सुनील कुमार Tag: कविता 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुनील कुमार 4 Jun 2022 · 1 min read हृदय का सरोवर मेरे हृदय के सरोवर में, सर्वदा तू विचरण करता है। बंधा है मर्यादा का एक पुल, जिससे तू आता-जाता है। लालसा रहती है देखने को, पर आंखों से ओझल हो... Hindi · कविता 2 393 Share सुनील कुमार 20 Feb 2022 · 1 min read जीवन के लम्हें---- जीवन मे कुछ लम्हें, ऐसे भी आते हैं। हम नए रिश्ते बनाते हैं और पुराने से भागते हैं। उम्मीद हमसे होती है और हम उम्मीदें लगाते हैं। अपने; पराये लगते... Hindi · कविता 1 371 Share सुनील कुमार 18 Feb 2022 · 1 min read प्रेम की बीमारी तुम्हारी यादों में हमने, सारी रात गुजारी है। रातभर करवटें बदली और चांद-तारों को निहारा है। कशमकश में सोचता रहा, क्या मुझ पर रात भारी है! अचानक यह ख्याल आया,... Hindi · कविता 1 1k Share सुनील कुमार 13 Oct 2021 · 1 min read हे भारतभूमि नमो नमः हे भारतभूमि! हे मातृभूमि! हे कर्मभूमि! तुम्हें नमो नमः। हे ज्ञानभूमि! हे धर्मभूमि! हे स्वर्गभूमि! तुम्हें नमो नमः। हे कृषकभूमि! हे सैन्यभूमि! हे बलिदानभूमि! तुम्हें नमो नमः। हे शिक्षाभूमि! हे... Hindi · कविता 1 2 447 Share सुनील कुमार 26 Sep 2021 · 1 min read मादक मृगनयनी मधुर-मधुर और सुमधुर सुखकर, मद्य से मादक तेरे अधर प्रिये। कटाक्ष दृष्टिपात से वार करे, जो मृगनयनी सा तेरे नेत्र प्रिये। तू है मेघ की मनमोहक छटाएँ, मैं घनघोर बरसता... Hindi · कविता 3 2 215 Share सुनील कुमार 24 Jul 2021 · 1 min read मनभावन सावन रिमझिम-रिमझिम फुहारें लेकर, मनभावन सावन आया है ठंडी-ठंडी पवन के झकोरों, ने तन-मन को महकाया है घनघोर-घटाओं की बारिस से, धरा-धुलकर निखरी लगती है नीलगगन में उगा इंद्रधनुष, बच्चों के... Hindi · कविता 1 804 Share सुनील कुमार 23 Jul 2021 · 1 min read झूम-झूम के आया सावन झूम-झूम के आया सावन मोह लिया; मनभावन-सावन मदमस्त हवाएँ; मदमस्त फ़िजाएँ तन-मन को यह ऋतु महकाए काली घटाएँ और तड़ित का गर्जन कर देती है; रोम-रोम का आकुंचन भीनी-भीनी; झीनी-झीनी... Hindi · कविता 1 2 449 Share सुनील कुमार 22 Jul 2021 · 1 min read सावन की घटा घटा हूँ; घटा मैं, सावन की घटा हूँ। सुनो बात मेरी; निराली छटा हूँ। बड़ी ही सयानी; बड़ी ही सुहानी। बहुत हूँ; मैं चंचल, अजब सी मैं कोमल। न किसी... Hindi · कविता 2 189 Share सुनील कुमार 15 Jul 2021 · 1 min read एक हमारी प्यारी बेगम------ एक हमारी प्यारी बेगम, मस्ती भरे; इस यौवन में करती है अनुराग बहुत वो, यथा प्रसून पर भ्रमर का गुंजन चेहरे पर चमक हो जैसे, चन्द्र सी नील-गगन में। पुष्पित... Hindi · कविता 2 2 345 Share सुनील कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ, में सौन्दर्य पर उसकी मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ, मैं घायल कतार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम, सुन्दर