डॉ.सीमा अग्रवाल Tag: ग़ज़ल/गीतिका 65 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2024 · 1 min read आँखों में अँधियारा छाया... आँखों में अँधियारा छाया, मन पर घोर कुहासा है। दुख को क्या कहना अब सबसे, दुख तो बारह मासा है। कौन हितैषी यहाँ हमारा, किससे कुछ उम्मीद करें ? भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 121 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read हँस रहे थे कल तलक जो... हँस रहे थे कल तलक जो, आज रोते दिख रहे हैं। जोश में मय पी गए अब, होश खोते दिख रहे हैं। हर कहीं झगड़ा कराएँ, है यही बस काम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 108 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read सूर्य तम दलकर रहेगा... सूर्य तम दलकर रहेगा। हिम जमा गलकर रहेगा। ज्ञान से अज्ञान हरने, दीप इक जल कर रहेगा। लिप्त जो मिथ्याचरण में, हाथ वो मल कर रहेगा। कुलबुलाता नित नयन में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 74 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read काश तुम ये जान पाते... जान जाते जो तुम्हें हम, दिल न यूँ तुमसे लगाते। क्यों जगाते कामनाएँ, चाहतों को पर लगाते ? जानते जो बेवफाई, है तुम्हारी फ़ितरतों में, जिंदगी के राज अपने, क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 2 143 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 Jan 2024 · 1 min read हम करें तो... हम करें तो बेइमानी। वो करें तो बुद्धिमानी। सत्य पर उँगली उठाना, शौक उनका खानदानी। बीज बोकर नफरतों का, खेल खेलें आग-पानी। पाँव उनके चूमती है, संपदा हो नौकरानी। थोपते... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 138 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read दिन सुखद सुहाने आएंगे... बीतेंगी रातें गम की दिन, सुखद सुहाने आएंगे। आज नहीं तो कल वो तेरे, नाज उठाने आएंगे। कचरे पर जो बैठे अकड़े, कूड़ा तुझको समझ रहे। वही कभी जूड़े में... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 176 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2023 · 1 min read उसका-मेरा साथ सुहाना.... उसका मेरा साथ सुहाना बरसों से है। दिल से दिल का मेल सुहाना बरसों से है। नदिया-सागर जिस छोर मिले औ एक हुए, नयन - कोर पर बना मुहाना बरसों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 414 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 May 2023 · 1 min read किए जा सितमगर सितम मगर.... किए जा सितमगर सितम मगर। सर मेरे ये इल्जाम न कर। जो जी में आए कर जी भर, पर व्यर्थ मुझे बदनाम न कर। गलती जो मुझसे हुई नहीं, जबरन... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 231 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 May 2023 · 1 min read ऐलान कर दिया.... 'आजाद हो तुम आज से', ऐलान कर दिया। क्या अब कहें कहकर हमें, बेजान कर दिया। नादान थे समझे नहीं, बातें जहर बुझी, तुमने कहा हमने सुना, उस कान कर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 4 399 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read गुनो सार जीवन का... इधर-उधर मत डोलो। मन की आँखें खोलो। तोड़ो न दिल किसी का, असत्य कभी न बोलो। रखकर कर्म-तुला पर, सुख-दुख दोनों तोलो। प्रायश्चित के जल से, मल पापों का धो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 Dec 2022 · 1 min read गीतिका... चलते-चलते प्यादा, वजीर बन गया। हरएक की नज़र में, नजीर बन गया। किस्मत पर अपनी, क्यों न करे गुमां, वह जो रातों- रात, अमीर बन गया। कभी-कभी यूँ भी, सँवरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 246 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Nov 2022 · 1 min read आईना... वो मेरा आईना था ----- ये चेहरा तो मेरा न था, ये कैसा आईना था ! बदले अक्स दिखाता, बदला-सा आईना था ! रूप-रंग संग दिल भी, होता जिसमें साकार,... Hindi · Daily Writing Challenge · आईना · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 244 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Oct 2022 · 1 min read चलते-चलते प्यादा.... चलते-चलते प्यादा वजीर बन