संजीव शुक्ल 'सचिन' 918 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 May 2024 · 1 min read अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।। अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।। देखे सुखसार भरे पलछिन, फिर कष्ट समेटे ऊसर दिन। अपनों से घाव निशुल्क मिले- उन घावों से उपजे दुर्दिन। कुछ याद सुखद अवशेष नहीं । अभिव्यञ्जित... Hindi · गीत 2 17 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 May 2024 · 1 min read चलो चाय पर करने चर्चा। चलो चाय पर करने चर्चा। मोहन सोहन और कन्हैया, भानमति सङ्ग उनके सैंया। नन्दू अदरक कूट रहा है- इन्तजार में गप्पू भैया। बहस छिड़ी है कौन सुवर्चा। चलो चाय पर... Hindi · गीत 2 18 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 May 2024 · 1 min read पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा, पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा, हर सदी में उपेक्षित रहीं बेटियाँ। कोख में ही कभी तो कभी सासरे, ध्वंस इनका हुआ आज भी हो रहा। आज भी यह... Hindi · गीत 1 29 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Apr 2024 · 1 min read कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे? कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे? निरपराध को अपराधी कह झूठ लिखोगे, कथा कहोगे। फल देने वाले वृक्षों को ठूँठ लिखोगे, कथा कहोगे। अन्तर्मन जब धिक्कारेगा... Hindi · गीत 36 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Apr 2024 · 1 min read #वर_दक्षिण (दहेज) #वर_दक्षिण (दहेज) ___________________ पूर्व में जो बन गया है, उस नियम पर नित्य चल। दान दे इच्छित सभी कुछ, बेच दे चाहे महल। जन्म देकर एक बेटी, पाप ही तो... Hindi · गीत 1 32 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Apr 2024 · 1 min read संवेदनहीनता #मन_बेचैन_हुआ!! ____________________ मानवता मे देख गिरावट, मन बेचैन हुआ! रिश्तों से मिट गयी तरावट, मन बेचैन हुआ!! नैतिकता शरशैय्या लेटी माँ को आँख दिखायें बेटी। नियत बेंच मनुज देखो अब-... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 41 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Apr 2024 · 1 min read वेदना वेदना __________________________ वेदना मानव हृदय से मिट रही संवेदना की प्रश्न है यह यक्ष बोलो क्या कभी तुम पढ़ सकोगे? है पिता से पुत्र आहत, भ्रात से भ्राता कुपित है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 33 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Apr 2024 · 1 min read पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है। पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है। प्रेम करोगे प्रेम मिलेगा, सदियों से जग की परिपाटी। पैर धरा पर रखने वालों , का आदर करती है... Hindi · गीत 3 50 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Apr 2024 · 1 min read यदि चाहो मधुरस रिश्तों में यदि चाहो मधुरस रिश्तों में, गाँठ हृदय के आज खोल लो। उधड़ी परतें संबंधों की, तो फिर मुश्किल होगा सीना। प्रेम हीन रिश्तों में रहना, बहुत कठिन है जीवन जीना।... Hindi · गीत 1 48 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Mar 2024 · 1 min read आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।। आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।। मैं अकिञ्चन तुच्छ सा नर भीड़ में खोया हुआ। शून्य हूँ अस्तित्व रीता मान कर सोया हुआ। मान देने के लिए ही... Hindi · धन्यवादी गीत 1 48 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Mar 2024 · 1 min read शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, कण्टकों का सफर आज प्यारा मिला शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, कण्टकों का सफर आज प्यारा मिला। बोझ जीवन लगे अब हमारा हमें, इश्क से आज कैसा नजारा मिला।। सद्य कंपित अधर से नयन... Hindi · गीत 1 59 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी। स्वर्ग सिधार गयी करुणा, अब व्यस्त सभी निज में नर-नारी। आफत देख सुयोग लखे, मन से मनु हीन हुआ कुविचारी। नात सखा... Quote Writer 1 57 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं। #विधा:- गीत #दिनांक :- २८/०२/२०२४ ______________________________________________ नभ में घोर बदरिया छाई, देख धूर्त लेते अँगड़ाई। प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।। मान जिन्हें परमेश्वर पूजा, लगे वहीं... Hindi · गीत 1 92 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read होली गीत अँखिया गईले पथराई, दूरदेश बसेला सजनवां। 