Satish Srijan Tag: कविता 234 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Srijan 8 Feb 2023 · 1 min read कठपुतली का खेल दुनिया में सुनो भाई इतनी है कहानी, बचपन जवानी जरा, यही जिंदगानी। यार दोस्त भाई बहन कुल परिवारा। नाटक का खेल यहाँ जग में है न्यारा। जीवन के मैदान में... Hindi · कविता 839 Share Satish Srijan 16 Jan 2023 · 1 min read मटका मिट्टी खोदा चूर चूर कर, पानी से फिर माड़ा। गूंथ गूंथ कर किया मुलायम, ककड़ पत्थर काढ़ा । उस मिट्टी को चाक पर रखकर, डंडा मार घुमाया। कुंभकार निज हाथ... Hindi · कविता 733 Share Satish Srijan 23 Feb 2023 · 1 min read बोलने से सब होता है बोलने से सब हुआ- ---------------------- अंधे का पुत्र अंधा..... महाभारत का मैदान। भीष्म प्रतिज्ञा....पिता का मान। दो डग धरती,...वामन को दान। राम वन गमन....कैकेई का वरदान। ----------------------------- बोलने से सब... Hindi · कविता 923 Share Satish Srijan 26 Jan 2023 · 1 min read गोबरैला गांव की पशुशाला देखा है, जहाँ होते गइया बैला। वहाँ मिले एक कीट घूमता, काला सा गोबरैला। भँवरे जैसे आकृति इसकी, अपनी आदत से मजबूर। भूमि में खुद की बिल... Hindi · कविता 1 574 Share Satish Srijan 21 Jan 2023 · 1 min read 'ण' माने कुच्छ नहीं पाठशाला में जब जाते थे, गुरुजी खुब समझाते थे। गिनती ककहरा का था ठाठ, पहली कक्षा का यही पाठ। क से कबूतर, ख से खरगोश, च से चरखा ज से... Hindi · कविता 1 2 543 Share Satish Srijan 8 Feb 2023 · 2 min read थैला काला पीला हरा गुलाबी, श्वेत लाल या मटमैला। कपड़ा,टाट,या कृतिम बना हो, बड़े काम है थैला। जीवन के हर पन में पल में, उबड़ खाबड़ या समतल में। सब सामान... Hindi · कविता 556 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 4 min read चार साहबजादे चार साहिबज़ादे गोविंद गुरु थे शहंशाह, जन पालक बन कर आये थे। उनके जाये सुत वीर चार, साहिबज़ादे कहलाये थे। बाबा अजीत, ज़ूझार सिंह, संग वीर जोरावर और फतह। उन... Hindi · कविता · प्रबन्ध काव्य · वीर बालदिवस विशेष 2 669 Share Satish Srijan 10 Apr 2023 · 1 min read आश पराई छोड़ दो, आश पराई छोड़ दो, जो करना वो खुद करो। वक्त बदल चुका, ईमान बदल चुका, इंसान बदल चुका , बेईमान बदल चुका, शैतान से बस थोड़ा कम । इसीलिए कहता... Hindi · कविता 1 380 Share Satish Srijan 22 Jan 2023 · 1 min read नया जमाना बहुएं तो हैं जय और वीरू, लेकिन सास न गब्बर। एक के बदले बीस सुनाती, दिखती जैसे बब्बर। बहुओं को कोई जला न पाएं, मिट गया सारा खतरा। बहू बैठी... Hindi · कविता · हास्य 423 Share Satish Srijan 20 Apr 2023 · 1 min read कुंती कान्हा से कहा, कुंती कान्हा से कहा, दीजै मोको दुःख । दुख ही नाम जपाये के, देता बेहद सुख । ऐसा करो गोविंद जी, दुख हो मूसलाधार । दुख ही एकल माध्यम, दुख... Hindi · कविता 455 Share Satish Srijan 10 Feb 2023 · 1 min read किराएदार दिन की बहार हूँ, बस एक किरायेदार हूँ। न राजा न साहूकार न ही जमींदार हूँ। जो कुछ मिला रब से, करता अंगीकार हूँ। दो दिन की बहार हूँ, बस... Hindi · Quote Writer · कविता 514 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read तब मैं कविता लिखता हूँ ....