब्द ब्रह्म में... Hindi · कविता 166 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Feb 2024 · 1 min read भारत के लाल को भारत रत्न लाल कृष्ण आडवाणी जी का जीवन, संघर्षों की गाथा है भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान की,जन जन को प्रेरणा दाता है राजनीति में शुचिता और सिद्धांत के वाहक हैं एक महान... Hindi · कविता 2 2 151 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 Feb 2024 · 1 min read जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जन्मोत्सव आक्रांताओं का उत्पात मचा था, धर्म था गहरे संकट में समाज टूट कर बिखर रहा था, ऊंच नीच के झंझट में संकट की इन घड़ियों में, रामानंदाचार्य स्वामी आए राम... Hindi · कविता 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Feb 2024 · 1 min read जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य चौदहवीं शताब्दी में जब भारत, आक्रांताओं से आहत था जाति पाति ऊंच नीच, धर्म बड़ा आफत में था कठिन समय में राम भक्ति के, जगतगुरु रामानंदाचार्य हुए रामानंदीय संप्रदाय संस्थापक,... Hindi · कविता 1 2 132 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Feb 2024 · 1 min read आहत हो कर बापू बोले शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे क्यों राम नाम मचा रहे हो, तुम इतना कोहराम रे क्यों जन जन की भावनाओं को, बयानों से भड़काते हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 210 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Jan 2024 · 1 min read मुझे चाहिए एक दिल मुझे चाहिए दिल एक ऐसा,जो पर पीड़ा पर पिघल सके। प्रेम और करुणा भरा दिल, जो सत् पथ पर निकल सके।। परिवार माने सारी दुनिया को, और सभी से प्यार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 161 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Jan 2024 · 1 min read परम सत्य मैं ईश्वर के परम सत्य की, पावन कथा सुनाता हूं। श्री हरि चरित की पावन गाथा, शब्द ब़म्ह में गाता हूं।। ईश्वर एक अनंत है भैया,पार न अब तक पाया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 167 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Jan 2024 · 1 min read कामनाओं का चक्र व्यूह कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिपल चलता रहता है अंतहीन इच्छाओं का, सिलसिला चलता रहता है कामनाओं का पुतला है, कामनाएं बुनते रहता है भौतिकवाद अंधानुकरण में, जीवन भर चलते रहता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 174 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Jan 2024 · 1 min read नरसिंह अवतार हिरणाकश्यप ने मृत्युंजय बनने के, सारे जतन जुटाए घोर तपस्या के बल पर,ब़म्हा से वरदान बहुत ही पाए न दिन में मरूं, न रात में,न घर में न बाहर न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 159 Share Previous Page 2 Next