गया। हरएक की नज़र में नजीर बन गया। किस्मत पर अपनी क्यों न करे गुमां, वह जो रातों- रात अमीर बन गया। कभी-कभी यूँ भी सँवरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 265 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Sep 2022 · 1 min read मैं तो अकेली चलती चलूँगी .... मैं तो अकेली चलती चलूँगी... मैं तो अकेली चलती चलूँगी, धुन में अपनी मंजिल की। परवाह नहीं मुझे काँटों की, चाह न किसी बुजदिल की। छुपकर कितने ही वार करे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 269 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Sep 2022 · 1 min read माना तुम्हारे मुकाबिल नहीं मैं ... माना तुम्हारे मुक़ाबिल नहीं मैं। पर इतनी भी नाक़ाबिल नहीं मैं। खुद को समझूँ खुदा, मूढ़ और को, हूँ लेकिन इतनी ज़ाहिल नहीं मैं। काम जो भी मिला तन-मन से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 242 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Aug 2022 · 1 min read साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें। हर तरफ हैं साजिशें। चैन- सुकून लील रहीं, रंजिशें औ साजिशें। लग रहीं हर काम में, तिकड़म औ सिफारिशें। पूरी हों तो कैसे, आसमां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 509 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Mar 2022 · 1 min read पानी है जब तक, जीवन है.... बसता है जीवन पानी में खिलता है जीवन पानी में सूरज का गोला भी थककर पाता नव जीवन पानी में नेह-निमंत्रण पा उदधि का चंदा भी उतरे पानी में मोती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Nov 2021 · 1 min read कातिक पूनम की चाँदनी... कातिक पूनम की चाँदनी... कातिक पूनम की चाँदनी। छिटकी मदिर उन्मादिनी। ढुलके कलश सुधारस भीने, हुई रात नशीली कासनी। जुन्हाई -न्हाई -गुराई निशा, कोमल कमनीया कामिनी। देख रूप मधुर मुस्काए,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 501 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 Sep 2021 · 1 min read ऐसा पर्व मनाए हिंदी.... ऐसा पर्व मनाए हिंदी --- ----------------------------- भारती के भाल सजे, सम्मान जग में पाए हिंदी। स्वर्णिम इतिहास अपना, आज फिर दोहराए हिंदी।। मात्र भाषा ही नहीं ये, जान है निज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 351 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read क्यों चाँद आज उदास है.... क्यों चाँद आज उदास है ! पीली सी पड़ी उजास है ! सहमा सा है स्तब्ध गगन, दिखता न कहीं हुलास है। हतप्रभ निहारती चाँदनी, रुक गया धरा का लास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 555 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read दिल क्यूँ उसका अभ्यस्त हुआ... दिल क्यूँ उसका अभ्यस्त हुआ हर पल जो खुद में व्यस्त हुआ हों आँख में तेरी अश्क तो क्या वो सुख में अपने मदमस्त हुआ रची थी जतन से प्रेम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 464 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read सबकी सीमा खैर मना.... इधर-उधर मत ताका कर मन के भीतर झाँका कर काँटों भरी राह पर भी तू फूल खुशी के टाँका कर मोती भी चुग लाया कर यूँ ही धूल न फाँका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 318 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jul 2021 · 1 min read तेरी यादों के सहारे.... तेरी यादों के सहारे, जीने की ठान ली है। दिल ने भी अब हमारे, ये बात मान ली है। तकतीं थीं राह कभी, पलक-पाँवड़े बिछाए, तुम बिन अब जीएँगी, आँखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 330 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 Jul 2021 · 1 min read कब सोचा था.... सोचा था तुझसे ब्याह करूँगी प्यार तुझे बेपनाह करूँगी साँझ ढले जब घर आएगा निहारा तेरी राह करूँगी तेरी लंबी उमर की खातिर उपवास इक हर माह करूँगी पूरा न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 458 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Jul 2021 · 1 min read दूर क्षितिज के छोरों से..... दूर क्षितिज के छोरों से इंद्र धनुषी रंगीं डोरोंं से आते संदेशे प्रणय-भरे हवा के