सी एक सोलह वृक्षों के... Hindi · कविता 1 274 Share सुनील कुमार 4 Jul 2021 · 1 min read हुआ स्नेह संचार बहुत--- हुआ स्नेह संचार बहुत, किया था जब मधुरिम आलिंगन रोम-रोम में उत्साह भरा, हाथों में थामे; हाथ तेरा, संग भ्रमण व संग रमण हुआ, जब तन-मन का संगम। शीतल पवन... Hindi · कविता 2 276 Share सुनील कुमार 1 Jul 2021 · 1 min read रति के दिन वो बड़े सुहाने--- रति के दिन वो बड़े सुहाने, चाहत के थे नए अफ़साने हृदय में थे उमंग भरे, गाते थे नित नए तराने आकांक्षा थी उन्हें पाने की, हृदय में उन्हें बसाने... Hindi · कविता 1 168 Share सुनील कुमार 30 Jun 2021 · 1 min read गुजरे पल की यादें---- गुजरे पल याद आते हैं वो, जब हम संग में होते थे मुलाकातों की यादें ताज़ी थीं, हृदय में आशाओं की शहजादी थी झुकी नजरें ; मुस्कान मधुर, भ्रमर को... Hindi · कविता 2 2 657 Share सुनील कुमार 28 Jun 2021 · 1 min read गुजरे दिन वो बचपन के-- गुजरे दिन वो बचपन के, जब खेलते संग हमजोली के मिट्टी के अनोखे खिलौने बनाना, खेल-खेल में धमा-चौकड़ी छोटी-मोटी बातों पर क्रोधित होना, दोस्तों के संग मारामारी शायद दिन वो... Hindi · कविता 1 202 Share सुनील कुमार 24 Jun 2021 · 1 min read मन समर्पित, तन समर्पित मन समर्पित, तन समर्पित प्रियतम को जीवन समर्पित प्रेम का पंछी उड़े गगन में पपीहे का वो राग समर्पित। शशि बिन जैसे व्याकुल रैना, तेरे दरश को आतुर नैना मन... Hindi · कविता 2 2 330 Share सुनील कुमार 20 Jun 2021 · 1 min read कोमल-कोमल पुष्प खिले हैं कोमल-कोमल पुष्प खिले हैं, ख्वाबों के अनोखे उपवन में सुन्दर-सुन्दर स्वप्न सँजोए, बसे हो जैसे-तुम मेरे मन में। पवन वेग सी गतिमान है, साँसों की ग्रीष्म तरंगें पास तेरे हम... Hindi · कविता 2 231 Share सुनील कुमार 1 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात का यह माह सुगन्धित, ऋतुओं में है सबसे अद्भुत घनघोर घटाओं से सुसज्जित बादल, धरा ने है पहने मोती के पायल बारिस की पहली बूँद गिरी तो हो गया... Hindi · कविता 1 265 Share सुनील कुमार 12 May 2021 · 1 min read सुबह को शाम लिखता हूँ सुबह को शाम लिखता हूं रात पैगाम लिखता हूं। तू मुझे अस्वीकार भी कर दे तुझे एहतराम करता हूं। सूना-सूना बीत जाएगा,भले जीवन का हर लम्हा। तेरे बिना जीने को... Hindi · कविता 3 2 617 Share सुनील कुमार 12 May 2021 · 1 min read ठहरा हुआ हूँ ठहरा हुआ हूँ मैं, वृक्षों के जैसे पर चल रहा हूँ मैं, समीर के जैसे मै एक तरंग हूँ, लहरों का जैसे तू एक किरण है, चन्दा की जैसे। तू... Hindi · कविता 3 2 256 Share सुनील कुमार 10 May 2021 · 1 min read मेरे अल्फ़ाज़ मेरे अल्फ़ाज़ कहते हैं कि क्यों उदास रहता है! कभी तू दूर रहता है, कभी मजबूर लगता है। सजी है मेरे हृदय में, चाहत की हसीन महफिलें। दिया हूँ प्रणय... Hindi · कविता 3 2 303 Share सुनील