तब मैं कविता लिखता हूँ जब बछड़े को दूध पिलाती कोई गैया। चोंच में चूजे को दाना ले जाती गौरैया। कोई बन्दरी छाती पर बच्चा चिपटाकर ढोती। नन्हीं चींटी चीनी... Hindi · कविता 448 Share Satish Srijan 4 Mar 2023 · 1 min read सर्वंश दानी भारत की धरती ऋणी सदा, जन जन का है आभार बहुत। करूं चरण बन्दना मैं मन से, दसमेश पिता कई बार बहुत। आगे भी खूब दानी होंगे, उनमें कई भरेगे... Hindi · कविता 462 Share Satish Srijan 9 Apr 2023 · 1 min read मुसाफिर हो तुम भी सफर पर हो तुम भी सफर पर हैं हम भी। किसी का नहीं है, लफानी बसेरा । मुसाफिर हो तुम भी मुसाफिर हैं हम भी। मुकम्मल ठिकाना, न तेरा न... Hindi · कविता 396 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read मुर्गासन, विद्यालय का मुर्गा आसन, जीवन भर का था अनुशासन। जिसने किया गुरु की माना। आगे चलकर बना सयाना। धन पद ख्याति संग देही चुस्त। मुर्गासन परिणाम दुरुस्त। सभी शिक्षक को... Hindi · कविता 1 392 Share Satish Srijan 10 Feb 2023 · 1 min read बचपना देखते देखते हम जवां हो गये, कब कहाँ उड़ा गया प्यारा सा बचपना। बिना पैसों के सम्राट रहते थे हम, सदा खुशियों में होते न था कोई गम। आज लाखों... Hindi · Quote Writer · कविता 432 Share Satish Srijan 26 Jan 2023 · 1 min read लहू का कतरा कतरा यूँ तो बेशुमार वतन परस्त है पूरे हिन्दोस्तां में। सच्चे वफादार कभी जताते नहीं अपने मुँह से। बयानबाजी तो हर कोई कर सकता है जितना जी चाहे, मगर परवान वतन... Hindi · कविता 359 Share Satish Srijan 14 May 2023 · 1 min read तू होती तो * मां तेरी पहचान कहां अब, तेरे पग का निशान कहां अब। स्वर्ग गमन की बलि वेदी पर मली गयी, बिना बताए तू उस दिन मां चली गयी। आँचल की... Poetry Writing Challenge · कविता 375 Share Satish Srijan 7 Feb 2023 · 2 min read मेरी अम्मा तेरी मॉम पहले समय में अम्मा होती, अब होती हैं मॉम। अम्मा तो थी निरा देहाती, मॉम का है बड़ा नाम। अम्मा अपना दूध पिलाती, गाल बाल सहलाती। बुकवा तेल की मालिश... Hindi · कविता 409 Share Satish Srijan 18 Jan 2023 · 2 min read क्षितिज के उस पार धरती अम्बर जहाँ मिलते उस जगह का सार क्या है। कोई तो मुझको बताए क्षितिज के उस पार क्या है। एक साथ बैठ करके परस्पर बतिया रहे हों। अपलक देखा... Hindi · कविता 352 Share Satish Srijan 25 May 2023 · 1 min read ले चल मुझे उस पार यहां बहुत दिन खोजा लेकिन, नहीं दिखता कहीं प्यार। जिज्ञासा मेरे मन में जागी, देखूँ वह संसार। रे नाविक ले चल मुझे उस पार। यहां लोग कहते तो कुछ हैं,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 354 Share Satish Srijan 26 Apr 2023 · 1 min read दरोगा तेरा पेट जब से मिली वर्दी घूँस बहूत पावत, मुफ्त में यहां वहां जहां तहां खावत। मोटापा तौ होवत है रोगन कै दावत, दरोगा तेरा पेट बहुत बाहर है आवत। न करौ... Hindi · कविता · हास्य 365 Share Satish Srijan 13 Jan 2023 · 1 min read पुराने सिक्के बचपन के खजाने है, ये सिक्के पुराने है। गुजरे हुए जमाने हैं, खुशियों के बहाने है। आज करोड़ों पाते है, गीजर से नहाते है। एसी कार में जाते है, तब... Hindi · कविता 1 2 346 Share Satish Srijan 26 Jan 2023 · 1 min read हमारा ऐसा हिंदुस्तान। हमारा ऐसा हिंदुस्तान। हमारा ऐसा हिंदुस्तान। विश्व धरा का देश न कोई, भारतवर्ष समान। सारे रूपक लगे अधूरे, कौन सा दूँ उपमान। अगिनत खूबी इस भूमि की, कैसे करूं बखान।... Hindi · कविता 323 Share Satish Srijan 22 Jan 2023 · 1 min read ञ माने कुछ नहीं प्रतिदिन कुछ नया सिखता हूँ, कभी कभी अड़बड़ लिखता हूं। आज कविता लिखने में लाचार दिखूं, समझ में