मस्त झकोरों से स्मृतियाँ छन-छन आतीं गुजरे हसीं उन दौरों से झाँकती उषा उझक कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Jul 2021 · 1 min read साजिशें ही साजिशें.... साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें। रंजिशें ही रंजिशें। चैन- सुकून लीलतीं, रंजिशें औ साजिशें। लग रहीं हर काम में, तिकड़म औ सिफारिशें। पूरी हों तो कैसे, आसमां - सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 723 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Jul 2021 · 1 min read जीवन इतना आसान कहाँ.... जीवन इतना आसान कहाँ ? जीने लायक सामान कहाँ ? विचर रहे शैतान जमीं पर, मिलता कहीं इन्सान कहाँ ? मुखौटे लगे खोटे चेहरे, वो सहज सरल मुस्कान कहाँ ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 583 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2021 · 1 min read पाया जिनसे जरा भी प्यार... पाया जिनसे जरा भी प्यार उन सबका दिल से आभार रुँध - रुँध जाते बाहर आते मन के मेरे कोमल उद्गार माया का मोहक जाल बिछा भरमा न यूँ मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 341 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2021 · 1 min read कह दो इन आँसुओं से.... ...कह दो इन आँसुओं से... कह दो इन आँसुओं से, वापस फिर न आना मुझे साथ सनम के, भाता है मुस्कुराना ! न जाने क्यों है रूठा, ख़ता क्या थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 377 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read छोड़ो नफरत और अदावट.... छोड़ो नफरत और अदावट। हर चेहरे पर दिपे खिलावट। रची विधना ने रचना अद्भुत, सहज बनावट सघन बुनावट। परख न पाएँ अपना-पराया, बातों में यूँ मिले न मिलावट। मुख पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 557 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read चाँद दूज का.... चाँद दूज का... कित्ता प्यारा चाँद दूज का ! देखो न यारा चाँद दूज का ! अपनी लघुता पर इठलाए, कब सकुचाए चाँद दूज का ! नयन कोर से इंगित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 522 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read जग खुशियों का आँगन हो... बसा नयनों में साजन हो.... बसा नयनों में साजन हो और साजन का आँगन हो संग साजन के हिलमिल प्यार से छाई छाजन हो माथे बिंदिया कर में कंगन पैरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 372 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read जीने को नया एक ख्वाब मिला.... ~ जीने को नया एक ख्वाब मिला ~ कभी मुस्कुराता गुलाब मिला कभी अश्कों का सैलाब मिला सुख या दुख इस जिंदगी से जो भी मिला बेहिसाब मिला मिला असल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 468 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jul 2021 · 1 min read बदल रहा समाज है.... बदल रहा समाज है --- बदल रहा समाज है बदल रहा रिवाज है कल तलक जो सही था प्रश्नगत वह आज है दबी जुबां में ही सही उठने लगी आवाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 306 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Jul 2021 · 1 min read उत्कट पीर यह मेरी बारहमासी..... उत्कट पीर यह मेरी बारह मासी... उत्कट पीर यह मेरी बारह मासी घिरी अर्द्धरात्रि-सी गहन उदासी हैं नयन निमीलित, गैरिक वसना बैठा मन के भीतर एक संन्यासी रूठा चाँद, मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 252 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Jul 2021 · 1 min read वक्त वक्त की बात... वक्त-वक्त की बात .... कल वक्त हम पर अनुरक्त हुआ। पल आज वो गुजरा वक्त हुआ। आज वो हमसे दूर बहुत है, दिल जिसपे कभी आसक्त हुआ। है वक्त-वक्त की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 332 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read रात हमारी तुम बिन... २- रात हमारी तुम बिन.... कभी उभरती पीर, कभी आस बिखरती है। रात हमारी तुम बिन, कुछ ऐसे गुजरती है। दिन ढल जाता यूँ ही, कामों के बोझ तले। साँझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 517 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read