कुमार 25 Apr 2021 · 1 min read चितचोर पिया हे चितचोर पिया ! काहे छोड़ मुझे तू गया? पल-पल आँखें, दरश को तरसे। सावन की बारिश, सी आँखें बरसे। हिय का मेरे चैन चुराकर, आखिर, छोड़ मुझे तू गया।... Hindi · कविता 2 4 268 Share सुनील कुमार 25 Apr 2021 · 1 min read गुजरे दिन वो बचपन के गुजरे दिन वो,बचपन के जब खेलते संग,हमजोली के मिट्टी के अनोखे खेल-खिलौने खेल-खेल में धमा-चौकड़ी छोटी बातों पर क्रोधित होना और यारों के संग मारामारी शायद दिन वो न आये,अब... Hindi · कविता 3 2 277 Share सुनील कुमार 24 Apr 2021 · 1 min read बेरोजगारी हिमालय से ऊंचा, हमने लक्ष्य बनाकर समुंदर से गहरा, हमने सोच बनाकर होगी एक न एक दिन जीवन में तरक्की ज्ञान-विद्या का,अर्जित किये जा रहे हैं। दूर शहर में कमरे... Hindi · कविता 1 2 207 Share सुनील कुमार 24 Apr 2021 · 1 min read गुजरे पल याद आते हैं गुजरे पल याद आते हैं वो जब हम साथ तुम्हारे होते थे। मुलाकातों की यादें ताज़ी थीं हृदय में आशाओं की शहजादी थी झुकी नजरें,मुस्कान मधुर भ्रमर को परागपान की... Hindi · कविता 2 328 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read बसंत बसंत आया, बहार लाया नवप्रभात संग हिय हर्षाया अरुण की किरणें चमक रही वन में चिड़िया चहक रही मौसम ने नया चादर है बिछाया कोयल ने नवगीत सुनाया बसंत आया,... Hindi · कविता 1 2 505 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read बुद्ध का आलोक हुई मानवता तार-तार जब प्रकृति ने आलोक फैला दिया। अज्ञान से डूबे, इस जग में ज्ञान का दीप जला दिया शुद्धोधन-भार्या महामाया के घर सिद्धार्थ सा जलज खिला दिया निशाकाल... Hindi · कविता 2 274 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read ज्ञान का आविष्कार मैं ऐसा क्यों सोचता हूँ,कि धरा के आगोश में सो जाऊँ? नश्वर इस ब्रह्मांड से सदा के लिए खो जाऊँ। प्रकृति की अद्भुत कृति हूँ तो अवगुणों की विकृति भी... Hindi · कविता 3 4 427 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ मैं, सौन्दर्य पर उसके मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ मैं घायल कटार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम,सुन्दर सी एक पुष्पों से सुसज्जित उपवन... Hindi · कविता 1 2 223 Share सुनील कुमार 22 Apr 2021 · 1 min read प्रकृति का श्रृंगार बसंत की नवमालिका का श्रृंगार अभी बाकी है प्रकृति से समन्वय का अवसर अभी बाकी है अरुणिम प्रभात-फेरियों का आलोक अभी बाकी है बसंत की नवमालिका का श्रृंगार अभी बाकी... Hindi · कविता 2 2 502 Share सुनील कुमार 20 Apr 2021 · 1 min read मन मेरा अर्पित, तन मेरा अर्पित मन मेरा अर्पित,तन मेरा अर्पित हृदय का हर भाव समर्पित। ख्वाबों की पतंगें,उड़े गगन में पपीहे का वो राग समर्पित मन मेरा अर्पित,तन मेरा अर्पित हृदय का हर भाव समर्पित।... Hindi · कविता 1 190 Share