सुनील कुमार 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुनील कुमार 2 Apr 2022 · 1 min read महिलाओं का श्रृंगार महिलाएं जिस मंगलसूत्र और सिंदूर को अपना श्रृंगार समझती हैं; वह श्रृंगार नही बल्कि उनकी मानसिक गुलामी का प्रतीक है। Hindi · कोटेशन 2 2 188 Share सुनील कुमार 4 Jun 2022 · 1 min read हृदय का सरोवर मेरे हृदय के सरोवर में, सर्वदा तू विचरण करता है। बंधा है मर्यादा का एक पुल, जिससे तू आता-जाता है। लालसा रहती है देखने को, पर आंखों से ओझल हो... Hindi · कविता 2 396 Share सुनील कुमार 9 Jun 2022 · 1 min read साहस --- अपने से अधिक शक्तिशाली या समान बल वाले से सामना करना ही साहस है। Hindi · कोटेशन 2 259 Share सुनील कुमार 12 Jun 2022 · 1 min read फिजाओं में फैला जो धुंवे का गुबार है--- फिजाओं में फैला जो धुंवे का गुबार है, अवश्य ही किसी ने आग लगाई होगी। होगा सच ही बड़ा नापाक वह शागिर्द, जिसने जलते आग में घी डाली होगी।। Hindi · शेर 2 197 Share सुनील कुमार 10 Jul 2022 · 1 min read अबकी बरस में... और भी ज्यादा याद आओगे तुम अगले बरस में। थोड़ा सा कम याद आए हो, अबकी बरस में।। Hindi · शेर 2 186 Share सुनील कुमार 7 Nov 2022 · 1 min read सफलता के प्रवर्तक----- सफलता के प्रवर्तक तो अनेकों हैं मगर असफलता निराश्रित है। Hindi · कोटेशन 2 2 82 Share सुनील कुमार 19 Nov 2022 · 1 min read सारे वाद तो चाय की दुकानों पर----- अब तो सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चे होते हैं कहाँ? क्योंकिं सारे वाद तो चाय की दुकानों पर सुलझाए जाने लगे हैं।। Hindi · शेर 2 98 Share सुनील कुमार 9 Dec 2022 · 1 min read अब तो डर लगने लगा है हमे अब तो डर लगने लगा है हमे, भोर के इन उजालों से। कहीं सूरज भी फब्तियाँ न कसे, मेरे ऐसे हालातों पर।। अब मुझे सुकून है बहुत, घने इन अंधेरों... Hindi · शेर 2 2 104 Share सुनील कुमार 31 May 2023 · 1 min read बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर मगर उसे क्या पता कि उसका ही भ्राता शत्रु का शस्त्र बनेगा। Quote Writer 2 468 Share सुनील कुमार 20 Apr 2021 · 1 min read मन मेरा अर्पित, तन मेरा अर्पित मन मेरा अर्पित,तन मेरा अर्पित हृदय का हर भाव समर्पित। ख्वाबों की पतंगें,उड़े गगन में पपीहे का वो राग समर्पित मन मेरा अर्पित,तन मेरा अर्पित हृदय का हर भाव समर्पित।... Hindi · कविता 1 191 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ मैं, सौन्दर्य पर उसके मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ मैं घायल कटार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम,सुन्दर सी एक पुष्पों से सुसज्जित उपवन... Hindi · कविता 1 2 224 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read बसंत बसंत आया, बहार लाया नवप्रभात संग हिय हर्षाया अरुण की किरणें चमक रही वन में चिड़िया चहक रही मौसम ने नया चादर है बिछाया कोयल ने नवगीत सुनाया बसंत आया,... Hindi · कविता 1 2 506 Share सुनील कुमार 24 Apr 2021 · 1 min read बेरोजगारी हिमालय से ऊंचा, हमने लक्ष्य बनाकर समुंदर से गहरा, हमने सोच बनाकर होगी एक न एक दिन जीवन में तरक्की ज्ञान-विद्या का,अर्जित किये जा रहे हैं। दूर शहर में कमरे... Hindi · कविता 1 2 209 Share सुनील कुमार 1 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात का यह माह सुगन्धित, ऋतुओं में है सबसे अद्भुत घनघोर घटाओं से सुसज्जित बादल, धरा ने है पहने मोती के पायल बारिस की पहली बूँद गिरी तो हो गया... Hindi · कविता 1 266 Share सुनील कुमार 18 Jun 2021 · 1 min read गुजरा वो जमाना याद आये गुजरा वो जमाना याद आये जो बीत गया मेरे बचपन का हाथ पकड़कर मां का चलना पांव के नन्हे कदमतालों से। बालसखा संग खेलने जाते लड़ते-झगड़ते, हम इठलाते भूख-प्यास की... Hindi · गीत 1 191 Share सुनील कुमार 28 Jun 2021 · 1 min read गुजरे दिन वो बचपन के-- गुजरे दिन वो बचपन के, जब खेलते संग हमजोली के