नहीं आता 'ञ' पर क्या लिखूं। न ञ से शब्द शुरु हो... Hindi · कविता 335 Share Satish Srijan 22 Apr 2023 · 1 min read कविता क़िरदार है कभी हल्की कभी दमदार होती है, कभी नकद है तो,कभी उधार होती है। शब्दों का झुंड है शानदार होती है, ये कविता भी एक किरदार होती है। कभी सुगबुगाती है,... Hindi · कविता 385 Share Satish Srijan 10 May 2023 · 1 min read घड़ी घड़ी ये घड़ी क्या कुछ बताती है घड़ी घड़ी ये घड़ी, साँसों का मोल समझ इसकी कीमत बड़ी। सुइयों की टिक टिक यही तो बताती है, तन से जो गई साँस लौट के... Hindi · कविता 354 Share Satish Srijan 27 Jan 2023 · 1 min read ईमान से बसर न इंस्पेक्टर एफ सी आई का, न कोतवाली का दारोगा। व्यापारी ठेकेदार नहीं, कैसे रुतबा ऊंचा होगा। जब सीमित आय का साधन है, घर बार खर्च को लिखेंगे ही। ईमान... Hindi · कविता 351 Share Satish Srijan 18 Feb 2023 · 1 min read भारत का फौजी जवान पिता का दुलारा होता, मां का प्यारा होता। उसकी एक लुगाई है, वह भी किसी का भाई है। घर में बुआ भौजी हैं, जो देश का फौजी है। सबसे दूर... Hindi · कविता 338 Share Satish Srijan 12 Jan 2023 · 1 min read कारण मेरा भोलापन गिरगिट रंग को समझ न पाता कारण मेरा भोलापन। अक्सर लोगों में ठग जाता, कारण मेरा भोलापन। काग चेष्टा मैं न जानूँ, बको भक्ति न सुहाए। न लोमड़ी सी है... Hindi · कविता 304 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read हिंदी हिंदी -------- अभिव्यक्ति का माध्यम खासा, यह न केवल है एक भाषा। महारानी मस्तक की बिंदी, वैसे प्यारी अपनी हिंदी। देवनागरी लिपि में आई है, संस्कृत की कोख से जायी... Hindi · कविता 1 413 Share Satish Srijan 12 Jan 2023 · 1 min read जीवन के दिन थोड़े अहम भले हो लाख करोड़ों, पर औकात शून्य से भी कम। यह गिनती नर समझ न पाया, इस कारण सहता है गम। सन्त कबीरा वचन सुनाया, ज्यादा मत तू चुलबुला।... Hindi · कविता 276 Share Satish Srijan 16 Jan 2023 · 1 min read कृष्णा को कृष्णा ही जाने सुर मुनि शारद ब्रह्मा ध्यावें, शिव गनपत थाह न पावत हैं। वहीं गोपियां प्रेम से छछियांभर, माखन दे नाच नचावत हैं। कृष्णा को कृष्णा ही जाने, दूजे के बस की... Hindi · कविता 2 335 Share Satish Srijan 28 Jan 2023 · 2 min read लड्डू गोपाल की पीड़ा (छोटी बेटी घर मे रोज लड्डू गोपाल की पूजा करती है,अपने पापा को कुछ कहती है) ----------------------------------------- लड्डू गोपाल कुछ कहता पापा, बड़ी पीड़ा को सहता पापा। पता नहीं क्या... Hindi · कविता 316 Share Satish Srijan 23 Sep 2023 · 1 min read उर्वशी कविता से... सिर मुकुट कान कंचन कुंडल, कृपाण धनुष और बाण लिये। अद्भुत आकर्षण पुरु नृप का, बन बाण लगा उर्वशी हिये। निज मन से कहती है तरुणी, यह कौन कहाँ से... Hindi · कविता 475 Share Satish Srijan 22 Jan 2023 · 2 min read तेरा पापा मेरा बाप बाप ------ पहले समय में बाप होते थे, अब होते हैं पापा। बाप भांजता जूता सिर पे, गाल पर दो कण्टापा। बात बात पर डांट मारता, यही था उसका ज्ञान।... Hindi · कविता 254 Share Satish Srijan 31 Jan 2023 · 1 min read हे देश मेरे महबूब है तू, हे देश मेरे महबूब है तू, तुझसे ही इश्क़ लगाया है। तेरी खातिर कितनी बार लड़ा, सरहद पर लहू बहाया है। नदियों पर्वत से है प्यार मुझे, वन लगते जिगरी... Hindi · कविता 1 238 Share Satish Srijan 7 Feb 2023 · 1 min read पत्नी रुष्ट है इधर पत्नी रूठी, उधर