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31 Jan 2023 · 1 min read

शहीद की मां

तुम रोना नहीं, मां
तुम रोना नहीं, मां
ये आंसुओं के मोती
तुम खोना नहीं, मां…
(१)
हर सच्चे आदमी को
मिलता यही ईनाम
दाग़ अपने दिल के
तुम धोना नहीं, मां…
(२)
वह देखो किस तरह
जाग रहा पूरा देश
जितनी भी नींद आए
तुम सोना नहीं, मां…
(३)
तुमको देखकर हमें
मिलता है हौसला
इतनी जल्दी मायूस
तुम होना नहीं, मां…
(४)
जो ख़ुशबू बनकर
घुल जाए न हवा में
ऐसा कोई फूल
तुम बोना नहीं, मां…
(५)
जो धरती के लिए
एक बोझ बन जाए
उसे अपनी गोद में
तुम ढोना नहीं, मां…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#आख़िरी_मुलाकात #विद्रोही #love
#भगतसिंह_की_मां #चुनावीकविता
#इंकलाबी #शायर #सियासी #शायरी
#भगतसिंह_ने_कहा_था #कवि #भारत
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#lyricist #bollywood #tribute

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 244 Views
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