Rajendra Gupta 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajendra Gupta 26 Jul 2021 · 1 min read क्षणिकाएं 133/A• क्षणिकाएं 1)रोगी को देख डाक्टर बड़ा खुश था कहा आपरेशन तो बहुत जरूरी है । सोचा ठीक तो वैसे भी हो जाता,पर नर्सिंग होम बनाने की मजबूरी है ।... Hindi · कविता 2 2 755 Share Rajendra Gupta 24 Jul 2021 · 2 min read भंडारा 13• भंडारा फरवरी महीने में शनिवार का दिन, लगभग 11 बजे ।शहर में मदन बाबू का घर ।मदन बाबू धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे।गाँव से कुछ समय पहले ही शहर... Hindi · लघु कथा 2 588 Share Rajendra Gupta 24 Jul 2021 · 2 min read शहतूत का पेड़ 11• शहतूत का पेड़ गर्मियों की छुट्टी में गाँव का स्कूल बंद हो गया ।लंबी छुट्टी में लड़कों को कुछ कुराफात ज्यादा ही सूझती है ।ऐसे ही में एक दिन... Hindi · लघु कथा 2 503 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read नातिन का जन्मदिन 21• नातिन का जन्मदिन आज सुबह से ही कलक्टर सिंह के पिता सुखराम जी बहुत खुश थे कि आज नातिन का जन्मदिन है ।बेटी ने शाम को पूरे परिवार को... Hindi · लघु कथा 1 529 Share Rajendra Gupta 3 Jul 2021 · 3 min read चूहों का सरपंच 18• चूहों का सरपंच कलिकाल में चूहों की हालत भी दिन पर दिन दयनीय होती जा रही थी ।खाने के लाले पड़ रहे थे ।जिन अनाजों पर उन्हें सर्वाधिक भरोसा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 12 504 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 3 min read कमल के ऊपर कमल 10• कमल के ऊपर कमल कभी सिलोन के राजकुमार कुमारगुप्त ने वृद्ध महाकवि कालिदास को उनकी विद्वता से प्रभावित होकर अपने यहाँ बतौर अतिथि आने के लिए आमंत्रित किया था।राजकुमार... Hindi · कहानी 2 2 471 Share Rajendra Gupta 21 Jul 2021 · 3 min read डर 27• डर आज जंगल उस पार डेरापुर में नेता जी का भाषण था। पार्टी के लोग बुधिराम के गाँव परसुपुर कल आए थे ।अब 15 मील जाने के लिए सरकारी... Hindi · लघु कथा 1 452 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 3 min read चलो, घर चलें 22• चलो, घर चलें कश्मीर घाटी में पहाड़ी के नीचे छोटा-सा जंगल । हाफिज जंगल से निकल कर पगडंडी पर तेजी से अकेले भागा जा रहा था। मील भर चलने... Hindi · लघु कथा 2 438 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 1 min read शोध की किताब 16• शोध की किताब मुकुल जोशी 'वृद्धों की बेरोजगारी ' पर कोई महत्वपूर्ण शोध कर रहे थे।शोध छात्रों को ढेर सारी पुस्तकें संदर्भ हेतु वांछित होती हैं ।उन्हें कुछ किताबें... Hindi · लघु कथा 1 465 Share Rajendra Gupta 8 Aug 2021 · 1 min read दोहे (2) 583• दोहे धरा प्रदुषित हुइ पड़ी,वृक्ष, तड़ाग सब नष्ट । हे नर!अबहूं चेति रहो,जीवन का करो प्रबंध। बैठि-बैठि बीमार भयो, जीवन भयो निराश । श्रम-संघर्ष प्रकृति है, अबहूं करो उपाय... Hindi · दोहा 1 456 Share Rajendra Gupta 26 Jul 2021 · 1 min read ऊँ नमः शिवाय! 500/500 (A)• ऊँ नमः शिवाय! आओ करें वंदना शिव की,ऊं नमः शिवाय! जगत्राता, जगपालक शिव की देवाधिदेव भोले शंकर की आओ करें वंदना शिव की,ऊं नमः शिवाय! जय भोले शंकर,जय... Hindi · कविता 2 2 388 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read बल्लू का जाना 24• बल्लू का जाना कालू, दुल्ली और बेटा बल्लू ।जंगल में अपनी बिरादरी में कालू का परिवार सबसे छोटा था।लेकिन जंगल में फिर भी भोजन की कमी पड़ जाती थी।अब... Hindi · लघु कथा 1 2 395 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read बिल्लू की फुटबॉल 02• बिल्लू की फुटबॉल हर इतवार बच्चे सुबह ही नाश्ते के बाद पास के पार्क में फुटबॉल खेलने पहुंच जाते ।