2 अँखिया गईले पथराई अँखिया गईले पथराई। 2 बीतलऽ अषाढ़ सावन बीतलऽ कुआर बा। कातिकऽ से माघ ले ना आइल बहार बा। गईले सवत... Bhojpuri · लोकगीत 1 74 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read फागुन (मतगयंद सवैया छंद) फागुन कोयल कूक रही बगिया नव पल्लव डंठल पादप पाये। मोजर से अमुवा लदके भँवरा कलिका लखि के पगलाये। पीत पुनीत खिली सरसों अरु मादकता महुँआ छलकाये। फागुन मोह रहा... Hindi · मतगयंद सवैया छंद 2 60 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jan 2024 · 1 min read #राम_भला_कब_दूर_हुए_है? #राम_भला_कब_दूर_हुए_है? _______________________ राम भला कब दूर हुए है? हम में तुम में कण- कण में हैं, दिवा- निशा हर क्षण- क्षण में है। खल कामी तुम देख न पाते, राम... Hindi · गीत 1 76 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2024 · 1 min read स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। हर्ष बढ़े दुख नाशक हो नव भाग्य रचे जन लायक हो। मंगलदायक शान्ति चराचर उन्नति का परिचायक हो। द्वेष मिटे... Quote Writer 133 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2024 · 1 min read स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। हर्ष बढ़े दुख नाशक हो नव भाग्य रचे जन लायक हो। मंगलदायक शान्ति चराचर उन्नति का परिचायक हो। द्वेष मिटे... Hindi · Quote Writer 165 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Dec 2023 · 1 min read चुप रहना भी तो एक हल है। चुप रहना भी तो एक हल है। ________________________ अक्षुण्ण हों संबंध हमारे, और सङ्ग अपनों का श्रेयस्कर। उर्जा नवल पंथ गढ़ने की जीवन में सब कुछ हो यशकर। हृदय किसी... Hindi · गीत 1 167 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 1 min read ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास। ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास। सर्प सर्प हर हाल में, मनिक भले हो पास।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 191 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 2 min read #लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं? #लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं? ________________________________________ है लिखा विधि में विधाता ने तमस का ही सबेरा, तो बताओ इस दिवाली दीप फिर कैसे जलायें। स्वप्न पे मरघट लिखा है और शुक्लक सङ्ग दूरी, कालिमा... Hindi · गीत 2 183 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 1 min read #संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !! #संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !! __________________________________________ कोस रहा है बूढ़ा बरगद, मिट्टी हमें पुकार रही। संबंधों की उधड़ी परतें, उरतल से धिक्कार रहीं। पनघट की प्रेमिल खूशबू भी, गन्ध रहित अभिशप्त लगे।... Hindi · गीत 1 108 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Oct 2023 · 1 min read सृजन कुंज के स्थापना दिवस पर कुंज एवं कुंज परिवार को हार्दिक सृजन कुंज के स्थापना दिवस पर कुंज एवं कुंज परिवार को हार्दिक बधाई एवं अनंत मंगलकामनाएंँ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹🙏🌹🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 दम्भ का प्रतिकार कर बस शील का सत्कार हो, मान सर्जक को मिले... Hindi · गीत 1 156 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Oct 2023 · 1 min read #दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे #दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे ______________________ नयनों में निष्ठुरता के जब, भाव समाने लग जायेंगे। प्रतिशोध के लिए उर में जब, दाव समाने लग जायेंगे। सत्य यही समझो तब प्यारे, दुर्दिन हैं सन्निकट तुम्हारे।... Hindi · गीत 1 186 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Oct 2023 · 1 min read श्रम करो! रुकना नहीं है। #श्रम_करो! रुकना नहीं है। ~~~~~~~~~~~~~~~~ भाग्य हो उन्नति सुनो विश्राम को झुकना नहीं है, श्रम करो! रुकना नहीं है। पंथ में पाषाण हो या कण चुभे पग रक्तरंजित, भेद कर... Hindi · गीत 1 181 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Oct 2023 · 1 min read श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए। श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए। एक छूरा पास रखिये और चलिए। राजनैतिक दाव का हो दक्ष रहबर, संग वह कन्नास रखिये और चलिए। रहगुज़र दौलत बनाने की कड़ी हो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 151 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Oct 2023 · 1 min read ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये। ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये। हौसला भी खास रखिये और चलिये। मशविरे पर और कुछ तालीम पर भी, आप बस विश्वास रखिये और चलिये। कोसने से कुछ नहीं मिलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 158 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Oct 2023 · 1 min read ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है, ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है, मगर मुझको पता था क्या, यहाँ बस चालबाजी है। कहा मुझसे तुम्हीं बस एक, मेरे मात्र रहबर हो, दिलासा दे किया धोखा,... Quote Writer 145 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2023 · 1 min read बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो? बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो? __________________________ साँझ- सुबेरे झिलमिल- झिलमिल, सुधियो का पट खोल रहे हो! बोलो ! क्या तुम बोल रहे हो? रात जागती, राह ताकती, नैनन नीर भरे रहते। आशाएं अवलेप लगातीं,... Hindi · गीत 1 161 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2023 · 1 min read #है_व्यथित_मन_जानने_को.........!! #है_व्यथित_मन_जानने_को.........!! ______________________________________ प्रेम का पर्याय हो तुम, या कि यह पर्याय तेरा, है व्यथित मन जानने को, सद्य ही आकर बता दो। प्रेम का पर्याय बनना है कठिन दुष्कर नहीं... Hindi · गीत 1 116 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Sep 2023 · 1 min read विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। मोदक को अब मोल नहीं, मदिरा मदिरालय ही उजियारा। नाथ अनाथ हुआ अनुराग, मिठास विहीन सनातन धारा। प्रेम पवित्र रहा न... Quote Writer 191 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2023 · 1 min read अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों? अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों? दे रहे सम्मान है सब, मन व्यथित यह जानने को। कह रहे अभिमान हिन्दी राष्ट्र की पहिचान हिन्दी , और... Hindi · गीत · व्यंग्य गीत 2 106 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2023 · 1 min read बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे। बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे। नम नैनन में अभिलाष यहीं, नव व्यञ्जन पूरित थाल रहे। कल की कलिका कुम्हलाय नहीं, नव पल्लव पुष्पित डाल... Quote Writer 327 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Sep 2023 · 1 min read बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला। बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला। मौज करे निज धर्म सु-संग कुमार्ग तजें पल खास न भूला। काल परिस्थिति होत विरूद्ध सुपंथ चला मन आस... Quote Writer 276 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Aug 2023 · 1 min read आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइयों से हार्दिक बधाई 🙏🙏 ____________________________________ रेशम डोर लिए बहना मम, पावन नेह लुटावन आई। गावत सावन गीत... Quote Writer 142 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Aug 2023 · 1 min read शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की। शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की। वरमाल शोभित है गले अरु संग में बधु जानकी। सुख सार केवल राम ही मिथिलेश के निज धाम की। जयकार... Quote Writer 1 384 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Aug 2023 · 1 min read रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार। रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार। मातु यशोमति के ललना अब, लो सुनलो प्रभु भक्त पुकार। पाप बढ़ा जब आज धरा पर, आन बसो भव है; मनुहार। नाथ... Quote Writer 279 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Aug 2023 · 1 min read #काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से? #काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से? _______________________________ सेनुरा के संङ्गे नाता छुटे नइहर से, काहें ई विदाई होला बाबूजी के घर से? टूटि जाला रिश्ता - नाता माई के आचर से, काहे ई बिदाई होला... Bhojpuri · बिदाई गीत · लोक गीत 1 255 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Aug 2023 · 1 min read किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया? एक गीत _________________________________________ कुण्डली को देख कर ही पण्डितों ने था मिलाया, किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया? गण मिले नाड़ी मिली थी वर्ण भी अनुकूल... Hindi · गीत 1 149 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Aug 2023 · 1 min read पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ। पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ। रक्त पिपासु कई महिषासुर, मार इन्हें भव त्रास हरो माँ। पाप मिटा भव ताप हरो हर, पातक के हिय भक्ति... Quote Writer 1 1 365 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2023 · 1 min read मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना। मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना। छाय रही घनघोर घटा, बिन साजन दुस्कर है रहना। नीर झरे दृग से सजना, मन ढ़ूंँढ रहा तन का गहना।... Quote Writer 1 246 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jul 2023 · 1 min read वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत। वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत। छिछली तटिनी उतराई बहे, पावस नभ से जलधार गिरावत। सखियाँ सब झूलत बागन में, झुलुआ सजना मुसकाय झुलावत। जब... Quote Writer 1 250 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jun 2023 · 1 min read प्रणय गीत प्रणय गीत _________ अभ्र सम अनुराग उर में ले बसा दृग में तुम्हारे, सिंधु सम गहरे हृदय में चाहता रहना हमेशा।। कल्पनाओं में हमारे प्रीति के हर प्रस्फुटन में, एक... Poetry Writing Challenge · गीत 1 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jun 2023 · 1 min read वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। क्या घटित क्या घटने वाला, मैं करूं कैसे समीक्षा। मौत के सु-आगमन तक,... Poetry Writing Challenge · गीत 166 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Jun 2023 · 1 min read काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह। काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह। मान रहे हर बात नहीं तुम, जान रहे यह काम भयावह। घोर घटा - घनघोर नहीं पर, नीर बिना अभिराम... Quote Writer 367 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2023 · 1 min read विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। मोदक को अब मोल नहीं, मदिरा मदिरालय ही उजियारा। नाथ अनाथ हुआ अनुराग, मिठास विहीन सनातन धारा। प्रेम पवित्र रहा... Quote Writer 547 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 2 min read राम राज्य अब रहा नहीं !! राम राज्य अब रहा नहीं !! ~~~~~~~~~~~~~🙏~~~~~~~~~~~~ राम अयोध्या रही न वैसी, तब जैसे प्रतिवेश नहीं| राम राज्य में थी यह जैसी, वैसा अब परिवेश नहीं|| हिय में वास नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत · समाजिक विषमता 1 252 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read मैं पथिक हूँ_गीत का !! मैं पथिक हूँ_गीत का !! ________________________________________ भाव की बहती धराएँ, दे रहीं हमको किनारा मैं पथिक हूँ गीत का अरु, गीत ही अंतिम सहारा।। सुरसरि में शब्दों की मैं, नित्य... Poetry Writing Challenge · गीत 3 95 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read मरी शिष्टता बिन बीमारी !! मरी शिष्टता बिन बीमारी !! _________________________________________ पनघट की प्रेमिल खुशबू को, निगल गई बेशर्मी भारी। खुली सड़क पर चुम्मा -चाटी, मरी शिष्टता बिन बीमारी। लाज! शर्म से पानी -पानी, देख... Poetry Writing Challenge · गीत 168 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 2 min read जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। ______________________________________ दृग में बसे रघुनाथ पावन धाम हैं हर याम की। जयकार हो जयकार हो, सुखधामा राघव राम की।। हनुमान हैं जिनको... Poetry Writing Challenge · गीत · भक्ति गीत · श्री राम स्तुति 163 Share Page 1 Next