साहिल 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid साहिल 27 Dec 2020 · 1 min read काल कोरोना काल कोरोना जब आया मानव मन में भय समाया, ज्ञानी- विज्ञानी परख न पाएं लगे जपने मास्क पहनें दूरी बनाएं, विश्व -विजय की हठ ठानी जैविक बम की गढ़ी कहानी,... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 49 981 Share साहिल 28 May 2022 · 2 min read आदर्श पिता पिता का अर्थ हीं होता है पता होना, अर्थात अपने पुत्र की हर गतिविधि भावना व विचार का पता होना । एक आदर्श पिता अपने पुत्र के हित के लिए... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · लेख 16 11 824 Share साहिल 16 Jul 2020 · 1 min read शिक्षक बिहार के शिक्षक बिहार के काम करस मन मार के, खिचड़ी खिआवस अनाज बटवावस अगोरेलन घर-द्वार के शिक्षक बिहार के...... प्रवासी के गिनती करीं नामांकन के विनती करीं पकड़स कोरोना बीमार के... Hindi · कविता 7 3 480 Share साहिल 14 Aug 2020 · 1 min read 15 अगस्त मनाएं रे ! खुद बचें औरो को बचाएं अब तो दूरी बनाएं रे ! आओ 15 अगस्त मनाएं रे खुद मिले न हाथ मिलाएं यू हीं प्रेम-भाव बनाएं रे ! आओ 15 अगस्त... Hindi · कविता 6 2 389 Share साहिल 29 Jul 2020 · 1 min read अदृश्य शत्रु(कोरोना) अदृश्य शत्रु है तैयार सम्हल-सम्हल के चलना मेरे यार चूक अगर जो हुई देगा हमको मार। अदृश्य शत्रु....... ना हीं है रूप रंग आकार फिर भी है कई प्रकार चाल... Hindi · कविता 5 5 782 Share साहिल 31 Dec 2020 · 1 min read फिर से नही बीस का विष इक्कीस बीस बना विषधर इक्कीस का क्या खबर ? आने वाला दिन बताए जाने वाला फिर लौट न आए, शंका नही समाप्त है भय अभी भी व्याप्त है, गुजरे दिन वो... Hindi · कविता 5 4 634 Share साहिल 21 Jun 2020 · 1 min read ऑनलाइन से पढ़ाई ऑनलाइन से सब भईल जात बा अब त पढ़ाई रसातल में जात बा, टीवी मोबाईल पर चेप्टर आ जात बा घर बईठल पढ़ाई हो जात बा; खाली फ़ोटो पर फ़ोटो... Hindi · कविता 4 2 509 Share साहिल 7 May 2022 · 2 min read नियमित बनाम नियोजित(मरणशील बनाम प्रगतिशील) शिक्षक (सहायक) मरणशील हो गया और बिहार प्रगतिशील हो गया , मरणशील और प्रगतिशील दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, एक मर रहा है दूसरा गति पकड़ रहा है, वाह... Hindi · निबंध 4 2 1k Share साहिल 1 Jan 2022 · 1 min read नव वर्ष भारत का है ? हम भारतवासी की सभ्य संस्कृति का नववर्ष नही है यारा, फिर क्यों मनाते हो फर्स्ट जनवरी प्यारा ? क्या ऐसे ही संरक्षित होगा धर्म हमारा? फिर क्यूं लगाते हो जय... Hindi · कविता 4 302 Share साहिल 24 Jan 2019 · 1 min read गुरु महिमा गुरु ज्ञान भंडार है, उसकी पूजा में संसार है, हाथ पकड़ ले जो कोई ,. उसका बेड़ा पार है, गुरु ज्ञान भंडार हैं ! सत्य असत्य का भेद बताये, सही... Hindi · कविता 3 355 Share साहिल 16 Mar 2020 · 1 min read विवश बिहारी शिक्षक काहें के बहाली कइले ए सरकार, खरबो गइल, बढिको गइल दुनों में भईल तक़रार काहें के...... इजतियो गइल, पईसो गइल बिखरल घर- परिवार काहें के.... टेट अईलन ,एसटेट अइलन सर्टीफिकेट... Hindi · कविता 3 2 284 Share साहिल 28 Jan 2019 · 1 min read शोषण पोषण के नाम पर शोषण हर जगह है शोषण चाहे हो रेल चाहे हो जेल हर जगह है शोषण का खेल