डॉ.सीमा अग्रवाल Language: Hindi 469 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read नमन उस वीर को शत-शत... बिठाया है जिन्हें सिर पर, वही नीचा दिखाएंगे। दिया दिल काढ़कर जिनको, वही दिल को दुखाएंगे। भलाई का भलाई से, नहीं मिलता यहाँ बदला। जिन्हें अपना बनाओगे, वही चूना लगाएंगे।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 11 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read खड़ा रेत पर नदी मुहाने... खड़ा रेत पर नदी मुहाने। गाता कोई गीत सुहाने। आह न भरता हर गम सहता, सुनता है अग - जग के ताने। धता बताकर पगला सबको, गाए खुश-खुश नेह-तराने। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 13 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read हम सुख़न गाते रहेंगे... तुम बुलाओ मत बुलाओ, हम मगर आते रहेंगे। सुख यही तो है हमारा, हम सुख़न गाते रहेंगे। अब न हम भी चुप रहेंगे, बात हर खुलकर कहेंगे। हर कमी हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 17 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read पाँव पर जो पाँव रख... पाँव पर जो पाँव रख चलना सिखाते। हाथ में ले हाथ जो बढ़ना सिखाते। भूल वो उपकार उनके, सिर उठाते। आज हम अपने बड़ों का दिल दुखाते। माँग सब जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 12 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read जीव-जगत आधार... धरा-व्योम-जल-वायु-अग्नि हैं, जीव-जगत आधार। पंच तत्व के सुघड़ मेल से, निर्मित ये संसार। रक्खें इनको स्वच्छ सदा हम, इन पर जीवन भार। मर्म समझ ले इतना मानव, हो जाए उद्धार।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 18 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read माँ तेरे आँचल तले... सर पर माँ के हाथ बिन, मिले कहाँ आराम। माँ तेरे आँचल तले, मेरे चारों धाम।। जग में ऐसा कौन जो, माँ सा करे दुलार। आँसू जब-जब देखती, लेती झट... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा · मुक्तक 1 22 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read हे मात भवानी... हे मात भवानी, जग कल्यानी, शुभ गुणखानी, अंबे माँ। नित भोग लगाऊँ, मन से ध्याऊँ, तुझे रिझाऊँ, अंबे माँ। मैं पाप-पिटारी, जग की मारी, भक्त तुम्हारी, कृपा करो। मुद मंगलकारी,... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 15 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 May 2024 · 1 min read जीव-जगत आधार... धरा-व्योम-जल-वायु-अग्नि हैं, जीव-जगत आधार। पंच तत्व के सुघड़ मेल से, निर्मित ये संसार। रक्खें इनको स्वच्छ सदा हम, इन पर जीवन भार। मर्म समझ ले इतना मानव, हो जाए उद्धार।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 22 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read सज्ज अगर न आज होगा.... सज्ज अगर न आज होगा। किस तरह फिर काज होगा ? फिर घिरेगी रात काली, फिर तमस का राज होगा। सामना कर मुश्किलों का, सच ! सभी को नाज होगा।... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 17 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read घटा घनघोर छाई है... घुमड़ आया मचल सावन, घटा घनघोर छाई है। सिहरते झूमते तरु भी, खुशी हर ओर छाई है। करें आगाज खुशियों का, किलक कचनार की कलियाँ, लता ओढ़े चुनर साड़ी, लजीली... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 25 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 May 2024 · 1 min read भय लगता है... हुए अचानक बदलावों से, भय लगता है। परंपराएँ युगों-युगों की, त्याग भला दें कैसे ? चिकनी नयी सड़क पर बोलो, दौड़ें सरपट कैसे ? हो जाएँगे चोटिल सचमुच, फिसले और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा? बढ़ रहा अँधियार होगा ? सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा ? गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा ? ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 31 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read हँस रहे थे कल तलक जो... हँस रहे थे कल तलक जो, आज रोते दिख रहे हैं। जोश में मय पी गए अब, होश खोते दिख रहे हैं। हर कहीं झगड़ा कराएँ, है यही बस काम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 36 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बीजः एक असीम संभावना... उठ सके अध्यात्म के शिखर तक, छुपी हैं ऐसी अनंत संभावनाएँ मनुज में। होती हैं जैसे हर बीज में वृक्ष बनने की। जरुरत है बस सम्यक् तैयारी की, समुचित खुराक,... Poetry Writing Challenge-3 · छंदमुक्त 1 19 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बस करो, कितना गिरोगे... बस करो, कितना गिरोगे ? पाप कितने सिर धरोगे ? जुल्म ढाकर निर्बलों पर, कर रहे क्यों बात खोटी ? लट्ठ ले यम आ गया तो, खींच लेगा खाल मोटी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 16 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read सूर्य तम दलकर रहेगा... सूर्य तम दलकर रहेगा। हिम जमा गलकर रहेगा। ज्ञान से अज्ञान हरने, दीप इक जल कर रहेगा। लिप्त जो मिथ्याचरण में, हाथ वो मल कर रहेगा। कुलबुलाता नित नयन में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 15 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो। सोपान प्रगति के चढ़ो। कमजोरियों के अपनी, दोष न औरों पर मढ़ो। घुस रीढ़ में समाज की, डस रहीं जो कुरीतियाँ। उन्हें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मनु-पुत्रः मनु के वंशज... मनु के वंशज ! आदि पुरुष सृष्टि के, अनंत शक्ति के स्रोत तुम हो। इकाई हो तुम पूर्ण, स्वयंभू, सक्षम सब विध, रहो न पराश्रित। समाहित हैं तुममें, समग्र शक्तियाँ,... Poetry Writing Challenge-3 · छंदमुक्त 1 19 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मुक्तक... देह ये अवदान उसका, पुण्य जो तुमने किए हैं। पाप बढ़ता देखकर भी,होंठ क्यों तुमने सिए हैं ? चाँद तारे सूर्य नभ सर, भू नदी पर्वत घटाएँ, हैं अलौकिक नेमतें... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 23 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read फिर सुखद संसार होगा... दूर हर अँधियार होगा। फिर सुखद संसार होगा। हर खुशी निर्बाध होगी। पूर्ण मन की साध होगी। भूलवश गलती किसी से, हुई यदि एकाध होगी। शोध सारी खामियों को, मूल... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 3 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ.... देख तुम्हें जीतीं थीं अँखियाँ, रोएँ अब दिन-रैन। खटते-खटते बीती उमरिया, मिला न मन को चैन। जब से तुमसे लगन लगी थी। प्यास हृदय में जगन लगी थी। फेर लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read रास्ता तुमने दिखाया... जब थका तन हारता मन, हौसला तब-तब बढ़ाया। लक्ष्य पर नित बढ़ रही मैं, रास्ता तुमने दिखाया। बेबसी के उस प्रहर में, ढा रहा था जग कहर जब। सुर सधी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 36 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 May 2024 · 1 min read मातु शारदे करो कल्याण.... वरदा सुखदा गुणों की खान। मातु शारदे करो कल्यान। कमल आसिनी हंसवाहिनी। ज्ञानदायिनी शक्तिदायिनी। मातु शरण रह नित्य तुम्हारी, करूँ तुम्हारा धवल यशगान। सुखदायिनी माँ वरदायिनी, दे दो अपनी दया... Poetry Writing Challenge-3 2 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 May 2024 · 1 min read बची रहे संवेदना... सुख-दुख सबके एक हों, रहे न जरा दुराव। बची रहे संवेदना, बना रहे सद्भाव।। हित औरों का सोचना, अपनी इच्छा मार। बने यही संवेदना, जीवन का आधार।। © सीमा अग्रवाल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहे 1 24 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Apr 2024 · 1 min read बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन। बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन। पलभर भी फिरते नहीं, इधर तुम्हारे नैन।। चंदा तारों में रमा, तकती राह चकोर। फेर मुँह एक बार तो, देखे उसकी ओर।। © सीमा... Hindi · Quote Writer · दोहे 23 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां... सहमी सी है आज कलम, शब्द उदास हैं खोए-खोए ! जग में कितनी पीड़ाएँ हैं, आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की, व्यथा समझ न पाता है।