पास ही सामने की झोपड़ी से बिल्लू देखा करता था... Hindi · लघु कथा 1 408 Share Rajendra Gupta 26 Jul 2021 · 1 min read कोरोना दोहे 265• कोरोना दोहे 1) सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। घर मा चुप्पै बैठि रहो,जाइ किरौना भाग। 2) प्रेम न बाड़ी उपजै, प्रेम न हाट बिकाय। 'कोरोना ' सर्वत्र... Hindi · दोहा 2 2 390 Share Rajendra Gupta 15 Aug 2021 · 2 min read आजादी 588• आजादी आजादी का एक और दिवस, आज देख लो आया है पर कैसी किसकी है आजादी,देख यह जनमन रोया है गए फिरंगी, राज है अपना, एक लंबा अरसा बीत... Hindi · कविता 2 390 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 4 min read पेंचकस 26• पेंचकस सीमाशुल्क निरीक्षक शिव प्रसाद के सिपाही रेलवे स्टेशन पर बहुत परेशान थे। जनरल डब्बा जो गाड़ी में एकदम पीछे था,खचाखच भरा था और कहीं पैर रखने की जगह... Hindi · कहानी 1 362 Share Rajendra Gupta 23 Jul 2021 · 2 min read महंगू की चिंता 03• महंगू की चिंता महंगू गाँव का सम्मानित औसत दर्जे का किसान था। जल्दी शादी, जल्दी बच्चे । तीन बेटियों के पीछे एक बेटा,सबसे छोटा।खेती इतनी कि सबका भरण-पोषण हो... Hindi · लघु कथा 2 325 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read विध्वंसक 15• विध्वंसक शून्य में उत्पन्न अनंत काल में अनंत ब्रह्मांड ।शून्य में ही अनंत दूरी पर एक अज्ञात श्याम गुफा। श्याम गुफा में बाकी ब्रह्मांडों से अनंत काल की दूरी... Hindi · लघु कथा 1 345 Share Rajendra Gupta 23 Jul 2021 · 2 min read चुन्नू की सायकिल 04• चुन्नू की सायकिल आज चुन्नू का जन्मदिन था।मम्मी-डैडी,दादा-दादी सभी बहुत खुश थे।होते भी क्यों नहीं? आज चुन्नू दश के हो गए थे ।खूब विनम्र और आज्ञाकारी बच्चा ।पढ़ने में... Hindi · लघु कथा 277 Share Rajendra Gupta 25 Jul 2021 · 4 min read एफ आई आर 28• एफ आई आर आज झपसी सिंह के घर के बाहर सर्दी के मौसम में दोपहर बाद मुहल्ले वालों की भारी भीड़ जुटी थी।लोग कह रहे थे कि उनकी बहू... Hindi · कहानी 2 1 261 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read खेल में जेल 09• खेल में जेल छोटा-सा बाज़ारू कस्बा,सड़क के किनारे बसा ।सड़क के दोनों तरफ कुछ कुकुरमुत्तेनुमा दुकानें ।पास ही गाँव में दो छोटे किसान, मल्हू और पल्टू।सड़क के किनारे ही... Hindi · लघु कथा 1 242 Share Rajendra Gupta 19 Jul 2021 · 1 min read मत कुरेदो घाव मन के 575• मत कुरेदो घाव मन के स्वर्ग-सी घाटी के वासी, हम भी कभी कश्मीरी थे हम बागों के मालिक थे, केशर की खेती करते थे। नज़र लगी दरिंदों की जब... Hindi · कविता 2 231 Share Rajendra Gupta 26 Jul 2021 · 1 min read टोपी 246• TOPEE/ टोपी एक मशहूर नामचीन टोपी मुझे मिल गई । और मैंने पहन भी ली। बड़ी अजीब दास्ताँ है, इसके मिलने की । मेरे अजीज दोस्त हैं, मेरे पुराने... Hindi · कविता 2 241 Share Rajendra Gupta 14 Jul 2021 · 2 min read नशीली मूंगफली 05• नशीली मूंगफली लालबाबू का बेटा लल्लू और बहू थी लाली ।लाली सुबह पति का हाथ पकड़े दफ्तर के लिए ऑटोरिक्शा में बैठाने लिए जा रही थी । वह झूम... Hindi · लघु कथा 1 216 Share Rajendra Gupta 19 Jul 2021 · 2 min read मैं गाँव आ गया हूँ 576• मैं गाँव आ गया हूँ सड़कों का धुआं और भोंपुओं की पों-पों छोड़ मैं फिर वापस गाँव आ गया हूँ अनचाही दिनचर्या से मुक्त हो गया हूँ जी,मैं रिटायर... Hindi · कविता 3 210 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read समय समय सूरज-चंदा समय चुराते, काम हमें ना करने देते झटपट रात अंधेरा लाते, खा-पी जल्दी हमें सुलाते। कहते कुदरत सबके लिए,लाती पल-पल परिवर्तन है समयचक्र सर्वहित