कहीं श्रम शोषण कहीं यौन शोषण कहीं मन का... Hindi · कविता 3 1k Share साहिल 15 Aug 2021 · 1 min read अजब गजब जो जीना सिखाये वो शिक्षा है जो पीना सिखाये वे इच्छा है, जो मिले बिना कमाये वो भिक्षा है; जो रण में विजय दिलाये वो परीक्षा है। शोषण नही श्मसान... Hindi · दोहा 3 2 479 Share साहिल 15 Aug 2022 · 1 min read शहीदों के नाम अमर शहीदों पर शब्दों के दो फूल चढ़ाते हैं, आओ 15अगस्त मनाते हैं, हँस हँस कर जो मातृभूमि पर अपना सीस चढ़ाते हैं, अमर शहीदों... लड़ने वाले ने क्या खूब... Hindi 3 2 496 Share साहिल 14 Jun 2023 · 1 min read कौन ? कौन मुझे पकड़ रहा है ? अजगर की तरह जकड़ रहा है कौन अफीम की तरह घुल रहा है ? किसकी वजह से लोग अपनो को भूल रहा है ?... Poetry Writing Challenge 2 644 Share साहिल 25 Jan 2019 · 1 min read मां की चाहत मां तेरा क्या कसूर, बेटा तुझे पहचान न सका, बुढापे में तुझे अपना न सका, देख लेना होगा वैसा उसके साथ जरूर। बड़ी विडंबना है इस जग की, जो सींचे... Hindi · कविता 2 245 Share साहिल 1 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष की सौगात जात है न पात है नववर्ष की सौगात है, सब मनायें खुशियां चाहे जिसकी जो औकात है, कोई जाए पिकनिक पर कोई घर पर ही खात है, ओज है उमंग... Hindi · कविता 2 462 Share साहिल 10 Sep 2019 · 1 min read दुःख उदासी पीड़ा देख- देख के रोना क्या, जिंदगी में पाना और खोना क्या , आज हमारा था जो ,कल हुआ बेगाना . दुःख ,उदासी पीड़ा मायूसी में क्या जीना । उलझनों और... Hindi · कविता 2 460 Share साहिल 22 Aug 2019 · 1 min read अब और नही (नियोजित शिक्षक) बहुत कहा बहुत सुना बहुत हुई मनमानी, न्यायालय ने भी लिख दिया अपनी गजब कहानी , अब और नहीं चाहिए सरकार की रजामंदी बस सिर्फ़ और सिर्फ17 से सम्पूर्ण तालाबंदी... Hindi · कविता 2 805 Share साहिल 15 Feb 2019 · 1 min read जवानों की याद में हम आहत हैं सेना लहूलुहान हे वीरो, मेरी लेखनी करती तुझे सलाम । संकट की घड़ी में देश साथ रहे घरनी पर तेरे ईश्वर का हाथ रहे ; तेरे बलिदानों... Hindi · कविता 2 466 Share साहिल 25 Jan 2019 · 1 min read आशिकी प्रेम का पैगाम मांगती आशिकी प्रेम का पैगाम मांगती -2 बदले में घर परिवार की बलिदान मांगती प्रेम की रंगभूमि में खरा उतरने के लिए इंतिहान मांगती . तू आजा मेरे साथ रंगरेलिया मनाऊंगी... Hindi · गीत 2 445 Share साहिल 8 Feb 2019 · 1 min read भिखारी एक पेशा पेशा या मज़बूरी गौर करना है जरूरी - टूटा हाथ दिखाकर लोगों को गुमराह बनाते हैं, कर्म नही मक्कारी करके अपना काम चलाते हैं , रहम कर रहमत वाले ऐसा... Hindi · कविता 1 1 322 Share साहिल 27 Jan 2019 · 1 min read काश अभी बच्चा होता काश अभी बच्चा होता मेरे खिलौने साथ रहते मैं घर का शहनशाह होता । मेरा चिलाना मेरी मनमानी नही मेरी आवश्यक्ता होती, रो रो कर बुरा हाल कर लेना ,यह... Hindi · कविता 1 626 Share साहिल 25 Jan 2019 · 2 min read परतंत्र का गणतंत्र गणतंत्र आया ,गणतंत्र आया देखो कलुआ 26 जनवरी गणतंत्र आया। कलुआ कुछ समझ न पाया मन ही मन दुहराया गणतंत्र आया , गणतंत्र आया। बाहर देखा तो सूट बूट पहने... Hindi · कविता 1 556 Share साहिल 27 Jan 2019 · 1 min read एक दृष्टि आओ मन की दीये जलाते धूप - बती का