सत्कर्मों का फल सुखदायी.... खुशी मुझको रास न आयी... खुशी मुझको रास न आयी गहन उदासी मन पर छायी एक किरन उजली उषा की मुझ तक आने से कतरायी गुम गए सारे सुखद नज़ारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 234 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read मैं लिखती रही उसे... मैं लिखती रही उसे जबाब न कोई आता कई दिनों के बाद कागज कोरा आ जाता क्या कहना चाहता था क्यों कह न पाता भीगा कागज देख कौन समझ न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 350 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read बाहर-बाहर चाव जिंदगी.... जिंदगी... बाहर-बाहर चाव जिंदगी भीतर गहरा घाव जिंदगी राज छुपाए कुछ न बताए रखती खूब दुराव जिंदगी पलभर में ही रूप बदल कर करे अजब बर्ताव जिंदगी एक छाँ से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 319 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read हर पल तुमको खोने का डर... हर पल तुमको खोने का डर.... हर पल तुमको खोने का डर फिर से तनहा होने का डर सोई पीड़ा के जगने का भाग्य - सितारे सोने का डर दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 545 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read अरे पगली, जरा मुस्कुरा ले.... १-अरे पगली जरा मुस्कुरा ले... अश्क पलकों में छुपा ले अरे पगली ! जरा मुस्कुरा ले गम भेजे सौगात में उसने प्यार से उनको गले लगा ले जिसकी खातिर भूली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read पाया जिनसे जरा भी प्यार.... पाया जिनसे जरा भी प्यार... पाया जिनसे जरा भी प्यार उन सबका दिल से आभार रुँध - रुँध जाते बाहर आते मन के मेरे कोमल उद्गार माया का मोहक जाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 351 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Jul 2021 · 1 min read उसका मेरा साथ सुहाना.... उसका मेरा साथ सुहाना... उसका मेरा साथ सुहाना बरसों से है । दिल से दिल का मेल सुहाना बरसों से है । नदिया-सागर जिस छोर मिले औ एक हुए, नयन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 454 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Jul 2021 · 1 min read कोई तुझ सा नहीं.... कोई तुझसा नहीं --- तू इस-सा,उस-सा,किसी-सा नहीं तू बस तुझ-सा,कोई तुझ-सा नहीं बड़ी अनोखी संरचना प्रकृति की कोई दिखता यहाँ, किसी-सा नहीं गढ़ा है विलक्षण कुदरत ने सबको वो तुझ-सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 455 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jul 2021 · 1 min read चाँद मेरा नहीं... चाँद मेरा नहीं, न कभी होना है संग तारिकाओं के उसे रहना है। मोल बिकता नहीं बाजार में वो है अनमोल, न कोई खिलोना है। शीत करों से अपने छू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 378 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jul 2021 · 1 min read रे मन इधर-उधर क्यों भटके... रे मन, इधर-उधर क्यों भटके रे मन, इधर-उधर क्यों भटके खाए कदम-कदम पर झटके छोड़ दे ये धन्धे खाली के भजन कर ले प्रभु का डटके कोई न देता साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 258 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jun 2021 · 1 min read रात बदरिया घिर-घिर आए.... रात बदरिया घिर - घिर आए। पास न कोई दिल घबराए। बागी हुआ निगोड़ा मौसम, आ धमकाए लाज न आए। उफ ! कैसी मनहूस घड़ी है, बात - बात पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 337 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Jun 2021 · 1 min read आओ पुनर्निर्माण करें... चहुँ ओर बरबादी का मंजर दिखाई देता है ! नहीं सुरक्षित अब कोई घर दिखाई देता है !! अपना या पराया हम कहें किसे और कैसे ! हर एक हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 336 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 Jun 2021 · 1 min read गुनो सार जीवन का... गुनो सार जीवन का... इधर-उधर मत डोलो मन की आँखें खोलो तोड़ो न दिल किसी का असत्य कभी न बोलो रखकर कर्म-तुला पर सुख-दुख दोनों तोलो प्रायश्चित के जल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 515 Share Page 1 Next