मिट्टी के अनोखे खिलौने बनाना, खेल-खेल में धमा-चौकड़ी छोटी-मोटी बातों पर क्रोधित होना, दोस्तों के संग मारामारी शायद दिन वो... Hindi · कविता 1 204 Share सुनील कुमार 1 Jul 2021 · 1 min read रति के दिन वो बड़े सुहाने--- रति के दिन वो बड़े सुहाने, चाहत के थे नए अफ़साने हृदय में थे उमंग भरे, गाते थे नित नए तराने आकांक्षा थी उन्हें पाने की, हृदय में उन्हें बसाने... Hindi · कविता 1 170 Share सुनील कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ, में सौन्दर्य पर उसकी मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ, मैं घायल कतार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम, सुन्दर सी एक सोलह वृक्षों के... Hindi · कविता 1 275 Share सुनील कुमार 23 Jul 2021 · 1 min read झूम-झूम के आया सावन झूम-झूम के आया सावन मोह लिया; मनभावन-सावन मदमस्त हवाएँ; मदमस्त फ़िजाएँ तन-मन को यह ऋतु महकाए काली घटाएँ और तड़ित का गर्जन कर देती है; रोम-रोम का आकुंचन भीनी-भीनी; झीनी-झीनी... Hindi · कविता 1 2 462 Share सुनील कुमार 24 Jul 2021 · 1 min read मनभावन सावन रिमझिम-रिमझिम फुहारें लेकर, मनभावन सावन आया है ठंडी-ठंडी पवन के झकोरों, ने तन-मन को महकाया है घनघोर-घटाओं की बारिस से, धरा-धुलकर निखरी लगती है नीलगगन में उगा इंद्रधनुष, बच्चों के... Hindi · कविता 1 807 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read समय गवाएँ क्या मिला----- समय गवाएँ क्या मिला, किया न कुछ भी काम। एक दिन तू पछतायेगा, होगा जब नाकाम।। Hindi · दोहा 1 2 467 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read झूठा ठहरै एक पल------ झूठा ठहरै एक पल, साच तो अनन्त बार। साच हमेशा बोलिये, जीवन बने अमृतधार।। Hindi · दोहा 1 2 219 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ सदा ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ, जाति न पूँछै कोय। तोड़ मधुर फल खाइ ल्यौ, वृक्ष न कबहुँ गिनाए।। Hindi · दोहा 1 373 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read सीप में पानी ज्यौं पड़ा सीप में पानी ज्यौं पड़ा, पानी-पानी होय। स्वाति नखत में देखि ल्यौ, पानी मोती होय।। Hindi · दोहा 1 166 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read मानुष हैं सब एक सा साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय। मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।। Hindi · दोहा 1 152 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read भाई-भाई देखो लड़ि रहा भाई-भाई देखो लड़ि रहा, द्वेषभाव अपनाय। एक चला जग छोड़ि कै, दूजा मोती टपकाय।। Hindi · दोहा 1 390 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read काया खूब सँवारि रहा काया खूब सँवारि रहा, करकै हिय दुत्कार। सब यही छूट जाएगा, होगा जग अँधियार।। Hindi · दोहा 1 343 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read दुर्जन-निर्दय सब मिले---- दुर्जन-निर्दय सब मिले, सज्जन मिला ना कोय। जो प्राणी को प्रेम बाँटै, सो लाख पुण्य कमाय।। Hindi · दोहा 1 176 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं------- मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं, मिला न अल्लाह-राम। हृदय में जाके खोजि ल्यौ, तामे प्रभु करै विश्राम।। Hindi · दोहा 1 163 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु प्रीति है बाँट रहा----------- साधु प्रीति है बाँट रहा, नित घूमि दिशि चहुँओर। जाके रही भावना जैसी, खोलि कै भरे पिटार।। Hindi · दोहा 1 183 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सेवक करम है करि रहा------ सेवक करम है करि रहा, करम से नाता जोड़ि। मानुष जैसी करनी करै, सो वैसा ही फल पाहि।। Hindi · दोहा 1 440 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक तरफ माँहि मैं रहै------ एक तरफ माँहि मैं रहै, दूजे हरि माँहि नाथ। मिलन कबहुँ न हो सकै, रजनी