पैसा बचाते उन पैसों का महल बनाके बेघरों को घर दिलाते उसके घरों में खुशियां लाते, क्योंकि जिस नर में नरत्व... Hindi · मुक्तक 1 1 249 Share साहिल 28 Jan 2019 · 1 min read उसकी एक नजर गुड ऑफ्टर नून की कानों में आवाज पड़ी जब देखा तो एक बाला थी खड़ी पल भर में मेरी नजर लड़ी उसने बातों की बौछार छोड़ी जो मेरे दील पर... Hindi · मुक्तक 1 455 Share साहिल 29 Jan 2019 · 1 min read मिश्रित हाइकु मन पावन था मौसम सावन पिया का आवन _ _ _ _ _ _ _ काजल काला उसका रखवाला था मनोहर _ _ _ _ _ _ _ चढ़ती धूप... Hindi · हाइकु 1 341 Share साहिल 1 Feb 2019 · 1 min read अमर्यादा एक अशांत महिला कर्मी उसके बातों में नही थी नर्मी शायद कामों की अधिकता से थी परेशान लोगों की बातों पर नही दे रही थी ध्यान इसपर ग्राहकों को गुस्सा... Hindi · मुक्तक 1 387 Share साहिल 29 May 2023 · 1 min read नियोजित शिक्षक का भविष्य हमरा बुझात रहे मास्टर नियोजित रहीहें हो रह रह के इ उत्तेजित होईहे हो, कबहूं ना राजकर्मी ना इ नियमित होईहैं हो । हमरा बुझात रहे मास्टर अनसन करिहे रह... Poetry Writing Challenge 1 715 Share साहिल 2 Jun 2023 · 1 min read आशिकी आशिकी प्रेम का पैगाम मांगती बदले में घर परिवार की बलिदान मांगती प्रेम की रंगभूमि में खरा उतरने के लिए इंतिहान मांगती। तू आजा मेरे साथ रंगरेलियां मनाऊंगी मां क्या... Poetry Writing Challenge 1 569 Share साहिल 1 Nov 2019 · 1 min read सूर्य देवता या पोषक सूर्य देवता हैं, या पोषक हैं ? ये अन्धकार के अवशोषक हैं , जल - जीवन , हरियाली सब इनसे पोषित हैं, नवजीवन देते हैं, जो रोगों से ग्रसित हैं,... Hindi · कविता 1 480 Share साहिल 8 Sep 2019 · 1 min read कृषक फ़टी आँखों से आकाश देखते हैं रोज सुबह-शाम बादल का मिज़ाज देखते हैं, देखते हैं जब आसमान में थोड़ा सा बादल, तो मन में आस लगा लेते हैं, हवा का... Hindi · कविता 1 1 288 Share साहिल 5 Sep 2019 · 1 min read प्रकृति का दंड भीषण गर्मी, भीषण गर्मी लगती है बेरहमी, जीव जंतु और पादप सब इससे हैं आतप, औऱ नही प्रचण्ड है ये प्रकृति का दंड है, और कोई नही उपाय बस करना... Hindi · कविता 1 347 Share साहिल 12 Jun 2023 · 1 min read कृषक फटी आंखों से आकाश देखते हैं रोज सुबह शाम बादल का मिजाज देखते हैं, देखते है जब आसमान में थोड़ा सा बदल तो मन में आस लगा लेते हैं, हवा... Poetry Writing Challenge 1 390 Share साहिल 12 Jun 2023 · 1 min read एक दृष्टि आओ मन के दिये जलाते धूप बत्ती का पैसा बचाते उन पैसों का महल बना के बेघरों को घर दिलाते उनको घरों में खुशियां लाते; क्योंकि जिस नर में नरत्व... Poetry Writing Challenge 1 434 Share साहिल 13 Jun 2023 · 1 min read शोषण पोषण के नाम पर शोषण हर जगह है शोषण चाहे हो रेल चाहे हो जेल हर जगह है शोषण का खेल कहीं श्रम शोषण कहीं यौन शोषण कहीं मन का... Poetry Writing Challenge 1 565 Share साहिल 13 Jun 2023 · 1 min read मां की चाहत मां तेरा क्या कसूर बेटा तुझे पहचान न सका बुढ़ापे में तुझे अपना न सका देख लेना होगा वैसा उसके साथ जरूर, यही विडंबना है इस जग की, जो सींचे... Poetry Writing Challenge 1 117 Share साहिल 20 Mar 2019 · 1 min read होली की बोली होली नही हुँकार है बस दो दिनों का प्यार