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 46 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read बसंत का आगम क्या कहिए... बसंत का आगम क्या कहिए, दिन चमचम रात उजाली है। नत यौवन-भार से आज धरा, हुई मद में गजब मतवाली है। घाम ने अंगों को झुलसाया। शीत ने कैसा कहर... Hindi · गीत · बसंत 2 92 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Feb 2024 · 1 min read रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध। रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध। लेखक लेकर लेखनी, लिखते ललित निबंध।। साथी मैन बसंत का, लगा रहा मन-घात। कोयल काली कूक कर, करे कुठाराघात।। © सीमा अग्रवाल Hindi · Quote Writer · दोहे 1 77 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Feb 2024 · 1 min read कुछ कहमुकरियाँ.... १- जपूँ अहर्निश उसका नाम। बनाए बिगड़े सारे काम। वही मुक्ति वही चारों धाम। क्या सखि साजन ? ना सखि राम। २- आगे पीछे मेरे डोले। कान में कोई मंतर... Poetry Writing Challenge-2 · कहमुकरी 1 93 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read साजन तुम आ जाना... सावन के आने से पहले, साजन तुम आ जाना। बदरा घिर आने से पहले, साजन तुम आ जाना। जो ना तुम आए तो प्रियतम, आँसू आ जाएँगे। कजरा बह जाने... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 1 98 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read काश तुम ये जान पाते... जान जाते जो तुम्हें हम, दिल न यूँ तुमसे लगाते। क्यों जगाते कामनाएँ, चाहतों को पर लगाते ? जानते जो बेवफाई, है तुम्हारी फ़ितरतों में, जिंदगी के राज अपने, क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 2 71 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Feb 2024 · 1 min read घनाक्षरी गीत... जीवन हुआ है भारी, लुटतीं खुशियाँ सारी, विरह-विदग्धा नारी, प्रिय को पुकारती। कहाँ गए तुम नाथ, क्यों छोड़ गए यूँ साथ, झुकाऊँ कहाँ ये माथ, सोच न मन पावे। रो-रोकर... Poetry Writing Challenge-2 1 102 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Feb 2024 · 1 min read छंद घनाक्षरी... कृपाण घनाक्षरी-श्रीकृष्ण जन्म... मैया की पीन पुकार, सुनते थे बारंबार, करने पाप संहार, आए स्वयं इस बार। छुपी प्रलय वृष्टि में, हलचल थी सृष्टि में, दृश्य अद्भुत दृष्टि में, हुए... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 3 117 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Feb 2024 · 1 min read कृपाण घनाक्षरी.... १-हे प्रभु ले अवतार... अद्भुत यह संसार, समझ न आए पार, फँसी नाव मझधार, कर प्रभु बेड़ा पार। लेकर धर्म की आड़, करें सभी खिलवाड़, मेटे से मिटे न राड़,... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 2 105 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Feb 2024 · 1 min read अब न तुमसे बात होगी... अब न तुमसे बात होगी। अनमनी हर रात होगी। अब न होंगे चाँद- तारे, ना रुपहली रात होगी। कुछ पलों की जिंदगानी, कुछ पलों में ढेर होगी। दो घड़ी भी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 115 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 Jan 2024 · 1 min read हम करें तो... हम करें तो बेइमानी। वो करें तो बुद्धिमानी। सत्य पर उँगली उठाना, शौक उनका खानदानी। बीज बोकर नफरतों का, खेल खेलें आग-पानी। पाँव उनके चूमती है, संपदा हो नौकरानी। थोपते... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 85 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read इस तरह क्या दिन फिरेंगे.... जो छलेंगे, वो फलेंगे। इस तरह क्या दिन फिरेंगे ? डग न सीधे भर रहे जो, पर लगा नभ में उड़ेंगे। आज हम उस राह पर हैं, जिस राह बस... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 1 105 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 2 min read किस्मत भी न जाने क्यों... हमने तुमको दिल दिया, तुमने आँसू-भार। प्रेम-समर में पाँव रख, पायी हमने हार। बनते-बनते काम में, देती पलटी मार। किस्मत भी न जाने क्यों, खाए रहती खार। शब्द हृदय पर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा गीत 1 54 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 2 min read किन्नर व्यथा... हमें भी तो जना तुमने, पिता का खून थे हम भी। कलेजा क्यों किया पत्थर, सुनें तो माँ जरा हम भी। दिखा दो एक भी ऐसा, कमी कोई नहीं जिसमें,... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 2 84 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read माँ सच्ची संवेदना... माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास। मेरे जीवन-पुष्प में, माँ खुशबू का वास।। रंग भरे जीवन में जिसने, महकाया संसार। पाला पोसा जानोतन से, दिया सुघड़ आकार। खुश रहे जो... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा · मुक्तक 1 107 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read कर्मवीर भारत... भारत सदा से ही रहा है कर्मवीरों की थली। दम पे इन्हीं के सभ्यता अनुदिन यहाँ फूली फली। नित काम में रत हैं मगर फल की न करते कामना। सौ... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 88 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read पग न अब पीछे मुड़ेंगे... कस कमर जो चल पड़े हैं, पग न वे पीछे मुड़ेंगे। तुम जियो आजाद होकर, अब न तुम पर भार हूँ मैं। कर्म अपने साथ लेकर, जी रही अधिकार हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 1 102 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read दिन सुखद सुहाने आएंगे... बीतेंगी रातें गम की दिन, सुखद सुहाने आएंगे। आज नहीं तो कल वो तेरे, नाज उठाने आएंगे। कचरे पर जो बैठे अकड़े, कूड़ा तुझको समझ रहे। वही कभी जूड़े में... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 110 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... हंसगति छन्द मुक्तक... छंद हंसगति मिले हार या जीत, नहीं कुछ जानूँ। जग में सच्चा मीत, तुम्हें ही मानूँ। जब प्रभु करूँ पुकार, विनय सुन लेना। देकर तनिक दुलार, कष्ट हर लेना।... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · हंसगति छंद 1 108 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... छंद हंसगति आज खुशी की रात, दिवाली आयी। सजी दीप की पाँत, छटा मन भायी।। देख सफल वनवास, देव हरषाए। हर्ष मगन रनिवास, सुवन घर आए।।१ रूप छटा घन श्याम, सहज मन... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · हंसगति छंद 1 77 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... छंद मनमोहन १- शीश झुकाकर करूँ नमन। करो प्रभो सब पाप शमन।। द्वेष-दंभ सब करें गमन। रहे देश में सदा अमन।। २- सर-सर सर-सर चले पवन। नर्तन करते धरा - गगन।। मन... Poetry Writing Challenge-2 1 127 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read दोहे एकादश... नैनों में प्रिय तुम बसे, अधर तुम्हारा नाम। एक इशारा तुम करो, चलूँ तुम्हारे धाम।।१।। धंधा करते झूठ का, दावे करते नेक। सिर्फ एक या दो नहीं, देखे यहाँ अनेक।।२।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहे 1 87 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read सजल...छंद शैलजा अच्छे बच्चे- छंद शैलजा... {२४ मात्राएँ .१६-८ पर यति,अंत- दीर्घ (गा)} रोज सवेरे शाला जाते, अच्छे बच्चे। सदा बड़ों को शीश नवाते, अच्छे बच्चे। पढ़ते-लिखते नाम कमाते, आगे जाते, मात-पिता... Poetry Writing Challenge-2 · सजल 1 100 Share Page 1 Next