Rita Singh 150 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rita Singh 4 Sep 2025 · 1 min read ये बूँदें कुछ तो कहती हैं ये बूँदें कुछ तो कहती हैं ये बूँदें कुछ तो सहती हैं , रिमझिम-रिमझिम बातें करतीं ये बूँदें रस में बहती हैं । पत्तों पर पड़ -पड़ गाती हैं धरती... Hindi 3 258 Share Rita Singh 16 Aug 2025 · 2 min read अमूल्य सत्कर्म की अभिलाषा हे प्रभो ! मैं नहीं चाहती कि मेरे द्वारा किये गये सत्कर्म का मुझे कोई मूला प्राप्त हो, यदि ऐसा होता है तो मैं समझूँगी मेरा सत्कर्म न चाहते हुए... Hindi 95 Share Rita Singh 5 Aug 2025 · 1 min read बाल पहेलियाँ 1- बारिश में है साथ निभाता पकड़ हाथ में राजू चलता, रंग-बिरंगा गोलाकार बनता खुलकर छायादार, आऊँ धूप में भी मैं काम पता सभी को मेरा नाम । 2- नदी... Hindi 2 654 Share Rita Singh 29 May 2025 · 2 min read आओ बात करें 1. आओ बात करें अपने ही घर में खुशियाँ बिखेरती मन की न कहती कुछ चुप सी रहती सकुचाती हिचकिचाती अपनी ही बेटियों से । आओ बात करें और समझ... 2 2 800 Share Rita Singh 28 May 2025 · 1 min read लेकर सुरमयी रूप अनोखा लेकर सुरमयी रूप अनोखा बदली नभ में छायी है , मस्त पवन भी संग में उसके गाना गाती आयी है । प्रभात पलों के अजब रूप पर भोर परी इतरायी... Quote Writer 121 Share Rita Singh 26 May 2025 · 1 min read कोयल कू कू गान सुनाकर कोयल कू कू गान सुनाकर सबको सुबह उठाती है , पवन सुरीली तान लगाकर हिय अनुराग जगाती है । नीड़ छोड़कर खग के कुल भी चूँ चूँ चीं चीं गाते... Quote Writer 1 2 574 Share Rita Singh 25 Apr 2025 · 1 min read दादी- दादा का घर होना दादी-दादा घर में होना सुख जैसे है दूना होना , बातें करता कल भी आँगन बोले घर का कोना-कोना ।। सूनेपन को पड़ता सोना आलस को है आये रोना ,... Hindi 1 1 829 Share Rita Singh 25 Mar 2025 · 1 min read गरमी आयी गरमी आयी गरमी आयी,गरमी आयी खीरा ककड़ी लौकी लायी मेथी पालक सरसों की है हाथ जोड़कर करी विदाई । गरमी आयी...... गुड़ से मट्ठा ताज़ा - ताज़ा कुल्फी मीठी ठंडा माज़ा लस्सी... 618 Share Rita Singh 5 Mar 2025 · 1 min read घर के आंगन पेड़ न दीखा घर के आंगन पेड़ न दीखा तब चिड़िया कमरे तक आयी । ढूंढ जगह है छत के भीतर शुरू नीड़ की नींव खुदायी । कोना - कोना उड़ती फिरती राजू... Quote Writer 1 522 Share Rita Singh 21 Feb 2025 · 2 min read आओ बात करें आओ बात करें रात के सफर में सुरमई राह पर अनंत आकाश में मुखर मौन साधे संग संग चलते चमकते चाँद से । आओ बात करें नीरवता में गतिमान बने... 4 2 509 Share Rita Singh 11 Feb 2025 · 1 min read चिड़िया आँगन आकर बोले,रस की गोली मुंह में घोले । चिड़िया आँगन आकर बोले,रस की गोली मुंह में घोले । आओ राजू तुम भी खेलो ,मोबाइल से छुट्टी ले लो ।। सारे साथी बाहर आओ,मिलजुल कर है रेल बनाओ ।... Quote Writer 2 2 295 Share Rita Singh 24 Jun 2024 · 1 min read झूठ बोलती एक बदरिया आयी आयी मोर नगरिया झूठ बोलती एक बदरिया । गड़ गड़ कहती थी बरसूँगी तन मन जल ही जल कर दूँगी पर चली गयी उमड़ घुमड़ कर नहीं बरसी वह... Hindi 1 220 Share Rita Singh 20 Jun 2024 · 1 min read गर्मी बहुत सताये माँ गर्मी बहुत सताये माँ तन को धूप जलाये माँ बाहर लुए चल रही हैं शर्बत खूब पिलाये माँ । कुल्फी रोज जमाये माँ खीरा काट खिलाये माँ दही लस्सी मन... Hindi 1 249 Share Rita Singh 25 Jan 2024 · 1 min read दोहे : राघव राघव मनहर रूप है, प्यारे हैं सरकार । सोहे टीका भाल पर , उर सजते हैं हार ।। पीत वसन में भा रहे , कौशल्या के लाल । मंद मंद... Hindi 465 Share Rita Singh 19 Jan 2024 · 1 min read सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं हमारी ही प्रतीक्षा के , सुखद परिणाम आए हैं ।। जले दीपक सजी बाती , सजे आँगन सुमनलड़ियाँ । खड़ी... Quote Writer 2 588 Share Rita Singh 19 Jan 2024 · 1 min read सजी सारी अवध नगरी सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं हमारी ही प्रतीक्षा के , सुखद परिणाम आए