है, अनियंत्रित श्रम भी... Poetry Writing Challenge 2 292 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read अनसुलझे प्रश्न अनसुलझे प्रश्न प्रश्न बहुतेरे सुलझ चुके, अब भी अनसुलझे प्रश्न घनेरे पचहत्तर वर्ष आजादी के बीते, कम नहीं हुए अब भी खतरे था कभी धर्म आधार बना, और देश विभाजन... Poetry Writing Challenge 1 221 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कण-कण में कण-कण में कण-कण कुदरत बसी हुई, कण-कण में हमारा ईश है कण-कण ही सर्वत्र विराजमान, माया जनित प्रकृति है। कण-कण समाया हर जगह, सरिता, धरा, झील-सागर कण-कण में लिपटा विश्व... Poetry Writing Challenge 1 255 Share Rajendra Gupta 20 May 2023 · 3 min read कमल के ऊपर कमल कमल के ऊपर कमल (ऐतिहासिक किंबदंती पर आधारित) कभी सिलोन के राजकुमार कुमारगुप्त ने वृद्ध महाकवि कालिदास को उनकी विद्वता से प्रभावित होकर अपने यहां बतौर अतिथि आने के लिए... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 219 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read चिड़िया चिड़िया सुंदर सी काली टोपी है तेरी श्वेत-श्याम तनधारी चिड़िया । तीखा है सुंदर संगीत तुम्हारा खुश हो चीं-चीं गा ले चिड़िया। यूं बैठ वृक्ष अमरुद पर मेरे मन से... Poetry Writing Challenge 2 286 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read सृष्टि और विनाश श्रृष्टि और विनाश ******************* सृष्टि- विनाश की कथा है रोचक ईश्वर ने दोनों निर्माण किया है। 'सत्य' व 'शिव' ही सुंदर जग में कण-कण साक्षात्कार किया है। कैसी अद्भुत श्रृष्टि... Poetry Writing Challenge 1 314 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read प्रेम में अहंकार/दोहे प्रेम में अहंकार/दोहे ******************** प्रेम समर्पण शुद्ध है , अहंकार से दूर जहां प्रेम में अहंकार, प्रेम आपसे दूर।1। प्रेम प्रेम है, प्रेम बस, जगत प्रथम दस्तूर जो चखि पाये... Poetry Writing Challenge 1 201 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कविता मेरी कविता मेरी कविता मेरी संगिनी, कविता मेरी अंग। एकाकी मैं कहन को, सदा कविताएँ संग। कविता संग बीते दिन रात, कविता मेरी मित्र। सोना-जगना संग में , बिन बाधा, बिन... Poetry Writing Challenge 2 242 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read सड़कों पर ऐसे क्यों चलते? सड़कों पर ऐसे क्यों चलते? सड़कों पर ऐसे क्यों चलते, हम बने हुए पागल ? आंखें मूंदे, फर्राटा भरते, एक हाथ हैंडल, स्टीयरिंग दूजे में पकड़े फोन, बात करते चलते... Poetry Writing Challenge 1 180 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कार्यालय कार्यालय ----------------- नया कार्यालय और उसके कोने में एक छोटा सा कमरा, उस कमरे की निःशब्द शांति, --यह सब कुछ अब कितना अजीब लगता है। अपनी कुर्सी पर चिपके हुए,... Poetry Writing Challenge 1 230 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read जब लौटती है जिंदगी जब लौटती है जिंदगी अद्भुत हमारी दुनिया, अद्भुत हमारी जिंदगी अनमोल तन हमारा, अनमोल है ये जिंदगी। जीव जन्म और ये धरती, है अबूझ एक पहेली माया के इस संसार... Poetry Writing Challenge 1 194 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 2 min read दोहे दोहे सुख-दुख आवत जात है , इक आए, इक जाय नियम सनातन चलि रहा, काहे मन घबराय । सुख-दुख निशा-दिवा भयो, निशा बीत ही जाय कारी जितनी रात हो, नई... Poetry Writing Challenge 1 196 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read सियासत सियासत देखो कैसा गदर मचा है, सत्ता को हथियाने की सबको लगता सही समय, शतरंजी गोट बिछाने की। अभी नहीं