SAGAR Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SAGAR 24 Apr 2020 · 1 min read कोरोना बीमारी अमीर लाए बिमारी विदेश में जा कर गरीब मर रहा है बोझ सिर पर उठा कर तलाश है अभी तो छत की आसमां के तले वो थक गया है ज़माने... Hindi · कविता 1 267 Share SAGAR 4 Nov 2019 · 1 min read सारा नशा उसका उतर गया होगा । सारा नशा उस का उतर गया होगा । जब वो किसी और के घर गया होगा ।। हर कोई माफ़ नहीं करता नादानी । मुमकिन है वो अब सुधर गया... Hindi · कविता 1 231 Share SAGAR 14 Oct 2019 · 1 min read दहेज जब आसमान से परी सी आई । सब ने मिलकर खुशी मनाई । बेटी ने घर में जन्म लिया था । अब एक बहन थी एक था भाई । बाप... Hindi · कविता 2 2 255 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read शिक्षा की लाचारी शिक्षा तेरी लाचारी देख, उजड़ रही फुलवारी देख । कल जो शिक्षक गुरुजी थे, आज बना कर्मचारी देख।। ज्ञान ज्योति जलाने वाला, सबको राह दिखाने वाला। सबके आज निशाने पर... Hindi · कविता 2 237 Share SAGAR 10 Oct 2019 · 1 min read बुलंद उड़ान बुलंद हौसला बुलंद उड़ान पर नज़र है। नीले बादलों में उस जहान पर नज़र है।। जहाँ सबको रोटी,शिक्षा और मकान मिले। मेरी उस सुनहरे हिंदुस्तान पर नज़र है।। इन कोशिशों... Hindi · कविता 1 336 Share SAGAR 24 Jul 2019 · 1 min read नज़रों में नहीं गिरता झुक जाता हूँ मगर पैरों में नहीं गिरता नज़र में रहता हूँ नज़रों में नहीं गिरता हमेशा रहता है माँ की दुआ का साया थक जाता हूँ मगर रास्तों में... Hindi · कविता 1 203 Share SAGAR 19 Jul 2019 · 1 min read दीवाने थे ना काँटों से दुश्मनी थी ना फूलों के दीवाने थे कुछ गम थे नसीब की तहरीरों में जो हमें निभाने थे खिलता गुलशन ग़रूर कर बैठा नाजुक से फूलों पर... Hindi · कविता 1 463 Share SAGAR 11 Jul 2019 · 1 min read ऐ ज़िंदगी तूने मुझे दिया क्या ? दिल से चाहा वो मिला क्या ? ऐ जिंदगी तूने मुझे दिया क्या ? ना जब कोई पास था । पर मिलने का विश्वास था । हर पल देखा सपना... Hindi · कविता 2 2 616 Share SAGAR 8 Jul 2019 · 1 min read भला आग से आग बुझाते हैं क्या भला आग से आग बुझाते हैं क्या आंधियों से दीये जलाते हैं क्या जो पीर दर्द के मायने बदल दे उस दर्द पर मरहम लगाते हैं क्या नज़र महफ़िल में... Hindi · कविता 2 2 615 Share SAGAR 4 Jul 2019 · 1 min read हाँ टूटा जरूर हूँ मगर बिखरा नहीं हूँ हाँ टूटा जरूर हूँ मगर बिखरा नहीं हूँ। थोड़ा समझ गया हूँ मगर निखरा नहीं हूँ। दूसरों को हँसाने में भी खुशी मिलती है। कुछ लोगों को ही ऐसी जिंदगी... Hindi · कविता 1 306 Share SAGAR 1 Jul 2019 · 1 min read उस रोज तम्हें देखा उस रोज तुम्हें देखा फिर रोज तुम्हें देखा हर पल तेरा चेहरा देखा पलता ख्वाब सुनहरा देखा कुछ देख के नजर झुकाई थी कुछ पल को फिर शरमाई थी कुछ... Hindi · कविता 1 308 Share