हैं ।। जले दीपक सजी बाती , सजे आँगन सुमनलड़ियाँ । खड़ी... Hindi 1 265 Share Rita Singh 5 Aug 2023 · 1 min read दोहे - शीर्षक : समय दोहे (समय) कर मन सच्ची साधना , जीवन है उपहार । गँवा मनुज मत व्यर्थ ही , मिले न बारंबार ।। मानव सच यह जान ले , समय बड़ा अनमोल... Hindi 2 315 Share Rita Singh 29 Jun 2023 · 1 min read आषाढ़ी दोहे सावन को दे भूमिका , लिखता उर्वर पाठ । कर्म शील आषाढ़ है , रचता सबके ठाठ ।। हुआ विदा आषाढ़ है, दे बारिश सौगात । सावन द्वारे है खड़ा... Hindi 2 326 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read मानव तुम कौन हो मानव तुम कौन हो ? मानव तुम कौन हो ? क्या तुम माँ के गर्भ में पले उस भ्रूण का केवल विकसित रूप हो जो ईश्वर प्रदत्त एक निश्चित आकृति... Poetry Writing Challenge · कविता 5 377 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read नत मस्तक हुआ विज्ञान नत मस्तक हुआ विज्ञान आज प्रकृति के आगे , प्रदूषण की है मार पड़ी कहाँ जाएँ मनुज अभागे । साँस लेना हुआ दूभर प्राण वायु नखरे दिखाए, बता दो ऐ... Poetry Writing Challenge 2 612 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 2 min read माला के जंगल कुछ तपस्वी से लगते हैं शांत भाव से तप करते हैं हरे भरे तरोताजा से प्रफुल्लित मन खड़े रहते हैं । कुछ बुझे - बुझे मुरझाये से हैं कुछ झाड़... Poetry Writing Challenge 2 410 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read आओ रोपें एक तरू हम आओ रोपें एक तरू हम अपनी प्यारी सुता के नाम सींचें उसको नेह नीर से आएगा वह सभी के काम । नेह नीर से सिंचित तरुवर बेटी जैसी चिन्ता करते... Poetry Writing Challenge 2 361 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read गगन भवन में घन हैं छाए गगन भवन में घन हैं छाए शीतल पवन संग लहराए , तपती धरती के आँचल में हरा भरा संदेशा लाए । तरुवर बाग बाग मुस्काए क्यारी , पौध धान लहराए,... Poetry Writing Challenge 3 1 443 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read तांडव प्रकृति जब करती है तांडव प्रकृति जब करती है विज्ञान अँधेरे में छिप जाता मशीने खड़ी खड़ी रोती हैं आधार उनका भी हिल जाता । आंधी तूफान के रूप में नर्तन हवा जहाँ करती... Poetry Writing Challenge 1 472 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read गूँजे कानन सूना सूना क्या मानव लीला तेरी लील गया तू जंगल सारे , करें रुदन सब वनवासी बचे नहीं वृक्ष घर हमारे । घूमें गज हरि सड़कों पर खोजें जल भोजन बेचारे, भटक... Poetry Writing Challenge 2 302 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सावन ने खोले पट अपने सावन ने खोले पट अपने मेघों ने डेरा है डाला , घुमड़ घुमड़ कर दे दी आहट , बरस उठा वो घन मतवाला । भीगे हैं वन ,भीगे उपवन भीग... Poetry Writing Challenge 2 1 390 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सजी धरा है सजा गगन है सजी धरा है सजा गगन है सज गया सृष्टि का कण कण है रँग बिरंगे पुष्पों की स्मित से मुस्काने लगा जन गण मन है । नवल धवल बने तरु... Poetry Writing Challenge 3 453 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read चैत्र मास के सुंदर जंगल हरे भरे हैं नवल धवल से लगते जैसे धुले धुले से ताजगी लिए मुस्काए से मानो सजकर खड़े हुए हैं जैसे कहीं गमन को आतुर चैत्र मास के सुंदर जंगल... Poetry Writing Challenge 2 346 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read बना माघ है सावन जैसा बसंत ऋतु में मेंघों ने है यह कैसी ताल लगाई है, भोर पहर ही देखो नभ से बरखा भी गाती आई है । रिमझिम रिमझिम गान सुनाती मीठे मीठे भाव... Poetry Writing Challenge 2 273 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read जल बिन सूना है संसार जल जीवन का है आधार जल जग का करता उद्धार । जल सृष्टि का एक उपहार जल से भू पर बनी बहार । जल औषध का एक प्रकार करता रोगों... Poetry Writing Challenge 2 540 Share Page 1 Next