है शुभकामना देने वालो कि बाजार है फिर दुश्मन हजार हैं और नही शोषक सरकार है ऊपर से महंगाई की मार... Hindi · मुक्तक 1 2 306 Share साहिल 13 Jun 2023 · 1 min read काश अभी बच्चा होता काश अभी बच्चा होता मेरे खिलौने साथ रहते मैं घर का शहंशाह होता । मेरा चिलाना मेरी मनमानी नही, मेरी आवश्यकता होती रो रो कर बुरा हाल कर लेना, यह... Poetry Writing Challenge 1 729 Share साहिल 4 Jun 2023 · 1 min read शहीदों के नाम अमर शहीदों पर शब्दों के दो फूल चढ़ाते हैं जो मातृभूमि पर हँस हँस कर अपना सिस चढ़ाते हैं लड़ने वाले ने क्या खूब लड़ा चंद्रशेखर और भगत सिंह कोई... Poetry Writing Challenge 1 451 Share साहिल 20 Feb 2019 · 1 min read राजनीति कोई नरम है कोई गरम है पर किसी में सरम नही विकास कोई करता नही बस पार्टी का भरम है । कोई भगवा वस्त्र पहन हिन्दू वोट बनाता है, कोई... Hindi · कविता 1 262 Share साहिल 9 Feb 2019 · 1 min read गणित गणित है यह गणित है इसको पढ़ना भारत की पुरानी रीत है । आर्यभट्ट ने किया जब शून्य का खोज तो ज्ञान के क्षेत्र में भारत की यह जीत है... Hindi · कविता · बाल कविता 1 333 Share साहिल 25 Jan 2019 · 1 min read टूटती चाहत जब बादल वर्षा कर न सके तो ओस बन गिर जाता है, प्यासे पौधे को जब तृप्त कर न सके तो उसका कंठ भिंगोता है। जब बादल.... उमड़ घुमड़ के... Hindi · कविता 1 320 Share साहिल 6 Jun 2023 · 1 min read सूर्य देवता या पोषक सूर्य देवता हैं , या पोषक है ? ये अंधकार के अवशोषक हैं जल_जीवन _ हरियाली सब इनसे पोषित हैं नवजीवन देते हैं जो रोगों से ग्रसित हैं। आस्था का... Poetry Writing Challenge 1 54 Share साहिल 10 Jun 2023 · 1 min read बंजारा हम प्रकृति के प्रांगण में खुशियां मनाएं हर आंगन में मांग मांग कर खाए हम क्या मजा है मांगन में, दिन ढले या रात होय मेरी हाल पूछे न कोय,... Poetry Writing Challenge 362 Share साहिल 6 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति का दंड भीषण गर्मी , भीषण गर्मी लगती है बेरहमी, जीव जंतु और पादप सब इससे है आतप, और नही प्रचंड है ये प्रकृति का दंड है और कोई नही उपाय बस... Poetry Writing Challenge 412 Share साहिल 8 Jun 2023 · 1 min read कश्मीर 370 मांगो के अनुरूप अवलोकन होगा समय काल के अनुसार संशोधन होगा , संविधान ब्रम्हा की लिखी लकीर नही जो संशोधन किया वह फकीर सही , अब कश्मीर ( भारत) को... Poetry Writing Challenge 357 Share साहिल 8 Jun 2023 · 1 min read जवानों की याद में हम आहत हैं सेना लहूलुहान हे वीरों ,मेरी लेखनी करती तुझे सलाम । संकट की घड़ी में देश साथ रहे घरनी पर तेरे ईश्वर का हाथ रहे; तेरे बलीदानों की... Poetry Writing Challenge 512 Share साहिल 9 Jun 2023 · 1 min read अजब गजब जो जीना सिखाए वो शिक्षा है जो पीना सिखाए वो इच्छा है जो मिले बिना कमाए वो भिक्षा है जो रण में विजय दिलाए वो परीक्षा है, शादी का दो... Poetry Writing Challenge 3 656 Share साहिल 9 Jun 2023 · 1 min read मिश्रित हाइकु मन पावन था मौसम सावन पिया का आवन -- -- -- काजल काला उसका रखवाला था मनोहर ----------- चढ़ती धूप चिलचिलाती गर्मी क्या हुआ रूप ----------- अबोध बच्चा मनमानी करता... Poetry Writing Challenge 396 Share Page 1 Next