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29 May 2025 · 2 min read

आओ बात करें

1.

आओ बात करें
अपने ही घर में
खुशियाँ बिखेरती
मन की न कहती
कुछ चुप सी रहती
सकुचाती हिचकिचाती
अपनी ही बेटियों से ।

आओ बात करें
और समझ सकें
नयी सोच के साथ
आँचल में पल रहे
आंखों के तारों को
सपने बुनते हुए
ऊर्जावान युवाओं को ।

आओ बात करें
घर के कोने में बैठे
हमारे लिए प्रार्थना करते
हजारों अतीत की बातें
हमसे करने को
मानो हमसे समय मांगते
हमारे ही माता पिता से ।

आओ बात करें
ऑनलाइन या ऑफलाइन
और जानें उनके मन को
कक्षा में नित आने वाले
कभी-कभी आने वाले
और कभी न आने वाले
सभी छात्र- छात्राओं से ।

2.

आओ बात करें
रात के सफर में
सुरमई राह पर
अनंत आकाश में
मुखर मौन साधे
संग संग चलते
चमकते चाँद से ।

आओ बात करें
नीरवता में
गतिमान बने
हरे भरे खड़े
छोटे और बड़े
राहों के साथी
सभी वृक्षों से ।

आओ बात करें
हर गुजरते हुए
तनाव से भरे
भारी और बेहिसाब
बोझ से लदे
ट्रक ट्रेक्टर सहित
छोटे बड़े सभी वाहनों से ।

आओ बात करें
रात की धुंधलाई में
छिपे हर उस
निर्जीव सजीव से
जो है बिल्कुल अकेला
तन मन धन से
हताश और निराश ।

3.

आओ बात करें
शाखों पर बैठी
चहकती चिड़ियों से
बागों में खिलती
महकती कलियों से
खेत में लहराती
सुनहरी बालियों से ।

आओ बात करें
कल-कल बहती
धुन में कुछ कहती
निर्मल नीरा
स्वच्छ सलिला
नित आगे बढ़ती
एक नदिया से ।

आओ बात करें
खुले गगन में
घनी रात में
टिम टिम करते
उन सितारों से
जो आशा दे रहे हैं
अंधकार में प्रकाश की ।

4-

आओ बात करें
अथाह विचारों के सागर
लहराते हुए मौन से,
बात कर जानें उसके
मानसिक अन्तर्द्वन्द्व को
और शाब्दिक प्रयास करें
मौन को मुखर करने का ।

आओं बात करें
अपने सभी उन अपनों से
जो बहुत कुछ कहना चाहते हैं
लेकिन हम उन्हें सुन नहीं पाते
जीते हैं वो मन में बस
एक कसक के साथ
अपनी बात कहने के लिए ।

आओ बात करें
क्योंकि संवाद जरूरी है
सभी रिश्तों में मौन
ले आता दूरी है ,
इसीलिए बात कीजिए
परिवार और समाज के
स्वस्थ अस्तित्व के लिए ।

डाॅ. रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल

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