कै संग प्रभात।। Hindi · दोहा 1 227 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सब गुन ताहि बसि रहै------ सब गुन ताहि बसि रहै, हिय में तुम्हारे समाहि। कस्तूरी को खोजत फिरै, मूरख मृग वन जाहि।। Hindi · दोहा 1 402 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मैं को हिय से निकालिया------ मैं को हिय से निकालिया, अब है प्रभु का वास। रजनी के पल बीत गयो, आया मधुरिम प्रभात।। Hindi · दोहा 1 214 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मात कहै बैनी कहै------ मात कहै बैनी कहै, दोनों नारि कै रूप। राम कहै रहीम कहै, नीर-वारि एकरूप।। Hindi · दोहा 1 179 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा----- वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा, प्रभु ने दिया बनाय। एक पताका प्रेम का, रहा सज्जन फहराय।। Hindi · दोहा 1 197 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read दुख में हरि को जपि रहा----- दुख में हरि को जपि रहा, सुख में दिया बिसारि। शीतलहर सिर चढ़ि गयो, चादर लियो चढ़ाई।। Hindi · दोहा 1 182 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक प्रभु की है यह सम्पदा------- एक प्रभु की है यह सम्पदा, जीव-जगत एवं नीर। प्राणि में प्राण संचार करै, चार तत्व संग समीर।। Hindi · दोहा 1 190 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read प्रभु सुमिरन जो जन न करै------ प्रभु सुमिरन जो जन न करै, करै ना भक्ति विवेक। मूरख दर-दर फिरि रहा, अधम बगुला भक्त अनेक।। Hindi · दोहा 1 295 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read हिय में सुमिरन जो करै----- हिय में सुमिरन जो करै, सो तो साधु होय। पाहन सुमिरन जो करै, साधु ना कहिए सोय।। Hindi · दोहा 1 137 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read पतझड़ के दिन बीत गए----- पतझड़ के दिन बीत गए, माह बसन्त है आई। डाली-डाली खिल गयी, कोमल पात सजाई।। Hindi · दोहा 1 2 388 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read कोयल बोले बाग में----- कोयल बोले बाग में, अमिया गई बौराय। नन्हीं कलियां खिल रहीं, भौरें रहै अकुलाय।। Hindi · दोहा 1 2 514 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read पिय मोरा है राम सखि----- पिय मोरा है राम सखि, सो तो माहि चितचोर। साथ चली मैं जाऊंगी, होके डोली सवार।। Hindi · दोहा 1 188 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read पिय वियोग बहु सह लिया----- पिय वियोग बहु सह लिया, दूरी अब ना सहाई। मोहि सन्देशा भेज दिया, साथ मोहि लै जाई।। Hindi · दोहा 1 230 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read जब पिय थे मैं ना रही---- जब पिय थे मैं ना रही, अब पिय हैं मैं नाहि। सब अंधियारा मिट गयो, पिय देखूं जब ताहि।। Hindi · दोहा 1 2 222 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read चिड़िया बैठी डाल पर---- चिड़िया बैठी डाल पर, खोता लिया बनाई। आंधी चला जब जोर की, बसेरा दिया उजारि।। Hindi · दोहा 1 474 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read काया मलि-मलि धुलि रहा----- काया मलि-मलि धुलि रहा, साबुन लेप लगाई। मीन जल में ही वास करै, गन्ध कबहुँ न जाई।। Hindi · दोहा 1 180 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read पाप की मटकी भर गई------ पाप की मटकी भर गई, काल सम्मुख बुलाई। दीपक पास नाचि रहा, पतंग जरि-मरि जाई।। Hindi · दोहा 1 240 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read साधु सुमिरन है करि रहा------ साधु सुमिरन है करि रहा, मनवा करै विचार। नाव घाट से छूटि रहा, ताहि लगावौ पार।। Hindi · दोहा 1 235 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read खाली हाथ सब आये हैं------ खाली हाथ सब आये हैं, किया न मानुष सत्कार। सब यही छूट जाएगा, जाना है हाथ पसार।। Hindi · दोहा 1 401 Share Previous Page 2 Next