Shekhar Chandra Mitra Tag: ग़ज़ल 90 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 18 Sep 2022 · 1 min read किस्तों में खुदकुशी आम जनता की ज़िंदगी हाय,किस्तों में खुदकुशी बनता जा रहा देश यह अब तो मूर्दों की बस्ती... (१) दिल में तो आता है कि फूंक डालूं व्यवस्था को देखी नहीं... Hindi · ग़ज़ल 3 4 191 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2022 · 1 min read कबीर की ललकार वह नहीं है कोई दरबारी कवि कि हो सके एक अख़बारी कवि... (१) उसके विद्रोही तेवर ने बनाया उसे सूली का अधिकारी कवि... (२) मौजूदा दौर में दूसरा कौन है... Hindi · ग़ज़ल 2 148 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Mar 2023 · 1 min read जियो तो ऐसे जियो जीना है तो ऐसे जीयो मरने का भी ग़म न हो मरना है तो ऐसे मरो जीने की खुशी कम न हो... (१) फूलों तक पहुंचने के लिए कांटों से... Hindi · ग़ज़ल 2 604 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Sep 2022 · 1 min read पाकिस्तान की राह भारत चला पाकिस्तान की राह कोई इसपे रखे कब तक निगाह... (१) अंबेडकर से ओशो तक सभी करते ही रह गए इसे आगाह... (२) आजकल एक के बाद दूसरा करता... Hindi · ग़ज़ल 2 156 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Feb 2023 · 1 min read सुन सको तो सुन लो ज़ुल्मत की इस रात में भी कोई किरन आती तो है एक नई सुबह का पैगाम बेचैन हवा लाती तो है... (१) लूटेरों और कातिलों ने सब कुछ हमसे छिन... Hindi · ग़ज़ल 2 238 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Feb 2023 · 1 min read जब-जब मेरी क़लम चलती है वक़्त के जलते हुए सवाल पर जब-जब मेरी क़लम चलती है सदियों से इस देश में काबिज़ ज़ुल्मत की बुनियाद हिलती है... (१) जो तहज़ीब और तमद्दून के तनहा ठेकेदार... Hindi · ग़ज़ल 2 137 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Oct 2022 · 1 min read औरत की जगह फूंक न डाले सिस्टम को जो आग मेरी ग़ज़ल में है! मानवता का हर क़ातिल अब भी किसी महल में है!! पता नहीं इतनी-सी बात समझ इन्हें कब आएगी औरत... Hindi · ग़ज़ल 2 2 295 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Oct 2022 · 1 min read रैन बसेरा बहुत जल्द दुनिया के मेले उठ जाएंगे! आखिरकार हम लोग अकेले छूट जाएंगे! खाली हाथ ही सबको जाना है सफ़र में! लाख पहरों के बाद भी राही लुट जाएंगे! हमपे... Hindi · ग़ज़ल 1 604 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Nov 2022 · 1 min read जिल्लत की ज़िंदगी ज़ुल्म और नाइंसाफी का एहतिजाज क्यों नहीं करते? चुपचाप सहे जाते सबकुछ इंकलाब क्यों नहीं करते? (1) सदियों की इन सड़ी हुईं गुलामी की ज़ंजीरों से? अपने आपको पूरी तरह... Hindi · ग़ज़ल 1 147 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Feb 2023 · 1 min read एक काफ़िर की दुआ एक काफ़िर की दुआ कबूल कर,ऐ ख़ुदा तू रहीमो-करीम है बख़्श दे सबकी खता... (१) हर बीमार शख़्स की सेहत दुरुस्त कर हर कमज़ोर शख़्स को तौफ़ीक़ कर अदा... (२)... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 186 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2022 · 1 min read खोखली आज़ादी यहां नए दौर का आगाज़ क्यों नहीं होता इंसानी चेतना का परवाज़ क्यों नहीं होता... (१) कितने सुधारक आकर चले गए लेकिन टस से मस यह समाज क्यों नहीं होता...... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 172 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Feb 2023 · 1 min read माशूक की दुआ हम दें तो दें और क्या तुम्हें यही देते हैं दुआ तुम्हें... (१) अपने बीवी-बच्चों के साथ खुशहाल रखे ख़ुदा तुम्हें... (२) तुम जिसके लिए सब कुछ छोड़े रास आए... Hindi · ग़ज़ल 1 247 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Sep 2022 · 1 min read बिंत-ए-हव्वा के नाम इब्ने-आदम के तरफ से बिंते-हव्वा के नाम मेरे गीत हैं टूटे हुए एक दिल के पैगाम... (१) जब छिप-छिपकर मुझसे तुम मिलने आती थी उदास रहा करती है आजकल वो... Hindi · ग़ज़ल 1 363 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Feb 2023 · 1 min read सच के सिपाही ज़रा कह दे कोई जा-जाकर भटके हुए सभी फनकारों से तुम जगा दो देश का ज़मीर अपने फ़न की ललकारों से... (१) न तो दोजख का खौफ हमें न ही... Hindi · ग़ज़ल 1 244 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Feb 2023 · 1 min read परोपकारी धर्म किसी प्यासे को पानी पिलाना भी धर्म ही है किसी भूखे को खाना खिलाना भी धर्म ही है... (१) कहीं मंज़िल से अपनी वह निकल जाए न दूर किसी भटके... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 621 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Feb 2023 · 1 min read दुआ के हाथ काश, इतने लायक बनें हम किसी का साथ दे सकें ज़्यादा नहीं तो कम से कम दुआ के हाथ दे सकें... (१) कोई मसीहा कहलाने का हमें शौक तो नहीं... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 477 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2022 · 1 min read ज़िंदा है भगतसिंह मेरे क़ातिल को बता दो कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक मुझे थोड़ी और सज़ा दो कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक... (१) एक मुद्दत से तलाश है दीवाने दिल... Hindi · ग़ज़ल 1 188 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Feb 2023 · 1 min read ज़ुल्मत की रात खुलेआम ऐसी गुंडागर्दी जंगल है कि शहर है यह दूर करो यहां से बर्बरता देश के लिए ज़हर है यह... (१) पुलिस वालों के सामने ही ये लूट, मार और... Hindi · ग़ज़ल 1 214 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Feb 2023 · 1 min read फांसी के तख्ते से कुफ़्र कर रहे हम इसलिए कि जी सके यह देश सूली चढ़ रहे हम इसलिए कि जी सके यह देश... (१) जीने की चाहत होने पर भी सपनों की आहट... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 157 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2022 · 1 min read ख़ुदा के लिए ऐ मेरे मुर्शीद ऐ मेरे मौला ऐ मेरे ख़ालिक़ ऐ मेरे ख़ुदा... (१) ये मेरी अर्जी है तेरी मर्ज़ी भला तेरे आगे मैं हूं ही क्या... (२) इधर जाऊं कि... Hindi · ग़ज़ल 1 2 83 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Sep 2022 · 1 min read संगीन जुर्म सोचना भी जुर्म है बोलना भी जुर्म है ज़ुल्मतों के राज़ खोलना भी जुर्म है... (१) खौफ़नाक सन्नाटा जब फैला हुआ हो बगावत हवाओं में घोलना भी जुर्म है... (२)... Hindi · ग़ज़ल 1 65 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2022 · 1 min read भगतसिंह: रोमांटिक रिबेल सभी यारों का एक यार भगतसिंह! खुशमिजाज और दिलदार भगतसिंह!! ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा करता था अपनी आज़ादी से प्यार भगतसिंह!! समझता था फांसी के फंदे को मेहबूब की बांहों... Hindi · ग़ज़ल 1 202 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Feb 2023 · 1 min read इश्क़ और इंक़लाब ये इश्क इंकलाब है और इंकलाब इश्क है हां, सारे सवालों का इक ज़वाब इश्क है... (१) हर पाक किताब के पहले और बाद में पढ़नी हमें जो ग़ौर से... Hindi · ग़ज़ल · गीत 1 334 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Jan 2023 · 1 min read शहीद की मां तुम रोना नहीं, मां तुम रोना नहीं, मां ये आंसुओं के मोती तुम खोना नहीं, मां... (१) हर सच्चे आदमी को मिलता यही ईनाम दाग़ अपने दिल के तुम धोना... Hindi · ग़ज़ल 1 1 251 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read कबीर: एक नाकाम पैगम्बर हवाओं पर दर्ज़ करने मुहब्बत का पैग़ाम उतरा था वह ज़मीन पर छोड़ कर आसमान। (१) हिंदी-उर्दू से उसका कोई वास्ता नहीं था वह बोलता था दिल की धड़कनों की... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 1 3 419 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Feb 2023 · 1 min read राग दरबारी छोड़ दे सरकार की जी-हजूरी, ऐ साथी ऐसी भी क्या तेरी मज़बूरी, ऐ साथी... (१) ख़ुद ही इस देश के वे लोग हैं नौकर तू जिनकी कर रहा चापलूसी, ऐ... Hindi · ग़ज़ल · गीत 420 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Jan 2023 · 1 min read गुमराह नौजवान आपके बच्चे क्या कर रहे आपको कुछ ख़बर भी है अब तक जी रहे या मर रहे आपको कुछ ख़बर भी है... (१) हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सड़क छाप गुंडों... Hindi · ग़ज़ल 267 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Feb 2023 · 1 min read तनहाई की शाम उसकी तस्वीरें दरिया में मैं बहा क्यों नहीं पाया उसकी चिट्ठियों में आग मैं लगा क्यों नहीं पाया... (१) जिसने मेरी सारी यादें एक झटके में मिटा दीं आख़िर उसे... Hindi · ग़ज़ल · गीत 196 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Feb 2023 · 1 min read सामाजिक न्याय जबले इहां जात-पात होई ये देश के सर्वनाश होई... (१) बस शिक्षा औरी सुरक्षा नाहीं चारू ओर सत्यानाश होई... (२) जे वर्ण-व्यवस्था बनवले बा ओकर तअ पर्दाफाश होई... (३) ऊ... Bhojpuri · ग़ज़ल · गीत 201 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Feb 2023 · 1 min read सुकरात के मुरीद सुकरात को मुर्शीद मान लिए हम सच कहना कैसे छोड़ेंगे अब सूली मिले या ज़हर हमें अंज़ाम से मुंह नहीं मोड़ेंगे... (१) अपनी बेबाक नज़्मों से अपनी गुस्ताख ग़ज़लों से... Hindi · ग़ज़ल · गीत 130 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Feb 2023 · 1 min read भारत का संविधान हर सवाल का ज़वाब है यह जो एक किताब है संविधान हमारी क़ौम के रहबरों का ख़्वाब है... (१) झूठे हवालों से भरे हुए कोरे मिसालों से भरे हुए कानूनों... Hindi · ग़ज़ल 435 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Feb 2023 · 1 min read भगतसिंह से सवाल ओय भगता रे ओय भगता रे आख़िर तू मेरा क्या लगता रे... (१) जब भी सुना मैंने ज़िक्र तेरा क्यों ज़ोर से दिल यह धड़का रे ओय भगता रे ओय... Hindi · ग़ज़ल · गीत 245 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Feb 2023 · 1 min read प्यार के लिए संघर्ष बस प्यार-प्यार करते हैं दिल ठंडी आहें भरते हैं दिल... (१) यार के लिए जूझे बिना ही हार से क्यों डरते हैं दिल... (२) जीने के मौसम में भी कायर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 282 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Feb 2023 · 1 min read भागो मत, दुनिया बदलो! जो बदल सकते थे दुनिया वे दुनिया ही छोड़ गए ऐसी भी थी क्या उनको इस जीवन से होड़ गए... (१) किसे मालूम था कमबख्त इतने बुजदिल निकलेंगे कुछ भी... Hindi · ग़ज़ल · गीत 306 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Feb 2023 · 1 min read वक़्त का आईना कुछ ऐसे मंज़र आज-कल सामने हैं थाम कर कलम हम मोर्चे पर तने हैं... (१) देश की बागडोर जिन्हें दी गई थी हाय, उन्हीं के हाथ लहू में सने... Hindi · ग़ज़ल · गीत 213 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Feb 2023 · 1 min read दीवाना हूं मैं दुनिया के उसूलों से बेगाना हूं मैं हां, पत्थर मारो मुझे दीवाना हूं मैं... (१) मेरे लिए तो कुफ्र है ख़ामोश रहना लबालब भरा हुआ पैमाना हूं मैं... (२) छिन... Hindi · ग़ज़ल · गीत 367 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Feb 2023 · 1 min read होके रहेगा इंक़लाब कह दो कि वे तैयार रहें आख़िरी अंज़ाम के लिए तिनके हैं सब मामूली-से वक़्त के तूफ़ान के लिए (१) यहां बह रहे जो आजकल आंखों से हमारे अवाम की... Hindi · ग़ज़ल · गीत 264 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Mar 2023 · 1 min read रोशनी की भीख हुक़्मरान तो