तो कभी नहीं फिर, अवसर नहीं गंवाने का दुश्मन को... Poetry Writing Challenge 1 176 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read हाय रे ठंडी! हाय रे ठंडी ! हाय रे ठंडी ! हाय-हाय सर्दी ! कब तक तेरा जुल्म चलेगा, कब तक तेरी चलेगी मर्जी ? हैं चमचे तेरे ऊनी कपड़े, शाल और स्वेटर,... Poetry Writing Challenge 1 247 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 2 min read पृथ्वी पृथ्वी ***** हे धरणी! हे पृथ्वी मां! तुझको कोटि-कोटि वंदन! जीव-जंतु, नर सारे भू पर, उऋण न होंगे आजीवन। धरती माँ तूं कितनी सुन्दर! कितना कुछ करती हो तुम !... Poetry Writing Challenge 1 112 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read जिंदगी जिंदगी मुड़-मुड़ के ना देख, इस कदर ऐ जिंदगी ! है ये दर्द जो हमारा, तुमने ही दिया है । तूं खुश न हो यूं देखकर, मेरे इन हालात को... Poetry Writing Challenge 1 139 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read फागुन की बयार फागुन की बयार **************** सखि, भौंरन का उत्कर्ष देख पुष्पों का उनका आकर्ष देख करते जस बागन की रखवाली डोलत हैं कैसे डारी डारी ! रंग बिरंगे फूल खिले हैं... Poetry Writing Challenge 1 114 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read कहीं और बसेरा कहीं और बसेरा छोटे-छोटे धरती के टुकड़े, जो भी जैसे मिले तुम्हें नर! ईंटे पत्थर जोड़ के उन पर, खुश हो अपना महल बनाकर। खड़े हो गए महल हजारों, ऊंची... Poetry Writing Challenge 1 136 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read धवल चांदनी की रातों में धवल चांदनी की रातों में धवल चांदनी की रातों में, आओ प्रिये कुछ पल सुस्ता लें युगों-युगों से साथ हमारा, मधु स्मृतियों की नदी में डूबें गए युगों का प्रेम... Poetry Writing Challenge 1 188 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read हे चंदा ! नारंगी गोला हे चंदा ! नारंगी गोला.... हे चंदा! नारंगी गोला, सांझ ढले तुम आते हो। नभ में जब छाता अंधेरा, बैठ वहां मुस्काते हो। सूरज छिप जाता, थक कर दुनिया सो... Poetry Writing Challenge 1 201 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read प्रकटो हनुमान प्रकटो हनुमान ! रामायण हमने सुन रखी है, पृथ्वी पर रामदूत आए थे पवनपुत्र अब पुनः पधारो, भक्तगण आस लगा बैठे हैं। पड़ोस में दुश्मन बहुत कुटिल हैं, गिद्ध दृष्टि... Poetry Writing Challenge 1 72 Share Rajendra Gupta 3 Jul 2023 · 1 min read 9. जब लौटती है जिंदगी #जब लौटती है जिंदगी 9. जब लौटती है जिंदगी अद्भुत हमारी दुनिया, अद्भुत हमारी जिंदगी अनमोल तन हमारा, अनमोल है ये जिंदगी। जीव जन्म और ये धरती, है अबूझ एक... 1 162 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read धुंधली सी परछाई धुंधली सी परछाई वह दृश्य भयावह कुदरत का,जब डरा-डरा बेबस मानव था। भयभीत अकथ घबराई सी, थी त्राहि-त्राहि करती मानवता। वह धरा धंसने का दृश्य भयंकर,था निर्मम पर्वत का रौद्र... Poetry Writing Challenge 1 89 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read बूढ़ों का गांव बूढों का गांव बच्चे दूर देश के वासी, हम रह गए अपने गांव बही समय की आंधी में, रोजी - रोटी की नांव। दादा-दादी, पोता-नाती, सब बिखर गया परिवार बूढ़ा-बूढ़ी... Poetry Writing Challenge 1 302 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read किसानी संसार किसानी संसार देखो,कितना व्यस्त इंसान है! इस तपती दुपहरी में गेहूं का गट्ठर रख माथे पर खलिहान में पहुँचने को हैरान है । और देखो, मैली-सी साड़ी लिपटी हुई कमर... Poetry Writing Challenge 1 310 Share Page 1 Next