साहब नाराज। दोनों ओर कुंआ व खाई गिरनी है गाज। संकट से निजात कैसे पाउं, इधर जाऊं या उधर जाऊं। साहब को झेलूं , या पत्नी... Hindi · कविता 245 Share Satish Srijan 28 Jan 2023 · 1 min read पगार अपने ईमान से दगा भूल से भी करता नहीं। सौपे काम करने से कभी भी डरता नहीं। जितनी पगार मुझे मिलती है खजाने से। उससे ज्यादा की दरकार कभी करता... Hindi · कविता 231 Share Satish Srijan 15 Jan 2023 · 1 min read सेना का एक सिपाही हूँ सेना का एक सिपाही हूँ कभी गर्म रेत पर चलता हूँ, हिम की गोदी में पलता हूँ। भूचाल, बाढ़ या हो आंधी, कर्तव्य से नहीं विचलता हूँ। हथियार लिए मुस्तैद... Hindi · कविता · सेना दिवस विशेष 261 Share Satish Srijan 6 Feb 2023 · 1 min read उपहार मन खिन्न बहुत हो जाता है, जब मिलता है उपहार नहीं। लगता है सुना सुना सा, लगता जीवन साकार नहीँ। कुछ लोग हैं रोते जूते को, जबकि कुछ के हैं... Hindi · कविता 335 Share Satish Srijan 17 Apr 2023 · 1 min read कैसे कह दूं पंडित हूँ कैसे कह दूं पंडित हूँ ------------------------ मद काम क्रोध में पड़ा हुआ, मैं मृगतृष्णा से भरा हुआ। छल प्रपंचों की नहीं कमीं, कोई न कोई रही गमीं। मैं स्वयं ही... Hindi · कविता 2 221 Share Satish Srijan 11 Feb 2023 · 1 min read मोदी क्या कर लेगा जब तक हम एकत्र न होंगे, केवल मोदी क्या कर लेगा। उसकी भी अपनी एक सीमा, कुछ हद तक कुछ गम हर लेगा। भारत का इतिहास साक्षी, बिखरे थे अब... Hindi · कविता 2 251 Share Satish Srijan 5 Feb 2023 · 1 min read पुलवामा वीरों को नमन पुलवामा वीरों को नमन -------------------------------- ललकार के लड़ना सीखा है, कभी पीठ पर वार नहीं करते। हम भारत माँ के सेनानी, रण में मरने से नहीं डरते। जब हम हथियार... Hindi · कविता 191 Share Satish Srijan 12 May 2023 · 1 min read अजनवी भले अजनवी थे कभी, पर परिणय का विधान। पति पत्नी संयोग यूं, दो देही एक प्रान। एक एक मिलकर दो बने, यही गणित की रीत। पति पत्नी दो हैं मगर,... Hindi · कविता 327 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही.... मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही युद्ध के विरुद्ध हूँ। दधीचि सा परमार्थ है, संतोष भरा स्वार्थ है। मैं कर्ण मैं ही पार्थ हूँ, निःस्वार्थ सा पुरुषार्थ हूँ। मैं मर्म... Hindi · कविता 3 255 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read मसखरा कहीं सो गया जो आया है वह जाएगा, कोई कुछ भी न कर पायेगा। सुख के साधन चहे जितने हों, चाहने वाले भी कितने हों। रुतवा कितना हो भारी, पर मौत से किसी... Hindi · कविता 1 2 211 Share Satish Srijan 14 Jan 2023 · 1 min read मकर संक्रांति सूर्य शनि की राशि में जाता मिटा के सारे बैर । दान पुण्य तीर्थ करो जीवन में हो खैर । 14 जनवरी शुभ दिवस, पौष माह दे शांति। सबको मंगलकारी... Hindi · कविता 1 269 Share Satish Srijan 18 Jan 2023 · 1 min read अद्भुत नाम अद्भुत नाम है राम का, सकल परम् सुख धाम। पहले अब, या भविष्य में, जो जपे बने सब काम। एक बार गर 'राम' कहो तो, बने किसी का नाम। 'राम... Hindi · कविता 229 Share Satish Srijan 27 Mar 2023 · 1 min read नव वर्ष विक्रमी सम्वत हुआ शुरू,दो हजार और अस्सी। दुर्गा रघुवर पूजिये,सुख वैभव घर बस्सी। "नल"नाम संवत लगा,समय बड़ा है कच्चा। बहुत संभल जीवन जिओ,नहीं खाओगे गच्चा। दुआ करो ये दूर रहें,कोट... Hindi · कविता 240 Share Page 1 Next