लाशों के सौदागर उनसे ज़िंदगी की भीख न मांग ज़ुल्मत से जिनके धंधे चलते उनसे रोशनी की भीख न मांग... (१) मज़हब और सियासत को तो चीखें सुनकर... Hindi · ग़ज़ल 202 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Mar 2023 · 1 min read संसद बनी पागलखाना ये लोकतंत्र के नाम पर कैसा खेल-तमाशा है संसद बनी पागलखाना कितना शोर-शराबा है... (१) क़ानून और व्यवस्था की ख़स्ता हालत देखकर मायूसी फैली हर दिल में मिलता नहीं दिलासा... Hindi · ग़ज़ल 318 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Mar 2023 · 1 min read सामाजिक न्याय के प्रश्न पर राजा का बेटा राजा क्यों रहे भंगी का बेटा भंगी क्यों रहे... (१) यहां किसी को रोज़ी-रोटी की आख़िर इतनी तंगी क्यों रहे... (२) चमकाए क़ौम जो महलों को उसी... Hindi · ग़ज़ल 204 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Mar 2023 · 1 min read डरो नहीं, लड़ो डरो नहीं, लड़ो मरो नहीं, लड़ो... (१) क़ब्र में जाकर सड़ो नहीं, लड़ो... (२) आंखों में आंसू भरो नहीं, लड़ो... (३) कोई बुजदिली करो नहीं, लड़ो... (४) लाश की तरह... Hindi · ग़ज़ल 380 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Mar 2023 · 1 min read धर्मग्रंथों की समीक्षा देश में वैज्ञानिक ढ़ंग की शिक्षा ज़रूरी है समाज में बदलाव के लिए इच्छा ज़रूरी है... (१) जिससे मानवीय चेतना में एक निखार आए प्रतिभा के मुताबिक सबकी दीक्षा ज़रूरी... Hindi · ग़ज़ल 251 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Mar 2023 · 1 min read ज़िंदा होने का सबूत दो तुम ज़िंदा होने का सबूत दो बाशिंदा होने का सबूत दो... (१) मौजूदा हालात पर देश के शर्मिंदा होने का सबूत दो... (२) रेंगने वाले कीड़ों के बीच में परिंदा... Hindi · ग़ज़ल 383 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Mar 2023 · 1 min read जय हिन्द वाले हम तो जय हिन्द वाले हैं ज़लज़लों में डेरा डाले हैं... (१) कैसे टूटेंगे इतनी जल्दी वे जो तूफ़ानों के पाले हैं... (२) तुम हमारे पैरों को देखो इनमें सदियों... Hindi · ग़ज़ल 217 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह की क़लम आंसू में लहू मिलाकर लिखे हैं गीत हमने प्यार में चोट खाकर लिखे हैं गीत हमने... (१) अपने दौर के सभी जलते हुए सवालों पर दूसरों को चुप पाकर लिखे... Hindi · ग़ज़ल 188 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Apr 2023 · 1 min read हल्ला बोल पोल-खोल हल्लाबोल हल्लाबोल हल्लाबोल... (१) कोर्ट में इंसाफ़ नहीं मालूम कर कहां है झोल... (२) लोकतंत्र के पिक्चर में कौन करे विलन का रोल... (३) हाकिमों की ताक़त को तू... Hindi · ग़ज़ल · गीत · नारा 215 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2023 · 1 min read कह कोई ग़ज़ल नाकामियों से काम ले और कह कोई ग़ज़ल उस बेवफ़ा का नाम ले और कह कोई ग़ज़ल... (१) ज़रा याद कर दुनिया ने तेरे साथ क्या किया गिन-गिनकर इंतकाम ले... Hindi · ग़ज़ल 201 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Mar 2024 · 1 min read मेरी कलम बेख़ौफ़ चलती है मेरी कलम बेबाक चलती है मेरी कलम... (१) ज़ुल्मत के हर निज़ाम के ख़िलाफ़ चलती है मेरी कलम... (२) बिना झुके बिना बिके दिन-रात चलती है मेरी... Hindi · ग़ज़ल 35 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2024 · 1 min read आदि विद्रोही-स्पार्टकस किसी मूर्दा सांचे में तो ढ़लने से रहा मैं अब अपने आप को तो बदलने से रहा मैं... (१) दुनिया की नज़र में अच्छा बनने के लिए पीटी हुई लीक... Hindi · ग़ज़ल 37 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Mar 2024 · 1 min read महबूबा से ख़्यालों में तेरे रहूंगा मैं ख़्वाबों में तेरे रहूंगा मैं... (१) बनकर नज़्म या गीत कोई किताबों में तेरे रहूंगा मैं... (२) सुर्ख रंग और ख़ुशबू की तरह गुलाबों में... Hindi · ग़ज़ल 29 Share Page 1 Next